व्यापार
वित्त वर्ष 2019 से भारत में आवासीय बिक्री में लगभग 77 प्रतिशत का उछाल : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 18 जून। भारत के आवासीय रियल एस्टेट बाजार में कोरोना महामारी के बाद की अवधि में तेजी से उछाल आया है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-2025 तक प्रमुख शहरों में कुल आवासीय बिक्री में लगभग 77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में कुल लेन-देन का 57 प्रतिशत हिस्सा प्राथमिक लेन-देन था, जिसमें डेवलपर्स द्वारा बेचे गए निर्माणाधीन घर शामिल हैं।
कुल लेन-देन का शेष 43 प्रतिशत हिस्सा संपत्तियों की पुनर्बिक्री से जुड़े द्वितीयक लेन-देन का रहा, जो वित्त वर्ष 2019 में दर्ज 38 प्रतिशत हिस्सेदारी से शानदार बदलाव दर्शाता है।
उच्च आय, जीवनशैली में बदलाव और लक्षित डेवलपर प्रयासों के कारण वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2025 तक 1 करोड़ रुपए से अधिक वाले लक्जरी आवास में उछाल आया।
वित्त वर्ष 2025 में ऑफिस लीजिंग में तेजी से उछाल आया और यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। टियर 1 शहरों और उभरते टियर 2 हब में जीसीसी, आईटी/आईटीईएस, ई-कॉमर्स और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस के कारण मांग में उछाल दर्ज किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के ऑफिस मार्केट में मजबूत अब्सोर्प्शन और सकारात्मक किराये की वृद्धि देखी गई है।
‘मेक इन इंडिया’, जीएसटी सुधारों और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी द्वारा समर्थित लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर का विस्तार जारी है।
भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6.99 बिलियन डॉलर मूल्य के 99 रियल एस्टेट लेनदेन दर्ज किए। निजी इक्विटी ने 3.15 बिलियन डॉलर का नेतृत्व किया, जबकि सार्वजनिक बाजारों ने आईपीओ और क्यूआईपी के माध्यम से लगभग 3 बिलियन डॉलर जुटाए।
एआई, ब्लॉकचेन, स्मार्ट बिल्डिंग और ग्रीन कंस्ट्रक्शन परिसंपत्तियों के विकास और संचालन के तरीके को नया रूप दे रहे हैं।
रियल एस्टेट टोकनाइजेशन और एसएम-आरईआईटी नए निवेश वाहन के रूप में उभर रहे हैं।
रिपोर्ट में डिजिटल इनोवेशन, शहरी विकेंद्रीकरण और निवेशकों की रुचि से प्रेरित प्रीमियम हाउसिंग, कमर्शियल ऑफिस स्पेस, लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर और वैकल्पिक निवेश में निरंतर वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत लीडरशिप टीम ने कहा, “भारत की रियल एस्टेट स्टोरी को डिजिटल, सस्टेनेबिलिटी और समावेशी तरीके से फिर से लिखा जा रहा है। भविष्य विकेंद्रीकृत, तकनीक-सक्षम और निवेशक-अनुकूल है।”
व्यापार
टाटा मोटर्स ने एलपीओ 1622 बस लॉन्च कर कतर में अपनी उपस्थिति की मजबूत

दोहा, 18 जून। टाटा मोटर्स ने मध्य पूर्व के बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करते हुए बुधवार को कतर में अपनी नई एलपीओ 1622 बस लॉन्च की।
कंपनी के एक बयान के अनुसार, कर्मचारियों के परिवहन के लिए विशेष रूप से विकसित, मध्य पूर्व में कंपनी की पहली यूरो VI-अनुपालन वाली बस बेहतर परफॉर्मेंस, आरामदायक यात्री अनुभव और स्वामित्व की कम लागत प्रदान करती है।
टाटा एलपीओ 1622 बस एक विश्वसनीय कमिंस आईएसबीई 5.6एल यूरो VI-अनुपालन इंजन द्वारा संचालित है, जो 220 एचपी पावर और 925 एनएम का टॉर्क प्रदान करता है।
बस दो सीटिंग कॉन्फिगरेशन 65-सीटर और 61-सीटर में उपलब्ध है, जो विभिन्न कर्मचारी परिवहन आवश्यकताओं के लिए फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करती है।
इसमें एबीएस के साथ फुल एयर डुअल-सर्किट ब्रेकिंग सिस्टम, ट्यूबलेस रेडियल टायर के अलावा, सुरक्षा, आराम और सड़क स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक हैवी-ड्यूटी सस्पेंशन सिस्टम है।
बस इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, हिल स्टार्ट असिस्ट, क्रूज कंट्रोल, अलग-अलग ऑपरेटिंग कंडीशन में ऑप्टिमाइज परफॉर्मेंस के लिए मल्टीमोड स्विच जैसे कई एडवांस्ड फीचर्स के साथ आती है।
टाटा मोटर्स के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय के प्रमुख आसिफ शमीम ने कहा, “मध्य पूर्व टाटा मोटर्स के लिए रणनीतिक फोकस बना हुआ है, जहां हमारे उत्पादों ने लगातार कई तरह के एप्लीकेशन में मूल्य प्रदान किया है। कतर एक प्रमुख बाजार है, इसलिए हम ग्राहकों को अधिक लाभ और यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई नई एलपीओ 1622 बस के लॉन्च के साथ अपनी उपस्थिति को मजबूत कर उत्साहित हैं।”
टाटा मोटर्स ने देश की विकसित होती इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन और इंजीनियर किए गए वर्ल्ड-स्मार्ट, यूरो-वी अनुपालन वाले प्राइमा रेंज के भारी ट्रकों की एक रेंज को भी पेश किया।
इस रेंज में एडवांस्ड प्राइमा 4040.के, प्राइमा 4440.एस, प्राइमा 4040.टी और प्राइमा 6040.एस शामिल हैं।
