राष्ट्रीय समाचार
90 लाख करदाताओं ने फाइल किया अपडेटेड आईटीआर, सरकार को मिला 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व

नई दिल्ली, 25 मार्च। हाल ही में संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 90 लाख से अधिक अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जिससे सरकार को 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। यह सरकार द्वारा शुरू की गई वॉलंटरी कंप्लायंस स्कीम (वीसीएस) की सफलता को दर्शाता है।
सरकार ने 2022 में स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत अतिरिक्त आयकर का भुगतान करदाताओं के लिए किसी स्पेसिफिक असेसमेंट ईयर से दो साल तक अपडेटेड आईटीआर (आईटीआर-यू) फाइल करने का विकल्प पेश किया था।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि कुल मिलाकर, असेस्मेंट ईयर 2021-22 से असेसमेंट ईयर 2024-25 के बीच 9.176 मिलियन से अधिक आईटीआर-यू फाइल किए गए, जिससे सरकार को 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर प्राप्त हुआ।
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि करंट असेसमेंट ईयर (2024-25) में 28 फरवरी तक करीब 464,000 अपडेटेड आईटीआर दाखिल किए गए हैं और 431.20 करोड़ रुपये का कर चुकाया गया है।
सरकार ने फाइनेंस बिल, 2025 के जरिए अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को संबंधित असेसमेंट ईयर से चार साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। योजना की सफलता को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
असेसमेंट ईयर 2023-24 में 2.979 मिलियन से अधिक आईटीआर-यू दाखिल किए गए और 2,947 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर चुकाए गए।
असेसमेंट ईयर 2022-23 और वित्त वर्ष 2021-22 में क्रमशः 4.007 मिलियन और 1.724 मिलियन अपडेटेड आईटीआर दाखिल किए गए और अतिरिक्त 3,940 करोड़ रुपये और 1,799.76 करोड़ रुपये कर चुकाए गए।
एक दूसरे सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ‘कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (व्यक्ति से व्यापारी – पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दे दी है। यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और छोटे व्यापारियों को यूपीआई अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप उठाए गए हैं।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना वित्तीय समावेशन के लिए सरकार की रणनीति का एक अभिन्न अंग है।
ग्राहकों/व्यापारियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल भुगतान उद्योग द्वारा किए गए व्यय को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के जरिए वसूला जाता है।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट एक शुल्क है जिसे व्यापारियों और अन्य व्यवसायों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी को देना होगा।
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि एमडीआर आमतौर पर लेनदेन राशि के प्रतिशत के रूप में आता है।
आरबीआई के अनुसार, डेबिट कार्ड के लिए सभी कार्ड नेटवर्क पर लेनदेन मूल्य का 0.90 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू है।
एनपीसीआई के अनुसार, यूपीआई पी2एम (पर्सन टू मर्चेंट) लेनदेन के लिए 0.30 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू है।
उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2020 से रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन के लिए एमडीआर शून्य कर दिया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
वाराणसी में हनुमान चालीसा पाठ बजाने पर विवाद, पुजारी को धमकाने का आरोप, हिंदू संगठनों ने जताया विरोध

वाराणसी, 4 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंदिर के पुजारी को धमकाने का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। विवाद उस समय उत्पन्न हुआ, जब मंदिर में स्पीकर पर हनुमान चालीसा पाठ बजाया जा रहा था। इस घटना के कारण हिंदू संगठन से जुड़े लोगों में भारी गुस्सा है। उन्होंने विरोध करते हुए मौके पर जाकर फिर से हनुमान चालीसा पाठ किया।
जानकारी सामने आई कि वाराणसी के मदनपुर क्षेत्र में स्थित एक हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ बजाया जा रहा था। आरोप है कि हनुमान चालीसा पाठ पर विशेष समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को पुजारी के साथ बहस करते हुए देखा गया। इसके बाद वहां अन्य लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
मंदिर के पुजारी ने विशेष समुदाय के लोगों पर धमकी दिए जाने का भी आरोप लगाया है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले पर संज्ञान लिया और आरोपी शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। दशाश्वमेध के एसीपी शुभम कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की।
हालांकि, इस घटना के बाद हिंदू संगठन भड़के हुए हैं। हिंदू संगठन हनुमान सेना ने घटना के विरोध में मंदिर के नजदीक जांगमबाड़ी मठ पर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
संगठन के लोगों का कहना है कि मंदिर में मोबाइल पर सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ बजाया जाता है, लेकिन दूसरे समुदाय के लोग काशी में दिन में 5 बार नमाज पढ़ते हैं, जिससे पूरी काशी परेशान है।
उन्होंने कहा, “मस्जिदों पर लाउडस्पीकर हटवाने के लिए संगठन की तरफ से कई बार प्रयास किए गए। प्रशासन ने भी कई बार कोशिश की है। विरोध के समय लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी जाती है, लेकिन बाद में वे लोग फिर से तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर नमाज पढ़ते हैं। सुबह 4 बजे ये लोग तेज स्पीकर में लाउडस्पीकर पर अजान करते हैं।”
हिंदू संगठन के लोगों ने चेतावनी दी कि अगर काशी में हनुमान चालीसा नहीं बजाई जाएगी तो मस्जिदों में नमाज भी नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हनुमान जी की शपथ लेते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी भी मस्जिद पर अजान नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए रासुका लगे या हमारा एनकाउंटर हो जाए।”
इसी बीच, संगठन के लोगों ने मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई पर संतुष्टि जताई। इसके साथ ही, उन्होंने फिर से चेतावनी दी कि अगर दोबारा काशी में इस तरह की हरकत हुई तो वे चुप नहीं बैठेंगे।
राजनीति
वायनाड भूस्खलन: प्रभावितों की मदद के लिए प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से मांगे 2,221 करोड़ रुपए

