अपराध
मीरा-भायंदर: फर्जी ईडी नोटिस से बिल्डर को डराने के आरोप में तीनों पर मामला दर्ज

शिकायत दर्ज होने के लगभग दो महीने बाद, काशीमीरा पुलिस ने शुक्रवार को तीन लोगों के खिलाफ एक बिल्डर और उसके सहयोगियों को कथित रूप से धन उगाही के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के फर्जी समन दिखाकर डराने के आरोप में मामला दर्ज किया। समझौता करने की आड़। हालांकि, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। 22 जनवरी 2023 को दर्ज अपनी शिकायत में, सालासर बिल्डर्स के शिकायतकर्ता आनंद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें एक आरोपी द्वारा सूचित किया गया था कि ईडी ने उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 और आयकर अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। , 1961 काशीमीरा में शत्रु संपत्ति खरीदने के लिए एक विदेशी नागरिक के साथ धोखाधड़ी के सौदे में उनकी संलिप्तता के लिए।
फर्जी ईडी समन पेश किया
शाह ने उन्हें इस आश्वासन के साथ ईडी के समन की प्रति भी दिखाई कि वह नई दिल्ली में ईडी कार्यालय में अपने संपर्क की मदद से इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं, जिसके बदले में एक अन्य आरोपी गौतम अग्रवाल को 6.5 करोड़ रुपये की विवादित बकाया राशि की निकासी की जाएगी। और रु. खुद के लिए 5 लाख। किसी गड़बड़ी को भांपते हुए, शिकायतकर्ता ने ई-मेल के माध्यम से ईडी से संपर्क स्थापित किया और 18 अक्टूबर, 2022 को सहायक निदेशक (अन्वे.) से जवाब प्राप्त किया, जिसमें कहा गया कि उक्त सम्मन फर्जी और फर्जी थे। शिकायत की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के बाद, काशीमीरा पुलिस ने शाह पर फर्जी ईडी समन और दो अन्य पर दस्तावेजों को कथित रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करने का मामला दर्ज किया। पूरा मामला एक जमीन सौदे से जुड़ा है जिसे शत्रु संपत्ति की श्रेणी में रखा गया है।
मामला दर्ज लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं
तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 465,468,469,471,120 (बी), 385, 500 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है।” वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक- संदीप कदम ने कहा। हालांकि, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। आनंद अग्रवाल ने कहा, “उक्त भूमि पार्सल के विकास के लिए कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बावजूद, हमें ईडी का डर दिखाकर पैसे निकालने के एकमात्र उद्देश्य से इन बेईमान तत्वों द्वारा परेशान और बदनाम किया जा रहा था।” हालांकि, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गौरतलब है कि ईडी ने नवंबर-2022 में फर्जी समन/नोटिस तैयार करने और भेजने में शामिल रैकेट चलाने वालों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था।
शत्रु संपत्ति क्या है?
शत्रु संपत्तियां वे हैं, जिनके सर्वे नंबर उन लोगों के नाम दर्ज हैं, जो दशकों पहले पाकिस्तान चले गए थे। जब उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता स्वीकार कर ली और भारत ने 1965 के आसपास पाकिस्तान को शत्रु राज्य घोषित कर दिया, तो उनकी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया। घोड़बंदर, महाजनवाड़ी और काशी जैसे राजस्व गांवों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 30 से अधिक सर्वेक्षण संख्या वाले भूमि के बड़े पार्सल शत्रु संपत्ति होने के कारण जांच के दायरे में हैं।
अपराध
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती नष्ट की, एक व्यक्ति गिरफ्तार

कठुआ, 10 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को बसोहली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में अफीम की खेती को नष्ट कर भारी मात्रा में पौधे जब्त किए हैं। साथ ही, एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर में कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना आईपीएस की निगरानी में पुलिस ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए एक सफल अभियान चलाया। पुलिस टीम ने थाना बसोहली के अधिकार क्षेत्र पलासी में उगाए गए लगभग 126 किलोग्राम अफीम के पौधे (पोस्त) जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गत 7 अप्रैल को बसोहली थाने की गश्ती टीम को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि पलासी निवासी माखन लाल अपने घर के पीछे कृषि भूमि में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगा रहा है। सूत्रों ने बताया कि वह इन पौधों को बेचने और व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सूचना के आधार पर बसोहली थाने की पुलिस टीम ने एसएचओ बसोहली की देखरेख में और एसडीपीओ बसोहली तथा ईएमआईसी बसोहली की निगरानी में मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 126 किलोग्राम वजन के 1,700 अफीम के पौधे जब्त किए। साथ ही आरोपी माखन लाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में बसोहली थाने में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।
कठुआ पुलिस ने कहा कि वह कानून को बनाए रखने और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करती हैं। अफीम की खेती और इसका अवैध व्यापार गंभीर अपराध हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
अपराध
ओडिशा: राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

राउरकेला, 10 अप्रैल। ओडिशा के राउरकेला में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राउरकेला पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह “ट्रेड नाउ” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के लोगों को ठग रहा था और उच्च रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था। स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाला राउरकेला अनजाने में इन साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया था, जिनका नेटवर्क भारत से बाहर दुबई जैसे देशों तक फैला हुआ था।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पहला छापा सिविल टाउनशिप इलाके के एक अपार्टमेंट में मारा गया, जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती कॉलोनी में एक अन्य अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप पांच और लोग पकड़े गए। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची, जहां दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। गिरोह से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जिसमें 68 बेनामी सिम कार्ड, 31 हाई-एंड मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 19 एटीएम कार्ड, एक मारुति स्विफ्ट कार और एक स्कूटी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक रैकेट चला रहा था, जो हवाला नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करता था। जांच में खुलासा हुआ कि इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल है, जो दुबई से काम कर रहा है और दक्षिण व पश्चिम एशियाई देशों में इसके कनेक्शन फैले हुए हैं। अब तक की जांच में 23 बैंक खातों से 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 176 अन्य खातों की जांच जारी है।
राउरकेला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन साइबर ठगी के बढ़ते खतरे से निपटने में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। यह लोगों को फर्जी ऐप पर निवेश के लिए लुभाता था और फिर उनके पैसे हवाला के जरिए विदेश भेज देता था। पीड़ितों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जो कमाई के झांसे में आ गए थे।
राउरकेला के निवासियों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, वरना यह गिरोह और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता था।”
पुलिस अब किशन अग्रवाल तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। साथ ही, इस रैकेट से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
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