राष्ट्रीय समाचार
स्कूल में मिलने वाले भोजन के लिए, 954 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी सरकार

नई दिल्ली, 10 अप्रैल। पीएम पोषण योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसमें उपयोग होने वाली सामग्री लागत में 9.50 फीसदी की वृद्धि की है। इस वृद्धि के कारण केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 954 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी।
इससे विद्यार्थियों को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन मिलता रहेगा। ये नई दरें 1 मई से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी। पीएम पोषण योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके अंतर्गत 10.36 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय आते हैं। यहां बाल वाटिका और कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत 11.20 करोड़ विद्यार्थियों को दिन में एक बार गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता है।
इस योजना का उद्देश्य पोषण सहायता प्रदान करना और विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाना है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि पीएम पोषण योजना के अंतर्गत भोजन बनाने के लिए दाल, सब्जियां, तेल, मसाले और ईंधन आदि की खरीद के लिए ‘सामग्री लागत’ प्रदान की जाती है। सामग्री लागत के अलावा, भारत सरकार भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से लगभग 26 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भी उपलब्ध कराती है।
भारत सरकार खाद्यान्न की 100 प्रतिशत लागत वहन करती है। इसमें प्रति वर्ष लगभग 9,000 करोड़ रुपये का अनुदान और भारतीय खाद्य निगम डिपो से विद्यालयों तक खाद्यान्न की 100 प्रतिशत परिवहन लागत शामिल है। योजना के अंतर्गत खाद्यान्न लागत सहित सभी घटकों को जोड़ने के बाद प्रति भोजन लागत बाल वाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए लगभग 12.13 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 17.62 रुपये आती है।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय का श्रम ब्यूरो, पीएम पोषण के अंतर्गत इन वस्तुओं के लिए मुद्रास्फीति के आंकड़े प्रदान करता है। इन आंकड़ों के अनुसार पीएम पोषण के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) तैयार किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह सूचकांक, देश के 20 राज्यों में फैले 600 गांवों के नमूने से निरंतर मासिक मूल्य एकत्र करने के आधार पर जारी किया जाता है। श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने ‘सामग्री लागत’ में 9.50 फीसदी की वृद्धि की है।
ये सामग्री लागत दरें न्यूनतम अनिवार्य दरें हैं। वहीं राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसमें अपने निर्धारित हिस्से से अधिक योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं। गौरतलब है कि कुछ राज्य पीएम पोषण योजना के अंतर्गत अधिक पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से भी योगदान कर रहे हैं।
राजनीति
प्रधानमंत्री ओबीसी से आते हैं, राहुल को इतिहास पढ़ना चाहिए : राम कदम

