राष्ट्रीय समाचार
आप्रवास विधेयक में विदेशियों के लिए होंगे नए नियम, चार पुराने कानूनों की लेगा जगह

नई दिल्ली, 13 मार्च। आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025 बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया। यह विधेयक विदेशियों और आप्रवासन से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने के लिए एक व्यापक विधान है। इसका उद्देश्य देश में प्रवेश, निवास और यात्रा से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाना है। कानून बन जाने के बाद यह वर्तमान में लागू चार अधिनियमों की जगह लेगा।
यह विधेयक विदेशियों और आप्रवासन से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने के लिए एक व्यापक विधान है। विदेशियों और इमिग्रेशन से संबंधित मामलों को वर्तमान में चार कानूनों – पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939, विदेशी अधिनियम, 1946 और आप्रवास (वाहकों का दायित्व) अधिनियम, 2000 – के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। नया कानून आने के बाद इन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव है। साथ ही इसमें वर्तमान समय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ नए प्रावधान भी हैं। यह विधेयक कानूनों के सरलीकरण, व्यापार करने में आसानी और अनुपालन भार को कम करने की भारत सरकार की नीति के अनुरूप है।
इसमें होटलों, विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि द्वारा विदेशियों के बारे में सूचना की अनिवार्य रिपोर्टिंग शामिल है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों को ट्रैक किया जा सके। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के अनुसार यात्रियों के बारे में सूचना साझा करने को लेकर कैरियर्स के दायित्व और अनुपालन भार को आसान बनाने के लिए कुछ अपराधों की कंपाउंडिंग भी इसमें शामिल है।
विधेयक में सरल भाषा से प्रावधानों को सुचारू तरीके से प्रशासित करने में मदद मिलेगी और विदेशियों द्वारा इमिग्रेशन कानूनों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होगा। यह अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने और निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों की आवाजाही की ट्रैकिंग में मदद करेगा।
नए विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता और विदेशियों के आप्रवास से संबंधित मुद्दों का समाधान और देश में आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ संतुलन है। हालांकि यह विधेयक नागरिकता प्रदान करने से संबंधित किसी भी मामले से नहीं जुड़ा है।
विधेयक में वीजा से संबंधित प्रावधानों का भी विस्तार किया गया है। वीजा और संबंधित मामलों का समग्र पर्यवेक्षण, निर्देश और नियंत्रण केंद्र सरकार के तहत होगा। इसके माध्यम से देश में पेशेवरों, कुशल कार्यबल, व्यवसायियों, छात्रों, विदेशी पर्यटकों और चिकित्सा उपचार के लिए आने वाले विदेशियों की आंतरिक आवाजाही को सुगम बनाया जाएगा।
विधेयक में पर्यटन वीजा, व्यावसायिक वीजा, चिकित्सा वीजा आदि के लिए भारतीय वीजा व्यवस्था को अधिक सुव्यवस्थित और उदार बनाने का प्रयास किया गया है। इसके माध्यम से वैध विदेशी यात्रियों के लिए देश में प्रवेश, निवास और बाहर निकलने की प्रक्रिया को सरल और बिना परेशानी के बनाया जाएगा। इससे पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
पर्यावरण
एनसीआर में बढ़ती गर्मी के बीच फिर बदलेगा मौसम का मिजाज

