अंतरराष्ट्रीय समाचार
अब तक मारे गए 700 इजरायली, 450 फिलीस्तीनी… पिछले 48 घंटे में गाजा से आई जंग की तस्वीरें बेहद डरावनी हैं

शनिवार को हमास आतंकवादियों द्वारा गाजा से इजरायल में 3,000 से अधिक रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल और गाजा में अब तक 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. जवाबी कार्रवाई में इजरायली रक्षा बलों ने गाजा में हमले किए. हमास आतंकवादियों ने अब तक कई नागरिकों का अपहरण किया और कई लोगों की हत्या कर दी है. इस नरसंहार के बाद इज़रायल भी घोषित तौर पर भीषण युद्ध पर उतर आया है. रविवार को सैकड़ों इजरायली अपने लापता परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी लेने के लिए एक केंद्रीय पुलिस स्टेशन पर इकट्ठे हुए. इज़रायली सरकार के अनुसार, गाजा में हमास के आतंकवादियों द्वारा 100 से अधिक लोगों को पकड़ लिया गया है और बंधक बना लिया गया है. हालांकि, लापता लोगों की ठीक-ठीक संख्या क्या है, यह अभी भी नहीं कहा जा सकता है.
युद्ध के दूसरे दिन इज़रायली सेना और आतंकवादी समूह हमास के बीच झड़पों से देश भर के कई क्षेत्र इससे प्रभावित हुए. इजरायल पर सबसे घातक हमला होने के बाद, इज़राइल में सैनिकों सहित कम से कम 700 से ज्यादा इज़रायली मारे गए हैं और 1,900 से अधिक घायल हुए हैं. गाजा पट्टी में, इज़रायल के जवाबी हमले के बाद 450 से अधिक मौतें हुईं और लगभग 2,300 घायल हुए, जिससे कुल मौतों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई. इस बीच उत्तरी इजरायल में लेबनानी इस्लामिक समूह हिजबुल्लाह ने रविवार को इजरायली चौकियों को निशाना बनाते हुए मोर्टार से गोलाबारी की. इजरायली सेना ने लेबनान में तोपखाने से हुए हमलों का जवाब दिया और सीमा के पास हिजबुल्लाह चौकी पर ड्रोन हमला किया. इलाके में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. मिस्र के अलेक्जेंड्रिया शहर में एक पुलिस अधिकारी ने इजरायली पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम दो इजरायली और एक मिस्र गाइड की मौत हो गई. स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों से सामने आया है कि हमले में एक अन्य व्यक्ति भी घायल हुआ है. यह घटना अलेक्जेंड्रिया में ऐतिहासिक पोम्पी स्तंभ स्थल पर हुई है. सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है.
थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि उसके 11 नागरिकों को हमास आतंकवादियों ने पकड़ लिया है. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्टों के अनुसार, ऐसे संकेत हैं कि उन्हें गाजा ले जाया गया होगा. बैंकॉक पोस्ट ने थाई प्रधान मंत्री श्रेथा थाविसिन के हवाले से कहा, “वे निर्दोष हैं और उनका किसी भी संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है.” यूनाइटेड किंगडम में इज़राइल के दूतावास के अनुसार, गाजा के पास एक संगीत समारोह पर फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के हमले के बाद एक ब्रिटिश नागरिक के लापता होने की सूचना मिली है. समाचार संगठन सीएनएन ने बताया कि इज़राइल पर हमास के हमले के बाद कम से कम तीन अमेरिकी मारे गए हैं. एएफपी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक फ्रांसीसी नागरिक की मौत की पुष्टि की है और यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसके दो नागरिकों की इजरायल में मौत हो गई.
इजरायल में नेपाल दूतावास के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि कम से कम 10 नेपाली छात्र मारे गए हैं. संयुक्त राज्य सरकार ने रविवार को कहा कि वह इज़राइल रक्षा बलों का समर्थन करने के लिए हथियारों सहित अतिरिक्त उपकरण और आपूर्ति भेजेगी. राष्ट्रपति जो बिडेन ने इज़राइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आश्वासन दिया कि और अधिक सहायता मिलने वाली है. इसके अलावा, यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने हमास के हालिया हमलों के बाद प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इज़राइल के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया. इज़राइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने रविवार को कहा कि उसके सैनिक इजराइल के अंदर फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ लड़ रहे हैं. हमास ने गाजा पट्टी की सीमा से लगे इज़रायली क्षेत्रों में भी लड़ाई की पुष्टि की, जिनमें ओफाकिम, सेडरोट, याद मोर्दचाई, केफ़र अज़्ज़ा, बेरी, यतीद और किसुफिम शामिल हैं.
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ट्रंप ने एच-1बी वीजा नियमों को सख्त किया, अब 100,000 डॉलर सालाना फीस लगेगी

