राजनीति
सोमवार को भी राज्यसभा में हंगामा जारी, सदन की कार्रवाई स्थगित
राज्यसभा में सोमवार को भी हंगामा जारी रहा। सुबह 11 सदन की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन कुछ देर बाद ही हंगामा के कारण स्थगित करनी पड़ी।
दरअसल विपक्षी सांसद सुरक्षा के विषय पर सदन में चर्चा चाहते थे। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया। हालांकि चर्चा के लिए दिए गए सांसदो के ये सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए।
नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही दोपहर 11 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दरअसल 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए थे। इन युवको ने लोकसभा में सांसदों के बीच रंग वाले पटाखों से धुआं फैला दिया था। इससे सदन में पीला धुआं हो गया।
इसे सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है। सोमवार को एक बार फिर से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष सुरक्षा में गंभीर चूक का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री से जानकारी व जवाब देने की मांग कर रहा है।
मांग न माने जाने पर विपक्ष ने नारेबाजी की।
विपक्ष का कहना है कि मामला बहुत गंभीर है। यह सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा का सवाल नहीं है, बात यह है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद दो लोग कैसे अंदर आए और सुरक्षा में सेंध लगाई।
राजनीति
आस्था का महापर्व छठ पूजा से छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आए : सीएम साय

रायपुर, 28 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक महापर्व छठ पूजा मंगलवार को सूर्योदय के समय दिए गए अर्घ्य के साथ विधिवत सम्पन्न हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन व्रत का समापन सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित कर और आशीर्वाद प्राप्त कर किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुसौर विधानसभा क्षेत्र में छठ घाट पर श्रद्धालुओं के साथ शामिल होकर सूर्योदय अर्घ्य अर्पित किया।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह पर्व सूर्य और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए, यही कामना है। प्रदेश के कई हिस्सों में नए छठ घाटों का निर्माण किया गया, जिसकी स्वीकृति मुख्यमंत्री ने स्वयं दी। घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
सीएम साय ने छठ महापर्व के अवसर पर कहा कि पहले विधायक और अब मुख्यमंत्री के रूप में, मेरा प्रयास रहा है कि मैं छठ समारोह में भाग लूं, भगवान सूर्य की पूजा करूं और इस पावन पर्व के दौरान श्रद्धालुओं के साथ शामिल होऊं। इस बार भी मुझे यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि सोमवार शाम को अर्घ्य दिया गया और मंगलवार सुबह का अर्घ्य अर्पित किया। मुख्यमंत्री ने कामना की कि सभी के घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आए। इसके साथ ही, छठ पूजा के लिए सुविधाएं बढ़ाने हेतु पुसौर क्षेत्र में छठ घाटों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में सीएम ने लिखा कि आस्था, श्रद्धा और पवित्रता के इस महापर्व छठ पूजा में अपनी पत्नी के साथ सम्मिलित होकर छठी मईया की पूजा-अर्चना की एवं भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य अर्पित कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और मंगल की कामना की। यह पर्व संयम, साधना और प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है, जो समाज में श्रद्धा, संस्कार और एकता का संदेश देता है। छठी मइया और भगवान सूर्य नारायण की कृपा से हर घर में सुख-शांति और समृद्धि का प्रकाश बना रहे।
एसआईआर के कार्यान्वयन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एसआईआर प्रक्रिया का सही ढंग से कार्यान्वयन हो।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप प्रशासन की नीतियों के बावजूद रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने मिलकर किया भारत-अमेरिका संबंधों का समर्थन

