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Friday,02-May-2025
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देवदास से हीरामंडी तक: संजय लीला भंसाली ने कैसे गढ़ीं सबसे दमदार महिला किरदार

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संजय लीला भंसाली इंडियन सिनेमा के सबसे बेहतरीन फिल्ममेकर्स में से एक हैं, जिनकी भव्य सोच और दमदार स्टोरीटेलिंग ने इंडस्ट्री को एक अलग ऊंचाई दी है। उनकी फिल्मों की खास बात सिर्फ उनकी भव्यता नहीं, बल्कि वो किरदार हैं जो सालों तक लोगों के दिलों में बसे रहते हैं।भंसाली की फिल्मों में जो सबसे खास चीज़ है, वो है उनकी महिला किरदारों की ताकत। उनकी फिल्मों की औरतें न सिर्फ खूबसूरत और ग्रेसफुल होती हैं, बल्कि मजबूत, साहसी और प्रेरणादायक भी होती हैं। उनके संघर्ष, उनकी मजबूती, उनकी भावनाएं—हर चीज़ को भंसाली अपने अलग अंदाज में पेश करते हैं, जिससे उनके किरदार हमेशा यादगार बन जाते हैं। इस विमेंस डे पर आइए, उनकी फिल्मों की सबसे दमदार और आइकॉनिक महिला किरदारों को सलाम करते हैं, जिन्होंने बड़े पर्दे पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है!

पद्मावत में पद्मावती

संजय लीला भंसाली की पद्मावत में रानी पद्मावती सिर्फ एक रानी नहीं, बल्कि सम्मान, हिम्मत और बलिदान की जीती-जागती मिसाल हैं। उन्होंने हर चुनौती का सामना बिना झुके, बिना डरे किया और साबित कर दिया कि इज्जत किसी भी डर से बड़ी होती है। भंसाली ने उनकी कहानी को शानदार विजुअल्स और गहरी भावनाओं के साथ पेश किया, जिससे वो सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि हमेशा के लिए अमर आइकन बन गईं। उनका बलिदान अडिग हौसले की ताकत को दिखाता है, जो इतिहास में हमेशा जिंदा रहेगा।

राम लीला में लीला

राम-लीला की लीला सिर्फ एक आशिक नहीं, बल्कि जुनून और बगावत की मिसाल थी। भंसाली ने उसे बेखौफ, बिंदास और अपने उसूलों पर अडिग दिखाया—जो प्यार भी दिल खोलकर करती है और लड़ना भी जानती है। परंपराओं और दुश्मनी के बीच भी उसने अपने दिल की सुनी, प्यार और दर्द को बराबर शिद्दत से जिया। लीला बस मोहब्बत करने वाली नहीं, बल्कि दिल की जंगजू थी, जो अपनी मोहब्बत के लिए सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार थी।

बाजीराव मस्तानी में काशीबाई

बाजीराव मस्तानी में संजय लीला भंसाली ने काशीबाई को सिर्फ एक दुखी पत्नी नहीं, बल्कि मजबूत, सशक्त और गरिमा से भरी औरत के रूप में दिखाया। उनका दर्द जितना गहरा था, उनका प्यार उतना ही सच्चा।काशीबाई का किरदार बदले की नहीं, बल्कि समर्पण और आत्मसम्मान की कहानी है। वो बाजीराव से बेइंतहा प्यार करती थीं, लेकिन खुद को कभी कमजोर नहीं बनने दिया। उनकी खामोश मजबूती ने उन्हें भंसाली की सबसे यादगार और दिल छू लेने वाली किरदारों में से एक बना दिया।

गंगुबाई काठियावाड़ी में गंगुबाई

गंगूबाई काठियावाड़ी में संजय लीला भंसाली ने अपनी अब तक की सबसे मजबूत और बेखौफ हीरोइन को गढ़ा। गंगूबाई सिर्फ हालात की मारी हुई औरत नहीं थी, बल्कि जिसने दर्द को ताकत में बदला और अपने हक के लिए लड़ी। हर सीन में उसकी दमदार मौजूदगी और जलते हुए तेवर दिखते हैं—चाहे वो उसकी आग उगलती स्पीच हो या समाज से इज्जत और इंसाफ छीन लेने का जज़्बा। भंसाली की नज़र ने इस कहानी को सिर्फ प्रेरणादायक नहीं, बल्कि आइकॉनिक बना दिया। गंगूबाई हमेशा याद रखी जाएगी—हौसले, हिम्मत और बगावत की पहचान बनकर।

देवदास में चंद्रमुखी

देवदास में संजय लीला भंसाली ने चंद्रमुखी को सिर्फ एक तवायफ नहीं, बल्कि निस्वार्थ प्रेम और अदम्य गरिमा की मिसाल के रूप में पेश किया। वो चमकदार, रहमदिल और बेइंतहा वफादार थी—ऐसी जो प्यार में कुछ पाने के लिए नहीं, बल्कि बस देने के लिए जीती थी। भंसाली ने अपने भव्य विजुअल्स और दिल छू लेने वाले डांस सीक्वेंस के ज़रिए उसकी पीड़ा और गरिमा को संजोया। वो ना किसी की मंजूरी की मोहताज थी, ना किसी पहचान की, बल्कि उसका प्यार ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। इस तरह से चंद्रमुखी भंसाली की सबसे खूबसूरत और यादगार किरदारों में से एक बनी रहेगी।

