राजनीति
यूपी सरकार का बजट, महिला सशक्तिकरण और समाज के वंचित वर्गों के उत्थान वाला: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
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लखनऊ, 20 फरवरी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश राज्य सरकार के बजट 2025-26 पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बजट को प्रदेश के विकास और आम लोगों के हित में बताया, जिसमें सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि बजट का फोकस प्रमुख रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रोजेक्ट्स, गरीबों, युवाओं, किसानों, महिलाओं, उद्यमियों और व्यापारियों के कल्याण पर है। उन्होंने महिला और श्रमिक कल्याण के लिए किए गए प्रावधानों को सराहा, जिससे महिला सशक्तिकरण और समाज के वंचित वर्गों के उत्थान को बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बजट में कानून व्यवस्था में सुधार, निवेश वृद्धि, और वायु, जल, सड़क, और रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया है, जो प्रदेश की समृद्धि और कल्याण में सहायक होगा।
ज्ञात हो कि योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि यह बजट वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है, जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह बजट प्रदेश की आर्थिक मजबूती, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
बांग्लादेश में अराजकता जारी, बीएनपी नेता की पीट-पीटकर हत्या
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ढाका, 22 फरवरी। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता मोहम्मद बाबुल मिया की शुक्रवार दोपहर को बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया जिस पर अराजकता को नियंत्रित करने में नाकाम रहने के आरोप लगते रहे हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शुक्रवार दोपहर को ढाका के धामराई उपजिला में घटित हुई।
बाबुल की पत्नी यास्मीन बेगम ने कहा, “हमलावरों ने उन्हें डंडों और एसएस पाइपों से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी दोनों आंखें भी फोड़ दीं। जब मैंने और कुछ स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव करने और तो उन्होंने हमें रोक दिया। उनके बेहोश हो जाने के बाद ही वे वहां से गए।”
बताया जा रहा है कि बाबुल पर उस समय लोगों के एक समूह ने हमला किया जब वह और उसकी पत्नी अक्षिरनगर हाउसिंग के पास सरसों की कटाई कर रहे थे। उनकी पत्नी ने बताया कि रियल एस्टेट के कारोबार अक्षिरनगर हाउसिंग को लेकर ग्रामीणों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
कुछ अन्य लोगों का दावा है कि मृतक बाबुल का हमलावरों के साथ तालाब के स्वामित्व को लेकर विवाद था, जो उनकी हत्या का कारण हो सकता है।
बाबुल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसे सिर, आंख, चेहरे और पैरों में गंभीर चोटों के साथ अस्पताल लाया गया था।
इलाके के प्रभारी पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के अनुसार, बाबुल की हत्या किसी विवाद के चलते की गई है। हत्या में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
हाल ही में बीएनपी के शीर्ष नेता शम्सुज्जमां दुदु ने अंतरिम सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था, “अंतरिम सरकार के तहत कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के नेताओं की हत्या की गई है। दोषियों को बिना देरी के कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। अन्यथा लोगों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ेगा।”
इस हिंसक घटना ने दक्षिण एशियाई देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, कई लोगों ने यूनुस के इस्तीफे की मांग की है क्योंकि ऐसी घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
राजनीति
मेरठ में 168 साल पुरानी मस्जिद को प्रशासन ने किया ध्वस्त, बताया सहमति से हटाया गया
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मेरठ, 22 फरवरी। मेरठ में 168 साल पुरानी एक ऐतिहासिक मस्जिद को प्रशासन ने आधी रात को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मस्जिद दिल्ली रोड पर सर्विस लेन पर स्थित थी और मेट्रो तथा रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही थी।
बता दें कि दो दिन पहले इस मस्जिद का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने स्वयं मस्जिद को हटाने का प्रयास किया और हथौड़े चलाकर कुछ हिस्सों को तोड़ा। इसके बाद शुक्रवार की देर रात प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर पूरी मस्जिद को गिरा दिया और तुरंत मलबा भी हटा दिया गया। इसके बाद मेट्रो के काम के लिए जगह हो गई।
यह मस्जिद दिल्ली रोड पर जगदीश मंडप के पास स्थित थी और लंबे समय से वहां मौजूद थी। प्रशासन का कहना है कि निर्माण कार्य में बाधा बनने के कारण इसे हटाने का निर्णय लिया गया। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इसके बदले नई जगह पर मस्जिद और उचित मुआवजा चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मांग पूरी किए इसे हटा दिया गया।
घटनास्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच बुलडोजर से मस्जिद को गिराया गया। मस्जिद ध्वस्त किए जाने की खबर के बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
इस मामले में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सहमति के आधार पर हुई है और इसके पीछे कोई अन्य कारण नहीं है। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष ने प्रशासन से नई मस्जिद के लिए जगह देने और मुआवजा देने की मांग दोहराई है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन में मिला नया बैट कोरोनावायरस, इंसानों में फैलने की आशंका
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बीजिंग, 22 फरवरी। चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने चमगादड़ में एक नया कोरोना वायरस, एचकेयू5-सीओवी-2, खोजा है, जो इंसानों को संक्रमित कर सकता है। इस टीम का नेतृत्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक शी झेंगली कर रही हैं, जिन्हें “बैटवुमन” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कोरोनावायरस पर बहुत शोध किया है। इस खोज ने जानवरों से इंसानों में फैलने वाली एक और संभावित वायरस बीमारी के खतरे के प्रति चिंता को बढ़ा दिया है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि एचकेयू5-सीओवी-2 वायरस इंसानों के एसीई2 रिसेप्टर से जुड़ सकता है। यही वह रिसेप्टर है, जिससे कोविड-19 फैलाने वाला एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस शरीर में प्रवेश करता है।
इस समानता के कारण यह आशंका है कि यह वायरस इंसानों में फैल सकता है, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध की जरूरत है।
एचकेयू5-सीओवी-2 मेरबेकोवायरस उपश्रेणी का हिस्सा है, जिसमें एमईआरएस-सीओवी वायरस भी आता है। यही वायरस मीडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम फैलाने का कारण बना था।
न्यूजवीक में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह नया वायरस इंसानों के एसीई2 रिसेप्टर से बेहतर तरीके से जुड़ने की क्षमता रखता है। प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों में यह वायरस इंसानों की कोशिकाओं और अंगों में संक्रमण फैलाने में सफल रहा, जिससे इसके खतरनाक होने की आशंका और बढ़ गई है।
इस अध्ययन में कहा गया है कि चमगादड़ से फैलने वाले मेरबेकोवायरस इंसानों तक सीधे या किसी अन्य जीव के माध्यम से पहुंच सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस इंसानों में बीमारी फैलाने की कितनी संभावना रखता है, यह अभी स्पष्ट नहीं है और इसके लिए आगे शोध जरूरी है।
चीन लगातार इस दावे को नकारता रहा है कि कोविड-19 किसी प्रयोगशाला से लीक हुआ था, लेकिन वुहान वायरस संस्थान अभी भी जांच के दायरे में है। एचकेयू5-सीओवी-2 की खोज इस बात को और पुख्ता करती है कि चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोनावायरस पर नजर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि वे भविष्य में इंसानों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि एचकेयू5-सीओवी-2 वायरस तुरंत कोई बड़ा खतरा पैदा करेगा या नहीं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें सतर्क रहने और भविष्य में ऐसी महामारियों को रोकने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
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