राजनीति
दिल्ली : जनकपुरी में धंसी सड़क, स्थानीय लोगों ने ‘आप’ सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल
नई दिल्ली, 17 दिसंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में सोमवार रात सड़क धंसने को लेकर स्थानीय लोगों ने आम आदमी पार्टी सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर किया। लोगों ने बातचीत के दौरान दिल्ली सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने हाथों में बैनर लेकर विरोध भी जताया।
स्थानीय निवासी राम ने बताया, “इससे पहले भी यहां पर सड़क धंस चुकी हैं। हमें रोजाना इस तरह के मामले देखने को मिल रहे हैं। हमें तो अब यही डर लगा रहता है कि न जाने कब कौन सी सड़क धंस जाए। हमें ऐसा डर लगा रहता है कि हम चल रहे हैं, न जाने कब जमीन के नीचे धंस जाए। अब आप ही बताइए कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है।”
वहीं, उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “सरकार तो बहुत तरह के दावे करती है। अब स्थिति ऐसी बन चुकी है कि किसी को भी सरकार पर भरोसा नहीं है। अब यह जो सड़क धंसी है, ये काफी गहरी होगी। अब यहां पर रोजाना हाई ट्रैफिक देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सड़क धंसी है, तो जाहिर सी बात है कि इसका असर ट्रैफिक पर भी देखने को मिलेगा।”
स्थानीय निवासी फरहदर सिंह ने बताया, “ये कोई पहली बार नहीं है कि जब यहां पर सड़क धंसी हो। इससे पहले भी कई बार सड़क धंसने के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन, इतना बड़ा गड्ढा सड़क पर पहली बार देखने को मिला है। गनीमत है कि अभी तक यहां पर किसी भी प्रकार का दुर्घटना देखने को नहीं मिला है। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह बहुत ही व्यस्त सड़कों में से एक है। मैं कहना चाहूंगा कि यहां पर सरकार का भी बहुत कम ही ध्यान रहता है। मैं सड़क पर चलता हूं, तो मुझे यही डर लगता है कि कहीं सड़क न धंस जाए। मुझे लगता है कि अब दिल्ली के सड़कों की इससे ज्यादा बुरी हालत और कुछ भी नहीं हो सकती है।”
स्थानीय निवासी पवन ने बताया, “दिसंबर का महीना चल रहा है, सड़क धंसने की यह चौथी पांचवी घटना है। मुझे लगता है कि जब तक चार पांच लोग इसे सड़क पर दफन नहीं हो जाएंगे, तब तक केजरीवाल की नींद नहीं खुलेगी। अब चार पांच दिनों के बाद इस गड्ढे को भरवाया जाएगा। इसके फिर कोई न कोई हादसा देखने को मिलेगा। केजरीवाल जी से कहना चाहूंगा कि आपने लाखों करोड़ों रुपये अपने शीशमहल में लगा दिया। लेकिन, जरा इन गड्ढों को भी देख लीजिए। वहीं, अब विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, तो आम आदमी पार्टी फ्री–फ्री करने में लग गई है। यह लोग गरीब भाई बहनों को बहुला फुसला रहे हैं। अगर आप सही मायने में विकास देखना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको केजरीवाल के घर पर जाना होगा, वहां पर आपको सही मायने में विकास देखने को मिलेगा। केजरीवाल ने सत्ता में रहते हुए महज अपना विकास किया है।”
बता दें कि सोमवार रात मुख्य नजफगढ़ रोड से जनकपुरी के दूसरे इलाके से होते हुए डाबरी को जाने वाली सड़क जोगिंदर सिंह मार्ग पर अचानक सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया।
जानकारी के मुताबिक, लगभग 12 फीट लंबाई और 15 फीट गहराई में सड़क धंसने की वजह से ट्रैफिक कुछ देर के लिए बाधित हो गया।
हालांकि, घटना की जानकारी मिलते ही ट्रैफिक पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए हैं। लेकिन, लोगों ने अब बैरिकेड हटाकर वहां से आवाजाही शुरू कर दी है।
इससे पहले जनकपुरी के अलग-अलग इलाके में सड़क धंसने की आधा दर्जन से अधिक छोटी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं और सड़क धंसना बदस्तूर जारी है।
महाराष्ट्र
20 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या की गोली लगने के बाद इलाज के दौरान मौत

