राष्ट्रीय समाचार
नागालैंड के शैक्षणिक अनुभव से संवरेगी यूपी की शिक्षा प्रणाली
लखनऊ, 5 मई। उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की कोशिशें नए मुकाम की ओर बढ़ रही हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), लखनऊ के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में नागालैंड का पांच दिवसीय शैक्षणिक दौरा (26–30 अप्रैल 2025) किया, जहां उन्होंने नागालैंड के प्रभावी शैक्षणिक मॉडल, सामुदायिक भागीदारी और नवाचारों को नजदीक से देखा और अनुभव किया।
यह दौरा प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) को भविष्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के रूप में स्थापित करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रेरणा साबित हो सकता है।
इस दौरे का नेतृत्व कर रहे एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डायट्स के प्राचार्य, एससीईआरटी के अधिकारी और ‘मंत्र फिर 4 चेंज’ के प्रतिनिधियों ने न केवल शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण किया, बल्कि गांवों और स्कूलों में जाकर ग्रासरूट स्तर की वास्तविकताएं समझीं। कुल मिलाकर, यह दौरा कोई जादुई समाधान नहीं, बल्कि एक प्रेरक कदम है, जिससे उत्तर प्रदेश में शिक्षा सुधार की मौजूदा यात्रा को नई ऊर्जा और दृष्टि मिल रही है।
यह दौरा उत्तर प्रदेश में जारी शिक्षा सुधार प्रक्रियाओं के लिए एक नया दृष्टिकोण और प्रेरणा लेकर आया है। एससीईआरटी लखनऊ इन अनुभवों का विश्लेषण कर अब विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल, रिसर्च यूनिट सुदृढ़ीकरण, सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करने वाली पहल और डिजिटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड की योजना बना रहा है। यह सब कुछ जल्द लागू नहीं होगा, बल्कि एक सुनियोजित कार्ययोजना के तहत धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा।
प्रतिनिधिमंडल को नागालैंड की सामुदायिक भागीदारी, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन मॉडल, रिसर्च और मूल्यांकन व्यवस्था से जुड़े कई अहम दस्तावेज और अनुभव मिले। खोनोमा हेरिटेज विलेज (भारत का सबसे हरा गांव), जखमा और चीचेमा जैसे स्कूलों में जाकर उन्होंने देखा कि वहां शिक्षा केवल संस्थागत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समुदाय का साझा प्रयास है।
नागालैंड दौरे का नेतृत्व करने वाले एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने कहा, “हमें डायट्स में ईमानदारी, पारदर्शिता और सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करना होगा। नागालैंड से मिले अनुभव हमें यह दिखाते हैं कि कैसे छोटे-छोटे नवाचार बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं। हम इन अनुभवों को ध्यान में रखते हुए यूपी में जारी सुधार प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।”
नागालैंड दौरे से यूपी को कई स्तरों पर लाभ होने की उम्मीद है। पहला, रिसर्च-बेस्ड इनोवेशन की दिशा में, जहां प्रदेश के डायट्स स्थानीय संदर्भों के अनुसार नवाचार विकसित कर सकेंगे। दूसरा, नेतृत्व और शिक्षक प्रशिक्षण में, जिसके लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाए जाएंगे। तीसरा, सामुदायिक सशक्तिकरण के संदर्भ में, जिससे गांव-स्कूल सहयोग को नीति का हिस्सा बनाया जाएगा और चौथा, फाउंडेशनल लिटरेसी एंड नुमेरसी लक्ष्य की दिशा में, जहां शुरुआती कक्षाओं में पढ़ने-लिखने और गणना की क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा।
राजनीति
एनडीए को बिहार की माताएं और बहनों ने, जबकि महागठबंधन को युवाओं ने वोट दिया : मुकेश सहनी

पटना, 17 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रिकॉर्ड बहुमत से जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी महागठबंधन को बहुत कम सीट प्राप्त हुईं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को एक भी सीट नहीं मिली।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सुप्रीमो मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “चुनाव में दो चीज ही रहती है, या तो हार या फिर जीत मिलती है। महागठबंधन को जो सफलता मिलनी चाहिए, वो नहीं मिली। एनडीए को भारी बहुमत मिला है। हम एनडीए और उनके टॉप लीडरशिप को बधाई दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “एनडीए को पैसे के दम पर जनादेश मिला है, जिससे पता चलता है कि देश का लोकतंत्र कहीं न कहीं खतरे में है। चुनाव के वक्त अगर किसी को पैसा दिया जाए, तो यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। सोशल मीडिया पर चल रहा है कि 10,000 में क्या मिलता है, तो बता दें कि 10,000 में बिहार सरकार मिलती है। पहले रात के अंधेरे में कुछ दबंग लोग, पैसे वाले लोग गरीब को पैसा देकर वोट खरीद लेते थे और सरकार बना लेते थे; विधायक और मंत्री बन जाते थे। पहले ये काम अवैध होते थे, अब यही वैध हो रहे हैं। आज ऐसा काम हो रहा है कि जनता का ही पैसा माताओं-बहनों को दिया जा रहा है ताकि उन्हें वोट मिले। बिहार की माताएं-बहनों ने एनडीए की मदद की और उन्हें जिताया। लेकिन प्रदेश के युवा महागठबंधन के साथ थे। इसलिए हमारे पास अच्छा-खासा वोट प्रतिशत है।”
उन्होंने कहा, “2020 में महागठबंधन को जितने वोट मिले थे, इस बार उससे अधिक हमें वोट प्राप्त हुआ है, लेकिन वोट के पैटर्न में बदलाव आया। युवा नौकरी के लिए महागठबंधन के साथ रहें, लेकिन माताएं और बहनों का वोट एनडीए को गया। चुनाव में हार और जीत के लिए कई फैक्टर होते हैं, जिस पर हम विशेष चर्चा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूती से 2029 की तैयारी करेंगे।”
सहनी ने कहा, “सरकार ने जीविका दीदी से दो लाख रुपए देने का वादा किया है। पहली किस्त 10,000 रुपए के रूप में उन्होंने दी। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि बाकी के पैसे भी जल्द से जल्द दे, नहीं तो इस मांग के लिए हम जीविका दीदी के साथ खड़े रहेंगे।”
रोहिणी आचार्य वाले प्रकरण पर उन्होंने कहा, “यह पारिवारिक मामला है। हार की जिम्मेदारी सभी की है। किसी एक पर ठीकरा नहीं फोड़ना चाहिए।”
राजनीति
बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी

