व्यापार
भारतीय इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात 2024-25 में बढ़कर ऑल-टाइम हाई 116.7 अरब डॉलर पर रहा

नई दिल्ली, 28 अप्रैल। भारत के इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 6.74 प्रतिशत बढ़कर ऑल-टाइम हाई 116.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) की ओर से संकलित किए गए डेटा से यह जानकारी मिली।
वित्त वर्ष 2023-24 में इंजीनियरिंग निर्यात का कुल मूल्य 109.30 अरब डॉलर रहा था, जबकि इससे पहले का रिकॉर्ड स्तर वित्त वर्ष 2021-22 में 112.10 अरब डॉलर था।
वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका इंजीनियरिंग निर्यात के लिए शीर्ष गंतव्य स्थान रहा है। वहीं, यूएई, सिंगापुर, नेपाल, जापान और फ्रांस को इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है।
अमेरिका को इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 8.7 प्रतिशत बढ़कर 19.15 अरब डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 17.62 अरब डॉलर था।
भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग निर्यात की हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष के 25.01 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 26.67 प्रतिशत हो गई है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा, “भारतीय इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित अपने दर्जनों व्यापार साझेदारों पर आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले से इसमें और बढ़त देखी गई है।”
अप्रैल-मार्च 2024-25 के दौरान 34 में से 28 इंजीनियरिंग पैनलों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई और शेष छह इंजीनियरिंग पैनलों, जिनमें लोहा और इस्पात, तांबा और एल्यूमीनियम उत्पादों सहित कुछ अलौह क्षेत्र, कार्यालय उपकरण, अन्य निर्माण मशीनरी और मिका प्रोडक्ट्स शामिल हैं, उनमें नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2024-25 में नॉर्थ अमेरिका 20.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ निर्यात में पहले स्थान पर है। इसके बाद, यूरोपीय संघ (17.1 प्रतिशत) और डब्ल्यूएएनए (पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका) (16.7 प्रतिशत) का स्थान रहा।
2024-25 में रिकॉर्ड उच्च आंकड़ा हासिल करने के बाद भी मार्च 2025 में भारतीय इंजीनियरिंग गुड्स निर्यात में मासिक आधार पर गिरावट आई है। मार्च 2025 में इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात 10.82 अरब डॉलर रहा, जबकि मार्च 2024 में यह 11.27 अरब डॉलर था, जो सालाना आधार पर 3.92 प्रतिशत की गिरावट दिखाता है।
व्यापार
भारत में एंटरप्राइस जॉब के लिए महिलाओं के आवेदनों में 92 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी: रिपोर्ट

नई दिल्ली, 28 अप्रैल। भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सोमवार को जारी हुई नई रिपोर्ट के मुताबिक, एंटरप्राइस जॉब के लिए महिलाओं के आवेदनों की संख्या में 92 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
जॉब्स और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म अपना द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल की पहली तिमाही में रिकॉर्ड तोड़ 1.81 करोड़ जॉब एप्लीकेशन मिले हैं जो पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। यह भारत के बढ़ते आर्थिक आशावाद और सभी क्षेत्रों में डिजिटल हायरिंग बूम को दर्शाता है।
रिपोर्ट में बताया गया कि जॉब मार्केट में महिलाओं की भागीदारी में तेजी से इजाफा हो रहा है और जनवरी से मार्च की अवधि में महिलाओं के जॉब एप्लीकेशन की संख्या 62 लाख रही। इसमें सालाना आधार पर 23 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़, इंदौर और जमशेदपुर जैसे टियर 2 और 3 शहरों में सबसे अधिक वृद्धि देखी जा रही है। इसकी वजह काम करने के लचीले विकल्प होना है। इन शहरों में बीपीओ, फाइनेंस और एचआर जैसे सेक्टरों में अच्छे अवसर हैं।
फ्रैशर्स के लिए भी भारत में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। इस दौरान फ्रैशर्स की ओर से करीब 66 लाख जॉब एप्लीकेशन आए। इसमें सालाना आधार पर 46 प्रतिशत की बढ़त हुई।
इसके अलावा, जॉब प्लेटफॉर्म पर 3.1 लाख जॉब पोस्टिंग देखी गईं, जो 2024 की पहली तिमाही से 26 प्रतिशत अधिक है।
एसएमबी ने सबसे आगे रहते हुए 2.1 लाख से अधिक जॉब पोस्ट कीं, जिनमें 28,547 नौकरियां विशेष रूप से महिलाओं के लिए थीं।
अपना के संस्थापक और सीईओ निर्मित पारिख ने कहा, “हम देख रहे हैं कि लोग न केवल कोई भी नौकरी पा रहे हैं, बल्कि सही नौकरी प्राप्त कर रहे हैं। सिर्फ एक तिमाही में अपना पर 1.81 करोड़ से ज्यादा नौकरी के आवेदन दर्ज किए गए। टियर 1 मेट्रो से लेकर सबसे दूरदराज के टियर 3 शहरों तक, भारत सिर्फ काम नहीं कर रहा है, बल्कि भारत जीत रहा है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का डिजिटल परिवर्तन गति पकड़ रहा है, विशेष रूप से टियर 2 शहरों में, जहां एडवांस टेक टैलेंट की मांग बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय
26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने झाड़ा पल्ला, दोस्त डेविड हेडली पर फोड़ा ठीकरा

