अपराध
चिन्मयी श्रीपदा यौन उत्पीड़न मामला: गायिका ने सीएम एमके स्टालिन से वैरामुथु के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, पूछा ‘कोई प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई?’

गायक चिन्मयी श्रीपदा ने प्रसिद्ध तमिल गीतकार वैरामुथु के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पिछले कुछ दिनों से, चिन्मयी लगातार आरोप लगाने के लिए खबरों में रही हैं कि वैरामुथु ने उनका और अन्य महिलाओं का यौन शोषण किया था। चिन्मयी ने 2018 में वैरामुथु के खिलाफ आवाज उठाई थी। हालांकि अभी तक गीतकार और निर्देशक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वास्तव में, तमिलनाडु सरकार द्वारा कथित तौर पर चिमयी की दलीलों का भी जवाब नहीं दिया गया था। गायक ने अब लगातार सवाल उठाए हैं कि वैरामुथु के खिलाफ कोई प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई। टाइम्स नाउ के साथ बातचीत के दौरान, चिन्मयी ने कहा कि वैरामुथु ‘राजनीतिक रूप से शक्तिशाली’ हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 2018 में उनके पास जो भी कानूनी उपाय उपलब्ध था, उन्होंने लिया। डीजीपी।” उसने यह भी कहा कि पुलिस वाले उसके घर आए थे और उससे एक अतिरिक्त पत्र लिया था, लेकिन उसके बाद वे चुप हो गए।
“वैरामुथु की राजनीतिक शक्ति दाएं से बाएं तक फैली हुई है और वह कहीं भी डोर खींच सकते हैं। वह राजनीतिक रूप से इतने शक्तिशाली हैं कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना संभव नहीं है। लेकिन वे छेड़छाड़ करने वाले के रूप में मुझे दोषी ठहराने के लिए मुझे प्रतिबंधित करने में इतने तेज थे।” यह कैसे हो सकता है कि नियम अलग हैं कि वे उस व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाते हैं जिसने अपने ही एक के खिलाफ बात की है,” चिन्मयी ने कहा। चिन्मयी ने एमके स्टालिन से वैरामुथु के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है। “आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय, यह आश्चर्यजनक है कि जब भी पूरे भारत में कोई मामला सामने आता है, आप यौन उत्पीड़न पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए समर्थन करते हैं। जब राजनीतिक नेता बोलते हैं, तो बदलाव की उम्मीद होती है। हालांकि, कोई व्यवस्था नहीं है।” अभी तक – कई उद्योगों में विशेष रूप से फिल्म उद्योग में कोई ICC या POCSO नहीं है। 17+ महिलाओं ने आपके मित्र / समर्थक श्री वरिमुथु का नाम लिया है जो आपकी निकटता का आनंद लेना जारी रखते हैं, जिसका उपयोग वह उन महिलाओं को चुप कराने के लिए करते हैं जो और भी अधिक बोलती हैं। आपकी पार्टी जारी है उन्हें मंच देने के लिए, जैसा कि तमिलनाडु में अन्य राजनेताओं के पास है”, उन्होंने ट्वीट किया। हाल ही में, गायिका ने यह भी कहा कि वह कई लोगों को ‘वैरामुथु की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं’ “वैरामुथु को बचाने के लिए मैं बहुत से लोगों को जिम्मेदार ठहरा रही हूं। डीएमके में कुछ लोग हैं जिन्होंने मेरी मदद करने की कोशिश की, लेकिन अंत में, उनके भी हाथ बँधे हुए हैं। तो ये क्या डोरियाँ हैं जहाँ सबके हाथ हैं”। चिन्मयी पिछले पांच सालों से गीतकार वैरामुथु पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए लोगों को ‘आह्वान’ भी किया है, इस बीच, लगभग 17 महिलाओं ने वैरामुथु के खिलाफ कथित उत्पीड़न के आरोपों पर बात की। इससे पहले 29 मई को, गायक ने सीएम और डीएमके की कनिमोझी को संबोधित करते हुए एक लंबा ट्वीट लिखा था जिसमें बताया गया था कि कैसे वैरामुथु ने अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग करके कई महिलाओं को चुप करा दिया था।
अपराध
महाराष्ट्र: उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर फायरिंग, घटना सीसीटीवी में कैद

अंबरनाथ, 21 अप्रैल। महाराष्ट्र के अंबरनाथ में प्रसिद्ध उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की। घटना अंबरनाथ के हुतात्मा चौक के पास स्थित पनवेलकर के ‘सीताई सदन’ निवास स्थान पर आज दोपहर लगभग 2.30 बजे घटी। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, दो अज्ञात हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और पनवेलकर के घर के गेट की दिशा में दो राउंड फायरिंग कर मौके से फरार हो गए। गनीमत रही कि इस हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
पूरी घटना पनवेलकर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फायरिंग की सूचना मिलने के बाद शिवाजीनगर थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू की।
पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है और हमलावरों की पहचान में जुटी है। इस फायरिंग की वजह क्या थी और इसके पीछे कौन हो सकता है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। गोलीबारी की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
बता दें कि हाल ही के दिनों में नवी मुंबई के बेलापुर में बिल्डर सदरुद्दीन खान (50) पर चेंबूर के डायमंड गार्डन के पास फायरिंग हुई थी। शुरुआती जांच में बिल्डर पर फायरिंग की घटना के पीछे संपत्ति या निजी विवाद को कारण माना गया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोप है कि सदरुद्दीन खान लंबे समय से तेल चोरी के मामलों में शामिल रहा है। मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
हालांकि, पुलिस ने बिल्डर पर फायरिंग के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इस फायरिंग के पीछे का कारण संपत्ति विवाद था।
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नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
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