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Wednesday,12-November-2025
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देवदास से हीरामंडी तक: संजय लीला भंसाली ने कैसे गढ़ीं सबसे दमदार महिला किरदार

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संजय लीला भंसाली इंडियन सिनेमा के सबसे बेहतरीन फिल्ममेकर्स में से एक हैं, जिनकी भव्य सोच और दमदार स्टोरीटेलिंग ने इंडस्ट्री को एक अलग ऊंचाई दी है। उनकी फिल्मों की खास बात सिर्फ उनकी भव्यता नहीं, बल्कि वो किरदार हैं जो सालों तक लोगों के दिलों में बसे रहते हैं।भंसाली की फिल्मों में जो सबसे खास चीज़ है, वो है उनकी महिला किरदारों की ताकत। उनकी फिल्मों की औरतें न सिर्फ खूबसूरत और ग्रेसफुल होती हैं, बल्कि मजबूत, साहसी और प्रेरणादायक भी होती हैं। उनके संघर्ष, उनकी मजबूती, उनकी भावनाएं—हर चीज़ को भंसाली अपने अलग अंदाज में पेश करते हैं, जिससे उनके किरदार हमेशा यादगार बन जाते हैं। इस विमेंस डे पर आइए, उनकी फिल्मों की सबसे दमदार और आइकॉनिक महिला किरदारों को सलाम करते हैं, जिन्होंने बड़े पर्दे पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है!

पद्मावत में पद्मावती

संजय लीला भंसाली की पद्मावत में रानी पद्मावती सिर्फ एक रानी नहीं, बल्कि सम्मान, हिम्मत और बलिदान की जीती-जागती मिसाल हैं। उन्होंने हर चुनौती का सामना बिना झुके, बिना डरे किया और साबित कर दिया कि इज्जत किसी भी डर से बड़ी होती है। भंसाली ने उनकी कहानी को शानदार विजुअल्स और गहरी भावनाओं के साथ पेश किया, जिससे वो सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि हमेशा के लिए अमर आइकन बन गईं। उनका बलिदान अडिग हौसले की ताकत को दिखाता है, जो इतिहास में हमेशा जिंदा रहेगा।

राम लीला में लीला

राम-लीला की लीला सिर्फ एक आशिक नहीं, बल्कि जुनून और बगावत की मिसाल थी। भंसाली ने उसे बेखौफ, बिंदास और अपने उसूलों पर अडिग दिखाया—जो प्यार भी दिल खोलकर करती है और लड़ना भी जानती है। परंपराओं और दुश्मनी के बीच भी उसने अपने दिल की सुनी, प्यार और दर्द को बराबर शिद्दत से जिया। लीला बस मोहब्बत करने वाली नहीं, बल्कि दिल की जंगजू थी, जो अपनी मोहब्बत के लिए सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार थी।

बाजीराव मस्तानी में काशीबाई

बाजीराव मस्तानी में संजय लीला भंसाली ने काशीबाई को सिर्फ एक दुखी पत्नी नहीं, बल्कि मजबूत, सशक्त और गरिमा से भरी औरत के रूप में दिखाया। उनका दर्द जितना गहरा था, उनका प्यार उतना ही सच्चा।काशीबाई का किरदार बदले की नहीं, बल्कि समर्पण और आत्मसम्मान की कहानी है। वो बाजीराव से बेइंतहा प्यार करती थीं, लेकिन खुद को कभी कमजोर नहीं बनने दिया। उनकी खामोश मजबूती ने उन्हें भंसाली की सबसे यादगार और दिल छू लेने वाली किरदारों में से एक बना दिया।

गंगुबाई काठियावाड़ी में गंगुबाई

गंगूबाई काठियावाड़ी में संजय लीला भंसाली ने अपनी अब तक की सबसे मजबूत और बेखौफ हीरोइन को गढ़ा। गंगूबाई सिर्फ हालात की मारी हुई औरत नहीं थी, बल्कि जिसने दर्द को ताकत में बदला और अपने हक के लिए लड़ी। हर सीन में उसकी दमदार मौजूदगी और जलते हुए तेवर दिखते हैं—चाहे वो उसकी आग उगलती स्पीच हो या समाज से इज्जत और इंसाफ छीन लेने का जज़्बा। भंसाली की नज़र ने इस कहानी को सिर्फ प्रेरणादायक नहीं, बल्कि आइकॉनिक बना दिया। गंगूबाई हमेशा याद रखी जाएगी—हौसले, हिम्मत और बगावत की पहचान बनकर।

