व्यापार
भारत में तेजी से बढ़ रहे उद्योग, लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल स्पेस की बढ़ी मांग
नई दिल्ली, 24 दिसंबर। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट स्पेस में वार्षिक लीजिंग वॉल्यूम लगातार तीसरे वर्ष 50 मिलियन स्कायर फीट से अधिक होने की संभावना है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अक्टूबर तक पहले ही टॉप आठ रियल एस्टेट बाजारों में लीजिंग वॉल्यूम 41 मिलियन स्कायर फीट को पार कर चुका था।
जब से सरकार ने 2020 में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है, तब से इंडस्ट्रियल लीजिंग वॉल्यूम में वृद्धि देखी गई है।
इसके अलावा, रिटेल और ई-कॉमर्स की वजह से भी वेयरहाउसिंग सेक्टर में तीव्र गतिविधि को बढ़ावा मिला है।
रिपोर्ट के अनुसार, “2025 के लिए, हाल के वर्षों में देखी गई मजबूत इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के साथ खपत के आधार पर विस्तार देखा जा रहा है। इस विस्तार के साथ मांग का एक नया सामान्य स्तर बने रहने की संभावना है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग फर्मों द्वारा अपनाई गई चीन+1 रणनीति का भी लाभार्थी है।
इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेज वृद्धि, थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर्स की मजबूती और रिटेल इंडस्ट्री लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग को बढ़ा रहे हैं। ये कारक 2025 के लिए भी मांग बढ़ाने में अहम होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में हाल के वर्षों में अच्छी लीजिंग वॉल्यूम देखी गई है, जबकि दूसरे शहरों में पॉजिटिव आउटलुक दिखाई देता है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल और अहमदाबाद के प्रबंध निदेशक अभिषेक भूटानी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि 2025 में लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग मजबूत रहेगी, जिसे भारत के बढ़ते खुदरा उपभोग आधार और निरंतर मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ का सपोर्ट मिलेगा।”
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 वर्षों में बाजार में 25 मिलियन वर्ग फीट ग्रेड-ए वेयरहाउसिंग सप्लाई आएगी, जो मुंबई, पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में प्रमुख परियोजनाओं के साथ पश्चिम और दक्षिण भारत में केंद्रित होगी।”
राष्ट्रीय समाचार
2023 में भारत आए 1.88 करोड़ अंतरराष्ट्रीय सैलानी : केंद्र सरकार
नई दिल्ली, 25 दिसंबर। केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि 2023 में भारत में 1.88 करोड़ अंतरराष्ट्रीय सैलानी आए थे। इस कारण पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय (एफईई) बढ़कर 2,31,927 करोड़ रुपये हो गई है।
पर्यटन मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान भारत में फॉरेन टूरिस्ट अराइवल (एफटीए) 95 लाख और डॉमेस्टिक टूरिस्ट विजिट्स (डीटीवी) 2.5 अरब थी।
मंत्रालय ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 5,287.90 करोड़ रुपये की लागत से कुल 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनमें से 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
23 राज्यों में वैश्विक स्तर के प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास पर ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता’ स्कीम के तहत 3,295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं और ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ पहल के तहत 793.20 करोड़ रुपये की 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
‘स्वदेश दर्शन योजना’ को ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ (एसडी2.0) से नया रूप दिया गया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और डेस्टिनेशन केंद्रित एप्रोच के साथ टिकाऊ और जिम्मेदार गंतव्यों को विकसित करना है।
पर्यटन मंत्रालय ने ‘प्रसाद योजना’ के तहत 1,646.99 करोड़ रुपये की कुल 48 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है, जिनमें से 23 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
केंद्रीय एजेंसियों को ‘सहायता योजना’ के तहत 937.56 करोड़ रुपये की कुल 65 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
‘चलो इंडिया’ अभियान की शुरुआत प्रवासी भारतीयों को दुनिया भर में अपने गैर-भारतीय मित्रों को भारत दिखाने के लिए आमंत्रित करने के लिए की गई थी, अभियान के तहत भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए एक लाख निःशुल्क ई-वीजा जारी किए गए।
