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अप्रैल-नवंबर 2024 में भारत का कॉफी निर्यात रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार
नई दिल्ली, 4 जनवरी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान भारत के कॉफी निर्यात में उछाल दर्ज हुआ। भारत का कॉफी निर्यात 8 महीने की अवधि के दौरान रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है।
निर्यात के मूल्य में उछाल ‘रोबस्टा कॉफी’ की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि और यूरोपीय यूनियन के नए डिफोरेस्टेशन रेगुलेशन से पहले स्टॉकिंग के कारण दर्ज हुआ।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में ‘रोबस्टा कॉफी’ की अधिक मांग के कारण 2023-24 में पूरे वर्ष के लिए भारत का कॉफी निर्यात 12.22 प्रतिशत बढ़कर 1.28 बिलियन डॉलर हो गया। देश ने 2022-23 में 1.14 बिलियन डॉलर मूल्य की कॉफी का निर्यात किया।
भारत के कॉफी निर्यात के प्रमुख बाजारों में इटली, रूस, यूएई, जर्मनी और तुर्की शामिल हैं।
भारत 2022-2023 के दौरान दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बन गया। भारतीय कॉफी अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कॉफी में से एक है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रीमियम पर है।
भारत दो प्रकार की कॉफी अरेबिका और रोबस्टा का उत्पादन करता है।
अपने हल्के सुगंधित स्वाद के कारण अरेबिका का रोबस्टा कॉफी से ज्यादा बाजार मूल्य है।
रोबस्टा कॉफी का इस्तेमाल इसके स्ट्रॉन्ग फ्लेवर के कारण अलग-अलग मिश्रण बनाने में किया जाता है।
रोबस्टा की भारतीय कॉफी के कुल उत्पादन में 72 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत को वैश्विक स्तर पर रोबस्टा कॉफी का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है।
यह उद्योग भारत में 2 मिलियन से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। कॉफी भारत के लिए एक निर्यात वस्तु है, इसलिए घरेलू मांग और खपत कॉफी की कीमतों पर बहुत ज्यादा असर नहीं डालती है।
कॉफी का उत्पादन मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी राज्यों में होता है, जिसमें कर्नाटक सबसे बड़ा उत्पादक है, जो फसल के कुल उत्पादन का 71 प्रतिशत हिस्सा है।
केरल कॉफी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी केवल 20 प्रतिशत है।
तमिलनाडु भारत के कुल कॉफी उत्पादन का 5 प्रतिशत हिस्सा लेकर तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
तमिलनाडु की आधी कॉफी नीलगिरि जिले में बनाई जाती है, जो अरेबिका उगाने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है। उड़ीसा और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में उत्पादन का अनुपात कम है।
भारत की कंबाइंड अरेबिका और रोबस्टा फसल 2023-24 फसल वर्ष के लिए लगभग 3.74 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि अरेबिका का उत्पादन 1 लाख टन से थोड़ा अधिक है, रोबस्टा का उत्पादन लगभग 2.6 लाख टन है।
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भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद, एचएमपीवी का खत्म हुआ डर
मुंबई, 7 जनवरी। देश भर में निगरानी बढ़ने और एचएमपीवी के बारे में अधिक स्पष्टता आने के बाद, भारत के घरेलू बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच बढ़त के साथ बंद हुए।
कारोबार के अंत में मेटल, मीडिया, एनर्जी, कमोडिटीज, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
सेंसेक्स 234.12 अंक या 0.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 78,199.11 पर बंद हुआ और निफ्टी 91.85 अंक या 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,707.90 पर बंद हुआ।
निफ्टी बैंक 280.15 अंक या 0.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 50,202.15 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 502.35 अंक या 0.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ 56,869.3 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 248.20 अंक या 1.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,673.45 पर बंद हुआ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,627 शेयर हरे और 1,356 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जबकि 103 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
बाजार के जानकारों के अनुसार, एचएमपीवी को लेकर किसी तरह की बड़ी चिंता न पैदा होने से जुड़े सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच, घरेलू बाजार सोमवार की तेज बिकवाली से कुछ हद तक उबर गया। लेकिन, भारत के वित्त वर्ष 2025 के जीडीपी के लिए महत्वपूर्ण अनुमानों से पहले, बाजार एक दायरे में कारोबार कर रहा था।
जानकारों ने बताया, “आगामी परिणाम सत्र के दौरान आय सुधार के संकेतों की प्रतीक्षा में निकट भविष्य में बाजार के सतर्क रहने की उम्मीद है। साथ ही एफआईआई की चल रही बिकवाली से भी निपटना होगा, जो डॉलर के मजबूत होने, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि और आगे ब्याज दरों में कटौती की कम उम्मीदों से प्रेरित है।”
सेक्टोरल फ्रंट पर ऑटो, आईटी और कंजम्पशन सेक्टर में गिरावट रही।
सेंसेक्स पैक में, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स, नेस्ले इंडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, सनफार्मा और एसबीआई टॉप गेनर्स थे। वहीं, जोमैटो, एचसीएल टेक, टीसीएस, टेक महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स थे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 6 जनवरी को 2,575.06 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5,749.65 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
