राष्ट्रीय समाचार
बोर्ड परीक्षा प्रारंभ छात्रों में कहीं दिखा उत्साह तो कहीं दिखी चिंता

नई दिल्ली 15 फरवरी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की परीक्षाएं शनिवार 15 फरवरी से प्रारंभ हो गई हैं। शनिवार को मुख्य परीक्षा 10वीं कक्षा के लिए इंग्लिश विषय की है। परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे कई छात्र एग्जाम को लेकर काफी उत्साहित नजर आए। वहीं कुछ छात्रों ने परीक्षा को लेकर चिंता भी जताई।
पूर्वी दिल्ली के एक परीक्षा केंद्र पर पहुंचे 10वीं कक्षा के छात्र दीपांशु ने बताया कि वह परीक्षा की पूरी तैयारी कर चुके हैं। बावजूद इसके दीपांशु चिंतित थे। उनका कहना था कि उनकी चिंता की वजह यह है कि इन परीक्षाओं में वह अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं।
वहीं 12वीं कक्षा के छात्र एंटरप्रेनरशिप विषय की परीक्षा दे रहे हैं। यह बोर्ड परीक्षाएं पूरे भारत भर में आयोजित की गई हैं। इसके अलावा देश के बाहर भी कई विदेशी शहरों में सीबीएसई बोर्ड की यह परीक्षाएं हो रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 44 लाख से अधिक छात्र सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। पहले दिन 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए आयोजित इंग्लिश की परीक्षा सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू हुई।
परीक्षा दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक होगी। 10वीं बोर्ड की परीक्षा देने आई प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा यशिका का कहना था कि वह बोर्ड परीक्षा को लेकर काफी उत्साहित हैं। यशिका ने कहा कि यह पहली बार है जब वह इस तरह की परीक्षा में शामिल हुई हैं। यह एकदम नया अनुभव है और इससे वह काफी उत्साहित हैं। परीक्षा केंद्र पर वह अपनी दादी के साथ आई थी।
ग़ौरतलब है कि बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल माह के शुरुआत तक चलेंगी और प्रतिदिन परीक्षा का यही शेड्यूल रहेगा। छात्र सुबह नौ बजे से परीक्षा केंद्रों पर पहुंचना शुरू हो गए थे। बोर्ड ने सभी छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर समय से पहले पहुंचने का निर्देश दिया है। सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं दोनों ही कक्षाओं की परीक्षाएं इसी समय पर हो रही हैं।
वहीं बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भी छात्रों की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। परीक्षा के दिनों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने सीआईएसएफ के साथ साझेदारी में विशेष उपाय लागू किए हैं। इसके तहत मेट्रो स्टेशनों पर सीबीएसई एडमिट कार्ड दिखाने पर छात्रों को सुरक्षा जांच में प्राथमिकता दी गई। टिकट केंद्रों व कस्टमर केयर केंद्रों पर टिकट खरीदने में भी एडमिट कार्ड दिखाने वाले छात्रों को प्राथमिकता मिली।
परीक्षा को लेकर सीबीएसई ने विशेष गाइडलाइंस पहले से ही जारी कर रखी है। छात्रों को सीबीएसई की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। निर्देशों का अनुपालन न करने पर बोर्ड कार्रवाई कर सकता है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी हो रही है। छात्र परीक्षा केंद्र पर पीने के पानी की ट्रांसपेरेंट बोतल ले जा सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह के डिजिटल डिवाइस परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं है। परीक्षा केंद्र में बस पास, मेट्रो कार्ड, पैसे व एनालॉग घड़ी ले जाने की अनुमति है। स्टेशनरी जैसे कि पेन, पेंसिल, इरेजर व जियोमेट्री बॉक्स भी परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति है।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, कई OTT प्लेटफॉर्म्स भारत में किए गए बंद

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ALTBalaji, ULLU सहित कई अन्य डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को भारत में ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। यह कदम नागरिकों और सामाजिक संगठनों की शिकायतों के बाद उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आंतरिक जांच के बाद पाया कि ये प्लेटफॉर्म्स बार-बार अश्लील, अशोभनीय और समाज की सांस्कृतिक मर्यादाओं के विरुद्ध कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो विशेष रूप से पारिवारिक माहौल और बच्चों के लिए अनुपयुक्त है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि डिजिटल कंटेंट को कानूनी और नैतिक दायरे में रखने का प्रयास है। हर प्लेटफॉर्म को तयशुदा दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।”
सरकार ने पहले ही इन प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी थी और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। लेकिन कई वेब सीरीज और शोज़ में नग्नता, स्पष्ट यौन दृश्य और अश्लील संवादों को जारी रखा गया, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई।
OTT प्लेटफॉर्म्स हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, खासकर युवा दर्शकों के बीच, लेकिन पारंपरिक टीवी और फिल्मों की तरह इन पर नियमन पहले से कमजोर रहा है। सरकार ने पहले एक स्व-नियमन फ्रेमवर्क लागू किया था, मगर आलोचकों का मानना है कि उसका पालन सख्ती से नहीं हुआ।
इस फैसले के बाद डिजिटल मनोरंजन जगत में बहस छिड़ गई है — एक ओर रचनात्मक अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में नैतिकता बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है।
फिलहाल, जिन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है वे भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कंटेंट के नियमन को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यह निर्णय भारत में डिजिटल कंटेंट के नियमन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
राजनीति
भारत-यूके एफटीए से घरेलू अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को मिलेगी मदद : आरबीआई गवर्नर

