राजनीति
महिला कांग्रेस का राजभवन मार्च : 33 फीसद महिला आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन

पटना, 29 मार्च। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर महिला कांग्रेस की सदस्यों ने शनिवार को राजभवन की ओर मार्च निकाला। यह मार्च महिलाओं के अधिकारों और राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ाने की मांग को लेकर आयोजित किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता शामिल हुईं और नारे लगाते हुए अपनी मांगों को बुलंद किया।
हालांकि, जैसे ही प्रदर्शनकारी राजभवन के पास पहुंचे, पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर मार्च को रोकने की कोशिश की, इसके बाद कुछ देर तक वहां तनाव की स्थिति बनी रही। महिला कांग्रेस की सदस्यों ने पुलिस के इस कदम का विरोध किया और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की बात दोहराई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि महिलाओं को उनका हक मिलना चाहिए और इसके लिए आरक्षण जरूरी है।
वहीं बिहार कांग्रेस की पूर्व सचिव रीता सिंह ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि महिलाएं, जो देश की आधी आबादी हैं, उन्हें उनका पूरा हक मिलना चाहिए।
रीता सिंह ने कहा, “सिर्फ वादे करने से काम नहीं चलेगा। सरकार को 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करना चाहिए। केंद्र और बिहार में आपकी सरकार है, फिर इसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है?”
उन्होंने बिहार में महिलाओं की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए हाल के अपराधों का उदाहरण दिया।
रीता सिंह ने कहा, ” कहीं महिलाओं को मारकर उनके पैर में कील ठोक दी गईं। इतने शर्मनाक मामले हो रहे हैं, फिर भी सरकार कहती है कि महिलाएं सुरक्षित हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार महिलाओं को आरक्षण देने की बात करती है, तो इसे लागू करने में क्या रुकावट है।
रीता सिंह ने सरकार के पुराने वादों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “युवाओं को नौकरी, लोगों के खाते में 15 लाख रुपये देने जैसे वादे किए गए, लेकिन कुछ भी पूरा नहीं हुआ। अब महिलाओं के साथ भी वही ठगी हो रही है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि महिलाएं अब अपने हक के लिए लड़ेंगी और इसे लेकर रहेंगी। रीता सिंह ने राजीव गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने पंचायत में आरक्षण लागू किया था, लेकिन मौजूदा सरकार सिर्फ बातें कर रही है। उन्होंने कहा, “महिलाएं मूर्ख नहीं हैं, वे अपना अधिकार लेना जानती हैं।”
राजनीति
रविशंकर प्रसाद ने सदन में कांग्रेस को याद दिलाया ‘इतिहास’, बोले ‘तब शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का पलटा था फैसला’

नई दिल्ली, 2 अप्रैल। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान शाहबानो केस का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “वक्फ की प्रॉपर्टी पर कितने स्कूल खुले, कितने अनाथालय बने, कितने सिलाई केंद्र बने, यह सवाल है। आज वक्फ की प्रॉपर्टी की फंडिंग बढ़ाने और उनके समाज को आगे बढ़ाने के लिए कुछ हो रहा है तो विपक्ष को इससे क्या परेशानी है। दिल से तो कह रहे हैं कि सुधार हो, लेकिन राजनीतिक इच्छा इन्हें रोकती है।”
उन्होंने कहा, “शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि शाहबानो को मुआवजा दिया जाए, तो हल्ला मचा, तब राजीव गांधी पीएम थे। बहुमत था। आरिफ मोहम्मद खान सरकार में मंत्री थे। दो दिन ऐतिहासिक भाषण हुआ। राजीव गांधी ने उन्हें बुलाया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने के लिए कानून ला रहे हैं। तीन तलाक पर फैसला आया। 2 साल तक इनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब नहीं फाइल किया, ताकि फैसला अटका रहे। राजीव गांधी को 400 सीट मिली और शाहबानो में वे झुक गए। उसके बाद आज तक कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला। देश की हवा कहां चल रही है, आप समझिए। पीएम मोदी को एक बार बहुमत मिला, दूसरी बार बहुमत मिला। तीसरी बार लोगों ने जिता दिया, दिल्ली भी जिता दिया और अब बिहार भी जीतेंगे।”
