राजनीति
मणिपुर में अनुच्छेद 355 लगाया गया क्योंकि सैकड़ों राज्य से बाहर भाग गए

यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में व्यापक अशांति के मद्देनजर चुनावी राज्य कर्नाटक में अपनी सभी सभाओं को रद्द कर दिया, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्य में अनुच्छेद 355 लागू कर दिया। अनुच्छेद 355 एक आपातकालीन प्रावधान है जो केंद्र को आंतरिक गड़बड़ी और बाहरी आक्रमण के खिलाफ राज्य की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का अधिकार देता है। विशेष प्रावधान लागू किए जाने से उत्साहित डीजीपी ने कहा, “मणिपुर में स्थिति एक या दो दिनों में नियंत्रण में आने की उम्मीद है।” हालांकि, शुक्रवार तक, घाटी के आसपास के विभिन्न पहाड़ी जिलों से सुबह रुक-रुक कर गोलीबारी की सूचना के साथ स्थिति गंभीर बनी हुई थी। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह थी कि घिरे समुदाय मणिपुर से भाग रहे थे; एसटी दर्जे की मांग को लेकर बहुसंख्यक मेइती और आदिवासियों के बीच हिंसा ने हजारों लोगों को विस्थापित किया है। कुछ बस्तियों में, लगभग सभी लोग भाग गए हैं।
चिंता की बात यह है कि पड़ोसी राज्य भी आग के घेरे में आ रहे हैं। मेघालय सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह छात्रों सहित अपने नागरिकों को निकालने के लिए कदम उठा रही है। उन्माद से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है। राज्य के 1000 से अधिक लोग आश्रय लेने के लिए असम के कछार जिले में प्रवेश कर चुके हैं। भारतीय वायु सेना ने प्रभावित क्षेत्रों से नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए असम में दो हवाई क्षेत्रों से रात भर लगातार उड़ानें भरीं। एडीजीपी ने मीडिया को बताया कि 20,000 से अधिक प्रभावित लोगों को निकाला गया है। जातीय हिंसा, जिसने पिछले कुछ दिनों से मणिपुर को अपनी चपेट में ले रखा है, कुछ समय से पनप रही थी क्योंकि इंफाल घाटी और इसके आसपास की पहाड़ियों में जातीय समूहों के बीच आपसी संदेह का एक लंबा इतिहास रहा है; भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार द्वारा आरक्षित जंगलों से आदिवासी ग्रामीणों को बेदखल करने का अभियान शुरू करने के बाद गुस्सा और गहरी दुश्मनी एक उग्र संघर्ष में बदल गई। इस बीच, मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। हिंसा में कोई कमी नहीं आई है और गुरुवार शाम इंफाल में गुस्साई भीड़ द्वारा दो शॉपिंग मॉल में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। तीन बार के आदिवासी विधायक पर भीड़ द्वारा हमला किया गया और उसे गंभीर माना जा रहा है। कांग्रेस ने संकटग्रस्त राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है।
राजनीति
‘मेरे खिलाफ भी दर्ज करें केस’ हिंजेवाड़ी दौरे के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार का सख्त संदेश

पुणे, 26 जुलाई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार शनिवार को एक्शन में नजर आए। उन्होंने सुबह पुणे के हिंजेवाड़ी स्थित राजीव गांधी आईटी पार्क क्षेत्र का दौरा किया और नागरिक मुद्दों की समीक्षा की। इस दौरान अजित पवार ने अधिकारियों को काम में बाधा उत्पन्न करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
अजित पवार को कहते सुना गया, “विकास कार्य में अगर कोई आड़े आ रहा है, तो उसके खिलाफ सरकारी कामों में बाधा निर्माण करने की धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज करें। अगर मैं भी इस बीच में बाधा बनकर आऊं, तो मेरे खिलाफ भी इसी 353 धारा के तहत मामला दर्ज करें।”
हिंजेवाड़ी स्थित राजीव गांधी आईटी पार्क क्षेत्र काफी मशहूर है। आईटी पार्क में जलभराव से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मानसून के आगमन के बाद हिंजेवाड़ी आईटी पार्क वाटर पार्क में तब्दील हो गया था। शनिवार को अजित पवार ने यहां का दौरा किया।
अजित पवार सुबह 6 बजे ही हिंजेवाड़ी पहुंच गए। अजित पवार ने उन सभी जगहों का निरीक्षण किया, जहां कथित तौर पर अवैध निर्माण हुआ। इसी बीच, कुछ स्थानीय लोग अजित पवार से मिलने आए, जिन्होंने उपमुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई न हो। हालांकि, इस बात पर अजित पवार भड़क गए।
डिप्टी सीएम ने वहां उपस्थित पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस कमिश्नर विनय कुमार चौबे को सूचित किया कि हिंजेवाड़ी आईटी पार्क और अन्य इलाकों में डेवलपमेंट चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर कोई बाधा बनता है तो उसके खिलाफ धारा 353 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। इसी दौरान उन्होंने अपना भी नाम लिया था।
इसके बाद, पुणे में अजित पवार ने महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उपमुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “राजीव गांधी आईटी पार्क में विभिन्न स्थानीय समस्याओं, पुणे मेट्रो लाइन 3 परियोजना के स्थल निरीक्षण और यातायात की समस्या के समाधान के लिए प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की गई।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
1 अगस्त तक ज्यादातर व्यापार समझौते पूरे हो जाएंगे: ट्रंप

