राजनीति
जम्मू में स्थापित होगा नया रेलवे डिवीजन, 6 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
जम्मू, 2 जनवरी। दिल्ली से कश्मीर के लिए सीधी ट्रेन सेवा का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है, साथ ही भारत सरकार जम्मू में एक नया रेलवे डिवीजन स्थापित करने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को वर्चुअली डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) कार्यालय का उद्घाटन करेंगे।
यह कदम जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और पंजाब के पठानकोट क्षेत्र को फिरोजपुर डिवीजन पर निर्भरता समाप्त करेगा और इन क्षेत्रों में रेलवे संचालन को और अधिक प्रभावी बनाएगा।
अतिरिक्त मंडल रेलवे प्रबंधक राजीव कुमार सिंह ने कहा, “रेलवे बोर्ड ने जम्मू में एक नया रेलवे डिवीजन स्थापित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इस नए रेलवे डिवीजन के लिए एक अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे फिर रेलवे बोर्ड में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद, इसके क्षेत्राधिकार के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 6 जनवरी को जम्मू रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में वर्चुअल उद्घाटन प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जम्मू में नया रेलवे डिवीजन स्थापित होने से लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। पठानकोट से श्रीनगर बारामुला तक रेलवे लाइन, भोगपुर सिरवाल से पठानकोट और बटाला पठानकोट और पठानकोट जोगिंदर नगर नैरोगेज लाइन जैसे प्रमुख मार्गों के संचालन और प्रबंधन का कार्य जम्मू से ही होगा। पहले यह कार्य फिरोजपुर डिवीजन से किया जाता था, लेकिन अब जम्मू से ही सभी कार्यों का प्रबंधन होगा, यह जम्मू वासियों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह पुरानी मांग थी, जो 2025 में पूरी हो रही है। परिचालन संबंधी सभी निर्णय नए जम्मू डिवीजन से किए जाएंगे, और कर्मचारियों के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने कहा कि सबसे पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने चैंबर की लंबित मांग को पूरा किया। साल 2012 में हमने इस मामले पर अधिकारियों के साथ पहली बार चर्चा की थी और तब से हम लगातार इस दिशा में काम कर रहे थे। हम केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का भी धन्यवाद करना चाहते हैं, जिन्होंने हमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात करवाई। उनके साथ हमारी चर्चा के बाद हमें जम्मू रेलवे डिवीजन प्राप्त करने में सफलता मिली। जम्मू रेलवे डिवीजन की स्थापना से पर्यटन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि जम्मू को रेलवे डिवीजन का दर्जा मिलने के बाद यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, लोगों को रोजगार मिलेगा, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जम्मू से अखनूर और पुंछ तक रेल सेवा का विस्तार होगा। हमारी सोच यह है कि जम्मू से कटरा तक एक मोनोरेल सेवा शुरू हो, ताकि कटरा के लोग जम्मू आकर यहां के सरकारी प्रोजेक्ट्स का दौरा कर सकें और दर्शन के लिए भी आसानी से पहुंच सकें। रेलवे डिवीजन के तहत होने वाले विकास कार्यों से हमारी पूरी योजना को एक नई दिशा मिलेगी। एक बार फिर से हम जम्मू वासियों को बधाई देना चाहते हैं और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने इस ऐतिहासिक कदम के लिए मंजूरी दी।
राजनीति
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान
अयोध्या, 7 जनवरी। दिल्ली विधानसभा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट पर भी आयोग ने चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के साथ अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर भी 5 फरवरी को वोटिंग होगी, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने विजय पाई थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद सांसद चुने गए। इस जीत को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना गया। ऐसे में भाजपा अब मिल्कीपुर सीट पर कब्जा करने के लिए पूरी ताकत से जुटी है। इसी कारण से मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार दौरा कर चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत के जरिए लोकसभा चुनाव में मिली हार की भरपाई करने की फिराक में है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों की फौज उतार रखी है। इसके अलावा संगठन के पदाधिकारियों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है। साथ ही खुद भी सीएम योगी लगातार अयोध्या का दौरा कर मीटिंग कर रहे हैं।
उधर, समाजवादी पार्टी (सपा) भी इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी ने मिल्कीपुर से पहले ही सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा है। अवधेश प्रसाद यहां लगातार सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा है कि इस सीट पर सपा अपनी जीत दर्ज करने जा रही है। भाजपा ने विकास रोकने का काम किया। यह बात जनता जानती है। सपा विकास करती है, जबकि भाजपा रोड़ा अटकाती है। मिल्कीपुर से सपा के उम्मीदवार हमारे बेटे अजीत प्रसाद हैं। लोग डिसाइड कर चुके हैं, उन्हें जीतना है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव हो चुके हैं, लेकिन मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने से उस समय आयोग ने यहां चुनाव नहीं कराया। अब कोर्ट में दायर याचिका का निपटारा हो चुका है। इस कारण यहां चुनाव हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
नेपाल-तिब्बत सीमा पर भूकंप से तबाही, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 53
