राष्ट्रीय समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर लगाई रोक

suprim court
नई दिल्ली, 2 मई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता का दावा है कि वे भारतीय हैं। उनके पास भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करने वाले कई दस्तावेज मौजूद हैं, जिनमें भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड शामिल है।
याचिकाकर्ता के वकील नंदकिशोर इस प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है। एक व्यक्ति मूल रूप से हिंदुस्तानी है, उसके पास खुद को हिंदुस्तानी साबित करने के लिए अनेकों दस्तावेज हैं। इसके बावजूद, उसे पाकिस्तान जाने के लिए कह दिया जाता है। नोटिस भेज दिया गया।
याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से बताया कि हमारे परिवार में कुल छह सदस्य हैं। इनमें से दो बेटे बेंगलुरु में काम करते हैं। इसके अलावा, परिवार में माता, पिता, भाई और बहन हैं।
याचिकाकर्ता ने बताया कि जब हमें पाकिस्तान के लिए नोटिस आया, तो हम हतप्रभ हो गए। यही नहीं, हमें गाड़ी में बैठाकर अटारी बॉर्डर तक ले जाया गया और कहा गया कि हम देश छोड़ दें, जबकि हम हिंदुस्तानी हैं।
वकील और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने सरकारी अधिकारियों को भारतीय नागरिकता की वैधता के बारे में दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा है कि जब तक सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहीं लेते, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही याचिकाकर्ता को न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहीं करते, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए। इसमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश देना और राजनयिक संबंधों में कटौती करना शामिल है।
अपराध
महाराष्ट्र : मीठी नदी सफाई घोटाले में ईडी की कार्रवाई, 47 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त

मुंबई, 2 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई जोनल कार्यालय ने मीठी नदी की सफाई घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जुलाई को मुंबई के 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई। ईडी की टीम ने ये छापेमारी बीएमसी ठेकेदारों और एक इंजीनियर के ठिकानों पर की। इसमें 47 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया है।
जिन ठेकेदारों और कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई, उनमें एक्यूट डिजाइन्स, कैलाश कंस्ट्रक्शन कंपनी, निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी, एन. ए. कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और जे.आर.एस इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम शामिल हैं। इनके साथ ही बीएमसी के इंजीनियर प्रशांत कृष्ण तायशेते के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई।
अलग-अलग बैंक खातों, एफडीआर और डिमैट खातों में 47 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम फ्रीज की गई। डिजिटल डिवाइस, जमीन से जुड़े दस्तावेज और कई कागजात जब्त किए गए हैं। इस घोटाले की जांच आजाद मैदान पुलिस स्टेशन, मुंबई में दर्ज एफआईआर नंबर 0075/2025 (तारीख 6 मई 2025) के आधार पर शुरू हुई थी।
एफआईआर में 13 व्यक्तियों और कंपनियों पर भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत मामला दर्ज है। इन पर बीएमसी को 65 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। जांच में सामने आया है कि बीएमसी के ठेकेदारों ने झूठे दस्तावेज, जैसे कि जमीन मालिकों के फर्जी समझौते (एमओयू) और ग्राम पंचायतों से फर्जी एनओसी, जमा कराए थे। यह दस्तावेज उस जमीन के लिए दिए गए थे, जहां पर मलबा (सिल्ट) डंप किया गया था।
इसके अलावा, बीएमसी के स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज (एसडब्लयूसी) विभाग के अधिकारियों पर भी आरोप हैं कि उन्होंने सिल्ट पुशर और मल्टीपर्पज एम्फीबियस पोंटून मशीनों की खरीद और उपयोग में गड़बड़ियां की। ये मशीनें 2021-2022 में टेंडर के जरिए खरीदी गई थीं।
ईडी ने इसी मामले में 6 जून को 18 ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। अब तक इस केस में ईडी की ओर से कुल 49.8 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त या फ्रीज की जा चुकी है। जांच अभी भी जारी है और अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं।
राजनीति
‘कृषि कानून पर धमकाने के लिए भेजे गए थे अरुण जेटली’, राहुल गांधी ने लगाए आरोप

