राजनीति
मध्य प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष पर नजर

भोपाल 6 मार्च। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के नए प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव कभी भी हो सकता है और हर किसी की नजर नए अध्यक्ष पर है क्योंकि चर्चाओं में एक नहीं, कई नाम हैं।
राज्य में भाजपा के संगठन पर्व के तहत बूथ समिति, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और संभावना जताई जा रही थी कि जनवरी या फरवरी में प्रदेश अध्यक्ष का भी निर्वाचन हो जाएगा। हालांकि, दिल्ली के विधानसभा चुनाव के चलते निर्वाचन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी और निर्वाचन अधिकारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का दौरा तय नहीं हो पाया।
राज्य में बीते एक पखवाड़े से प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की सरगर्मी तेज है और संभावना इस बात की जताई जा रही है कि आगामी दिनों में निर्वाचन अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान का भोपाल दौरा हो सकता है और इस प्रवास के दौरान ही निर्वाचन प्रक्रिया भी पूरी कराई जा सकती है।
राज्य के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को अध्यक्ष पद पर रहते हुए 5 साल से ज्यादा का समय हो गया है। शर्मा के नेतृत्व में विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़े गए जिनमें भाजपा को बड़ी सफलताएं मिलीं, वहीं बूथ विस्तारक अभियान सहित कई अभियान देश के अन्य राज्यों के लिए नजीर बने हैं। राज्य की भाजपा इकाई का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसके लिए कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं।
वर्तमान में मुख्यमंत्री मोहन यादव पिछड़े वर्ग से आते हैं, इसलिए संभावना इस बात की जताई जा रही है कि पार्टी सामान्य वर्ग के व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंप सकती है। राज्य में सामान्य वर्ग से पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला तथा विधायक हेमंत खंडेलवाल के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं, वहीं पार्टी का जोर अनुसूचित जनजाति वर्ग के वोट बैंक पर भी है और इसके लिए प्रमुख तौर पर सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, फग्गन सिंह कुलस्ते और गजेंद्र पटेल के नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति वर्ग से लाल सिंह आर्य का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में वर्तमान में सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल चल रहा है। आगामी चार वर्ष तक कोई चुनाव नहीं है, लिहाजा पार्टी की कोशिश सत्ता और संगठन में समन्वय रहे, यह प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए ऐसे नाम पर मुहर लगने की ज्यादा संभावना है जो संगठन को बेहतर तरीके से चला सके, सभी में समन्वय रखे और उसका सत्ता से भी टकराव न हो।
राष्ट्रीय समाचार
मानवाधिकार आयोग ने आठ परिवारों के बहिष्कार को लेकर मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 6 मार्च। भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक, तमिलनाडु के तेनकासी के सामंबावरवदकरई कस्बे में गांव के प्रधान द्वारा 8 परिवारों के बहिष्कार की रिपोर्ट सामने आई है। यहां एक भूमि विवाद को लेकर इन लोगों का कथित रूप से बहिष्कार किया गया। मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इसका स्वत: संज्ञान लिया है।
आयोग ने तमिलनाडु में तेनकासी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर मामले में दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग को मिली सूचना के मुताबिक, पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों, अन्य सुविधाओं तक पहुंचने और अन्य निवासियों के साथ संवाद करने से रोक दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव के प्रधान ने एक परिवार के सभी सदस्यों को बहिष्कृत कर दिया। इस परिवार ने तमिलनाडु के तेनकासी जिले के सामंबावरवदकरई कस्बे में भूमि अतिक्रमण को लेकर एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की थी। कानूनी लड़ाई लड़ने वाले इस परिवार का समर्थन करने पर सात अन्य परिवारों को भी बहिष्कृत कर दिया गया।
बहिष्कार के खिलाफ जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने पर पुलिस ने कथित तौर पर इन 8 परिवारों के 30 लोगों को गिरफ्तार किया था। आयोग ने पाया है कि उन्हें मिली समाचार रिपोर्ट की सामग्री यदि सच पाई जाती है, तो यह पीड़ित परिवारों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। आयोग ने तमिलनाडु में तेनकासी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग के मुताबिक 20 फरवरी, 2025 को प्रसारित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों व आवश्यकता की अन्य सुविधाओं तक पहुंचने और अन्य स्थानीय लोगों के साथ संवाद करने से रोक दिया गया है।
आयोग के मुताबिक, कथित तौर पर, राजस्व प्रभागीय अधिकारी ने ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसके निर्देशों को रद्द करने के लिए उसके साथ शांति वार्ता आयोजित की। हालांकि, इस शांति वार्ता का कोई फायदा नहीं हुआ। अब आयोग ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए पूरे मामले का संज्ञान लिया है और जिला कलेक्टर को इस संदर्भ में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
राष्ट्रीय समाचार
लखनऊ: होली और रमजान का दूसरा जुमा एक ही दिन, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जारी की एडवाइजरी

