अपराध
मुंबई: बिल्डर, परिजनों ने चुनाव आचार संहिता के दौरान नकदी लाने-ले जाने के लिए नकली विधायक कार स्टिकर का इस्तेमाल किया
राज्य चुनाव आयोग की एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, तिलक नगर पुलिस ने आदर्श आचार संहिता के दौरान एक निजी कार पर नकली विधायक स्टिकर चिपकाने के आरोप में घाटकोपर स्थित एक बिल्डर, उसके दो बेटों और भतीजे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक व्हिसिलब्लोअर से शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग ने पुलिस से संपर्क किया, जिसने आरोप लगाया कि उन्होंने बेहिसाब नकदी को स्थानांतरित करने के लिए चालबाजी का सहारा लिया। आरोपियों की पहचान बिल्डर चंद्रकांत गांधी, उनके बेटे आशीष और मनीष और भतीजे नीलेश के रूप में हुई है। हालांकि, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि चौकड़ी गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत हासिल करने में कामयाब रही।
“डेवलपर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और एमएलए स्टिकर वाली मारुति ब्रीज़ा को जब्त कर लिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए एमएलए स्टिकर की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है। गांधी परिवार कई व्यवसायों के साथ घाटकोपर का एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर है। वे 14 कंपनियों में क्रॉस होल्डिंग्स वाले प्रमोटर हैं। गांधी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, चंद्रकांत गांधी एंड एसोसिएट्स, चंद्रकांत गांधी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड उनकी कुछ कंपनियां हैं।पुलिस ने चंद्रकांत को मुख्य आरोपी बनाया है क्योंकि कार उसके नाम पर पंजीकृत है। आरोपी घाटकोपर पूर्व के राजावाड़ी इलाके के रहने वाले हैं और एक फर्म भी चलाते हैं जो प्रसिद्ध एवरेस्ट मसाला के बक्से की आपूर्ति करती है। “गांधी परिवार निजी वाहनों पर उच्च-सुरक्षा स्टिकर प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो केवल राज्य विधानसभा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए हैं। विंडशील्ड पर निर्वाचित विधायिका कार पास का अनधिकृत उपयोग एक अपराध और प्रतीक और नाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं का उल्लंघन है, ”पुलिस अधिकारी ने कहा।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, चुनाव आचार संहिता के दौरान, पुलिस और चुनाव आयोग के उड़नदस्ते द्वारा संदिग्ध वाहनों की गहन जांच की जाती है क्योंकि इस अवधि में नकदी और बेहिसाब धन की आवाजाही सबसे अधिक होती है। अधिकारी ने आरोप लगाया, “आरोपी ने मुफ्त पास सुनिश्चित करने के लिए अनधिकृत विधायक स्टिकर का इस्तेमाल किया क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधियों की कारों की जांच शायद ही कभी की जाती है जब तक कि कोई विशेष जानकारी न हो।”
गांधी परिवार टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं रहा।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अमोल गायकवाड़ के खिलाफ दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट

मुंबई, 26 दिसंबर: मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में आरोपी अमोल गायकवाड़ के खिलाफ लगभग 200 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में करीब 30 गवाहों के नाम शामिल हैं।
चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि गायकवाड़ और शुभम लोनकर के बीच लगातार संपर्क था। उसने पुलिस को बताया कि वह लोनकर के साथ ‘डब्बा कॉलिंग’ और सिग्नल मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करता था ताकि पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक न कर सके।
गायकवाड़ ने यह भी कबूल किया कि 1 से 12 अक्टूबर 2024 के बीच वह शुभम लोनकर के भाई प्रवीण लोनकर से लगातार संपर्क में था। पुलिस का मानना है कि इसी दौरान बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची गई। पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि गायकवाड़ के फरार साथी और कथित मास्टरमाइंड शुभम लोनकर से सीधा संपर्क होने का खुलासा हुआ है।
पुणे के वारजे इलाके का निवासी अमोल गायकवाड़ इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड में गिरफ्तार होने वाला 27वां आरोपी है। उसे अगस्त 2024 में कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया था, जहां वह नासिक, सोलापुर और कोल्हापुर में जगह बदलकर पुलिस से बचकर छिपा हुआ था। पुलिस ने बताया कि गायकवाड़ के बिश्नोई गैंग से कथित संबंध भी इस मामले में सामने आए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गायकवाड़ के कई महत्वपूर्ण खुलासे पुलिस जांच को एक नए मोड़ पर ले आए हैं। पुलिस अब इस केस से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। जांच टीम का गठन किया गया है, जो हर पहलू की जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है।
गायकवाड़ पर जुलाई 2025 में पंजाब के टेक्सटाइल व्यापारी संजय वर्मा की हत्या में भी अहम भूमिका निभाने का आरोप है। गायकवाड़ पर आरोप है कि उसने शूटरों को पनाह दी और उन्हें लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया। अब गायकवाड़ का नाम पंजाब मामले की एफआईआर में जोड़ा गया है और वह आगे की जांच के लिए पंजाब पुलिस की हिरासत में मुंबई क्राइम ब्रांच से स्थानांतरित कर दिया गया है।
अपराध
मथुरा: पुलिस मुठभेड़ में दुष्कर्म का आरोपी घायल, पैर में गोली लगी