देवदास में पारो

देवदास में भंसाली ने पारो को सिर्फ एक प्यार में पड़ी औरत नहीं, बल्कि प्यार और त्याग की मिसाल बनाया। वो जुदा होकर भी देवदास को दिल से कभी अलग नहीं कर पाई। भव्य सेट, शानदार कॉस्ट्यूम और गहरे इमोशन्स के साथ भंसाली ने उसकी मासूम लड़की से जिम्मेदार औरत बनने की कहानी दिखाई। हालात ने उसे दूर कर दिया, लेकिन उसका प्यार कभी कम नहीं हुआ, ये साबित करते हुए कि सच्चा प्यार साथ रहने का मोहताज नहीं होता। पारो का खामोश दर्द और अटूट मोहब्बत उसे भंसाली की सबसे यादगार हीरोइनों में से एक बना देता है।

हीरामंडी में मल्लीकाजान

हीरामंडी में संजय लीला भंसाली ने मल्लिकाजान को सिर्फ एक तवायफों की मालकिन नहीं, बल्कि हिम्मत, समझदारी और ताकत की मिसाल दिखाया। वो अपनी दुनिया की हुक्मरान थी, लेकिन उससे भी ज़्यादा, उन औरतों की हिफाज़त करने वाली जो उस पर निर्भर थीं। भंसाली ने उसे शक्तिशाली और भावुक दोनों रूपों में दिखाया—जो रुतबे से राज करती है, लेकिन अपने त्याग का दर्द भी छुपाए रखती है। शानदार सेट, दमदार कहानी और गहरे इमोशन्स के साथ मल्लिकाजान सिर्फ एक मालकिन नहीं, बल्कि एक जिंदा जंग थी, जो हालात से कभी नहीं टूटी।

हीरामंडी में बिबोजान

हीरामंडी में संजय लीला भंसाली ने बिबोजान को नर्मी, मजबूती और अधूरे अरमानों का मेल दिखाया। सत्ता के खेल में फंसी हुई, लेकिन फिर भी अपनी इज्जत और हौसले के साथ खड़ी रही। भंसाली ने उसे त्याग और छुपे हुए दर्द की निशानी बनाया—जहां प्यार एक ख्वाब था और जज़्बात एक लग्जरी। उसकी खामोशी में भी एक गहरी कहानी थी, जो उसे हीरामंडी की सबसे खास और असरदार किरदारों में से एक बनाती है।

यही दिखाता है कि संजय लीला भंसाली कैसे अपनी महिला किरदारों को जान डालकर परदे पर उतारते हैं—निडर, दमदार और यादगार। वो सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी में भी औरतों का सम्मान और समर्थन करते हैं। अपनी माँ के नाम को खुद से जोड़ना भी उनकी गहरी इज़्जत और शुक्रगुज़ारी का प्रतीक है।

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पीएम मोदी ने किया वेव्स समिट का उद्घाटन, बोले- ‘ये एक वेब है- संस्कृति की, रचनात्मकता की’

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मुंबई, 1 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में पहले विश्व ऑडियो विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज यहां मुंबई में 100 से अधिक देशों के कलाकार, निवेशक और नीति निर्माता एक साथ एक ही छत के नीचे एकत्र हुए हैं। एक तरह से आज यहां वैश्विक प्रतिभा और वैश्विक रचनात्मकता के एक ईको-सिस्टम की नींव रखी जा रही है।

पीएम मोदी ने आगे कहा- ”वर्ल्ड ऑडियो विजुअल और एंटरटेनमेंट समिट यानी वेव्स.. ये सिर्फ एक ऐक्रोनिम नहीं है। ये एक वेब है- संस्कृति की, रचनात्मकता की। वेव्स एक ऐसा वैश्विक मंच है, जो आप जैसे हर कलाकार, हर निर्माता का है। जहां हर कलाकार, हर युवा एक नई योजना के साथ रचनात्मक दुनिया के साथ जुड़ेगा। आज 1 मई है। आज से 112 साल पहले 3 मई, 1913 को भारत में पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज हुई थी, इसके निर्माता दादासाहेब फाल्के जी थे और कल ही उनकी जन्मजयंती थी। बीती एक सदी में भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के कोने-कोने में ले जाने में सफलता पाई है।”

उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा- ”आज वेव्स में इस मंच पर हमने भारतीय सिनेमा के अनेक दिग्गजों को डाक टिकट के माध्यम से याद किया है। बीते वर्षों में मैं कभी गेमिंग वर्ल्ड, कभी म्यूजिक की दुनिया के लोगों से, फिल्म मेकर्स से मिला, कभी स्क्रीन पर चमकने वाले चेहरों से मिला। इन चर्चाओं में अक्सर भारत की रचनात्मकता, सृजनात्मक क्षमता और वैश्विक सहयोग की बातें उठती थीं। लाल किले से मैंने ‘सबका प्रयास’ की बात कही है। आज मेरा ये विश्वास और पक्का हो गया है कि आप सभी का प्रयास आने वाले वर्षों में वेव्स को नई ऊंचाई देगा।”

वेव्स समिट 2025 में, पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय सिनेमा की 5 दिग्गज हस्तियों: गुरु दत्त, पी. भानुमति, राज खोसला, ऋत्विक घटक और सलिल चौधरी पर स्मारक डाक टिकट भी लॉन्च किया।

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अरिजीत सिंह के बाद श्रेया घोषाल ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सूरत में अपना कॉन्सर्ट रद्द किया

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गायिका श्रेया घोषाल ने कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर ऑल हार्ट्स टूर के तहत सूरत में होने वाले अपने कॉन्सर्ट को रद्द करने की घोषणा की है। उन्हें शनिवार, 26 अप्रैल, 2025 को शाम 7:00 बजे से रात 10:00 बजे तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में परफॉर्म करना था।

उसी के बारे में जानकारी देते हुए, गायिका ने अपनी आईजी कहानियों पर एक नोट साझा किया, “हालिया और दुखद घटनाओं के मद्देनजर, आयोजकों ने कलाकार के साथ मिलकर इस शनिवार, 26 अप्रैल को सूरत में होने वाले आगामी शो को रद्द करने का निर्णय लिया है। सभी टिकट धारकों को पूर्ण रिफंड मिलेगा, और राशि स्वचालित रूप से आपके भुगतान के मूल तरीके में वापस कर दी जाएगी। किसी भी प्रश्न के लिए events@district.in पर लिखें। आपकी समझ के लिए धन्यवाद।”

गुरुवार को अरिजीत सिंह ने भी पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चेन्नई में 27 अप्रैल को वाईएमसीए ग्राउंड, नंदनम में होने वाला अपना आगामी कॉन्सर्ट रद्द कर दिया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल के स्टोरीज सेक्शन के जरिए आयोजकों की ओर से एक नोट शेयर किया, जिसमें प्रशंसकों को कॉन्सर्ट रद्द होने की जानकारी दी गई।

22 अप्रैल को भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर क्षेत्र की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में लगभग 26 लोगों की जान चली गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलेगी। इसके अलावा, हमले के बाद अपनी पहली सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय लोगों को भरोसा दिलाया कि न्याय शीघ्र और बिना किसी समझौते के होगा।

उन्होंने कहा, “आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा। न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पूरा देश इस संकल्प में एक है। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ है। मैं विभिन्न देशों के लोगों और उनके नेताओं का धन्यवाद करता हूं जो हमारे साथ खड़े हैं।”

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कुणाल कामरा को कोर्ट से राहत, नहीं होगी गिरफ्तारी

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मुंबई, 25 अप्रैल। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम लिए बगैर उन पर की गई टिप्पणी मामले में स्टैंड-अप कमीडियन कुणाल कामरा को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने कामरा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को आदेश दिया कि उनके ‘गद्दार’ कमेंट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले में गिरफ्तार न किया जाए।

इसके साथ ही कोर्ट से मुंबई पुलिस को चेन्नई में कुणाल कामरा से पूछताछ की अनुमति भी मिली है। अब मुंबई पुलिस चेन्नई जाकर स्थानीय पुलिस की मदद से कामरा का बयान दर्ज करेगी।

जस्टिस सारंग कोतवाल और एसएम मोदक की बेंच ने ये आदेश सुनाया है। बेंच ने कहा कि खार में दर्ज मामले में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। मामले की जांच जारी रह सकती है। जांच एजेंसी कामरा का बयान चेन्नई में स्थानीय पुलिस की सहायता से पूरी कर सकती है।

इससे पहले 8 अप्रैल को कामरा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई की थी। हाई कोर्ट ने कुणाल को 16 अप्रैल तक संरक्षण प्रदान किया और सभी सरकारी पक्ष से नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था।

कामरा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार के मौलिक अधिकार के आधार पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।

बता दें, मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में कुणाल कामरा के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं। इन तीनों मामलों में महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से जीरो एफआईआर के तहत शिकायतें मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर की गई हैं। यह एफआईआर बुलढाना, नासिक और ठाणे जिलों से दर्ज की गई थीं और अब इनकी जांच मुंबई के खार पुलिस स्टेशन द्वारा की जा रही है।

मुंबई पुलिस के अनुसार कामरा पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस संबंध में कुणाल कामरा को तीन बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वह पुलिस स्टेशन में उपस्थित नहीं हुए। खार पुलिस हैबिटेट स्टूडियो से जुड़े कई लोगों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर चुकी है। मामले से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ जारी है।

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