देवदास में चंद्रमुखी

देवदास में संजय लीला भंसाली ने चंद्रमुखी को सिर्फ एक तवायफ नहीं, बल्कि निस्वार्थ प्रेम और अदम्य गरिमा की मिसाल के रूप में पेश किया। वो चमकदार, रहमदिल और बेइंतहा वफादार थी—ऐसी जो प्यार में कुछ पाने के लिए नहीं, बल्कि बस देने के लिए जीती थी। भंसाली ने अपने भव्य विजुअल्स और दिल छू लेने वाले डांस सीक्वेंस के ज़रिए उसकी पीड़ा और गरिमा को संजोया। वो ना किसी की मंजूरी की मोहताज थी, ना किसी पहचान की, बल्कि उसका प्यार ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। इस तरह से चंद्रमुखी भंसाली की सबसे खूबसूरत और यादगार किरदारों में से एक बनी रहेगी।

देवदास में पारो

देवदास में भंसाली ने पारो को सिर्फ एक प्यार में पड़ी औरत नहीं, बल्कि प्यार और त्याग की मिसाल बनाया। वो जुदा होकर भी देवदास को दिल से कभी अलग नहीं कर पाई। भव्य सेट, शानदार कॉस्ट्यूम और गहरे इमोशन्स के साथ भंसाली ने उसकी मासूम लड़की से जिम्मेदार औरत बनने की कहानी दिखाई। हालात ने उसे दूर कर दिया, लेकिन उसका प्यार कभी कम नहीं हुआ, ये साबित करते हुए कि सच्चा प्यार साथ रहने का मोहताज नहीं होता। पारो का खामोश दर्द और अटूट मोहब्बत उसे भंसाली की सबसे यादगार हीरोइनों में से एक बना देता है।

हीरामंडी में मल्लीकाजान

हीरामंडी में संजय लीला भंसाली ने मल्लिकाजान को सिर्फ एक तवायफों की मालकिन नहीं, बल्कि हिम्मत, समझदारी और ताकत की मिसाल दिखाया। वो अपनी दुनिया की हुक्मरान थी, लेकिन उससे भी ज़्यादा, उन औरतों की हिफाज़त करने वाली जो उस पर निर्भर थीं। भंसाली ने उसे शक्तिशाली और भावुक दोनों रूपों में दिखाया—जो रुतबे से राज करती है, लेकिन अपने त्याग का दर्द भी छुपाए रखती है। शानदार सेट, दमदार कहानी और गहरे इमोशन्स के साथ मल्लिकाजान सिर्फ एक मालकिन नहीं, बल्कि एक जिंदा जंग थी, जो हालात से कभी नहीं टूटी।

हीरामंडी में बिबोजान

हीरामंडी में संजय लीला भंसाली ने बिबोजान को नर्मी, मजबूती और अधूरे अरमानों का मेल दिखाया। सत्ता के खेल में फंसी हुई, लेकिन फिर भी अपनी इज्जत और हौसले के साथ खड़ी रही। भंसाली ने उसे त्याग और छुपे हुए दर्द की निशानी बनाया—जहां प्यार एक ख्वाब था और जज़्बात एक लग्जरी। उसकी खामोशी में भी एक गहरी कहानी थी, जो उसे हीरामंडी की सबसे खास और असरदार किरदारों में से एक बनाती है।

यही दिखाता है कि संजय लीला भंसाली कैसे अपनी महिला किरदारों को जान डालकर परदे पर उतारते हैं—निडर, दमदार और यादगार। वो सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी में भी औरतों का सम्मान और समर्थन करते हैं। अपनी माँ के नाम को खुद से जोड़ना भी उनकी गहरी इज़्जत और शुक्रगुज़ारी का प्रतीक है।