नई दिल्ली, 7 जनवरी। मंगलवार सुबह नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने से कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और 62 लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोट्स में यह दावा किया गया।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने पुष्टि की है कि भूकंप सुबह 6:35 बजे (आईएसटी) आया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.86 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.51 डिग्री पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। स्थान की पहचान नेपाल की सीमा के पास शिज़ांग (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र) के रूप में की गई है।
मीडिया ने बताया कि शिज़ांग शहर में बड़ी तबाही हुई, कई लोगों की मौत हुई जबकि कई अन्य घायल हो गए।
शिगाजे (शिगात्से) में डिंगरी के चांगसुओ टाउनशिप के टोंगलाई गांव में, कथित तौर पर कई घर ढह गए।
भूकंप के झटके पूरे उत्तर भारत में भी महसूस किए गए। बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में इसका भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। भारत में अब तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
शुरुआती भूकंप के बाद दो झटके महसूस किए गए। पहला सुबह 7:02 बजे (आईएसटी) 4.7 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.60 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.68 डिग्री पूर्व पर, 10 किलोमीटर की गहराई पर था और दूसरा 4.9 तीव्रता का भूकंप सुबह 7:07 बजे (आईएसटी) आया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.68 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.54 डिग्री पूर्व पर, 30 किलोमीटर की गहराई पर था।
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने भूकंप का स्थान नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में बताया। लोबुचे काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व और एवरेस्ट बेस कैंप से 8.5 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में खुम्बू ग्लेशियर के पास स्थित है।
नेपाल, एक अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं, भूकंप के लिए कोई अजनबी नहीं है। यह टेक्टोनिक गतिविधि, जो हिमालयी क्षेत्र का निर्माण करती है, अक्सर अलग-अलग परिमाण की भूकंपीय घटनाओं का कारण बनती है।
नेपाल और प्रभावित भारतीय क्षेत्रों के अधिकारी सतर्क हैं और स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। भूकंप ने ऐतिहासिक रूप से विनाशकारी भूकंपीय गतिविधि के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में चिंताओं को फिर से जगा दिया है।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2024 में सुरक्षित-संपत्ति के रूप में खरीदा 8 टन सोना
मुंबई, 7 जनवरी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद जारी रखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी चुनाव के बाद नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट ने कुछ केंद्रीय बैंकों को कीमती धातु जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना खरीद रहा है।
सोना रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है।
नवंबर में अपने भंडार में आठ टन सोना जोड़ने के साथ आरबीआई ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपनी खरीद को बढ़ाकर 73 टन कर और अपने कुल सोने के भंडार को 876 टन कर दिया है। इसके साथ आरबीआई ने पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार होने का अपना स्थान बनाए रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने भंडार में पांच टन सोना जोड़कर छह महीने के गैप के बाद सोने की खरीद फिर से शुरू की है और सालाना आधार पर शुद्ध खरीद को बढ़ाकर 34 टन कर दिया है। इसी के साथ, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने कुल सोने के भंडार को 2,264 टन (कुल भंडार का 5 प्रतिशत) कर दिया है।
इस बीच, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण ( एमएएस ) महीने का सबसे बड़ा विक्रेता था, जिसने अपने सोने के भंडार को 5 टन कम कर दिया, जिससे सालाना आधार पर शुद्ध बिक्री 7 टन और कुल सोने की होल्डिंग 223 टन हो गई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई की सोने की खरीद 2023 की इसी अवधि में खरीदी गई कीमती धातु की मात्रा से पांच गुना बढ़ गई है।
आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई का कुल स्वर्ण भंडार अब 890 टन हो गया है, जिसमें से 510 टन भारत में है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, महीने के दौरान सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में पोलैंड के 21 टन और उज्बेकिस्तान के नौ टन शामिल हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की इन बड़ी खरीदों से वैश्विक बाजार में कीमती धातु की कीमतों में भी तेजी आई है।
आरबीआई के आधे से अधिक स्वर्ण भंडार विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित हिरासत में रखे गए हैं, जबकि लगभग एक तिहाई नागपुर और मुंबई में आरबीआई के वॉल्ट में संग्रहीत हैं।
रिजर्व बैंक ने यूनाइटेड किंगडम में बैंक वॉल्ट में रखे अपने 100 मीट्रिक टन सोने को 2024 में भारत में अपने वॉल्ट में शिफ्ट कर दिया क्योंकि देश में पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता थी।
स्वर्ण भंडार को शिफ्ट करने से ब्रिटेन में वॉल्ट के इस्तेमाल के लिए भुगतान किए जाने वाले उच्च शुल्क में बचत होने की उम्मीद है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध2 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय4 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें
-
राजनीति3 months ago
आज रात से मुंबई टोल-फ्री हो जाएगी! महाराष्ट्र सरकार ने शहर के सभी 5 प्रवेश बिंदुओं पर हल्के मोटर वाहनों के लिए पूरी तरह से टोल माफ़ करने की घोषणा की