राष्ट्रीय समाचार
वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा, गुरुवार को फिर सुनवाई

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने मुस्लिम पक्ष और संशोधन समर्थक दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान विभिन्न संशोधित धाराओं जैसे कि धारा 3, 9, 14, 36 और 83 पर विशेष चर्चा हुई।
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि इन संशोधनों से उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन हुआ है। उनका कहना था कि संशोधन उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करता है।
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल और अधिनियम के समर्थकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन पूरी तरह संविधान सम्मत हैं और इनमें मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की कोई बात नहीं है।
सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने अपने प्रारंभिक अवलोकन में यह कहा कि अधिकांश संशोधन संविधान के अनुरूप प्रतीत होते हैं। हालांकि, न्यायालय ने ‘यूजर’ की परिभाषा पर स्पष्टता मांगी है। इसके अलावा, वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर भी कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल और हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं से इन दोनों मुद्दों पर विशेष रूप से सहायता और स्पष्टीकरण देने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे होगी।
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस अहम मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत की, जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश कीं।
अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि देशभर में करीब आठ लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से चार लाख से अधिक संपत्तियां ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर दर्ज हैं। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जब वे दिल्ली हाईकोर्ट में थे, तब उन्हें बताया गया था कि वह जमीन वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा, “हमें गलत मत समझिए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाई यूजर संपत्तियां गलत हैं।”
इसके साथ ही बुधवार को दोनों पक्षों के बीच बहस जारी रही और सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दो बजे फिर से सुनवाई का समय दिया है।
राजनीति
प्रधानमंत्री ओबीसी से आते हैं, राहुल को इतिहास पढ़ना चाहिए : राम कदम

RAM KADAM
मुंबई, 11 सितंबर। महाराष्ट्र के भाजपा विधायक राम कदम ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भाजपा-आरएसएस ओबीसी, दलित और आदिवासियों का उत्थान नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी-कभी आधी नींद में बयान देते हैं। शायद वह भूल गए कि प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से हैं।
भाजपा विधायक राम कदम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “भाजपा पहली ऐसी पार्टी है, जिसने पिछले 11 सालों से एक ओबीसी पृष्ठभूमि के प्रधानमंत्री को देश का नेतृत्व सौंपा है। यह अपने आप में बहुत बड़ा सम्मान है। तीसरी बार एक प्रमुख ओबीसी नेता प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, जिसने वैश्विक स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया है। यह ओबीसी समुदाय के लिए गर्व की बात है। राहुल गांधी कभी-कभी आधी नींद में बयान देते हैं। शायद वे भूल गए कि प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से हैं। देश जानता है कि हमने किस जाति को सम्मान दिया है। भाजपा की सरकार ने अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाया। राहुल गांधी को इतिहास के पन्ने खंगालने की जरूरत है।”
राम कदम ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता खड़गे हों या राहुल गांधी, इनको बड़ा दिल दिखाना चाहिए। जब वे चुनाव हार जाते हैं, तो उनमें हार को स्वीकार करने का साहस भी होना चाहिए। छोटी सोच से कोई बड़ा नहीं बनता। हमेशा चुनाव आयोग, मतदान या वोट चोरी का दोष देना ठीक नहीं है। हाल के उपराष्ट्रपति चुनाव में क्या हुआ? कुछ विपक्षी वोट उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को गए, अब वे किसे दोष देंगे? हमेशा एक ही बात के रोने को लोग स्वीकार नहीं करेंगे। राहुल गांधी एक पार्ट टाइम नेता हैं।”
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत के बयान पर कदम ने तंज कसते हुए कहा, “संजय राउत किस तरह के सपने देख रहे हैं? क्या वे देश में नेपाल जैसे दंगे और आगजनी के सपने देख रहे हैं, जहां वे रहते हैं? अगर सपने देखने हैं, तो भारत के वैश्विक स्तर पर उभरने के सपने देखें। उद्धव गुट और कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों में आतंकवादियों को ताली बजाने पर मजबूर करते हैं। जब तक पीएम मोदी हैं, तब तक संजय राउत, उद्धव गुट या कांग्रेस के दंगे और आगजनी के सपने पूरे नहीं होंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश मजबूती से प्रगति कर रहा है।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर राम कदम ने कहा, “आज मोहन भागवत का जन्मदिन है। भगवान उन्हें लंबी आयु प्रदान करें। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। उनके अथक प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।”
अपराध
लालबाग हिट एंड रन : दो साल की बच्ची की मौत, 11 साल का भाई घायल, आरोपी गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 11 सितंबर। मुंबई के लालबाग इलाके में एक दर्दनाक हिट एंड रन मामले में कालाचौकी पुलिस ने घाटकोपर निवासी संतोष नानू गुप्ता (37) को गिरफ्तार किया है।
इस घटना में एक तेज रफ्तार वाहन ने सड़क किनारे सो रहे दो बच्चों को कुचल दिया, जिसमें दो साल की बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका 11 साल का भाई गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना देर रात हुई, जब बच्चे सड़क किनारे सो रहे थे। हादसे के बाद आरोपी फरार हो गया था, लेकिन कालाचौकी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से वाहन का पता लगाया और संतोष गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
जांच में पता चला कि गुप्ता वाहन चला रहा था, जो अनियंत्रित होकर बच्चों से टकराया।
आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। अदालत ने गुप्ता को पीआर बांड पर रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन मामले की जांच जारी रखने का निर्देश भी दिया।
पुलिस अब हादसे के कारणों और गुप्ता की लापरवाही की जांच कर रही है। घायल 11 साल के बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और सड़क सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठाए। लोगों ने प्रशासन से मुआवजा और कड़े कदम उठाने की मांग की है।
पुलिस ने बताया कि वे वाहन की स्पीड और ड्राइवर की हालत की जांच कर रहे हैं। अगर लापरवाही साबित होती है, तो गुप्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, मृतक बच्ची के परिवार को सहारा देने के लिए स्थानीय संगठनों ने मदद का वादा किया है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की अटकलों के बीच बीएमसी ने शिवसेना (यूबीटी) को 2 अक्टूबर को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति दी

