राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में हिट एंड रन केस : युवक की गई जान, फरार आरोपी की पुलिस कर रही तलाश

बोरीवली, 6 मई। मुंबई के बोरीवली इलाके में हिट एंड रन का मामला सामने आया है। एक तेज रफ्तार गाड़ी ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। मौके पर मौजूद लोगों ने घायल अवस्था में युवक को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने बीएनएस की धारा 106 और 281 के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। हादसा सोमवार शाम का बताया जा रहा है। पुलिस फरार चालक की तलाश में जुट गई है।
मुंबई के बोरीवली इलाके में 23 साल के बाइक सवार की सड़के हादसे में मौत हो गई। यह दुर्घटना तब हुई जब अक्षत सिंह नाम का युवक वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से अपने घर मीरा रोड की तरफ जा रहा था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बोरीवली, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने पीछे से बाइक सवार को टक्कर मार दी और चालक उसकी सहायता किए बिना मौके से भाग निकला।
मुंबई की कस्तूरबा मार्ग की पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ बीएनएस की धारा 106 और 281 के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
अक्षत ने मुंबई के मलाड ईस्ट में दो दिन पहले ही एक टैटू पार्लर में मैनेजर के तौर पर काम करना शुरू किया था। काम खत्म कर वह अपने बाइक से घर जा रहे थे। जब वह एमके बेकरी के पास पहुंचे तभी हादसा हुआ। घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने चोटिल युवक को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद ही पुलिस को सूचित किया गया। इलाज के दौरान उसकी हालत बिगड़ती गई और देर शाम अक्षत की मौत हो गई।
राजनीति
दिल्ली की जनता और सरकार मॉक ड्रिल के लिए है तैयार : आशीष सूद

नई दिल्ली, 6 मई। दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की जनता और भाजपा सरकार 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करें। आशीष सूद ने मंगलवार को मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और संकल्प को पूरा करने के लिए दिल्ली के लोग और दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध हैं। साल 1971 के बाद पहली बार मॉक ड्रिल हो रहा है। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, आज हर नागरिक आक्रोशित है। आतंकवादियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करे। देश के सभी नागरिक भारत सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। ऐसे में दिल्ली कैसे पीछे रह सकती है, दिल्ली भी पूरी तरह से तैयार है।
हरियाणा-पंजाब जल विवाद पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी हार का बदला लेने के लिए पंजाब सरकार की ओर से षड्यंत्र रच रहे हैं। वह पानी रोकने का काम कर रहे हैं। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं।
दूसरी ओर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक से निर्मित 66 केवी सबस्टेशन का उद्घाटन किया। दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह दिल्ली को बिजली हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “आज पालम गांव में बीआरपीएल द्वारा निर्मित अत्याधुनिक 66/11 केवी जीआईएस सब-स्टेशन का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विजन से प्रेरित यह परियोजना, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के एक लाख से अधिक नागरिकों को निर्बाध, सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। यह ग्रिड पालम, द्वारका, महावीर एन्क्लेव सहित कई रिहायशी और संस्थागत इलाकों की बिजली जरूरतों को पूरा करेगा। यह केवल एक ग्रिड नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए सशक्त, सुरक्षित और स्मार्ट भविष्य की आधारशिला है।
राजनीति
सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद का समाधान मिलजुलकर निकालें पंजाब-हरियाणा सरकार : सुप्रीम कोर्ट