RAM KADAM
मुंबई, 11 सितंबर। महाराष्ट्र के भाजपा विधायक राम कदम ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भाजपा-आरएसएस ओबीसी, दलित और आदिवासियों का उत्थान नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी-कभी आधी नींद में बयान देते हैं। शायद वह भूल गए कि प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से हैं।
भाजपा विधायक राम कदम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “भाजपा पहली ऐसी पार्टी है, जिसने पिछले 11 सालों से एक ओबीसी पृष्ठभूमि के प्रधानमंत्री को देश का नेतृत्व सौंपा है। यह अपने आप में बहुत बड़ा सम्मान है। तीसरी बार एक प्रमुख ओबीसी नेता प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, जिसने वैश्विक स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया है। यह ओबीसी समुदाय के लिए गर्व की बात है। राहुल गांधी कभी-कभी आधी नींद में बयान देते हैं। शायद वे भूल गए कि प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से हैं। देश जानता है कि हमने किस जाति को सम्मान दिया है। भाजपा की सरकार ने अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाया। राहुल गांधी को इतिहास के पन्ने खंगालने की जरूरत है।”
राम कदम ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता खड़गे हों या राहुल गांधी, इनको बड़ा दिल दिखाना चाहिए। जब वे चुनाव हार जाते हैं, तो उनमें हार को स्वीकार करने का साहस भी होना चाहिए। छोटी सोच से कोई बड़ा नहीं बनता। हमेशा चुनाव आयोग, मतदान या वोट चोरी का दोष देना ठीक नहीं है। हाल के उपराष्ट्रपति चुनाव में क्या हुआ? कुछ विपक्षी वोट उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को गए, अब वे किसे दोष देंगे? हमेशा एक ही बात के रोने को लोग स्वीकार नहीं करेंगे। राहुल गांधी एक पार्ट टाइम नेता हैं।”
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत के बयान पर कदम ने तंज कसते हुए कहा, “संजय राउत किस तरह के सपने देख रहे हैं? क्या वे देश में नेपाल जैसे दंगे और आगजनी के सपने देख रहे हैं, जहां वे रहते हैं? अगर सपने देखने हैं, तो भारत के वैश्विक स्तर पर उभरने के सपने देखें। उद्धव गुट और कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों में आतंकवादियों को ताली बजाने पर मजबूर करते हैं। जब तक पीएम मोदी हैं, तब तक संजय राउत, उद्धव गुट या कांग्रेस के दंगे और आगजनी के सपने पूरे नहीं होंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश मजबूती से प्रगति कर रहा है।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर राम कदम ने कहा, “आज मोहन भागवत का जन्मदिन है। भगवान उन्हें लंबी आयु प्रदान करें। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। उनके अथक प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।”
अपराध
लालबाग हिट एंड रन : दो साल की बच्ची की मौत, 11 साल का भाई घायल, आरोपी गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 11 सितंबर। मुंबई के लालबाग इलाके में एक दर्दनाक हिट एंड रन मामले में कालाचौकी पुलिस ने घाटकोपर निवासी संतोष नानू गुप्ता (37) को गिरफ्तार किया है।
इस घटना में एक तेज रफ्तार वाहन ने सड़क किनारे सो रहे दो बच्चों को कुचल दिया, जिसमें दो साल की बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका 11 साल का भाई गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना देर रात हुई, जब बच्चे सड़क किनारे सो रहे थे। हादसे के बाद आरोपी फरार हो गया था, लेकिन कालाचौकी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से वाहन का पता लगाया और संतोष गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
जांच में पता चला कि गुप्ता वाहन चला रहा था, जो अनियंत्रित होकर बच्चों से टकराया।
आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। अदालत ने गुप्ता को पीआर बांड पर रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन मामले की जांच जारी रखने का निर्देश भी दिया।
पुलिस अब हादसे के कारणों और गुप्ता की लापरवाही की जांच कर रही है। घायल 11 साल के बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और सड़क सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठाए। लोगों ने प्रशासन से मुआवजा और कड़े कदम उठाने की मांग की है।
पुलिस ने बताया कि वे वाहन की स्पीड और ड्राइवर की हालत की जांच कर रहे हैं। अगर लापरवाही साबित होती है, तो गुप्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, मृतक बच्ची के परिवार को सहारा देने के लिए स्थानीय संगठनों ने मदद का वादा किया है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की अटकलों के बीच बीएमसी ने शिवसेना (यूबीटी) को 2 अक्टूबर को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति दी

मुंबई: बीएमसी ने शिवसेना (यूबीटी) को 2 अक्टूबर को शिवाजी पार्क में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी है। इस साल, केवल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने ही इस स्थल के लिए आवेदन किया था। बीएमसी चुनाव नज़दीक आने और ठाकरे बंधुओं के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच, सभी की निगाहें इस रैली पर टिकी हैं। तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं, और उम्मीद है कि यह आयोजन नगर निगम चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षण होगा।
शिवसेना विभाजन के बाद, एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों गुटों ने अलग-अलग दशहरा रैलियाँ आयोजित की हैं। हालाँकि पहले शिवाजी पार्क के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती थी, पिछले साल शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने आयोजन स्थल को लेकर सीधे टकराव से बचने के लिए आज़ाद मैदान को चुना था। इस साल, ठाकरे गुट ने जनवरी में ही शिवाजी पार्क के लिए आवेदन कर दिया था – ख़ास बात यह है कि यह एकमात्र आवेदन था, जैसा कि नगर निगम अधिकारियों ने पुष्टि की है।
वरिष्ठ नेता और विधायक महेश सावंत द्वारा दायर इस अनुरोध पर बीएमसी का ध्यान आकर्षित करने के लिए पाँच बार कार्रवाई की गई। अंततः, नगर निगम ने उद्धव के नेतृत्व वाली सेना को अनुमति दे दी और पुष्टि की कि इस वर्ष शिवाजी पार्क में दशहरा रैली ठाकरे खेमे द्वारा आयोजित की जाएगी। जी नॉर्थ के सहायक नगर आयुक्त विनायक विस्पुते ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की।
मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले, शिवसेना (यूबीटी) ने आगामी दशहरा रैली की ज़ोरदार तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इस बात के प्रबल संकेत हैं कि ठाकरे बंधु (मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे) निकाय चुनावों के लिए एकजुट हो सकते हैं, जिससे शिवसैनिकों और मनसे कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ गया है। चुनावों के नज़दीक आते ही, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उद्धव ठाकरे रैली में क्या कहते हैं।
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