अंतरराष्ट्रीय समाचार
स्वीडन के स्कूल में चली ताबड़तोड़ गोलियां, 11 की मौत
हेलसिंकी, 5 फरवरी। स्वीडिश अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ओरेब्रो के एक स्कूल में हुई सामूहिक गोलीबारी में 11 लोग मारे गए हैं। इसे देश के प्रधानमंत्री ने स्वीडन के इतिहास का सबसे घातक हमला बताया है।
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने मंगलवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्वीडन के मध्य ओरेब्रो में स्कूल में हुई गोलीबारी देश के इतिहास की सबसे बड़ी सामूहिक गोलीबारी है।
इससे पहले स्वीडिश पुलिस ने मंगलवार शाम को पुष्टि की कि गोलीबारी में लगभग दस लोग मारे गए। यह घटना ओरेब्रो स्थित रिसबर्गस्का स्कोलन नामक शिक्षा केंद्र में हुई। पुलिस के अनुसार, मृतकों में संदिग्ध शूटर भी शामिल है।
मीडिया ने बताया कि जांच और आगे की तलाश जारी है। अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों की सही संख्या अभी भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, शुरुआती निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि संदिग्ध ने अकेले ही यह काम किया।
पुलिस ने यह भी कहा कि उन्हें गोलीबारी के पीछे का मकसद नहीं पता है, लेकिन यह आतंकवाद नहीं लगता। उन्होंने कहा कि उन्हें हमले के बारे में “कोई वॉर्निंग साइन नहीं मिला था”।
क्रिस्टर्सन ने जनता से अटकलें लगाने से बचने की अपील की, इस बात पर जोर देते हुए कि अधिकारियों को अपनी जांच करने के लिए जगह दी जानी चाहिए।
स्वीडिश न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “स्वीडिश जनता कारण जानना चाहती है, लेकिन उन्हें जवाब का इंतजार करना होगा।” “समय के साथ, तस्वीर साफ हो जाएगी।”
राजा कार्ल सोलहवें गुस्ताफ ने एक बयान में अपनी संवेदना व्यक्त की, इस दिन को स्वीडन के लिए “काला दिन” बताया। उन्होंने पीड़ितों और घायलों के परिवारों और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और पुलिस, बचाव और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के प्रयासों की सराहना की।
रिसबर्गस्का स्कोलन मुख्य रूप से 20 साल से अधिक आयु के वयस्कों की सेवा करता है, साथ ही अप्रवासियों के लिए प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय पाठ्यक्रम और स्वीडिश भाषा की कक्षाएं भी प्रदान करता है। ओरेब्रो शहर स्टॉकहोम से लगभग 200 किमी पश्चिम में स्थित है।
स्वीडिश रेडियो (एसआर) से बात करते हुए, स्थानीय स्कूल सुरक्षा विशेषज्ञ लीना लजुंगडाहल ने कहा कि स्वीडन में स्कूलों में सशस्त्र हिंसा बहुत दुर्लभ है, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों के बाहर हिंसा बढ़ गई है। हाल के वर्षों में स्कूलों के पास कई गोलीबारी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
60 फिलिस्तीनी कैदियों को भेजा जाएगा तुर्किये, कतर, मलेशिया और पाकिस्तान
रामल्लाह, 4 फरवरी। इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम के समझौते बाद इजरायली बंधकों की रिहाई का सिलसिला जारी है। इस बीच एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने फिलिस्तीनी कैदियों के बारे में जानकारी दी है। फिलिस्तीनी अधिकारी ने बताया कि युद्ध विराम समझौते के तहत इजरायल द्वारा रिहा किए गए और वर्तमान में मिस्र में मौजूद 60 फिलिस्तीनी कैदियों को तुर्किये, कतर, मलेशिया और पाकिस्तान भेजा जाएगा।
मीडिया के अनुसार, फिलिस्तीनी कैदी क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला जगारी ने कहा कि चारों देशों में से प्रत्येक देश 15 फिलिस्तीनी कैदियों को आश्रय देगा। उन्होंने यह भी बताया कि मिस्र की नई प्रशासनिक राजधानी के एक होटल में वर्तमान में 70 फिलिस्तीनी कैदी रुके हुए हैं।
अब्दुल्ला जगारी ने बताया कि अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है, ताकि बचे हुए कैदियों के लिए आश्रय सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा भविष्य में रिहा होने वाले कुछ कैदियों को लेकर काहिरा के साथ भी बातचीत चल रही है।
मिस्र, कतर और अमेरिका ने मध्यस्थ के रूप में काम करते हुए 15 जनवरी को एक संयुक्त बयान में घोषणा की थी कि हमास और इजरायल एक युद्धविराम समझौते पर पहुंच गए हैं। इसके तहत कैदियों और बंधकों की अदला-बदली की जाएगी, जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच निरंतर शांति और स्थायी युद्ध विराम है।
19 जनवरी को युद्ध विराम लागू होने के बाद से हमास ने इजरायल द्वारा अपनी जेलों से सैकड़ों फिलिस्तीनियों को रिहा करने के बदले में 18 बंधकों को रिहा किया है।
टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने मांग की है कि सबसे गंभीर अपराधों के दोषी फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी या वेस्ट बैंक में नहीं छोड़ा जाए। मिस्र ने इन व्यक्तियों को अस्थायी रूप से रखने पर सहमति व्यक्त की।
फिलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार, इससे पहले शनिवार को इजरायल ने हमास के साथ चल रहे युद्ध विराम समझौते के तहत 183 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है।
फिलिस्तीनी कैदी क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला जगारी ने सिन्हुआ को बताया कि इजरायली अधिकारियों ने रिहा किए गए कैदियों को रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति को सौंप दिया है। रिहा किए गए कैदियों में से 150 गाजा पट्टी से थे।
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मॉस्को : अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में विस्फोट, एक की मौत, चार घायल
मॉस्को, 3 फरवरी। मॉस्को में एक लग्जरी अपार्टमेंट ब्लॉक की लॉबी में बम विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। मीडिया के मुताबिक पूर्वी यूक्रेन के एक रूस समर्थक अर्धसैनिक नेता को निशाना बनाकर हमला किया गया।
बम विस्फोट उस समय हुआ जब एक शख्स अपने अंगरक्षकों के साथ क्रेमलिन से सिर्फ 12 किमी (7 मील) दूर मोस्कवा नदी के तट पर स्थित ‘स्कार्लेट सेल्स’ कॉम्प्लेक्स की लॉबी में दाखिल हुआ।
सरकारी न्यूज एजेंसी तास ने, कानून प्रवर्तन सेवाओं का हवाला देते हुए कहा कि डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के बॉक्सिंग फेडरेशन के प्रमुख आर्मेन सरकिस्यान की हत्या का प्रयास आदेशित और योजनाबद्ध था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकिस्यान पर यूक्रेन ने पूर्वी यूक्रेनी क्षेत्र डोनेट्स्क में रूस के युद्ध प्रयासों में मददग करने का आरोप लगाया।
एक अन्य सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए ने जानकारी दी कि सरकिस्यान की हालत गंभीर है और उसके पैर का एक हिस्सा काटा जा रहा है।
तास ने एक कानून प्रवर्तन अधिकारी के हवाले से कहा, “सरकिसयान पर हत्या का प्रयास योजनाबद्ध था। जांचकर्ता वर्तमान में उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जिन्होंने अपराध का आदेश दिया।”
दिसंबर में, यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा ने सरकिस्यान को डोनेट्स्क क्षेत्र में ‘अपराध बॉस’ बताया। कीव ने उस पर ‘अवैध सशस्त्र समूहों’ में भाग लेने और उनकी मदद करने का आरोप लगाय। डोनेट्स्क के अधिकांश हिस्से 2014 से मास्को का कब्जा है।
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमान का सैन्य हमला किया, जो 2014 में शुरू हुए रूसो-यूक्रेनी युद्ध का एक विस्तार था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा और सबसे घातक संघर्ष है, जो सैकड़ों हजारों सैन्य हताहतों और दसियों हजार यूक्रेनी नागरिक हताहतों का कारण बना। 2025 तक, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है।
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उत्तर सीरिया में कार बम विस्फोट, 15 कृषि श्रमिकों की मौत
दमिश्क, 3 फरवरी। उत्तर सीरिया में सोमवार को एक कार बम विस्फोट में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। विस्फोट अलेप्पो के पूर्व में मनबीज शहर के बाहरी इलाके में हुआ।
मीडिया रिपोट्स में सीरिया सिविल डिफेंस के हवाले से कहा गया कि धमाके में 15 महिलाएं घायल हो गईं।
सिविल डिफेंस, [ जिसे व्हाइट हेल्मेट्स के नाम से भी जाना जाता है ], ने बताया कि मनबीज शहर के बाहरी इलाके में कृषि श्रमिकों को ले जा रहे एक वाहन के बगल में कार में विस्फोट हुआ, जिससे 14 महिलाओं और एक पुरुष की मौत हो गई।
एजेंसी, ने कहा कि कुछ घायलों की हालत गंभीर है। इसने चेतावनी दी कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
किसी भी सशस्त्र समूह की ओर से तत्काल कोई दावा नहीं किया गया।
यह तीन दिनों में इस क्षेत्र में दूसरा घातक कार बम विस्फोट था। सीरिया की मीडिया के अनुसार, शनिवार को मनबीज शहर के केंद्र में हुए विस्फोट में चार नागरिकों की मौत हो गई और बच्चों सहित नौ अन्य घायल हो गए।
सीरियाई युद्ध के दौरान मनबीज कई बार अलग-अलग गुट के हाथों में आया। सबसे हाल ही में दिसंबर में तुर्की समर्थित समूहों ने इसे अमेरिका समर्थित सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) से छीन लिया था, जिसका नेतृत्व कुर्द वाईपीजी मिलिशिया करता है।
एसडीएफ ने 2016 में इस्लामिक स्टेट को खदेड़ कर मनबीज पर कब्जा किया था।
बता दें दिसंबर में अल-शरा के हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में विद्रोही गुटों ने वर्षों से दमिश्क की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
सीरिया के सैन्य अभियान प्रशासन ने 29 जनवरी को एचटीएस प्रमुख अहमद अल-शरा को राष्ट्रपति नियुक्त करने की घोषणा की। उन्हें स्थायी संविधान की पुष्टि होने तक अंतरिम विधान परिषद स्थापित करने का अधिकार दिया गया। असद को हटने के बाद अल शरा देश के वास्तविक नेता हैं।
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