राजनीति
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो भाजपा को केंद्र से हटा देंगे : लालू

राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर केंद्र ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया तो वह उन्हें सत्ता से हटा देंगे।
बुधवार को पटना हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए लालू प्रसाद ने कहा, “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम केंद्र से मोदी सरकार को हटा देंगे।”
नीतीश कुमार सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर प्रस्ताव पारित करने के बाद एक बार फिर से विशेष दर्जे की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
राज्य सरकार ने केंद्र से विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए 2,50,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराने की भी मांग की है।
बैठक के बाद नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट अपलोड करते हुए कहा, “कैबिनेट बैठक के दौरान हमने बिहार को विशेष दर्जा देने का प्रस्ताव पारित किया है और केंद्र से इसे पूरा करने का अनुरोध किया है।”
विशेष दर्जे की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, “नीतीश कुमार को विशेष दर्जे की नहीं, बल्कि विशेष व्यवहार की जरूरत है। उनके पास विशेष दर्जे की मांग करने का नैतिक अधिकार नहीं है।”
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

मुंबई: (कमर अंसारी) महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में चल रही आंतरिक खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। पिछले कई दिनों से पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू असीम आज़मी, अपने ही विधायक रईस शेख से नाराज़ चल रहे थे। कई बार उन्होंने अपने बयानों में भी इस नाराज़गी का परोक्ष रूप से उल्लेख किया था। अब यह मामला पूरी तरह उजागर हो चुका है — महाराष्ट्र में अबू असीम आज़मी ने रईस शेख की जगह कांग्रेस छोड़कर आए यूसुफ अब्राहनी को तरजीह दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि रईस शेख को बाहर का रास्ता दिखाने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
अगर जमीनी हकीकत पर नज़र डालें, तो रईस शेख की लोकप्रियता भी इस पूरे घटनाक्रम की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। मुंबई और भिवंडी में रईस शेख ने अपने कार्यकाल के दौरान जनहित में कई अहम कार्य किए हैं, जिससे उनकी पकड़ जनता में मजबूत हुई है। भिवंडी विधानसभा क्षेत्र से वह लगातार दूसरी बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। क्षेत्र की जनता का भी मानना है कि उन्होंने रईस शेख को उनके काम के आधार पर ही दोबारा मौका दिया।
शिक्षा, सड़क, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को हल करने के साथ-साथ रईस शेख का आम जनता से सीधे जुड़ाव उनकी लोकप्रियता में इज़ाफा कर रहा है। यही नहीं, दक्षिण मुंबई में नगरसेवक के रूप में उनके किए गए कार्यों को आज भी लोग सराहते हैं। यही कारण है कि आगामी नगर निगम चुनावों में उनके समर्थित उम्मीदवारों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अबू असीम आज़मी को रईस शेख की इसी बढ़ती लोकप्रियता से खतरा महसूस होने लगा था। पार्टी हाईकमान अखिलेश यादव की आज़मी से नाराज़गी भी इसी क्रम में देखी जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, रईस शेख को और अधिक सशक्त होने से रोकने के लिए उन्हें अबू असीम द्वारा पार्टी से बाहर किया जा रहा है।
वहीं, कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए यूसुफ अब्राहनी को अब पार्टी में नई जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन यह वही यूसुफ अब्राहनी हैं, जिन्होंने करीब 20 साल पहले समाजवादी पार्टी के दर्जनों नगरसेवकों को साथ लेकर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी और मुंबई में समाजवादी पार्टी को लगभग तोड़ दिया था। कांग्रेस ने उन्हें मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर विधायक बना दिया, लेकिन अगली बार वह चुनाव नहीं जीत सके।
बाद में मानखुर्द से अबू असीम आज़मी ने चुनाव लड़ा और यूसुफ अब्राहनी को हराया। दिलचस्प बात यह है कि आज़मी की इस जीत में रईस शेख की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। लेकिन अब पार्टी से रईस शेख को निकालने के लिए आज़मी ने उन्हीं यूसुफ अब्राहनी को पुनः पार्टी में शामिल कर लिया है, इस उम्मीद में कि वह फिर से दर्जनों नगरसेवक पार्टी में ला सकेंगे।
रईस शेख जिस पार्टी कार्यालय से वर्षों से कार्य कर रहे थे, उसे भी अब यूसुफ अब्राहनी को सौंप दिया गया है — एक स्पष्ट संकेत कि पार्टी में अब रईस शेख के लिए कोई स्थान नहीं है।
उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के हाईकमान और अखिलेश यादव के करीबी सूत्रों के अनुसार, पार्टी महाराष्ट्र में अब एक ऐसे नेता की तलाश में है, जो अबू असीम आज़मी की जगह ले सके। पार्टी को भविष्य में किसी नुकसान से बचाने के लिए आज़मी के हर निर्णय को अब अनदेखा किया जा रहा है।
महाराष्ट्र
उर्दू पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग, विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

मुंबई: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उर्दू पत्रकारों को पेंशन और वजीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन, चिकित्सा सहायता और उनके बच्चों की शादी में सहायता प्रदान करनी चाहिए और इसके लिए एक कोष आवंटित किया जाना चाहिए। अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि महाराष्ट्र में कई दैनिक और मासिक पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, जिनमें कार्यरत पत्रकार सेवानिवृत्ति के बाद भी कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन उनका खर्चा पूरा नहीं हो पाता और वे बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रहते हैं। इसलिए, ऐसे सेवानिवृत्त वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन दी जानी चाहिए जो अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और गरीबी से जूझ रहे हैं। आज़मी ने पत्र में मांग की है कि इन पत्रकारों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए और उनके बच्चों की शादी में भी मदद की जाए ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सके और उनकी दैनिक ज़रूरतें पूरी हो सकें।
राजनीति
अमेरिका पर भारत सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत : हर्षवर्धन सपकाल

नई दिल्ली, 7 अगस्त। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस घोषणा की निंदा की है, जिसमें भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू करने की बात कही गई है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तीव्र हो गई हैं। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार से सख्त रुख रखने की मांग कर रहा है। वहीं, भारत सरकार ने ऐलान कर दिया है कि वह देश के किसानों के साथ है। किसानों के हितों से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष सपकाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को भारत की विदेश नीति की कमजोरी का परिणाम बताया।
सपकाल ने कहा कि ट्रंप के इस कदम के संकेत लंबे समय से मिल रहे थे, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर गंभीर चिंतन और ठोस कदमों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कई विदेशी दौरे कर चुके हैं, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के साथ कोई देश खड़ा नहीं था, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने सवाल उठाया कि इस दौरे से क्या लाभ होगा, यह तो दौरे के बाद ही पता चलेगा।
मुंबई के तिलक भवन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में नवनियुक्त तालुका अध्यक्षों के लिए एक आवासीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य तालुका अध्यक्षों को संगठनात्मक और नेतृत्व कौशल प्रदान करना है।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि यह शिविर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शुरू की गई एक श्रृंखला का हिस्सा है, जिसके तहत तालुका अध्यक्षों का प्रशिक्षण पूरा किया जा रहा है। भविष्य में इस प्रशिक्षण को 60-60 के बैच में आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम को दो हिस्सों में बांटा गया है, ओरिएंटेशन प्रोग्राम तिलक भवन मुंबई में होगा, जबकि ट्रेनिंग प्रोग्राम महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में आयोजित किए जाएंगे। यह पहल कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और स्थानीय नेतृत्व को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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