वाशिंगटन, 28 अक्टूबर: अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों के सांसद मिलकर भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में जुट गए हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कुछ महीने पहले ट्रंप प्रशासन ने भारत के हितों के खिलाफ कई नीतियां लागू की थीं। सांसदों का कहना है कि दोनों पार्टियों को मिलकर इस साझेदारी का समर्थन करना चाहिए और भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत रखना चाहिए।
पिछले दस दिनों में कम से कम छह संयुक्त पत्र और प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इन पत्रों में भारतीय अमेरिकी समुदाय के हितों की सुरक्षा करने और भारत-अमेरिका के सहयोग को बनाए रखने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन से उन नीतियों के लिए जवाबदेही मांगी गई है।
पिछले हफ्ते अमेरिकी सांसदों ने रटगर्स यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हिंदुओं के खिलाफ गलत धारणाओं और पूर्वाग्रह को बढ़ावा दे सकता है, खासकर तब जब अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में जॉर्जिया से डेमोक्रेट सैनफोर्ड बिशप, इलिनॉय से श्री थानेदार, वर्जीनिया से सुहास सुब्रमण्यम और जॉर्जिया से रिपब्लिकन रिच मैककॉर्मिक शामिल थे।
इसके दो दिन पहले छह सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने एच-1बी वीजा नियमों को लेकर अपनी चिंता जताई।
पत्र में कहा गया कि यह नई नीतियां अमेरिकी नियोक्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ाएंगी और अमेरिका की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करेंगी।
इस पत्र पर डेमोक्रेट सुहास सुब्रमण्यम और रिपब्लिकन सांसद जॉय ओबरनोल्टे और डॉन बेकन समेत अन्य सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए।
17 अक्टूबर को चार अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखा और भारत में होने वाले क्वाड लीडर्स समिट और एशिया की अन्य बैठकों में हिस्सा लेने का आग्रह किया।
उसी दिन, प्रतिनिधि सभा में एक संयुक्त प्रस्ताव भी पेश किया गया। इसमें भारतीय अमेरिकी समुदाय के अमेरिका में योगदान को मान्यता देने और भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ नस्लीय हमलों की निंदा करने की बात कही गई।
इस प्रस्ताव में भारत-अमेरिका के रिश्ते को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक साझेदारियों में से एक बताया गया।
यह कदम पिछले दिनों 19 डेमोक्रेट सांसदों के पत्र से अलग था, जिसमें उन्होंने ट्रंप को भारत-अमेरिका संबंधों को सुधारने और फिर से मजबूत करने की सलाह दी थी। उस समय कोई रिपब्लिकन सांसद इसमें शामिल नहीं हुआ था।
डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के नेताओं को आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने लंबे समय तक चुप्पी बनाए रखी थी। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जैसे ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक लगातार भारत के खिलाफ नीतियां बना रहे थे। ये नीतियां भारत के रूस से तेल खरीदने और व्यापार संतुलन को लेकर थीं।
अगस्त में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए। इसमें रूस से तेल आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था।
इसके बाद सितंबर में ट्रंप ने एच-1बी वीजा नियम में बदलाव किया और इसके लिए 100,000 डॉलर का आवेदन शुल्क लगाया। 2024 में एच-1बी वीजा पाने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लोग भारतीय थे, जिससे भारत के हित सीधे प्रभावित हुए।
कुछ डेमोक्रेट सांसदों ने इस पर सार्वजनिक विरोध किया, लेकिन रिपब्लिकन सांसदों ने हाल तक चुप्पी बनाए रखी। अक्टूबर की शुरुआत में डेमोक्रेट सांसद अमी बेरा ने मिडिया से कहा कि कुछ रिपब्लिकन सांसद सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि वे राष्ट्रपति ट्रंप से डरते हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों को भारत-अमेरिका संबंधों का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।
दुर्घटना
राजस्थान: मजदूरों से भरी बस में करंट दौड़ने के बाद लगी आग, दो की मौत, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने दुख जताया

जयपुर, 28 अक्टूबर: राजस्थान के जयपुर में मंगलवार को दर्दनाक बस हादसा हुआ। यहां मजदूरों को लेकर जा रही एक बस हाईटेंशन लाइन के तार की चपेट में आ गई, जिससे दो मजदूरों की मौत होने की सूचना है, जबकि 10 से अधिक मजदूर चोटिल बताए जा रहे हैं।
जानकारी सामने आई है कि जयपुर जिले के शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मनोहरपुर क्षेत्र में यह हादसा हुआ। यह बस शाहपुरा के टोडी स्थित ईंट भट्टे पर मजदूरों को लेकर आ रही थी। हाईटेंशन लाइन को छूने पर पूरी बस में करंट दौड़ने लगा, जिसके बाद उसमें आग लग गई।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि बस दुर्घटना में जनहानि का समाचार सुनकर मन अत्यंत व्यथित है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की सूचना प्राप्त होते ही संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर घायलों के समुचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “जयपुर के मनोहरपुर में श्रमिकों से भरी बस के हाईटेंशन लाइन छूने से आग लगने से 2 व्यक्तियों की मृत्यु और कई अन्य के घायल होने का समाचार दुखद है। राजस्थान में जिस प्रकार से आए दिन हादसे होने से आम जन अपनी जान गंवा रहे हैं, यह चिंताजनक है। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “मजदूरों से भरी बस के हाईटेंशन लाइन से टकराने की घटना अत्यंत दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। हादसे में दो लोगों की मृत्यु और 10 से अधिक लोगों के घायल होने का समाचार गहरा दुख देने वाला है। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति, परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
पूर्व सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने बस दुर्घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा, “जयपुर के मनोहरपुर क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन के चपेट में आने से एक स्लीपर बस में आग लगने से हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इस हादसे में दो मजदूरों की मृत्यु हो जाने व कई लोगों के गंभीर रूप से झुलस जाने के समाचार प्राप्त हुए हैं। ईश्वर दिवंगतजनों की आत्मा को शांति प्रदान करें व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
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