उन्होंने कहा, “आज मैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बारे में बात करना चाहता हूं। जब सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मामले की सुनवाई चल रही थी, तो बोर्ड ने कोर्ट से कहा था कि, ‘आप फैसला मत दीजिए, हम एक निकाहनामा बनाकर पूरे देश में प्रसारित करेंगे, जिसमें लिखा होगा कि निकाह करते समय एक शर्त यह भी रखी जाएगी कि तीन तलाक न हो।’ याद कीजिए, जब कानून पास हुआ था, तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक कानून के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा किया था।”
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “मैं विपक्ष की बात सुन रहा था, वह कह रहे थे कि वक्फ बिल में संशोधन होना चाहिए, लेकिन नहीं भी होना चाहिए। ये कैसे हो सकता है। आजकल एक लाल किताब चल रही है। हम संविधान की हरी किताब लेकर आए हैं। संविधान में लिखा है कि महिलाओं के विकास के लिए कानून बनाया जा सकता है। संविधान की दुहाई का जवाब मैं संविधान से ही दे रहा हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “महिलाओं के लिए संशोधन किया जा रहा है तो यह बिल असंवैधानिक कैसे है? मैं बिहार से आता हूं, वहां बहुत सारे पिछड़े मुसलमान हैं। यूपी में भी हैं। उन्हें वक्फ मैनेजमेंट में मौका नहीं मिलता। इस बिल में इसका जिक्र है कि वक्फ में पिछड़े मुसलमानों को जगह दी जाएगी तो इन्हें परेशानी क्यों है?”
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का काम किया। चुनाव हुआ तो एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई। जहां पाकिस्तान के झंडे लहराते थे, वहां तिरंगा लहरा रहा है। भारत माता की जय बोला जा रहा है। वोट बैंक की राजनीति के लिए यह देश किस हद तक गिर सकता है? नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जानबूझकर जो बवाल मचाया गया था, उसे याद कीजिए। विदेशों में उत्पीड़न का सामना करने वाले हिंदू, सिख और ईसाइयों को भारत लाया गया। इसका भारतीय मुसलमानों पर कोई असर नहीं हुआ, फिर भी बेवजह हंगामा मचाया गया। अब एक बार फिर गुमराह करने और अशांति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। अब वोटों की सौदागरी बंद होगी क्योंकि समय बदल रहा है।
राजनीति
वक्फ बिल से मुसलमानों को फायदा, विपक्ष कर रहा गुमराह : शहाबुद्दीन रजवी

बरेली, 2 अप्रैल। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बुधवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है, बल्कि इससे उन्हें काफी लाभ होगा। उन्होंने दावा किया कि कुछ राजनीतिक समूह विधेयक के बारे में अनावश्यक भय फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
रजवी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक बिना किसी व्यवधान के पारित हो जाएगा। विपक्ष निश्चित रूप से हंगामा करेगा क्योंकि वह वोट बैंक की राजनीति करना चाहता है, इसलिए वह अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए निश्चित रूप से हंगामा करेगा।”
इस बिल से मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचने की आशंकाओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “वक्फ (संशोधन) विधेयक से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और राजनीतिक समूहों से जुड़े अन्य लोग मुसलमानों को डरा रहे हैं, उन्हें गुमराह कर रहे हैं, अफवाहें फैला रहे हैं और गलतफहमियां पैदा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हालांकि, मैं मुसलमानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न तो उनकी मस्जिदें और न ही ईदगाह, दरगाह या कब्रिस्तान छीने जाएंगे। यह केवल और केवल एक अफवाह है।”