जानकारों ने कहा, “जैसे-जैसे बाजार महत्वपूर्ण समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के करीब पहुंच रहा है, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे मूल्य कार्रवाई पर बारीकी से नजर रखें और आने वाले सत्रों में सतर्क रुख अपनाएं।”
व्यापार
अदाणी समूह के एसवीपीआई एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या दोहरे अंक में बढ़ी, कार्गो वॉल्यूम में भी उछाल
अहमदाबाद, 7 जनवरी। अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) द्वारा संचालित किए जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल (एसवीपीआई) एयरपोर्ट द्वारा मंगलवार को बताया गया कि वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में दोहरे अंक में इजाफा हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में एयरपोर्ट से 35 लाख से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 30 लाख था, जो सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
एसवीपीआई एयरपोर्ट, जिसे अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, में एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मूवमेंट्स (एटीएम) में भी 15 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।
अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में एसवीपीआई एयरपोर्ट पर 27,000 से ज्यादा एटीएम हुए।
अदाणी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी एसवीपीआई एयरपोर्ट ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 22 दिसंबर सबसे व्यस्त दिन था, इस दौरान 44,253 यात्री एयरपोर्ट पर आए और एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मूवमेंट्स 324 रहा। इसके बाद 13 दिसंबर को एयरपोर्ट पर 43,881 यात्री आए और एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मूवमेंट्स की संख्या 325 रही।
एसवीपीआईए ने ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024’ (एनईसीए 2024) में प्रतिष्ठित सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट जीता है, जिससे यह भारत का एकमात्र एयरपोर्ट बन गया है, जिसे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।
एसवीपीआई एयरपोर्ट द्वारा आगे कहा गया कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में तीसरी तिमाही में कार्गो वॉल्यूम में 17 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
एसवीपीआई एयरपोर्ट ने 17,900 मीट्रिक टन (एमटी) से अधिक कार्गो को हैंडल किया है, जिसमें 1,850 मीट्रिक टन से अधिक अंतरराष्ट्रीय कार्गो शामिल है।
परिवहन और लॉजिस्टिक्स हब में अदाणी समूह की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, एएएचएल का लक्ष्य रणनीतिक हब-एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ना है।
एएएचएल देश की सबसे बड़ी निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनी है। अहमदाबाद के अलावा कंपनी मुंबई, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट का भी परिचालन करती है।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2024 में सुरक्षित-संपत्ति के रूप में खरीदा 8 टन सोना
मुंबई, 7 जनवरी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद जारी रखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी चुनाव के बाद नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट ने कुछ केंद्रीय बैंकों को कीमती धातु जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना खरीद रहा है।
सोना रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है।
नवंबर में अपने भंडार में आठ टन सोना जोड़ने के साथ आरबीआई ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपनी खरीद को बढ़ाकर 73 टन कर और अपने कुल सोने के भंडार को 876 टन कर दिया है। इसके साथ आरबीआई ने पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार होने का अपना स्थान बनाए रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने भंडार में पांच टन सोना जोड़कर छह महीने के गैप के बाद सोने की खरीद फिर से शुरू की है और सालाना आधार पर शुद्ध खरीद को बढ़ाकर 34 टन कर दिया है। इसी के साथ, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने कुल सोने के भंडार को 2,264 टन (कुल भंडार का 5 प्रतिशत) कर दिया है।
इस बीच, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण ( एमएएस ) महीने का सबसे बड़ा विक्रेता था, जिसने अपने सोने के भंडार को 5 टन कम कर दिया, जिससे सालाना आधार पर शुद्ध बिक्री 7 टन और कुल सोने की होल्डिंग 223 टन हो गई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई की सोने की खरीद 2023 की इसी अवधि में खरीदी गई कीमती धातु की मात्रा से पांच गुना बढ़ गई है।
आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई का कुल स्वर्ण भंडार अब 890 टन हो गया है, जिसमें से 510 टन भारत में है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, महीने के दौरान सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में पोलैंड के 21 टन और उज्बेकिस्तान के नौ टन शामिल हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की इन बड़ी खरीदों से वैश्विक बाजार में कीमती धातु की कीमतों में भी तेजी आई है।
आरबीआई के आधे से अधिक स्वर्ण भंडार विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित हिरासत में रखे गए हैं, जबकि लगभग एक तिहाई नागपुर और मुंबई में आरबीआई के वॉल्ट में संग्रहीत हैं।
रिजर्व बैंक ने यूनाइटेड किंगडम में बैंक वॉल्ट में रखे अपने 100 मीट्रिक टन सोने को 2024 में भारत में अपने वॉल्ट में शिफ्ट कर दिया क्योंकि देश में पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता थी।
स्वर्ण भंडार को शिफ्ट करने से ब्रिटेन में वॉल्ट के इस्तेमाल के लिए भुगतान किए जाने वाले उच्च शुल्क में बचत होने की उम्मीद है।
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