नोएडा, 13 मार्च। एनसीआर में मौसम लगातार बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कभी तेज धूप और गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं, तो कभी सुबह और शाम की ठंडी हवाएं राहत दे रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है, लेकिन इससे पहले गर्मी का असर भी महसूस किया जाएगा।
13 मार्च को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 13 से 15 मार्च के बीच बारिश की प्रबल संभावना बनी हुई है। होली के दिन भी एनसीआर में बूंदाबांदी हो सकती है, जिससे मौसम ठंडा हो जाएगा।
मौसम के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 मार्च को आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री, न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रहने की संभावना है। 14 मार्च (होली) के दिन बादलों की आवाजाही के साथ बारिश हो सकती है। तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहेगा।
15 मार्च को हल्की बारिश के साथ बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री रहने का अनुमान है। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव और बढ़ते तापमान के कारण लोग बीमार भी हो रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ में हो रही गड़बड़ी के चलते एनसीआर में मौसम का मिजाज बदल रहा है। दिन में तेज धूप और गर्मी के बावजूद सुबह और शाम ठंडक का अहसास हो रहा है।
आगामी बारिश के बाद नमी बढ़ेगी और सुबह-शाम ठंड और अधिक महसूस हो सकती है। लगातार बदलते इस मौसम के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों को वायरल बुखार के साथ-साथ गले में इन्फेक्शन होने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं।
राजनीति
केंद्र ने लॉन्च की नई स्कीम, स्टील सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली, 13 मार्च। स्टील रिसर्च टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडिया (एसआरटीएमआई) ने विज्ञान भवन में आयोजित ‘भारतीय इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का उत्प्रेरण’ कार्यक्रम में तीन नई रिसर्च और डेवलपमेंट स्कीम और एक वेब पोर्टल लॉन्च किया।
इस कार्यक्रम में सेल सहित प्रमुख स्टील कंपनियां, देश के टॉप शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास और आईएसएम धनबाद तथा रिसर्च स्टार्टअप शामिल हुए।
कार्यक्रम में स्वीडिश एनर्जी एजेंसी और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया।
इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजनाओं और एसआरटीएमआई वेब पोर्टल को लॉन्च किया और इस्पात क्षेत्र में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई आरएंडडी पहल और स्टीलकोलैब भारत के 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील कैपेसिटी की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
एसआरटीएमआई द्वारा शुरू की गई तीन योजनाओं में चैलेंज मेथड – राष्ट्रीय हित की महत्वपूर्ण उद्योग-व्यापी चुनौतियों की पहचान करना और उनका समाधान करना, ओपन इनोवेशन मेथड – उद्योग के सहयोग से शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से ओपन रिसर्च प्रस्तावों का समर्थन करना और स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर – कटिंग एज स्टील टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए शुरुआती चरण के स्टार्टअप का समर्थन करना शामिल है।
स्टीलकोलैब प्लेटफॉर्म एक मैचमेकिंग हब के रूप में काम करेगा, जो उद्योग जगत के नेताओं, शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और शिक्षाविदों को डीकार्बोनाइजेशन, डिजिटलीकरण और एडवांस्ड स्टील डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए जोड़ेगा।
इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने ग्लोबल स्टील डिमांड हब के रूप में भारत के उभरने पर प्रकाश डाला, उन्होंने अनुमान लगाया कि 2030 से पहले प्रति व्यक्ति खपत 100 किलोग्राम से बढ़कर 158 किलोग्राम हो जाएगी।
सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने भारत की ग्लोबल स्टील प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने भारत की 11 प्रतिशत स्टील मांग वृद्धि का जिक्र किया – जो वैश्विक औसत 0.5 प्रतिशत से काफी अधिक है और जॉइंट रिसर्च को बढ़ावा देने में रिसर्च और डेवलपमेंट योजनाओं के महत्व को रेखांकित किया।
“उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा” विषय पर एक पैनल चर्चा में पायलट टेस्टिंग सुविधाओं, उद्योग से जुड़े यूनिवर्सिटी प्रोग्राम, ग्रीन स्टील और डीकार्बोनाइजेशन पर केंद्रित रिसर्च प्राथमिकताओं की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
राष्ट्रीय समाचार
फिटजी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

नई दिल्ली, 13 मार्च। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कोचिंग संस्थान फिटजी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार सेंटर से जुड़ी 190 शिकायतों के बाद की गई है। फिटजी का प्रीत विहार सेंटर जनवरी में अचानक बंद कर दिया गया था, जिसके बाद छात्रों और उनके अभिभावकों ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी।
पुलिस ने फिटजी के निदेशक और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), आपराधिक विश्वासघात (धारा 406) और आपराधिक साजिश (धारा 120B) के तहत मामला दर्ज किया है।
पहले इस मामले में फरवरी तक 35 शिकायतें दर्ज की गई थीं। लेकिन, अब यह संख्या बढ़कर 190 हो गई है। इन शिकायतों को पहले पूर्वी दिल्ली पुलिस के पास दर्ज कराया गया था, लेकिन बड़ी रकम के लेन-देन और मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया।
पुलिस के अनुसार, मामले की जांच एक डीसीपी-स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में की जा रही है। जल्द ही फिटजी के निदेशक और अन्य संबंधित लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस घटना के बाद फिटजी के खिलाफ गाज़ियाबाद, नोएडा और भोपाल में भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं।
इससे पहले 10 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के थाना नॉलेज पार्क पुलिस और साइबर क्राइम टीम ग्रेटर नोएडा ने फिटजी कोचिंग संस्थान के 12 बैंक खातों में जमा लगभग 11 करोड़ 11 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया था। यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशानुसार और पुलिस उपायुक्त व अपर पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा की निगरानी में की गई थी।
फिटजी कोचिंग संस्थान के खिलाफ थाना नॉलेज पार्क में दर्ज मुकदमे की जांच के दौरान फिटजी के संस्थापक दिनेश गोयल के पैन कार्ड से संबंधित विभिन्न राज्यों में निजी बैंकों के लगभग 172 करंट अकाउंट और 12 सेविंग अकाउंट की जानकारी मिली थी। बैंक ने अब तक 12 बैंक खातों की जानकारी पुलिस के साथ साझा की है, जिनमें कुल 11,11,12,987 रुपये जमा पाए गए थे। इन 12 खातों में जमा धनराशि को थाना नॉलेज पार्क और साइबर क्राइम टीम ग्रेटर नोएडा पुलिस ने फ्रीज कर दिया था।
गाजियाबाद, मेरठ के बाद नोएडा के सेक्टर-62 स्थित फिटजी इंस्टीट्यूट भी बंद हो गया था। पैरेंट्स जब सेंटर पर पहुंचे तो गार्ड ने रोक लिया था। इसके बाद भी अंदर गए तो वहां स्टाफ का कोई भी नहीं मिला। पेरेंट्स की नाराजगी बढ़ती देख मौके पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया गया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
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