CRIME
मथुरा, 25 दिसंबर: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में लिफ्ट देने के बहाने दुष्कर्म करने वाले शातिर अपराधी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। थाना कोतवाली पुलिस और एसओजी (एसओजी) की संयुक्त टीम ने गुरुवार तड़के यह कार्रवाई की। सीओ सिटी आशना चौधरी ने इस कार्रवाई की जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार यह मुठभंड़ केआर डिग्री कॉलेज के पास हुई। कार्रवाई के बाद दुष्कर्म के आरोपी ओमप्रकाश को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल, पुलिस को देखते ही आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान ओमप्रकाश (34), पुत्र राधारमन, निवासी ग्राम जुल्हेदी, थाना गोवर्धन के रूप में हुई है। उस पर आरोप है कि उसने लिफ्ट देने के बहाने एक महिला के साथ दुष्कर्म की जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। घटना के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
गुरुवार सुबह करीब 4:45 बजे मुखबिर से सूचना मिलने पर एसओजी और कोतवाली पुलिस ने केआर डिग्री कॉलेज के पास घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही आरोपी ने भागने की कोशिश की और खुद को घिरता देख पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में की गई पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लग गई, जिससे वह मौके पर ही गिर पड़ा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक मारुति एस-प्रेसो कार, एक .315 बोर का देशी तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस बरामद किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी इसी वाहन का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम देता था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि ओमप्रकाश एक शातिर और अंतर्राज्यीय अपराधी है, जिसका आपराधिक नेटवर्क दिल्ली तक फैला हुआ है। उसके खिलाफ पहले से ही थाना गोवर्धन में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अब आरोपी के आपराधिक इतिहास की विस्तृत जांच कर रही है और उससे जुड़े अन्य मामलों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
अपराध
दिल्ली साइबर पुलिस ने क्यूआर कोड फ्रॉड के मास्टरमाइंड को राजस्थान से गिरफ्तार किया

CRIME
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल, नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट ने एक सनसनीखेज क्यूआर कोड फ्रॉड केस को सुलझाया है। आरोपी ने दुकानों के मूल क्यूआर कोड में छेड़छाड़ कर ग्राहकों के पेमेंट को अपने अकाउंट में डायवर्ट कर दिया था। पुलिस ने इंटर-स्टेट ऑपरेशन कर राजस्थान के जयपुर से 19 साल के आरोपी मनीष वर्मा को गिरफ्तार किया।
केस की शुरुआत 13 दिसंबर 2025 को हुई, जब एक शख्स चांदनी चौक की मशहूर कपड़े की दुकान पर 2.50 लाख रुपए का लहंगा खरीदने गया। उसने दुकान पर दिखाए QR कोड को स्कैन कर 90,000 और 50,000 रुपए के दो पेमेंट किए। लेकिन दुकान वाले ने कहा कि पैसे उनके ऑफिशियल अकाउंट में नहीं आए। स्क्रीनशॉट दिखाने के बावजूद दावा किया गया कि कोई पेमेंट नहीं हुआ। पीड़ित ने ऑनलाइन शिकायत की, जिस पर साइबर नॉर्थ पुलिस स्टेशन में बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत ई-एफआईआर दर्ज हुई।
जांच डीसीपी नॉर्थ के निर्देशन, एसीपी ऑपरेशंस विदुषी कौशिक की लीडरशिप और एसएचओ साइबर नॉर्थ रोहित गहलोत के सुपरविजन में हुई। टीम ने दुकान का स्पॉट इंस्पेक्शन किया, बिलिंग प्रोसेस वेरिफाई की और स्टाफ के बयान लिए। यूपीआई ट्रांजेक्शन ट्रेल से पता चला कि पैसे एक अलग अकाउंट में गए, जो राजस्थान से ऑपरेट हो रहा था।
टेक्निकल एनालिसिस, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल फुटप्रिंट्स के आधार पर आरोपी की लोकेशन ट्रेस की गई। जयपुर के चाकसू इलाके में छापेमारी कर मनीष वर्मा को पकड़ा गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने एआई-बेस्ड इमेज एडिटिंग ऐप से मूल क्यूआर कोड में बदलाव कर मर्चेंट की डिटेल्स अपनी बदल दीं। फ्रॉड का आइडिया उसे साउथ इंडियन फिल्म ‘वेट्टैयान’ के एक सीन से मिला।
पुलिस ने उसके मोबाइल फोन जब्त किए, जिनमें 100 से ज्यादा एडिटेड क्यूआर कोड, चैट और फाइनेंशियल रिकॉर्ड मिले। ठगी की रकम उसके अकाउंट में ट्रेस हो गई। जांच से खुलासा हुआ कि आरोपी ने सिस्टमैटिक तरीके से कई दुकानों को टारगेट किया था। इससे अन्य पीड़ितों और ट्रांजेक्शनों की पहचान के लिए नई लाइन्स खुली हैं।
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