राष्ट्रीय समाचार
अभिषेक बनर्जी के घर की रेकी करने वाले का क्या है 26/11 से कनेक्शन? संदिग्ध को लेकर हुआ बड़ा खुलासा।
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में अभिषेक बनर्जी के घर की रेकी करने वाला संदिग्ध आतंकी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि यह शख्स टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी के घर के बाहर रेकी कर रहा था. इसकी शिकायत अभिषेक के पर्सनल सेक्रेटरी (पीए) ने दर्ज करवाई थी. आपको बता दें कि कल यानी रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी और भतीजे अभिषेक बनर्जी की हत्या की आशंका जाहिर की थी।
बताया जा रहा है कि शिकायत दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच करते हुए संदिग्ध को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है. संदिग्ध की गिरफ्तारी के बाद कोतकाता पुलिस ने अभिषेक बनर्जी के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि जिस संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है वह अभिषेक के घर और ऑफिस की रेकी की थी, जिसके बाद इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
कोलकाता पुलिस ने मुंबई के माहिम इलाके से एक 40 साल के आदमी राजा राम रेगे को हिरासत में लिया है. कोलकाता पुलिस उसे मुंबई से कोलकाता लेकर जा रही है. इस पूरे ऑपरेशन को कोलकाता पुलिस ने अंजाम दिया है. वहीं मुंबई पुलिस ने कहा है कि हिरासत में लिया आदमी आतंकवादी है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है. इसकी जांच कोलकाता पुलिस कर रही है।
26/11 हमले से क्या है लिंंक?
कोलकाता पुलिस के एडिशनल सीएपी मुरलीधर शर्मा ने बताया कि 26/11 के आरोपी हेडली ने जिन लोगों से सहायता ली थी उनमें से एक था राजा राम रेगे, जिसे पुलिस ने अभिषेक के घर और ऑफिस की रेकी करने के मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपी आकंती ने अभिषेक और उनके पीए का फोन नंबर खोज निकाला और संपर्क किया कि वो उनसे मिलना चाहता है, इस बीच अभिषेक के ऑफिस और घर की रेकी की।
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें और उनके भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को निशाना बना रही है तथा वे दोनों सुरक्षित नहीं हैं. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक दिन पहले कहा था कि सोमवार को एक बड़ा धमाका होगा, जो तृणमूल और उसके शीर्ष नेतृत्व को हिला कर रख देगा, जिसके बाद ममता ने यह आरोप लगाया है।
बलूरघाट लोकसभा क्षेत्र के कुमारगंज में पार्टी उम्मीदवार और राज्य में मंत्री बिप्लब मित्रा के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि भाजपा मुझे और अभिषेक को निशाना बना रही है. हम सुरक्षित नहीं हैं लेकिन हम केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी की साजिश से भी नहीं डरते हैं. हम तृणमूल नेताओं और पश्चिम बंगाल के लोगों के खिलाफ साजिश के प्रति सावधान रहने का हर किसी से आग्रह करते हैं. तृणमूल प्रमुख ने अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक गद्दार है, जिसने अपने परिवार और अवैध संपत्ति को बचाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया. मैं उन्हें बता दूं कि चॉकलेट बम धमाका करने की उनकी धमकी को हम तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम पटाखे फोड़कर उनका मुकाबला करेंगे. हम पीएम केयर फंड में विसंगतियों और प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाते में 15 लाख रुपये भेजने के ‘जुमले’ को उजागर कर रहे हैं. वे केवल झूठ फैलाते हैं. ममता ने भाजपा पर धर्म आधारित वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि दूरदर्शन का ‘लोगो’ अचानक भगवा क्यों हो गया? सेना के जवानों के आधिकारिक आवास को भगवा रंग से क्यों रंगा गया? काशी (विश्वनाथ मंदिर) में पुलिस की वर्दी भगवा रंग की क्यों कर दी गई?
उन्होंने कहा कि हम फैसले (दूरदर्शन के ‘लोगो’ का रंग बदलने) का कड़ा विरोध करते हैं…यह भाजपा के निरंकुश शासन का एक और उदाहरण है. यदि वह सत्ता में बनी रहती है तो भविष्य में कभी चुनाव नहीं होंगे. एक व्यक्ति, एक पार्टी का शासन होगा और विभिन्न समुदायों के धार्मिक अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे।
राजनीति
मध्य प्रदेश के मंत्री का बयान शर्मनाक : जीतू पटवारी