मुंबई: बीएमसी ने शिवसेना (यूबीटी) को 2 अक्टूबर को शिवाजी पार्क में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी है। इस साल, केवल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने ही इस स्थल के लिए आवेदन किया था। बीएमसी चुनाव नज़दीक आने और ठाकरे बंधुओं के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच, सभी की निगाहें इस रैली पर टिकी हैं। तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं, और उम्मीद है कि यह आयोजन नगर निगम चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षण होगा।
शिवसेना विभाजन के बाद, एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों गुटों ने अलग-अलग दशहरा रैलियाँ आयोजित की हैं। हालाँकि पहले शिवाजी पार्क के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती थी, पिछले साल शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने आयोजन स्थल को लेकर सीधे टकराव से बचने के लिए आज़ाद मैदान को चुना था। इस साल, ठाकरे गुट ने जनवरी में ही शिवाजी पार्क के लिए आवेदन कर दिया था – ख़ास बात यह है कि यह एकमात्र आवेदन था, जैसा कि नगर निगम अधिकारियों ने पुष्टि की है।
वरिष्ठ नेता और विधायक महेश सावंत द्वारा दायर इस अनुरोध पर बीएमसी का ध्यान आकर्षित करने के लिए पाँच बार कार्रवाई की गई। अंततः, नगर निगम ने उद्धव के नेतृत्व वाली सेना को अनुमति दे दी और पुष्टि की कि इस वर्ष शिवाजी पार्क में दशहरा रैली ठाकरे खेमे द्वारा आयोजित की जाएगी। जी नॉर्थ के सहायक नगर आयुक्त विनायक विस्पुते ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की।
मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले, शिवसेना (यूबीटी) ने आगामी दशहरा रैली की ज़ोरदार तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इस बात के प्रबल संकेत हैं कि ठाकरे बंधु (मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे) निकाय चुनावों के लिए एकजुट हो सकते हैं, जिससे शिवसैनिकों और मनसे कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ गया है। चुनावों के नज़दीक आते ही, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उद्धव ठाकरे रैली में क्या कहते हैं।
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