suprim court
नई दिल्ली, 6 मई। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक कैनाल) नहर विवाद को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा कि दोनों राज्य सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने के लिए केंद्र का सहयोग करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर समाधान नहीं निकला तो पीठ इस मामले पर 13 अगस्त को सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ने कहा कि जल शक्ति मंत्री ने बैठक की और जल बंटवारे पर विचार करने के लिए समिति गठित की गई है। दोनों राज्यों के मुख्य सचिव समिति के अध्यक्ष हैं और 1 अप्रैल 2025 को इस मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया गया है।
इस पर हरियाणा सरकार के वकील श्याम दीवान ने कहा कि बातचीत से कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। जहां तक नहर के निर्माण की बात है, तो हरियाणा ने अपने इलाके का काम पूरा कर लिया है। एक अहम मुद्दा है कि पानी नहीं छोड़ा जा रहा है।
पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि डिक्री अतिरिक्त पानी के लिए थी, लेकिन नहर का निर्माण अभी होना बाकी है। हरियाणा को अतिरिक्त पानी मिलना चाहिए या नहीं, यह मुद्दा ट्रिब्यूनल के समक्ष लंबित है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि हमने मध्यस्थता के लिए प्रयास किए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि दोनों मध्यस्थता के लिए सहमत हो गए हैं।
वहीं, हरियाणा के वकील ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि हम सहयोग नहीं करने जा रहे हैं, इसलिए वार्ता विफल हो गई है। साल 2016 से हम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ।
दरअसल, हरियाणा और पंजाब के बीच पानी का विवाद बहुत पुराना है। एसवाईएल विवाद 1966 में हरियाणा के पंजाब से अलग होने के बाद 1981 के जल-बंटवारे समझौते से जुड़ा है।
हरियाणा में खेतों की सिंचाई के लिए पानी की बेहद कमी थी। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच जल संधि हुई थी।
दुर्घटना
बांद्रा लिंक स्क्वायर मॉल आग: बीएमसी का सतर्कता विभाग अवैध बदलावों और अग्निशमन चूक की जांच कर रहा है

मुंबई: बीएमसी के सतर्कता विभाग ने पिछले सप्ताह बांद्रा के लिंक स्क्वायर मॉल में लगी भीषण आग की जांच शुरू कर दी है, जिसमें करीब 200 दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। जांच के हिस्से के रूप में, अधिकारियों ने विकास योजना (डीपी) विभाग से लेआउट विवरण मांगा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई अवैध बदलाव किया गया था। जांच का उद्देश्य अग्निशमन उपायों में खामियों की पहचान करना भी है, जिसकी वजह से आग तेजी से फैली।
मुंबई फायर ब्रिगेड (एमएफबी) के अधिकारी घटना की जांच और निरीक्षण कर रहे हैं, जिसमें इमारत की मंजूरी, अग्नि सुरक्षा मंजूरी और संबंधित दस्तावेजों की गहन समीक्षा शामिल है। एक अलग जांच में, नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने संयुक्त आयुक्त डी. गंगाधरन को गहराई से जांच करने के लिए नियुक्त किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आग बुझाने के प्रयासों के दौरान कोई परिचालन संबंधी चूक हुई थी या नहीं। गंगाधरन जो सतर्कता विभाग का भी नेतृत्व करते हैं, उनसे एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।
नागरिक सूत्रों ने बताया कि जांच में सहायता के लिए डीपी विभाग से आग से प्रभावित संरचना की लेआउट योजनाएँ माँगी गई हैं। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि अग्निशमन कार्यों में देरी किस कारण से हुई, आग के तेजी से बढ़ने के पीछे क्या कारण थे और क्या फायर ब्रिगेड की ओर से कोई चूक हुई थी। प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि आग का तेजी से फैलना एक गैर-कार्यात्मक अग्निशमन प्रणाली और इमारत में उचित वेंटिलेशन सिस्टम की अनुपस्थिति के कारण था।
29 अप्रैल को ग्राउंड प्लस तीन मंजिला इमारत के बेसमेंट-लेवल क्रोमा शोरूम में भीषण आग लग गई, जो जल्द ही लेवल 4 की आग (गंभीर आग) में बदल गई। एमएफबी को आग बुझाने में करीब 22 घंटे लग गए, जिससे इसकी प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता पर गंभीर चिंताएं पैदा हो गईं। एनसीपी नेता जीशान सिद्दीकी ने एमएफबी की देरी और अपर्याप्त कार्रवाई की आलोचना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने इमारत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
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