अपराध
गाजियाबाद : फर्जी दस्तावेज से 1 हजार करोड़ से ज्यादा की जमीन हड़पने वाला शातिर गिरफ्तार

गाजियाबाद, 12 दिसंबर: गाजियाबाद के साहिबाबाद पुलिस ने नाम और पता बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करके 1,000 करोड़ से ज्यादा की जमीन पर कब्जा करने और बेचने के मामले में 10 हज़ार के इनामी वांछित गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया है कि साहिबाबाद थाने में धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज कराए गए थे। अर्थला मेट्रो स्टेशन के पास एक काफी बड़ी जमीन खाली पड़ी थी। जिसको बेचने के लिए एक शातिर गैंग ने काम करना शुरू कर दिया था। मुजफ्फरनगर के रहने वाले राजकुमार गर्ग ने उस जमीन पर फर्जी तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाए। यहां तक कि बैंक अकाउंट भी खुलवा लिया।
पुलिस ने राजकुमार गर्ग को गिरफ्तार कर पूछताछ किया तो पता चला कि राजकुमार गर्ग ने 1,000 करोड़ की जमीन को हड़पने के लिए प्लान बनाया था। राजकुमार गर्ग 18 साल पहले गाजियाबाद में किराए के मकान में रहने के लिए आया था और छोटी-मोटी प्रॉपर्टी डीलिंग किया करता था। उसने देखा कि अर्थला की मेन रोड पर करोड़ों रुपए की जमीन खाली पड़ी हुई है। उसी समय से वह जमीन के पीछे लग गया। उसने पता लगाया कि यह जमीन राजकुमार अग्रवाल नाम के शख्स की है। जिसके बाद राजकुमार गर्ग ने राजकुमार अग्रवाल के एड्रेस को लेकर कागजात तैयार करवाए और जमीन का सौदा शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया है कि आरोपी ने अब तक 10 से ज्यादा लोगों से उस जमीन का सौदा तय किया और उन लोगों से एडवांस पैसा लेकर फोन नंबर और पता भी बदल लिया करता था। गाजियाबाद पुलिस लगातार राजकुमार गर्ग की तलाश में लगी हुई थी। साहिबाबाद पुलिस ने उस पर 10,000 का इनाम भी घोषित कर रखा था।
पुलिस ने बताया कि राजकुमार अग्रवाल दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं। उन्होंने कई साल पहले अर्थला में जमीन खरीदी थी। जमीन बहुत बड़ी है इसलिए वह अभी तक खाली पड़ी हुई है। आज की सरकारी रेट के हिसाब से उस जमीन की कीमत 1,000 करोड़ से ज्यादा है। इस मामले में चार आरोपियों को पहले भी गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। राजकुमार गर्ग की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे थे। राजकुमार गर्ग के खिलाफ 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके पास एक सीबीआई के अधिकारी का फोन आया कि आपने जमीन का सौदा किया है और हमें जमीन का कब्जा दिलाया जाए। एक करोड़ रुपए टोकन अमाउंट भी दिया जा चुका है। इसके अलावा जमीन के असली मालिक को कई अन्य प्रॉपर्टी डीलरों के भी फोन आए। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने सीमा पार मोबाइल तस्करी रैकेट का किया भंडाफोड़, सरगना सहित तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली, 3 सितंबर। दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने राष्ट्रीय राजधानी से लूटे गए मोबाइल के मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यह कार्रवाई दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने की है। एसटीएफ ने 2 सितंबर को दिल्ली के सराय काले खां स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क के पास से इस गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरगना भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहतार शेख, मोहम्मद गुलू शेख और अब्दुल शमीम के रूप में हुई है, जो सभी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के निवासी हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मंगलवार को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि चोरी किए गए या छीने गए मोबाइल फोनों का मुख्य खरीदार मोहतार शेख अपने दो साथियों के साथ दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाके में घूम रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ ने एक विशेष टीम गठित की और सराय काले खां के वेस्ट टू वंडर पार्क के पास जाल बिछाया। मंगलवार शाम करीब 7:15 बजे पुलिस ने आईएसबीटी की ओर से आ रहे मोहतार शेख और उसके दो साथियों की पहचान की। इसके बाद टीम ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से तीन देसी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस और 228 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली से लूटे गए मोबाइल को पश्चिम बंगाल के रास्ते सीमा पार नेपाल और बांग्लादेश भेजा जाता था। पूछताछ में पता चला कि मोहतार शेख इस गिरोह का मुख्य सरगना है। वह अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर स्थानीय चोरों से कम कीमत पर चोरी के मोबाइल फोन खरीदता था। इसके बाद ये फोन वाहकों और बिचौलियों के नेटवर्क के माध्यम से नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भेजे जाते थे, जहां इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।
इन गिरफ्तारियों ने एक बड़े सीमा पार नेटवर्क का खुलासा किया है, जो न केवल दिल्ली में सड़क अपराधों को बढ़ावा देता है, बल्कि चोरी के उपकरणों का अवैध विदेशी व्यापार भी करता है।
पुलिस अन्य नेटवर्क सदस्यों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी खरीदारों की पहचान के लिए जांच कर रही है।
अपराध
ठाणे में सनसनी: भिवंडी में घरेलू विवाद के बाद पत्नी का सिर काटने के आरोप में पति गिरफ्तार