नई दिल्ली, 2 अगस्त। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कृषि कानून पर विरोध प्रदर्शन के बीच उन्हें धमकाने के लिए अरुण जेटली को भेजा गया था। राहुल गांधी शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के वार्षिक विधि सम्मेलन में बोल रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा, “मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था और वे (अरुण जेटली) अब नहीं हैं, इसलिए शायद मुझे यह नहीं कहना चाहिए, लेकिन मैं कहूंगा, अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने (जेटली) कहा कि अगर आप सरकार का विरोध करते हुए इसी रास्ते पर चलते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।’ मैंने उनकी तरफ देखा और कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं, क्योंकि हम कांग्रेस के लोग हैं, हम कायर नहीं हैं।”
इस दौरान कांग्रेस सांसद ने सरकार पर लोकतांत्रिक ढांचों को कमजोर करने और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से समझौता करने का आरोप लगाया। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद बड़े पैमाने पर कथित तौर पर मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप दोहराए।
उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा शक था कि कुछ गलत है। यह गुजरात से शुरू हुआ। कांग्रेस ने कुछ राज्यों में एक भी सीट नहीं जीती, जो समझ में नहीं आया। जब हमने सवाल किया तो हमें कहा गया, ‘सबूत कहां है?”
महाराष्ट्र के मतदाता डेटा की गहन जांच का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा, “हमने लाखों मतदाताओं के फोटो और नामों का मैन्युअल रूप से मिलान किया। एक निर्वाचन क्षेत्र में 6.5 लाख वोट पड़े, जिनमें से 1.5 लाख फर्जी थे। हमें चुनाव आयोग की ओर से फिजिकल कॉपियां मिलीं, क्योंकि उन्होंने हमें इलेक्ट्रॉनिक कॉपियां नहीं दीं।”
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग गायब हो गया है। अब उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, कई अधिकारियों के तबादले किए गए

नई दिल्ली, 2 अगस्त। दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। सरकार ने शनिवार को 23 आईएएस और डैनिक्स अधिकारियों के तबादलों और अतिरिक्त प्रभारों की घोषणा की। इन अधिकारियों में मुख्यमंत्री के सचिव विकास आनंद भी शामिल हैं, जिन्हें सूचना एवं प्रचार विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
सतर्कता विभाग के प्रमुख सचिव संदीप कुमार को सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह पहले से प्रमुख सचिव (पर्यावरण एवं वन) एवं प्रमुख सचिव (प्रशासनिक सुधार) का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। आईएएस अधिकारी दिलराज कौर के विभाग में बदलाव हुआ है। उन्हें सामान्य प्रशासन की प्रमुख सचिव की जगह सामाजिक कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव बनाया गया है। हालांकि, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार उनके पास रहेगा।
शुरबीर सिंह को वित्त विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। साथ ही, वे सचिव (सामान्य प्रशासन) एवं सचिव (विद्युत) का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे। प्रिंस धवन अब प्रबंध निदेशक (डीटीसी) और विशेष आयुक्त (परिवहन) के अतिरिक्त विशेष सचिव (आईटी) एवं कार्यकारी निदेशक (जीएसडीएल) का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे। सेंट्रल दिल्ली के जिलाधिकारी जी. सुधाकर को प्रबंध निदेशक (एसआरडीसी) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
पंकज कुमार, जिनके पास नियंत्रक (वजन एवं माप) की जिम्मेदारी है, उप जिलाधिकारी (मुख्यालय) के अलावा विशेष सचिव (एनसीआर) का भी अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की विशेष सचिव तपस्या राघव को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की राज्य मिशन निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सामाजिक कल्याण विभाग की निदेशक अंजलि सहरावत को अब निदेशक (उच्च शिक्षा) एवं निदेशक (तकनीकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा) की जिम्मेदारी मिली है।
वाणिज्य एवं कर विभाग के विशेष आयुक्त सचिन राणा अब सीवीओ (डीटीएल/आईपीजीसीएल/पीपीसीएल) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव किन्नी सिंह को सचिव (जन शिकायत आयोग) एवं परियोजना निदेशक (दिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण समिति) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। आईपीएस सुनील अंचिपका को विशेष सचिव (पर्यटन) का अतिरिक्त प्रभार मिला है।
आईपीएस अधिकारी संजीव कुमार विशेष सचिव (प्रशासनिक सुधार) के साथ विशेष सचिव (एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक कल्याण) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। संदीप कुमार मिश्रा को विशेष सचिव (पर्यावरण एवं वन) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कुमार अभिषेक को उपायुक्त/जिलाधिकारी (उत्तर), राजस्व विभाग के रूप में नियुक्त किया गया है। यश चौधरी निदेशक (सामाजिक कल्याण) बनाए गए हैं।
डैनिक्स अधिकारी श्रवण बगारिया को उनके वर्तमान पदों से हटाकर उपायुक्त/जिलाधिकारी (दक्षिण-पूर्व), राजस्व विभाग के रूप में स्थानांतरित किया गया है। प्रशांत कुमार अब मुख्यमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव (जन शिकायत प्रकोष्ठ) के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे।
शिंगारे रामचंद्र महादेव को अतिरिक्त सचिव (डीएसएसएसबी) बनाया गया है। पुनीत कुमार पटेल को अतिरिक्त सचिव (शहरी विकास) के रूप में नियुक्त किया गया है। निधि सरोह की नियुक्ति मुख्यमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव (जन शिकायत प्रकोष्ठ) के रूप में हुई है। वित्त विभाग के उप सचिव रविंद्र कुमार को उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों से हटाकर दिल्ली जल बोर्ड के अधीन कार्य के लिए नियुक्त किया गया है। रमेश कुमार की नियुक्ति उप सचिव (गृह) के रूप में हुई है।
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