नई दिल्ली, 26 अप्रैल। 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के रूप में जाना जाने वाले तहव्वुर हुसैन राणा ने मुंबई क्राइम ब्रांच की पूछताछ में चौंकाने वाला दावा किया। राणा ने 26/11 आतंकी हमले से अपना पल्ला पूरी तरह से झाड़ लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि खुद को इस हमले से पूरी तरह बेगुनाह बताते हुए राणा ने कहा कि उसे 26/11 हमले से कोई लेना-देना नहीं है। इस हमले के लिए उसने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली को जिम्मेदार ठहराया है। राणा ने पूछताछ के दौरान यह भी कहा कि मुंबई हमले की साजिश में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। इसमें डेविड हेडली का हाथ था।
पूछताछ में राणा ने यह भी बताया कि वह दिल्ली और मुंबई के अलावा केरल भी गया था। जब अधिकारियों ने उससे केरल जाने की वजह पूछी, तो उसने बताया कि वह वहां अपने जानने वालों से मिलने गया था। राणा ने केरल में अपने परिचित व्यक्ति का नाम और पता भी एजेंसी को सौंपा है। इस जानकारी के बाद क्राइम ब्रांच अब राणा के दावों की पुष्टि करने की तैयारी में जुट गई है। संभावना जताई जा रही है कि जांच एजेंसी की एक टीम जल्द ही केरल रवाना हो सकती है, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।
बता दें कि 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। राणा को लॉस एंजेल्स से एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों के साथ एक विशेष विमान से भारत लाया गया। अमेरिका में राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कई कानूनी कोशिश की, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका भी शामिल थी। सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद प्रत्यर्पण संभव हो सका। भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को पूरा किया।
एनआईए ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए वर्षों तक प्रयास किए। एजेंसी ने अमेरिका की एफबीआई, न्याय विभाग (यूएसडीओजे) और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। राणा पर आरोप है कि उसने मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी।
मुंबई हमले 26 नवंबर 2008 को हुए थे, जब 10 आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस समेत कई जगहों पर हमला किया था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमले की योजना बनाने का आरोप है।
राष्ट्रीय समाचार
‘नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड’ में तकनीकी गड़बड़ी से प्रभावित आईटी सेवाएं हो रहीं बहाल: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 26 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कहा कि नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड (एनजीसी) में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण कई सूचना संचार प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कोर्ट ने यह भी बताया कि प्रभावित सेवाओं को बहाल करने का काम जारी है।
एक नोटिस के जरिए बताया गया कि रजिस्ट्री से जुड़ी विभिन्न सूचना संचार प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं एनजीसी में तकनीकी गड़बड़ी के कारण प्रभावित रहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में बताया, “सुबह से ही नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड (एनजीसी) में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रजिस्ट्री द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सूचना संचार प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाएं, जैसे वेबसाइट, ई-फाइलिंग, एससीआर और डिजीएससीआर पोर्टल पर प्रतिकूल असर पड़ा है।”
कोर्ट ने आगे कहा कि सभी संबंधित टीम सेवाओं की शीघ्र बहाली पर काम कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “आपको हुई किसी भी असुविधा के लिए हमें खेद है। हम आपके धैर्य, समझ और सहयोग की सराहना करते हैं।”
नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड एक यूनिक क्लाउड सर्विस है। यह सर्विस एनआईसी के तहत विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को दी जा रही है।
यह संगठनों को सिंगल एंड यूज पोर्टल का इस्तेमाल कर कई निजी और सार्वजनिक क्लाउड सेवाओं को चुनने की अनुमति देता है।
नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा संचालित एक सुरक्षित डेटा सेंटर में कंप्यूट, स्टोरेज, डेटाबेस और नेटवर्क जैसी विभिन्न ऑन-प्रिमाइस सेवाएं प्रदान करता है।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री अपने डिजिटलीकरण और डिजिटल संरक्षण प्रयासों के के रूप में क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करती है। इसमें नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) शामिल है।
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो भारत में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों और उच्च न्यायालयों के आदेशों, निर्णयों और मामले की डिटेल्स का डेटाबेस प्रदान करता है। एनजेडीजी ई-कोर्ट परियोजना के तहत बनाया गया है और देश के सभी कंप्यूटराइज्ड न्यायालयों की न्यायिक कार्यवाही से जुड़ा डेटा प्रदान करता है।
इसके अलावा, ई-कोर्ट सर्विस केस से जुड़ी जानकारियों और दूसरे संसाधनों तक ऑनलाइन पहुंच को सुनिश्चित करती है।
केस रिकॉर्ड और कोर्ट के आदेशों को डिजिटल बनाने में भी रजिस्ट्री सक्रिय रूप से शामिल है, जिससे उन्हें विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सुलभ बनाया जा सके।
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