बॉलीवुड

सनी देओल की टीम ने दिया धर्मेंद्र का हेल्थ अपडेट, कहा- इलाज का असर हो रहा है

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मुंबई, 11 नवंबर: बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र की तबीयत को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरों के बीच, उनके परिवार और सनी देओल की टीम की ओर से आई आधिकारिक जानकारी सामने आई है। धर्मेंद्र के परिवार ने अफवाहों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है।

नवीनतम अपडेट के मुताबिक, धर्मेंद्र की हालत स्थिर है और वह डॉक्टरों की देखरेख में हैं।

सनी देओल की टीम ने कहा, ”वे रिकवर कर रहे हैं और इलाज का असर हो रहा है। आइए हम सब उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें।”

टीम ने यह भी बताया कि वह लगातार मीडिया से संपर्क में हैं और धर्मेंद्र की तबीयत पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर रोक लगाने की अपील की है।

बता दें कि धर्मेंद्र की तबीयत को लेकर झूठी खबरें सोशल मीडिया पर रातोंरात फैल गई थीं। कुछ टीवी चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट्स ने बिना पुष्टि के यह दावा कर दिया कि अभिनेता का निधन हो गया है। इन खबरों को देखकर कई नामी हस्तियों और राजनीतिक नेताओं ने भी श्रद्धांजलि संदेश साझा कर दिए, लेकिन कुछ ही घंटों में धर्मेंद्र के परिवार ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि अभिनेता का इलाज चल रहा है।

अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने सोशल मीडिया पर इन झूठी खबरों की निंदा की। उन्होंने लिखा, “जो हो रहा है, वह बिल्कुल माफ करने लायक नहीं है। कैसे जिम्मेदार चैनल किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में झूठी खबरें फैला सकते हैं जो अभी इलाज पर है और ठीक हो रहे हैं? यह गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक है। कृपया परिवार की निजता का सम्मान करें।”

इससे पहले, ईशा देओल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके लिखा, “मीडिया इस मामले पर ज्यादा ही सक्रिय चल रही है और गलत खबरें फैला रही है। मेरे पिता स्टेबल हैं और रिकवर कर रहे हैं। मेरी आप सभी लोगों से रिक्वेस्ट है कि वे हमारे परिवार की निजता का सम्मान करें। पापा की स्पीडी रिकवरी के लिए दुआ करें।”

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बॉलीवुड

बहोरनापुर गांव की दुर्दशा पर अभिनेता रितेश पांडे का वीडियो, पूछा- ‘बच्चों के लिए रास्ता क्यों नहीं?’

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मुंबई, 6 नवंबर : भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक और अभिनेता रितेश पांडे करगहर सीट से प्रशांत किशोर के जनसुराज के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर कुछ सवाल खड़े किए।

इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में अभिनेता ने गांव के लोगों से वहां के हालात के बारे में जानकारी की। साथ ही उनसे बदलाव के बारे में भी कुछ सवाल किए, जिसके जवाब में लोग कहते हैं कि अभी तक गांव में कोई भी खास बदलाव नहीं हुआ है।

अभिनेता ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “देखिए, यहां है मौजूदा हालात में सरकार की नाकामी, भ्रष्टाचार और शिक्षा के प्रति घोर उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण। आज जब जनसंपर्क के दौरान करगहर विधानसभा के अंतर्गत बहोरनापुर पहुंचे तो वहां के छोटे-छोटे बच्चे दौड़कर आए और बड़े दुखी स्वर में बोले, ‘भइया, हम लोगों को स्कूल जाने के लिए रास्ता ही नहीं है।'”

उन्होंने वहां के बरसात के दिनों की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसके बारे में उन्होंने लिखा, “अभी तो यहां का मौसम कुछ ठीक है, लेकिन बरसात के दिनों में यहां की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि बच्चों को कमर तक पानी में उतरकर स्कूल जाना पड़ता है।”