मुंबई, 25 जुलाई। भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से देश के कई सेक्टर्स को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, इसमें मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सर्विसेज इंडस्ट्री शामिल हैं। यह बयान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को दिया।
आरबीआई के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बहुपक्षवाद का दौर अब पीछे छूट गया है और भारत को अब अन्य देशों के साथ भी ऐसे और मुक्त व्यापार समझौते करने की आवश्यकता है।
मल्होत्रा ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, “ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) ही आगे बढ़ने का रास्ता है, क्योंकि दुर्भाग्य से बहुपक्षवाद पीछे छूट गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता भी एडवांस स्टेज में है।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि कई अन्य व्यापार समझौते भी वार्ता के विभिन्न चरणों में हैं।
लंदन में मिडिया के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कई देशों के साथ व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने के लिए चर्चाएं चल रही हैं। भारत ने ब्रिटेन के साथ एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के लिए अरबों डॉलर के अवसर खुलेंगे।
वाणिज्य मंत्री ने कहा, “न्यूजीलैंड, ओमान, चिली, पेरू और यूरोपीय संघ के साथ बहुत अच्छी बातचीत चल रही है। द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर अमेरिका के साथ भी अच्छी चर्चा चल रही है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इन सभी वार्ताओं के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।”
भारत और अमेरिका की टीमों ने वाशिंगटन डीसी में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए पांचवें दौर की वार्ता पूरी कर ली है।
भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर से लागू होगा, जिससे भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
आरबीआई गवर्नर ने भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) को एक “ऐतिहासिक छलांग” करार दिया गया है। यह देश भर के श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाएगा।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि यूके एफटीए भारतीय अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में मददगार साबित होगा। इस समझौते के तहत कृषि क्षेत्र भी एक बड़ा फायदा है, जहां लगभग 95 प्रतिशत भारतीय कृषि उत्पादों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी।
राजनीति
महिला कांग्रेस सांसदों ने मराठी टिप्पणी पर भाजपा के निशिकांत दुबे का घेराव किया

मुंबई: महाराष्ट्र से तीन लोकसभा सदस्यों – प्रो. वर्षा गायकवाड़, शोभा बच्छव और प्रतिभा धनोरकर – ने बुधवार को संसद भवन में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को घेर लिया और उनसे महाराष्ट्र और मराठी लोगों पर की गई टिप्पणियों को लेकर सवाल किए। हाल ही में मराठी विवाद के दौरान दुबे ने महाराष्ट्र के नेताओं पर निशाना साधते हुए टिप्पणियां की थीं।
शहर कांग्रेस प्रमुख और मुंबई उत्तर मध्य से सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा, “हमने दुबे से पूछा कि वह महाराष्ट्र और मराठी लोगों से इतनी नफ़रत क्यों करते हैं।” उनके ‘पटक पटक के मारेंगे’ वाले बयान का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हम अपने राज्य और लोगों के ख़िलाफ़ इतनी नफ़रत बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
चंद्रपुर की प्रतिनिधि प्रतिभा धानोरकर ने कहा, “हम पिछले दो दिनों से दुबे को ढूँढ़ रहे थे। आखिरकार, जब वह हमें दिखाई दिया, तो हमने उससे पूछा कि उसे राज्य से इतनी दुश्मनी क्यों है, लेकिन उसने हाथ जोड़कर कुछ नहीं कहा।”
दुबे ने मिडिया से बात करते हुए मराठी लोगों, उनकी कमाई की क्षमता और उत्तरी राज्यों के लोगों द्वारा महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को चलाने के तरीके पर कुछ टिप्पणियाँ की थीं। उन्होंने उन घटनाओं पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी जिनमें मराठी न बोलने पर हिंदी भाषी लोगों की पिटाई की गई थी। दुबे ने कहा था, “अगर तुम यहाँ (उत्तरी राज्यों में) आओगे, तो हम तुम्हें पीटेंगे।”
सांसदों की तिकड़ी ने बुधवार को भाजपा सांसद से पूछा कि वह मराठियों के खिलाफ ऐसी अभद्र टिप्पणी कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “आप महाराष्ट्र के लोगों को कैसे पीट सकते हैं?” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वे मराठी लोगों के खिलाफ ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं करेंगे।
तीनों ने ‘जय महाराष्ट्र’ के नारे भी लगाए, जिससे राज्य के अन्य सांसदों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हुआ। दुबे ने कथित तौर पर महिलाओं से कहा कि वे उनकी बहनें हैं और वहाँ से चले गए।
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