बिल के फायदों पर प्रकाश डालते हुए रजवी ने कहा, “संशोधन लागू होने के बाद होने वाली आय गरीब, कमजोर, असहाय, धर्मपरायण और विधवा मुसलमानों पर खर्च की जाएगी। इससे उनकी तरक्की और विकास होगा। शिक्षा के क्षेत्र में काम किया जाएगा और इससे होने वाली आय से स्कूल, कॉलेज, मदरसे और मस्जिद खोले जाएंगे और उनका रखरखाव किया जाएगा।”
विधेयक के उद्देश्य के बारे में विस्तार से कहा, “हमारे बुजुर्गों की कल्पना के अनुसार वक्फ का उद्देश्य यह था कि इससे होने वाली आय को जनकल्याण कार्यों में लगाया जाए। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण ऐसा नहीं हो सका।”
उन्होंने कहा, “अब यह नया विधेयक भ्रष्टाचार को रोकेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि पैसा वैध उद्देश्यों पर खर्च हो। यह मुसलमानों की तरक्की के लिए है, जिन्हें इससे लाभ होगा। निजी लाभ के लिए करोड़ों रुपये की वक्फ बोर्ड की जमीनों की अवैध बिक्री पर रोक लगेगी और आय का उपयोग सही उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।”
विधेयक के पारित होने की आशा व्यक्त करते हुए, रजवी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह विधेयक संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो जाएगा और यह मुसलमानों के हित में साबित होगा, तथा लोगों के कल्याण के लिए एक मील का पत्थर बनेगा।”
रजवी ने इससे पहले भी कई मुस्लिम समूहों और राजनीतिक दलों पर इस बिल के बारे में समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने एआईएमपीएलबी पर अपने मूल उद्देश्य से भटकने और राजनीतिक एजेंडों से प्रभावित होने का भी आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र
मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक टोल की दरें 1 अप्रैल से 18% तक बढ़ जाएंगी

मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम ने 1 अप्रैल से मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक के लिए टोल शुल्क में 18% की वृद्धि की घोषणा की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टोल दरों में यह वृद्धि केवल एकतरफा यात्रा तक ही सीमित है।
बढ़ी हुई दरों के लागू होने के बाद, सोमवार से कारों और जीपों को मौजूदा 85 रुपये से बढ़कर 100 रुपये देने होंगे।
दूसरी ओर, मिनीबस, टेम्पो और इसी तरह के वाहनों को 160 रुपये देने होंगे। पहले, इन वाहनों को 130 रुपये देने पड़ते थे।
दो-धुरी वाले ट्रकों को वर्तमान में 175 रुपये देने पड़ते हैं, लेकिन कल से उन्हें एकतरफा यात्रा के लिए 210 रुपये देने पड़ेंगे।
पुरानी दरें अप्रैल 2021 में लागू की गई थीं। नई दरें तीन वर्षों के लिए – 1 अप्रैल से 31 मार्च, 2027 तक – प्रभावी रहेंगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसआरडीसी अधिकारियों ने मोटर चालकों के लिए 10% और 50 और 100 टोल कूपन वाली पुस्तिकाओं की खरीद पर 20% की छूट की घोषणा की है।
बांद्रा-वर्ली सी लिंक को 2009 में जनता के लिए खोला गया था। केबल-स्टेड ब्रिज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। यह मुंबई के वर्ली और बांद्रा को जोड़ता है, जिससे यात्रियों के लिए दादर, माहिम, प्रभादेवी और वर्ली इलाकों में भीड़भाड़ से बचना आसान हो जाता है।
यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई कोस्टल रोड का उद्घाटन किया। 9.6 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड कॉरिडोर वर्ली को मरीन ड्राइव से भी जोड़ता है।
कोस्टल रोड का निर्माण बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा किया गया है।
इसमें मौजूदा बांद्रा वर्ली सी लिंक के माध्यम से दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव क्षेत्र को पश्चिमी उपनगर कांदिवली से जोड़ने का प्रस्ताव है और इससे मुंबई के उत्तर की ओर जाने वाले यातायात में आसानी होने की उम्मीद है।
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