वाशिंगटन, 26 जुलाई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह 1 अगस्त तक अधिकांश देशों के साथ अपने व्यापार समझौते पूरे कर लेंगे। दक्षिण कोरिया सहित कई व्यापारिक साझेदार इस समय अमेरिकी “प्रतिस्पर्धी” टैरिफ दरों को कम करने के लिए समझौते की कोशिश में लगे हुए हैं।
व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार करीब 200 देशों को टैरिफ दरों के बारे में एक पत्र भेज सकती है, जिसका मतलब होगा कि उनके साथ समझौता हो चुका है। ट्रंप ने कहा, “वे टैरिफ का भुगतान करते हैं और वही समझौता होता है।”
ट्रंप ने कहा, “1 अगस्त आ रहा है और तब तक हमारे ज्यादातर व्यापार समझौते पूरे हो जाएंगे।” उन्होंने कहा कि जब ये पत्र भेजे जाएंगे, तो इसका मतलब होगा कि समझौता हो चुका है।
दक्षिण कोरिया उन प्रमुख देशों में शामिल है जो अमेरिका के साथ 25 प्रतिशत प्रतिस्पर्धी टैरिफ और ऑटोमोबाइल व स्टील जैसे क्षेत्रों पर अलग-अलग शुल्कों को टालने या कम करने के लिए समझौता करना चाहता है, क्योंकि ये शुल्क उसकी निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाल सकते हैं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया, “हम दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार वार्ताओं में उत्पादक प्रगति कर रहे हैं, ताकि अनुचित व्यापार बाधाओं को कम किया जा सके और अमेरिकी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाई जा सके।”
दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ व्यापार सहयोग को मजबूत करने के लिए जहाज निर्माण, सेमीकंडक्टर और बैटरियों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में कई प्रस्ताव दिए हैं।
गुरुवार को दक्षिण कोरिया के उद्योग मंत्री किम जुंग-क्वान और व्यापार मंत्री यो हान-कू ने वॉशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक के साथ मुलाकात की।
इसके अलावा, कोरिया के वित्त मंत्री कू यून-चोल और ट्रेड मंत्री यो हान-कू की योजना शुक्रवार को अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के साथ एक “2 प्लस 2” बैठक करने की थी, लेकिन बेसेंट की व्यस्तता के कारण बैठक स्थगित कर दी गई।
राष्ट्रीय समाचार
शारदा विश्वविद्यालय आत्महत्या मामला: जांच समिति की रिपोर्ट 28 जुलाई को पुलिस को सौंपी जाएगी

ग्रेटर नोएडा, 26 जुलाई। ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय में बीते दिनों छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से बनाई गई कमेटी की जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। विश्वविद्यालय की ओर से गठित अंतरिम जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और यह रिपोर्ट आगामी 28 जुलाई को पुलिस को सौंपी जाएगी।
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम मृतका ज्योति शर्मा के माता-पिता और अन्य परिजन विश्वविद्यालय पहुंचे थे, जहां समिति के सदस्यों ने उनसे लंबी पूछताछ की। समिति ने परिजनों के बयान दर्ज किए।
ज्योति के माता-पिता ने बताया कि आत्महत्या से कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपनी बेटी से जुड़े मानसिक उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकायत संबंधित प्रोफेसर से की थी। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे छात्रा मानसिक दबाव में आ गई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि छात्रा के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) में कोई संदेहजनक गतिविधि नहीं पाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आत्महत्या से पहले किसी बाहरी व्यक्ति से कोई संदिग्ध संपर्क नहीं हुआ था।
विश्वविद्यालय की जांच समिति ने इस मामले में कुल मिलाकर कई छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि किन हालातों में छात्रा ने यह कदम उठाया और किन लोगों की भूमिका पर संदेह बना हुआ है। अब सभी की निगाहें 28 जुलाई को पुलिस को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट पर टिकी हैं।
माना जा रहा है कि रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगामी कार्रवाई की दिशा तय करेगी और यदि समिति ने किसी की लापरवाही या दोष सिद्ध किया है, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही संभव है। यह मामला उच्चतम न्यायालय की निगरानी में है, जिसने पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
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