AMIT SHAH
नई दिल्ली/मुंबई, 17 नवंबर: शिवसेना के संस्थापक और हिंदुत्ववादी विचारधारा के प्रखर नेता बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बालासाहेब ठाकरे को नमन करते हुए कहा कि वे राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर ध्वजवाहक और सनातन संस्कृति के अडिग प्रहरी थे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर ध्वजवाहक और सनातन संस्कृति के अडिग प्रहरी बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ मजबूत ढाल बनकर खड़े रहने वाले बालासाहेब ठाकरे ने आजीवन संस्कृति और स्वधर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया।”
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे लिखा, “उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों और विचारधारा से समझौता नहीं किया। वे हर एक राष्ट्रप्रेमी के लिए मूल्य-आधारित राजनीतिक जीवन की प्रेरणा हैं। बालासाहेब को उनकी पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन है।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भी बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “बालासाहेब ठाकरे के विचार और स्मृतियां सदैव उनके हृदय में जीवित रहेंगे।” एकनाथ शिंदे ने उन्हें वंदनीय हिंदू हृदय सम्राट बताते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने भी बालासाहेब ठाकरे को याद किया। उन्होंने कहा, “बालासाहेब ठाकरे अपने ‘ठाकरे बाने’ और बेबाक शब्दों से विरोधियों पर प्रहार करते थे। उनके कार्टून कई लोगों को आहत करते थे, लेकिन जीवन भर उन्होंने निस्वार्थ भाव से राजनीति से परे मित्रता निभाई। उसमें कभी कड़वाहट नहीं आने दी।”
शरद पवार ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “महाराष्ट्र का इतिहास उनके (बालासाहेब ठाकरे) उल्लेख के बिना अधूरा है। राज्य के सामाजिक कल्याण में महान योगदान देने वाले दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।”
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “देश के राजनीतिक इतिहास पर अमिट छाप छोड़ने वाले और आज भी मराठी जनमानस में अमिट जगह रखने वाले हिंदू हृदय सम्राट और शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। विविध गुणों और प्रतिभाओं के धनी बालासाहेब अपनी अद्वितीय वाकपटुता, प्रखर लेखनी और निडर व्यक्तित्व से सबके दिलों पर छा गए। उन्होंने जिस विचारधारा को अपनाया, उसे निर्भीकता से अपनाया और निडरता से उसका संरक्षण भी किया। उनका यही गुण मेरे लिए आदर्श और मार्गदर्शक बना। उनका व्यक्तित्व सदैव प्रेरणा देता रहेगा।”
राजनीति
महाराष्ट्र सरकार ने बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की

BALASAHEB THAKRY
मुंबई, 17 नवंबर: महाराष्ट्र सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सरकार ने शिवसेना के संस्थापक और हिंदुत्ववादी विचारधारा के प्रखर नेता बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि से पहले यह अहम फैसला लिया।
राज्य सरकार ने बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष के अलावा सदस्यों की भी नई नियुक्ति की है। आदित्य ठाकरे और सुभाष देसाई को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। भाजपा विधायक पराग अलवानी और शिवसेना नेता शिशिर शिंदे को भी स्मारक समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
बालासाहेब ठाकरे की स्मृति को संजोए रखने के लिए मुंबई में एक भव्य स्मारक बनाने के लिए शिवाजी पार्क, दादर स्थित ‘मेयर बंगला’ परिसर का चयन किया गया। इस स्मारक के लिए एक सरकारी सार्वजनिक न्यास की स्थापना की गई।
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्मारक निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट ने दो कार्यकाल पूरे किए। दूसरी बार नियुक्त सदस्यों का 5 साल का कार्यकाल इसी साल 11 मार्च को पूरा हुआ। पूर्व अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति जरूरी हो गई थी।
आदेश में आगे कहा गया कि सरकार ने ट्रस्ट के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के पदों पर नई नियुक्तियों को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, ट्रस्ट में हुए बदलाव को आधिकारिक रूप से दर्ज कराने के लिए सुभाष राजाराम देसाई को ट्रस्ट का सचिव नियुक्त किया गया है।
सरकार ने निर्देश दिया है कि नवगठित ट्रस्टी मंडल को ट्रस्ट के विधानपत्र और नियम व नियमावली के अनुसार ही कार्य करना होगा। फिलहाल, इस आदेश को महाराष्ट्र शासन की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मराठी अस्मिता की बुलंद आवाज, शिवसेना प्रमुख और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।”
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