अपराध
घाटकोपर होर्डिंग हादसा: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ईगो मीडिया डायरेक्टर की याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा।

मुंबई: घाटकोपर होर्डिंग ढहने के मामले में गिरफ्तार एगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे की अवैध गिरफ्तारी के आरोपों पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई पुलिस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
13 मई को एगो मीडिया द्वारा लगाया गया होर्डिंग गिर गया, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए।
अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग वाली भिंडे की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा। भिंडे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने अपनी याचिका खारिज करने की सुनवाई लंबित रहने तक जमानत मांगी है।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा की पीठ ने कहा कि याचिका अवैध गिरफ्तारी के तर्क को उठाती है क्योंकि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत पहले आरोपी को अनिवार्य नोटिस जारी नहीं किया गया था। यह प्रावधान सात साल से कम कारावास की सजा वाले अपराधों में किसी आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले नोटिस देने का आदेश देता है। न्यायाधीशों ने कहा कि पुलिस को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना होगा, क्योंकि कई निर्णयों में कहा गया है कि यदि कोई अवैध हिरासत में है तो उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।
सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने पीठ को बताया कि वे एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करेंगे।
इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 जुलाई के लिए तय कर दी।
भिंडे ने दुर्घटना के लिए ‘ईश्वरीय कृत्य’ को जिम्मेदार ठहराया।
भिंडे ने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यह हादसा ‘ईश्वरीय कृत्य’ था और इसलिए उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
याचिका में कहा गया है कि जो होर्डिंग गिरा, वह वैध था और उसे लगाने के लिए उनके पास आवश्यक अनुमति थी। उनका तर्क है कि जिस जमीन पर होर्डिंग लगा था, उस पर बीएमसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और गैर इरादतन हत्या का आरोप गलत तरीके से लगाया गया है। भिंडे ने आरोप लगाया है कि एफआईआर दुर्घटना के बाद राजनीतिक दबाव के कारण दर्ज की गई थी और यह “निराधार, अपुष्ट और कानून के तहत बनाए रखने योग्य नहीं है”।
होर्डिंग के निर्माण और प्लेसमेंट को सरकारी रेलवे पुलिस द्वारा अधिकृत किया गया था और इसके साथ आवश्यक ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ भी थे। यह देखते हुए कि होर्डिंग रेलवे की जमीन पर था, बीएमसी से अनुमति की आवश्यकता नहीं थी।
इसके अलावा, भिंडे ने दावा किया है कि होर्डिंग के निर्माण के समय वह ईगो मीडिया के निदेशक नहीं थे। उस समय जान्हवी मराठे निदेशक थीं और उन्होंने 21 दिसंबर 2023 को कार्यभार संभाला।
आईएमडी भीषण धूल भरी आंधी का पूर्वानुमान लगाने में विफल रहा: ईगो मीडिया निदेशक
12 मई को जारी भारतीय मौसम विभाग के बुलेटिन का हवाला देते हुए, भिंडे ने दावा किया है कि यह पतन ईश्वरीय कृत्य था। आईएमडी बुलेटिन उस दिन मुंबई में आए भीषण धूल भरी आंधी और तेज़ हवाओं का पूर्वानुमान लगाने में विफल रहा। 96 किमी प्रति घंटे की अप्रत्याशित और अभूतपूर्व हवा की गति के कारण होर्डिंग गिर गया, जिसके लिए न तो उन्हें और न ही ईगो मीडिया को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
13 मई को अत्यधिक हवा के कारण शहर में कई अन्य ऐसी ही घटनाएं हुईं, जिसके कारण इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और सैकड़ों पेड़ गिर गए, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए। याचिका में वडाला में एक बहुमंजिला पार्किंग के ढहने का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे।
उनकी याचिका में दावा किया गया है कि 22 नवंबर, 2022 को पुलिस आयुक्त, रेलवे ने ईगो मीडिया को होर्डिंग के निर्माण/स्थापना के अधिकार दिए थे।
अपराध
नोएडा : 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