उन्होंने लिखा, “यह सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि यह तस्वीर है हमारे सिस्टम की लापरवाही और सरकार की असंवेदनशीलता की। सरकार बस दावे करती रहती है कि शिक्षा पर सभी का अधिकार है, लेकिन हमारे बच्चों को स्कूल जाने के लिए रास्ते ही साफ नहीं होंगे, तो यह अधिकार सिर्फ कागजों में रह जाता है। बहोरनापुर जैसे सैकड़ों गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। अब समय आ गया है बदलाव का ताकि बिहार के हर बच्चे का रास्ता उज्जवल भविष्य की ओर खुले न कि कीचड़ और पानी की ओर।”

अभिनेता की बात करें तो वे भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक भी हैं। उनका सबसे लोकप्रिय गीत है, ‘हैलो कौन।’ ये गाना लॉकडाउन के दौरान वायरल हुआ था।

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बॉलीवुड

दुलकर सलमान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘कांथा’ का ट्रेलर रिलीज

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मुंबई, 6 नवंबर : साउथ सिनेमा के सुपरस्टार दुलकर सलमान की बहुप्रतीक्षित पीरियड ड्रामा फिल्म ‘कांथा’ जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देगी। गुरुवार को मेकर्स ने फिल्म का ट्रेलर रिलीज कर दिया।

अभिनेता दुलकर सलमान ने इंस्टाग्राम पर फिल्म के ट्रेलर की वीडियो को पोस्ट किया, जिसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, “कांथा की दुनिया आज खुल रही है! ट्रेलर जारी कर दिया गया है।”

फिल्म ‘कांथा’ तमिल सिनेमा के पहले सुपरस्टार एम.के. त्यागराज भगवतार के जीवन पर आधारित है। फिल्म में 1950 के समय में उनकी प्रसिद्धि और व्यक्तिगत संघर्षों को दिखाया गया है।

3 मिनट 10 सेकंड के ट्रेलर में सत्ता की भूख, वफादारी और प्यार पेश किए गए हैं। इसमें भव्य सेट, पुराने जमाने की ग्लैमरस दुनिया, डायलॉगबाजी और इमोशनल ड्रामा का परफेक्ट मिश्रण है। दुलकर की परफॉर्मेंस, समुथिरकानी की दमदार मौजूदगी और अभिनेत्री भाग्यश्री बोर्से की अदाकारी फिल्म को और खास बनाती है।

ट्रेलर की शुरुआत अय्या से होती है, जिसकी भूमिका समुथिरकानी निभा रहे हैं। वह टी.के. महादेवन (दुलकर सलमान) को बताते हैं कि उन्होंने निर्माताओं पर दबाव डालकर उन्हें हीरो बनवाया है। इसके बाद महादेवन उनके पैरों पर गिरकर शुक्रिया अदा करते हैं। कहानी तब मोड़ लेती है जब एक अखबार में छपी खबर और फोन कॉल दोनों के रिश्तों में दरार ला देती हैं। इसके बाद महादेवन अपने गुरु को छोड़कर फिल्म खुद बनाने लगते हैं और घोषणा करते हैं कि ‘फिल्म अब मेरे क्लाइमेक्स पर ही रिलीज होगी।’

इसमें सलमान का नया अंदाज देखने को मिल रहा है, जिसमें वे एम.के. त्यागराज भगवतार के किरदार में नजर आ रहे हैं। फिल्म में अभिनेत्री भाग्यश्री बोर्से और समुथिरकानी भी अहम किरदार में नजर आएंगी।

राणा दग्गुबाती की स्पिरिट मीडिया और दुलकर की वेफेयरर फिल्म्स मिलकर ‘कांथा’ को प्रोड्यूस कर रहे हैं। पहले इस फिल्म का नाम ‘सांथा’ था, लेकिन बाद में मेकर्स ने कुछ कारणों से फिल्म का नाम ‘कांथा’ रख दिया। इस फिल्म का निर्देशन सेल्वमणि सेल्वराज ने किया है, जो नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री ‘द हंट फॉर वीरप्पन’ के लिए जाने जाते हैं। पहले दुलकर सलमान इससे बतौर अभिनेता जुड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे प्रोड्यूस करने का भी फैसला किया।

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