टाटा मोटर्स 40 से अधिक देशों में कमर्शियल वाहनों का विस्तृत पोर्टफोलियो पेश करता है, जिसमें 1 टन से लेकर 60 टन तक के कार्गो वाहन और 9 सीटर से लेकर 71 सीटर तक के मास मोबिलिटी सॉल्यूशन शामिल हैं।
व्यापार
भारतीय डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 18 जून। भारत का डिफेंस सेक्टर वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रहा है और देश की डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
आईसीआरए के एनालिसिस में कहा गया कि आय में अच्छी बढ़त की वजह ऑर्डर्स का मजबूत एग्जीक्यूशन होना है। वित्त वर्ष 25 के अंत में डिफेंस कंपनियों का ऑर्डर बुक/ऑपरेटिंग इनकम (ओबी/ओआई) रेश्यो 4.4 गुना था।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और निर्यात का विस्तार करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ को अपने मूल में रखते हुए कई नीतिगत पहलों को लागू किया है।
इनमें डिफेंस सेक्टर में एफडीआई नीतियों का उदारीकरण, डिफेंस ऑफसेट नीति को जारी रखना, दो डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर की स्थापना और पांच ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों’ की अधिसूचना और ऑनलाइन स्वदेशीकरण पोर्टल ‘सृजन’ के माध्यम से स्वदेशीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “इसके अलावा सरकार ने पूंजीगत परिव्यय पर जोर देते हुए इस क्षेत्र के लिए बजट में भी वृद्धि की है, जो पिछले पांच वर्षों में 8.29 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान (बीई) में 1.92 लाख करोड़ रुपए हो गया है।”
रिपोर्ट में बताया गया, “सरकार की पहलों के कारण घरेलू विक्रेताओं से डिफेंस खरीद पर व्यय वित्त वर्ष 17 में 61 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में लगभग 75 प्रतिशत हो गया है, जबकि निर्यात 15 गुना से अधिक और 41 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर के साथ वित्त वर्ष 2017-वित्त वर्ष 2025 की अवधि के दौरान 23,622 करोड़ रुपए हो गया है।”
आईसीआरए के कॉर्पोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा, “वित्त वर्ष 2026 के लिए भारित औसत परिचालन मार्जिन 25-27 प्रतिशत पर मजबूत रहने की उम्मीद है।”
पर्यावरण
दिल्ली से बाली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से वापस लौटी

नई दिल्ली, 18 जून। इंडोनेशिया के रिसॉर्ट द्वीप बाली से आने-जाने वाली दर्जनों उड़ानें बुधवार को माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के फटने के बाद रद्द कर दी गईं, जिसके बाद एयर इंडिया की दिल्ली से बाली जाने वाली फ्लाइट एआई2145 को यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वापस दिल्ली लौटने की सलाह दी गई।
यह विस्फोट फ्लोरेस के पूर्वी द्वीप पर हुआ। 1,584 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी को देखते हुए अधिकारियों को इंडोनेशिया के चार-स्तरीय पैमाने पर इसके अलर्ट स्टेटस को उच्चतम स्तर तक बढ़ाना पड़ा।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “एआई2145 फ्लाइट सुरक्षित रूप से दिल्ली वापस लौट गई है और सभी यात्री उतर गए हैं।”
प्रवक्ता ने कहा, “यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। प्रभावित यात्रियों को होटल में ठहरने की सुविधा प्रदान कर उन्हें हुई परेशानी को दूर करने का हर संभव प्रयास किया गया है। अगर यात्री चाहें तो कैंसलेशन या कॉम्प्लीमेंट्री रिशेड्यूलिंग पर उन्हें पूरा रिफंड भी ऑफर किया जा रहा है।”
बाली एयरपोर्ट ऑपरेटर अंगकासा पुरा इंडोनेशिया के अनुसार, “पूर्वी नुसा तेंगारा में लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के कारण गुस्ती नगुराह राय एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।”
एयरएशिया द्वारा संचालित कई घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। जेटस्टार ने कहा कि बाली से आने-जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, लेकिन राख का बादल साफ होने की उम्मीद के कारण दोपहर की कुछ उड़ानें शाम तक के लिए टाल दी गई हैं।
बाली के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वेब पोर्टल पर एयर न्यूजीलैंड, सिंगापुर की टाइगरएयर और चीन की जुनेयाओ एयरलाइंस की उड़ानें भी रद्द दिखाई गई हैं।
इंडोनेशिया डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी ने कहा कि मंगलवार देर रात ज्वालामुखी के आसपास के गांवों पर इसकी राख गिरनी शुरू हो गई थी, जिसे देखते हुए एक बस्ती को खाली करवाना पड़ा।
पूर्वानुमानों के अनुसार, ज्वालामुखी राख का बादल आज रात तक साफ होने की उम्मीद है।
‘लेवोटोबी’ इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक ट्विन ज्वालामुखी है। इसकी लेवोटोबी लाकी-लाकी और लेवोटोबी पेरेम्पुआन स्ट्रेटोवोलकैनो दो चोटियां हैं। अधिक सक्रिय लेवोटोबी लाकी-लाकी, ऊंचे लेवोटोबी पेरेम्पुआन से लगभग 2.1 किमी उत्तर-पश्चिम में है।
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