लखनऊ, 6 मार्च। रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस पाक महीने में जुमा और हिंदू समुदाय का प्रमुख त्योहार होली एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस मौके पर लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद ने आपसी सौहार्द और भाईचारे को बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद ने कहा है कि यह रमजान का पवित्र महीना है। हर मुसलमान कोशिश करता है कि ये पूरा महीना इबादत में गुजारे। हर रोजेदार इस बात को यकीनी बनाता है कि उसकी जात से किसी को जरा भी परेशानी न हो। इस रमजान के महीने में 14 मार्च को होली का त्योहार है। हमारे हिंदू भाई होली मनाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जुमे की नमाज और होली के त्योहार को देखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल लखनऊ ने एडवाइजरी जारी कर सभी मस्जिद कमेटियों से अपील की है कि जिन मस्जिदों में नमाज जुमा दोपहर 12.30 बजे से 1 बजे के दरमियान है, वहां पर एक घंटे का समय बढ़ा लिया जाए। जिससे नमाजियों को नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में आने में कोई परेशानी न हो और हमारे हिंदू भाइयों के त्योहार में भी कोई खलल न पड़े।
साथ ही कहा कि 14 मार्च को छुट्टी का दिन है। उस दिन सभी लोग नमाज जुमा अपने मोहल्ले की मस्जिदों ही में अदा करें, कहीं दूर दराज न जाएं। जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में जहां दोपहर 12.45 बजे जुमे की नमाज होती है, वहीं नमाज का समय बढ़ाकर 2 बजे कर दिया गया है। हमें उम्मीद है कि सभी लोग इस बात पर अमल करेंगे।
राजनीति
दिल्ली बजट 2025-26 : व्यापारी संगठनों से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की मुलाकात, महत्वपूर्ण सुझाव मिले

नई दिल्ली, 6 मार्च। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट 2025-26 के लिए जनता से उनके सुझाव और अपेक्षाएं प्राप्त करने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सीएम गुप्ता ने बताया कि आज उन्हें व्यापार जगत से जुड़े कई महत्वपूर्ण और कीमती सुझाव प्राप्त हुए हैं। हमें दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आए व्यापारियों से उनके अनुभव और समस्याएं सुनने का अवसर मिला। इन सुझावों से यह समझने में मदद मिली कि पिछले कई सालों से व्यापारिक संगठनों को अफसरशाही और अव्यावहारिक नीतियों के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
सीएम ने कहा कि व्यापारियों ने जो समस्याएं बताई हैं, उनमें सीवरेज की दिक्कतें, गली-मोहल्लों की खराब स्थिति, नालियों का जाम होना और खड़ंजा नहीं बनने जैसी बुनियादी समस्याएं शामिल हैं। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल एरिया में आवश्यक सुधार नहीं होने, छोटे-छोटे मार्केट कॉम्प्लेक्स और बड़े बाजारों में शौचालय की कमी जैसी समस्याएं भी सामने आईं।
मुख्यमंत्री ने व्यापारी संगठनों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा, “पूर्व सरकारों में केवल समस्याओं का प्रचार हुआ था, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि इन समस्याओं का प्रभावी समाधान किया जाए और व्यापारियों की परेशानियों को दूर किया जाए।”
इससे पहले भी महिला संगठनों के साथ मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर उनके सुझाव और समस्याओं को जाना था। मुख्यमंत्री लगातार इस तरह का आयोजन कर लोगों से मिल रही हैं।
यह बैठक दिल्ली के विकास में व्यापारियों और उद्योग जगत के सुझावों की अहमियत को दर्शाती है। सीएम गुप्ता ने इस बात का विश्वास दिलाया कि दिल्ली की उन्नति के लिए व्यापारियों के दर्द का उपचार किया जाएगा।
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