TRUMP
वाशिंगटन, 20 सितंबर। अमेरिका में काम कर रहे भारतीय टेक्नोलॉजी पेशेवरों और बड़ी कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव करने के लिए एक घोषणा पत्र पर साइन किए हैं।
इस घोषणापत्र के अनुसार, अब प्रत्येक आवेदन के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर का शुल्क देना होगा। ट्रंप का कहना है कि इसका मकसद विदेशी कामगारों की बजाय अमेरिकी लोगों को नौकरी देना है।
व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारी नौकरियां हमारे नागरिकों को मिलें। हमें अच्छे कामगार चाहिए और यह कदम उसी दिशा में है।”
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लूटनिक ने भी इस फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अब बड़ी कंपनियां विदेशी लोगों को सस्ते में काम पर नहीं रखेंगी, क्योंकि पहले सरकार को 1 लाख डॉलर देने होंगे और फिर कर्मचारी को वेतन देना होगा। तो, यह आर्थिक रूप से ठीक नहीं है। आप किसी को प्रशिक्षित करेंगे। आप हमारे देश के किसी अच्छे विश्वविद्यालय से हाल ही में स्नातक हुए किसी व्यक्ति को प्रशिक्षित करेंगे, अमेरिकियों को प्रशिक्षित करेंगे। हमारी नौकरियां छीनने के लिए लोगों को लाना बंद करें। यही यहां की नीति है।
नए नियम के अनुसार, एच-1बी वीज़ा अधिकतम छह साल के लिए ही मान्य रहेगा, चाहे नया आवेदन हो या नवीनीकरण। आदेश में कहा गया है कि इस वीज़ा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे अमेरिकी कामगारों को नुकसान हो रहा था और यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था व सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है।
ट्रंप और लुटनिक दोनों ने ज़ोर देकर कहा कि सभी प्रमुख तकनीकी कंपनियां “इसमें शामिल” हैं।
ट्रंप ने एक नया “गोल्ड कार्ड प्रोग्राम” भी शुरू किया है। इसमें कोई व्यक्ति 10 लाख डॉलर देकर वीज़ा ले सकता है, जबकि कंपनियों को 20 लाख डॉलर देने होंगे।
अभी हर साल करीब 85 हजार नए एच-1बी वीजा दिए जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा हिस्सा भारतीयों को मिलता है। प्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में लगभग 73 प्रतिशत एच-1बी वीजा भारतीयों को मिले थे, जबकि चीन के लोगों को 12 प्रतिशत मिले।
इस फैसले से अमेरिका में काम कर रहे हजारों भारतीय पेशेवरों और वहां की टेक्नोलॉजी कंपनियों पर गहरा असर पड़ सकता है।
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पीएम मोदी को वैश्विक नेताओं और राजदूतों ने दी बधाई, भारत के साथ साझेदारी को सराहा

PM MODI
नई दिल्ली, 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर विश्व के विभिन्न देशों के नेताओं और राजदूतों ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इन संदेशों में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की इच्छा व्यक्त की गई।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और रूस के प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया और आधिकारिक बयानों के माध्यम से पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश साझा कर पीएम मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मेरे मित्र पीएम मोदी को नमस्कार। न्यूजीलैंड के सभी मित्रों की ओर से आपको 75वें जन्मदिन की बधाई। इस तरह की उपलब्धि आपके नेतृत्व की बुद्धिमत्ता को दर्शाती है, क्योंकि आप 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मार्गदर्शन करना चाहते हैं। मैं न्यूजीलैंड के भारत के साथ और अधिक साझेदारी करने के लिए उत्साहित हूं।”
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ऑस्ट्रेलिया को भारत के साथ इतनी गहरी दोस्ती पर गर्व है। हम ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के अविश्वसनीय योगदान के लिए हर दिन आभारी हैं। मैं जल्द ही आपसे मिलने की आशा करता हूं।”
इजरायल के भारत राजदूत रूवेन आजार ने हिंदी और अंग्रेजी में संदेश देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इजरायल और हमारे नई दिल्ली स्थित दूतावास की ओर से जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। भारत-इजरायल मित्रता और मजबूत हो।”
इजरायल के पूर्व मिडवेस्ट इंडिया कौंसल जनरल कोबी शोशानी ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी को 75वें जन्मदिन की बधाई, जो 17 सितंबर 1950 को पैदा हुए, उसी दिन जब भारत ने इजरायल को मान्यता दी।”
यूएई के भारत राजदूत अब्दुल नासिर अलशाली ने अपने संदेश में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके उत्तम स्वास्थ्य और निरंतर सफलता की कामना करता हूं। विश्वास है कि यूएई-भारत की साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी।”
रूस के भारत राजदूत डेनिस अलीपोव ने ‘एक्स’ पर हिंदी में पोस्ट कर कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। रूस-भारत की दशकों पुरानी मैत्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में उनके अमूल्य योगदान के लिए हम आभारी हैं। कामना है कि देश और दुनिया की भलाई करने वाले हर काम में उनको सफलता मिलती रहे।”
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इजरायली हमलों के बाद अमेरिकी दौरे पर कतर के प्रधानमंत्री, करेंगे डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात

TRUMP
वाशिंगटन, 13 सितंबर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप न्यूयॉर्क में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मिलेंगे। यह मुलाकात दोहा में इजरायली हवाई हमले के कुछ ही दिनों बाद हो रही है, जिसमें हमास के नेताओं को निशाना बनाया गया था। स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के भी इस बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
मीडिया के हवाले से बताया कि कतर के प्रधानमंत्री शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ लगभग एक घंटे की बातचीत के बाद न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए।
व्हाइट हाउस में हुई बैठक को “काफी सकारात्मक” बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने में कतर की भूमिका और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग समझौते पर चर्चा की।
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी साथ में डिनर करेंगे, जिसमें ट्रंप के एक शीर्ष सलाहकार, अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी मंगलवार को हुए इजरायली हमले के बाद कतर की ओर से बुलाई गई इमरजेंसी अरब समिट से ठीक पहले अमेरिका दौरे पर गए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें हमले के स्थान को लेकर बहुत दुख हुआ है और उन्होंने फोन पर कतर के नेताओं को आश्वासन दिया कि ऐसी घटना दोबारा उनके देश की जमीन पर नहीं होगी।
कतर ने इजरायल पर शांति की संभावनाओं को तोड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। कतर ने कहा कि वह इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम वार्ता में मध्यस्थ
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