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड जिले में 2024 में आई भूस्खलन को लेकर केंद्र सरकार से राहत राशि कम दिए जाने पर विरोध जताया है। उन्होंने इस मुद्दे को राजनीति से ऊपर उठकर मानवता के दृष्टिकोण से देखने की बात कही है।
प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा कि वायनाड के लोगों ने भूस्खलन में अपने घर, जीवनयापन के साधन और अपने प्रियजनों को खो दिया है। इस त्रासदी से उबरने के लिए केरल सरकार ने 2,221 करोड़ रुपए की मदद मांगी थी ताकि प्रभावित लोगों की जिंदगी फिर से शुरू हो सके, लेकिन केंद्र सरकार ने मात्र 260 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की, जो कि मांग की गई राशि का बहुत छोटा हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि वायनाड के लोग प्रधानमंत्री के यहां आने के बाद मदद की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। प्रियंका गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास का काम राजनीति से ऊपर होना चाहिए। मानव पीड़ा को राजनीतिक अवसर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
प्रियंका ने आगे कहा कि वायनाड के लोग न्याय, समर्थन और सम्मान के हकदार हैं। ऐसे समय में जब वे अपने जीवन को दोबारा संवारने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें पूरा सहयोग मिलना चाहिए न कि उपेक्षा।
केरल के वायनाड में आए भूस्खलन ने हजारों लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था। घर तबाह हो गए थे, खेती-बाड़ी प्रभावित हुई थी और कई लोगों की मौत हो गई थी। इस आपदा ने स्थानीय जनता की हालत बेहद दयनीय कर दी थी।
कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से मंजूर की गई 260 करोड़ रुपए की राशि वायनाड के लिए पर्याप्त नहीं है। प्रियंका गांधी ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से पुनः विचार करने और उचित राहत राशि मंजूर करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के संकट के समय में मानवता की जीत होनी चाहिए न कि राजनीति की। प्रियंका गांधी ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट के अंत में लिखा, “राहत और पुनर्वास को राजनीति से ऊपर उठना होगा। मानवीय पीड़ा को राजनीतिक अवसर नहीं माना जा सकता।”
राजनीति
महाराष्ट्र का डिजिटल सुधार की ओर बड़ा कदम, ई-बॉन्ड और स्टांपिंग की मिलेगी सुविधा

मुंबई, 3 अक्टूबर: महाराष्ट्र ने डिजिटल सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को घोषणा की है कि महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड, ई-स्टाम्पिंग, ई-हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू हो रही है।
महाराष्ट्र इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड, ई-स्टाम्पिंग, ई-हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा को लागू करने वाला देश का 17वां राज्य बन गया है। इस नई प्रणाली के तहत लगभग 50 हजार दस्तावेजों के लिए अब ई-बॉन्ड की सुविधा उपलब्ध होगी। यह प्रणाली राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड (एनईएसएल) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के तकनीकी सहयोग से विकसित की गई है।
चंद्रशेखर बावनकु ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया, “महाराष्ट्र सरकार ने बहुत महत्वपूर्ण फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में प्रदेश में ई-बॉन्ड की सुविधा दी गई है। इस डिजिटल पहल से आयातकों और निर्यातकों के लिए सीमा शुल्क प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सरल हो जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता बढ़ेगी और राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी। यह कदम महाराष्ट्र को डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में और मजबूत बनाएगा।”
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अपनी विदेशी यात्रा के दौरान कोलंबिया में भारत के लोकतंत्र पर खतरे की बात कहने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। चंद्रशेखर बावनकुले ने राहुल गांधी के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी विदेश में जाकर कितना भी बोलें, देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है।”
बावनकुले ने आरोप लगाया, “राहुल गांधी देश में अपनी छवि नहीं बना पाए हैं और विदेशी धरती पर जाकर भारत की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। राहुल गांधी का बार-बार देश का अपमान करना जनता को स्वीकार्य नहीं है और देश की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर राहुल गांधी को भारत पसंद नहीं है, तो वे इटली जाकर अपना काम करें।”
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