मंत्रालय ने ‘इनक्रेडिबल इंडिया कंटेंट हब’ का भी अनावरण किया। इसका उद्देश्य ग्लोबल ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री को इनक्रेडिबल इंडिया पर कंटेंट के लिए यूनिफाइड सोर्स देना था।
राष्ट्रीय
अयोध्या : 1 जनवरी से रामलला के दर्शन का समय एक घंटे बढ़ेगा
अयोध्या, 25 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए अयोध्या में भी रामलला के दर्शन का समय 1 जनवरी से एक घंटा बढ़ाए जाने की निर्णय लिया गया है। श्री जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अनिल मिश्रा ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत को देखते हुए ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि रामलला के दर्शन का समय 1 जनवरी से एक घंटे के लिए बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस साल 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बहुत व्यवस्थित व्यवस्था की गई है। सात प्रवेश मार्गों का इस्तेमाल किया जाता है। यात्रियों की सुविधा के लिए वस्तुओं को रखने और उनके जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था है।
पास में दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। पेयजल और चिकित्सा की व्यवस्था है। इन सब सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। उसके बाद दर्शन के लिए प्रस्थान करते हैं। सुरक्षा के बाद चार पंक्तियों से लोग जाते हैं। वहां पर रामलला के दर्शन बहुत दिव्यता से होते हैं। प्रतिदिन सुगमता पूर्वक तीन लाख लोग दर्शन कर सकते हैं। पंक्ति में रहकर नजदीक से दर्शन की व्यवस्था है। निकास मार्ग पर प्रसाद की व्यवस्था है।
प्रत्येक श्रद्धालु जो यहां आता है उसे प्रसाद मिलता है। प्रत्येक लाइन में बैठने के लिए बेंच भी है। तीन लाख लोग 40 से 45 मिनट में दर्शन कर सकते हैं। अगले साल 1 जनवरी से दर्शन की अवधि बढ़ाने का फैसला किया गया है। दर्शन की अवधि करीब एक घंटे और बढ़ाएंगे जिससे 1 जनवरी को आने वाले श्रद्धालुओं और महाकुंभ में आने वाले भक्तों को सुविधा होगी।
राजनीति
देश में बढ़ा रोजगार, ईपीएफओ से अक्टूबर में जुड़े 13.41 लाख सदस्य
नई दिल्ली, 25 दिसंबर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से अक्टूबर में 13.41 लाख सदस्य जुड़े हैं। यह दिखाता है कि देश में तेजी से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। यह बयान केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा बुधवार को दिया गया।
अक्टूबर में ईपीएफओ से करीब 7.50 लाख नए सदस्य जुड़े हैं, जिनमें से 58.49 प्रतिशत 18-25 आयु वर्ग के थे। इस युवा आयु वर्ग की कुल संख्या 5.43 लाख है।
मंत्रालय ने बताया है कि यह आंकड़ा पहले के रुझान के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, जिसमें मुख्य रूप से पहली बार नौकरी की तलाश करने वाले लोग शामिल हैं। यह अर्थव्यवस्था में रोजगार के बढ़ते अवसरों का संकेत देता है।
पेरोल डेटा से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 12.90 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए और फिर से इसमें शामिल हो गए हैं। यह आंकड़ा अक्टूबर 2023 की तुलना में सालाना आधार पर 16.23 प्रतिशत अधिक है।
इन ईपीएफओ सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले कंपनियों में फिर से शामिल हो गए। इन सदस्यों ने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचयित धन को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना और इस प्रकार अपनी सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा का विस्तार किया।
पेरोल डेटा का लिंग-वार विश्लेषण करने पर पता चलता है कि महीने के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से लगभग 2.09 लाख नई महिला सदस्य हैं। यह आंकड़ा अक्टूबर 2023 की तुलना में सालाना आधार पर 2.12 प्रतिशत अधिक है।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि समीक्षा अवधि के दौरान कुल महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि करीब 2.79 लाख रही। महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि अधिक समावेशी और विविधतापूर्ण कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत देता है।
पेरोल डेटा का राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि ईपीएफओ से जुड़े कुल सदस्यों में शीर्ष पांच और केंद्र शासित प्रदेशों की हिस्सेदारी 61.32 प्रतिशत की रही है।
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