नोएडा, 12 अप्रैल। नोएडा क्राइम ब्रांच और सेक्टर-58 पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 3.90 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में वांछित अभियुक्त वरुण कुमार त्यागी को गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त पर 25,000 रुपए का इनाम घोषित था। उसे दिल्ली के मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्र के राम नगर एक्सटेंशन से पकड़ा गया।
यह धोखाधड़ी जुलाई 2023 में सामने आई थी, जब नोएडा विकास प्राधिकरण ने बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर-62 में 200 करोड़ रुपए की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराई थी। एफडी के लिए रकम एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 और इंडियन बैंक सेक्टर-61 से भेजी गई थी। बैंक ऑफ इंडिया ने दो एफडी की मूल प्रतियां भी प्राधिकरण को सौंपी थीं।
हालांकि, जब 3 जुलाई 2023 को प्राधिकरण की ओर से बैंक में जाकर एफडी की पुष्टि की गई, तब पता चला कि वास्तव में कोई एफडी बनाई ही नहीं गई थी। वहीं, 30 जून को खाते से 3.90 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए थे। बैंक ने तत्काल 9 करोड़ रुपए के एक अन्य ट्रांसफर को रोकते हुए खाते को फ्रीज कर दिया था।
इस पूरे मामले की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के जरिए नोएडा प्राधिकरण के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया में फर्जी खाता खुलवाया।
इस खाते का संचालन अब्दुल खादर नामक व्यक्ति कर रहा था, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस गिरोह ने नोएडा प्राधिकरण के फर्जी हस्ताक्षरों वाले दस्तावेजों के आधार पर बैंक को धोखा देकर धनराशि ट्रांसफर कराई थी।
गिरफ्तार आरोपी वरुण कुमार त्यागी ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया था। फर्जी एफडी के माध्यम से 3.90 करोड़ रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए थे।
आरोपी ने बताया कि इस अपराध के बदले उसे करीब 4 लाख रुपए मिले थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह केवल ‘त्यागी’ नाम का इस्तेमाल करता था। इस केस में पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों में अब्दुल खादर, राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, मनु भोला (मास्टरमाइंड), त्रिदिब दास, राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा और अजय कुमार पटेल शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच जारी है और अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।
अपराध
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती नष्ट की, एक व्यक्ति गिरफ्तार

कठुआ, 10 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को बसोहली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में अफीम की खेती को नष्ट कर भारी मात्रा में पौधे जब्त किए हैं। साथ ही, एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर में कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना आईपीएस की निगरानी में पुलिस ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए एक सफल अभियान चलाया। पुलिस टीम ने थाना बसोहली के अधिकार क्षेत्र पलासी में उगाए गए लगभग 126 किलोग्राम अफीम के पौधे (पोस्त) जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गत 7 अप्रैल को बसोहली थाने की गश्ती टीम को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि पलासी निवासी माखन लाल अपने घर के पीछे कृषि भूमि में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगा रहा है। सूत्रों ने बताया कि वह इन पौधों को बेचने और व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सूचना के आधार पर बसोहली थाने की पुलिस टीम ने एसएचओ बसोहली की देखरेख में और एसडीपीओ बसोहली तथा ईएमआईसी बसोहली की निगरानी में मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 126 किलोग्राम वजन के 1,700 अफीम के पौधे जब्त किए। साथ ही आरोपी माखन लाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में बसोहली थाने में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।
कठुआ पुलिस ने कहा कि वह कानून को बनाए रखने और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करती हैं। अफीम की खेती और इसका अवैध व्यापार गंभीर अपराध हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
अपराध
ओडिशा: राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

राउरकेला, 10 अप्रैल। ओडिशा के राउरकेला में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राउरकेला पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह “ट्रेड नाउ” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के लोगों को ठग रहा था और उच्च रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था। स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाला राउरकेला अनजाने में इन साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया था, जिनका नेटवर्क भारत से बाहर दुबई जैसे देशों तक फैला हुआ था।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पहला छापा सिविल टाउनशिप इलाके के एक अपार्टमेंट में मारा गया, जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती कॉलोनी में एक अन्य अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप पांच और लोग पकड़े गए। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची, जहां दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। गिरोह से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जिसमें 68 बेनामी सिम कार्ड, 31 हाई-एंड मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 19 एटीएम कार्ड, एक मारुति स्विफ्ट कार और एक स्कूटी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक रैकेट चला रहा था, जो हवाला नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करता था। जांच में खुलासा हुआ कि इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल है, जो दुबई से काम कर रहा है और दक्षिण व पश्चिम एशियाई देशों में इसके कनेक्शन फैले हुए हैं। अब तक की जांच में 23 बैंक खातों से 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 176 अन्य खातों की जांच जारी है।
राउरकेला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन साइबर ठगी के बढ़ते खतरे से निपटने में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। यह लोगों को फर्जी ऐप पर निवेश के लिए लुभाता था और फिर उनके पैसे हवाला के जरिए विदेश भेज देता था। पीड़ितों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जो कमाई के झांसे में आ गए थे।
राउरकेला के निवासियों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, वरना यह गिरोह और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता था।”
पुलिस अब किशन अग्रवाल तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। साथ ही, इस रैकेट से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती है।
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