JITU PATVARI
भोपाल, 27 अक्टूबर: मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप में हिस्सा लेने आई ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ियों के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिए गए बयान की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निंदा की और इसे शर्मनाक भी करार दिया है।
दरअसल, पिछले दिनों इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी। इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सलाह देने वाले अंदाज में कहा कि खिलाड़ी जब भी बाहर जाएं तो उन्हें प्रशासन को अवगत कराना चाहिए।
मंत्री विजयवर्गीय के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर्स से छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना के बाद भाजपा के मंत्री का बयान पूरे मध्य प्रदेश के लिए शर्म की बात है। बेटियों की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं और मंत्री सलाह दे रहे हैं कि बाहर जाने से पहले प्रशासन को बताएं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सवालिया अंदाज में पूछा कि क्या अब मध्य प्रदेश इतना असुरक्षित हो गया है कि हर बेटी को घर से निकलने से पहले प्रशासन को सूचना देनी पड़े? भाजपा सरकार बेटियों की सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा नेताओं के असंवेदनशील बयानों से जनता का गुस्सा बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को जवाब देना चाहिए कि आखिर प्रदेश में ऑस्ट्रेलिया की महिला खिलाड़ियों के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बयानबाजी ही क्यों हो रही है और ऐसे शर्मनाक बयान पर कार्रवाई करें।
महिला क्रिकेटर के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद सरकार का रवैया सख्त है और वह दोषियों पर कार्रवाई की बात कर रही है, वहीं कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी दौरान कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कहीं भी जाए तो स्थानीय शासन को सूचना देकर जाए, वास्तव में यह घटना हमारे लिए सबक है।
मंत्री विजयवर्गीय ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि हम लोग भी जब कहीं जाते हैं तो किसी एक स्थानीय व्यक्ति को बताते हैं, खिलाड़ियों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र: लातूर में विषदंत विहीन नाग लेकर भीख मांग रहे लोग पकडे गए, वन विभाग की कार्रवाई

लातूर, 27 अक्टूबर: महाराष्ट्र में लातूर जिले के औसा शहर में सर्पमित्रों और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सांप को लेकर भीख मांग रहे लोगों को पकड़ा है। वन विभाग को उनके पास से विष दंत विहीन नाग मिला।
वन्यजीवों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक जिंदा नाग को बरामद किया। इस नाग के दांत तोड़ दिए गए थे और कुछ लोग इसे लेकर भीख मांगते घूम रहे थे।
दिवाली के दौरान औसा शहर में कुछ लोग एक दंतविहीन नाग को लेकर सड़कों पर घूम रहे थे। वे इसे अपनी आजीविका के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। सूचना मिलते ही सर्पमित्रों और वन विभाग की टीम ने मौके पर छापा मारा और नाग को इन लोगों के चंगुल से छुड़ा लिया। नाग की हालत गंभीर थी, क्योंकि उसके विषदंत (फैंग्स) पूरी तरह से निकाल दिए गए थे।
बरामदगी के बाद नाग को लातूर में सर्पमित्र भीमाशंकर गाढवे और पशुचिकित्सक डॉक्टर नेताजी शिंगटे की देखरेख में इलाज के लिए भेजा गया। डॉक्टरों के अनुसार, नाग के प्राकृतिक दांत फिर से उगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसमें शुरुआती सफलता मिली है। नाग के नए दांत लगभग दो मिलीमीटर तक बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा।
डॉक्टर शिंगटे ने बताया, “नाग अब बेहतर प्रतिक्रिया दे रहा है। हम उसे कृत्रिम तरीके से खाना और दवाएं दे रहे हैं। उसके दांतों का वापस आना सकारात्मक संकेत है।”
वन विभाग ने इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, क्योंकि वन्यजीवों का इस तरह इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।
स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की तारीफ की है और विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने की अपील की है। वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की सूचना तुरंत दें।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली दंगा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार, 31 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

suprim court
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि जब पिछली तारीख पर पुलिस को जवाब दाखिल करने का पर्याप्त समय दिया गया था, तो फिर अब तक जवाब क्यों दाखिल नहीं किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि सोमवार को मामले की सुनवाई होगी। अदालत ने सवाल किया, “जब याचिकाकर्ता पहले ही 5 साल जेल में बिता चुके हैं, तब भी पुलिस की ओर से जवाब दाखिल न करना बेहद गंभीर लापरवाही है।”
अदालत ने कहा कि अब इस मामले में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर तय की है और तब तक दिल्ली पुलिस को अपना जवाब हर हाल में दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह मामला पहले भी सुप्रीम कोर्ट में उठ चुका है। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिकाएं 2 सितंबर को खारिज कर दी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था।
हालांकि, पुलिस की ओर से अब तक कोई जवाब पेश नहीं किया गया, जिससे अदालत ने नाराजगी जाहिर की। अदालत ने साफ कहा कि यह मामला वर्षों से लंबित है और याचिकाकर्ता पहले से ही लंबे समय से जेल में हैं, इसलिए अब इस पर निर्णायक सुनवाई जरूरी है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि विरोध या प्रदर्शन के नाम पर साजिशन हिंसा को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने माना था कि दंगों की घटनाएं योजनाबद्ध थीं, जिनका उद्देश्य समाज में विभाजन और अशांति फैलाना था।
हाईकोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। वहीं, एक अन्य आरोपी तसलीम अहमद की याचिका भी 2 सितंबर को अलग पीठ ने खारिज की थी।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