ROHIT AARYA
मुंबई: मुंबई के पवई इलाके में एक स्टूडियों के अंदर 20 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या की मौत हो गई है। आरोपी रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बना लिया था और उसने पुलिस पर भी फायरिंग कर दी थी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें वह घायल हो गया और इलाज के दौरान आरोपी रोहित आर्या की मौत हो गई।
रोहित आर्या मानसिक रूप से बीमार था। उसने पवई के आरए स्टूडियो में 20 बच्चों को बंधक बना लिया था। जानकारी मिलते ही पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और उसे पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान रोहित आर्या ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और वह घायल हो गया। उसे तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान रोहित की मौत हो गई।
इससे पहले स्वयं आरोपी रोहित आर्या ने वीडियो जारी करके बच्चों को बंधक बनाने की बात स्वीकार की थी। पुलिस ने जानकारी दी थी रोहित आर्या मानसिक रूप से बीमार है। पुलिस ने उसके कब्जे से सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया था।
अपराध
मुंबई पुलिस ने पवई स्थित एक्टिंग स्टूडियो में बंधक बनाए गए 20 बच्चों को बचाया; आरोपी हिरासत में

मुंबई: मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी ने कहा, “सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है। अन्य जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।”
यह बयान गुरुवार को मरोल में एक व्यक्ति द्वारा बच्चों को बंधक बनाए जाने के बाद आया है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है, जिसने पवई के मरोल इलाके में एक एक्टिंग क्लास स्टूडियो में लगभग 20 बच्चों को बंधक बनाकर रखा था। कथित तौर पर बच्चे मदद मांगते और शीशे की खिड़कियों से बाहर झांकते देखे गए।
पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर सभी बच्चों को सफलतापूर्वक बचा लिया। सूत्रों के अनुसार, आरोपी की पहचान रोहित आर्य के रूप में हुई है।
सूत्रों ने बताया कि ये बच्चे स्टूडियो में ऑडिशन देने के लिए अलग-अलग जगहों से आए थे। इस बीच, बंधक बनाए जाने के पीछे का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं है और पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और स्टूडियो के बाहर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया।
महाराष्ट्र
वंदे मातरम को अनिवार्य बनाना गैरकानूनी: विधायक रईस शेख ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने की मांग की

मुंबई: समाजवादी पार्टी के भिवंडी पूर्व विधायक रईस शेख ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि राज्य के सभी स्कूलों में 31 अक्टूबर को ‘बंकम चंद्र चटर्जी’ द्वारा लिखित राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ अनिवार्य करने पर लगाई गई रोक को हटाया जाए। इस संबंध में विधायक रईस शेख ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान है। हालाँकि, राष्ट्रगान ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 31 अक्टूबर को राज्य के सभी स्कूलों में यह गीत गाने और 31 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच गीत प्रदर्शनी आयोजित करने का सरकार का आदेश अवैध है। किसी भी संगठन को स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री पंकज भुयार को पत्र लिखना चाहिए और शिक्षा विभाग को तुरंत राज्य के सभी स्कूलों के लिए ‘वंदे मातरम’ को अनिवार्य गीत घोषित करना चाहिए, यह महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में सुशासन नहीं है।
राज्य में स्कूलों और शिक्षा की स्थिति बिगड़ती जा रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है। हालाँकि, सरकार शिक्षा क्षेत्र में ‘वंदे मातरम’ जैसे धार्मिक मुद्दों को शामिल करके भेदभाव कर रही है। ‘वंदे मातरम’ को अनिवार्य गीत बनाना संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है। ‘वंदे मातरम’ के मुद्दे पर आज तक कई चर्चाएँ हो चुकी हैं। विधायक रईस शेख ने पत्र में कहा कि ‘जन गण मन..’ भारत का राष्ट्रगान है और राष्ट्रगान को हर जगह सम्मान, पवित्रता और सम्मान का स्थान दिया जाना चाहिए, इस पर सहमति बनी है।
हम स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में ‘वंदे मातरम’ के अनिवार्य गायन का विरोध कर रहे हैं। सरकार को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए। सत्ता में होने का मतलब यह नहीं है कि आपके पास अवैध गतिविधियों में शामिल होने का लाइसेंस है। विधायक रईस शेख ने गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भोस और राज्य के शिक्षा मंत्री पंकज भुवीर को लिखे पत्र में मांग की कि सरकार शिक्षा जैसे शैक्षणिक क्षेत्र में धार्मिक मुद्दों को लाकर माहौल खराब न करे।
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