crime
ठाणे: तीन दिनों की जांच के बाद, भोईवाड़ा पुलिस ने मंगलवार को एक महिला के कटे हुए सिर के मामले को सुलझा लिया। पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। पति के विवाहेतर संबंध के संदेह से उपजे घरेलू विवाद के बाद भिवंडी में कथित तौर पर एक तेज चाकू से महिला का सिर काट दिया गया था।
पीड़िता की पहचान प्रवीण उर्फ मुस्कान (22) के रूप में हुई है, जो अपने पति के साथ नाले से कुछ ही मीटर की दूरी पर रहती थी। आरोपी मोहम्मद ताहा अंसारी उर्फ सोनू (25), जो पेशे से ड्राइवर है, ने दो साल पहले उससे शादी की थी। दंपति का एक साल का बेटा भी है।
पुलिस के मुताबिक, मुस्कान, उसके पति और ससुराल वालों के बीच घरेलू मुद्दों को लेकर अक्सर झगड़े होते रहते थे। सूत्रों के अनुसार, वह अपने पति से अलग रहना चाहती थी। आखिरकार, उसने भिवंडी के ईदगाह क्रीक इलाके के पास एक मकान किराए पर लिया और अपने बेटे के साथ अलग रहने लगी।
पुलिस ने बताया कि टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुखबिरों को सूचित किया। कटे हुए सिर की जाँच करते हुए, अधिकारियों ने नाले के पास रहने वालों से पूछताछ की और पता चला कि एक महिला का घर चार दिनों से बंद था। फिर उसके परिवार का पता लगाया गया और उसके पति सोनू ने हत्या की बात कबूल कर ली। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में आगे की जाँच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के जाँच अधिकारी प्रमोद कुंभार ने कहा, “प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि मुस्कान को अपने पति पर विवाहेतर संबंध होने का शक था, जिसके कारण उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे। कथित तौर पर उसने धारदार चाकुओं से मुस्कान का सिर काट दिया और शव के टुकड़ों को नाले में फेंक दिया।”
पुलिस टीम, दमकल विभाग और डॉग स्क्वॉड ने खाड़ी में मुस्कान के अवशेषों की तलाश की। उसके धड़ का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरा भी लगाया गया। चार घंटे की कोशिशों के बावजूद, धड़ नहीं मिला और बाद में तलाश बंद कर दी गई।
अपराध
सीबीआई ने आयुध निर्माणी, नागपुर के पूर्व उप महाप्रबंधक पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

नागपुर, 25 अगस्त 2025 — केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आयुध निर्माणी अंबाजहरी (ओएफएजे), नागपुर के तत्कालीन उप महाप्रबंधक, नागपुर स्थित एक निजी कंपनी, उसके प्रोप्राइटर तथा अन्य अज्ञात सरकारी व गैर-सरकारी व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
शिकायत के अनुसार, उक्त उप महाप्रबंधक ने अपने पद पर रहते हुए एक निजी फर्म स्थापित की और निविदाओं की शर्तों में हेरफेर कर उस फर्म को ठेके दिलाए। आरोप है कि उक्त फर्म ने निविदाएं पाने के लिए जाली और फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी अधिकारी ने अपने और अपने परिवार के बैंक खातों के माध्यम से उक्त निजी फर्म के साथ कई वित्तीय लेन-देन किए।
मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई ने 25 अगस्त 2025 को चार स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें आरोपी के कार्यालय और आवासीय परिसरों से दस्तावेज़, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य आपत्तिजनक सबूत बरामद किए गए।
जांच एजेंसी अब बरामद किए गए सबूतों की गहन जांच कर रही है, ताकि भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।
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