अंतरराष्ट्रीय समाचार
कीव जाने के लिए बाइडेन ने किया 10 घंटे ट्रेन का सफर

कीव/वाशिंगटन, 21 फरवरी : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की कीव की सीक्रेट यात्रा से जुड़े कई खुलासे सामने आए हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने वारसॉ से यूक्रेन की राजधानी कीव जाने के लिए ट्रेन में 10 घंटे बिताए। इस दौरान सभी के फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। एक मीडिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने सोमवार को बाइडेन की कीव यात्रा को अभूतपूर्व करार दिया है।
बाइडेन दो दिवसीय यात्रा के लिए सोमवार शाम को अमेरिका से वारसॉ के लिए उड़ान भरने वाले थे। रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि, उनके यात्रा कार्यक्रम में दो लंबे गैप थे।
बीबीसी के अनुसार, दैनिक व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों ने नियमित रूप से पूछताछ की, कि क्या बाइडेन कीव की यात्रा करेंगे? इसका उत्तर ना में दिया गया।
महीनों की योजना के बाद 17 फरवरी को ओवल ऑफिस की बैठक के दौरान यूक्रेन की राजधानी का दौरा करने का अंतिम निर्णय लिया गया।
रविवार को, व्हाइट हाउस के आधिकारिक कार्यक्रम में राष्ट्रपति को सोमवार शाम 7 बजे वारसॉ के लिए उड़ान भरते हुए दिखाया गया। वास्तव में, एयर फोर्स वन ने रविवार सुबह 4.15 बजे उड़ान भरी थी।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेन में राष्ट्रपति के करीबी सहयोगियों, एक मेडिकल टीम और सुरक्षा अधिकारियों की एक छोटी टीम थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि केवल दो पत्रकारों को बाइडेन के साथ यात्रा करने की अनुमति दी गई और उन्हें गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी, उनके मोबाइल फोन उनसे ले लिए गए थे और राष्ट्रपति के कीव पहुंचने तक उन्हें यात्रा की रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं थी।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के अनुसार, रूस को बाइडेन के आने से कुछ घंटे पहले ही यात्रा के बारे में सूचित किया गया था।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडेन ने कीव जाने के लिए ट्रेन में 10 घंटे बिताए। राष्ट्रपति के साथ सलाहकारों और सीकेट्र सर्विस की उनकी छोटी टीम थी।
राजधानी शहर में अपने आगमन पर, अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की, एक साल बाद, कीव खड़ा है, यूक्रेन खड़ा है। लोकतंत्र खड़ा है। बाइडेन से पहले, विश्व के कई अन्य नेताओं ने भी युद्धग्रस्त देश का दौरा किया था।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पहली बार मार्च 2022 में कीव जाना शुरू किया, जब पोलैंड, स्लोवेनिया और चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री ट्रेन से पहुंचे।
तत्कालीन-ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 9 अप्रैल को दौरा किया, उसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और तत्कालीन-इतालवी प्रधान मंत्री मारियो ड्रैगी ने दौरा किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने 25 अप्रैल को जेलेंस्की से मिलने के लिए कीव का दौरा किया, उस समय शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने यात्रा की।
फस्र्ट लेडी जिल बाइडेन ने पिछले साल मदर्स डे पर यूक्रेन के सुदूर दक्षिण-पश्चिमी कोने के एक छोटे से शहर का औचक दौरा किया, इस दौरान वह अपने यूक्रेनी समकक्ष ओलेना जेलेंस्का से मिलीं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत और यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत जारी, सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए उठाए कदम

नई दिल्ली, 10 अप्रैल। दुनिया में बदलते वर्ल्ड ट्रेड ऑर्डर के बीच, भारत और यूके ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) और द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के लिए बातचीत जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
यह जानकारी लंदन में आयोजित ’13वें इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल डायलॉग’ में दी गई, जिसकी सह-अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन की चांसलर ऑफ एक्सचेकर रेचल रीव्स ने की।
इवेंट के बाद जारी किए गए साझा बयान में कहा गया कि ब्रिटिश पक्ष को अपनी आगामी औद्योगिक रणनीति के बारे में जानकारी देने में खुशी हुई, जिसके तहत यह साझेदारी औद्योगिक रणनीति के प्राथमिकता वाले विकास को बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों, जैसे उन्नत विनिर्माण और लाइफ साइंस, को सपोर्ट कर सकती है, जहां ब्रिटिश विशेषज्ञता और रिसर्च क्षमता भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने में मदद कर सकती है। साथ ही स्वच्छ ऊर्जा, पेशेवर और व्यावसायिक सेवाओं, वित्तीय सेवाओं, क्रिएटिव उद्योगों और रक्षा में नौकरियों और आर्थिक विकास को समर्थन दे सकती है।
दोनों पक्ष औद्योगिक क्षेत्रों के बीच संबंधों को मजबूत करने और सप्लाई चेन को सपोर्ट करने के लिए ‘भारत-ब्रिटेन रक्षा औद्योगिक रोडमैप’ पर हस्ताक्षर करने पर विचार कर रहे हैं।
भारत और यूके ने हाल के वर्षों में हुए फाइनेंशियल सर्विसेज ट्रेड का स्वागत किया, इसे और आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
संयुक्त बयान के अनुसार, “दिसंबर 2024 में भारत की गिफ्ट सिटी आईएफएससी में आयोजित फाइनेंशियल मार्केट्स डायलॉग (एफएमडी) ने बैंकिंग, इंश्योरेंस, पेंशन, कैपिटल मार्केट्स और सस्टेनेबल फाइनेंस में हमारे सहयोग को गहरा करने का अवसर प्रदान किया और हमारी टीमें इस वर्ष के अंत में लंदन में अगले एफएमडी के लिए मिलेंगी।”
इस डायलॉग में भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीकरण पर भी चर्चा की गई। इससे रुपये को एक अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में विकसित होने में भी मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन के 41वें अंटार्कटिका अभियान ने मुख्य कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया

बीजिंग, 9 अप्रैल। चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय से मिली खबर के अनुसार, ‘श्वेलोंग’ (स्नो ड्रैगन) नामक ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण आइसब्रेकर जहाज शांगहाई लौट आया और चीन के 41वें अंटार्कटिका अभियान दल ने अपने मुख्य कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
जानकारी के अनुसार, चीन के 41वें अंटार्कटिक अभियान दल में देश-विदेश की 118 इकाइयों के 516 लोग शामिल हैं। ‘श्वेलोंग’ जहाज 1 नवंबर, 2024 को दक्षिण चीन के क्वांगतोंग प्रांत की राजधानी क्वांगचो से रवाना हुआ और 159 दिनों तक सफर किया, जिसमें कुल 27,000 समुद्री मील से अधिक की यात्रा की।
वहीं, ‘योंगशेंग’ जहाज 20 नवंबर, 2024 को पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत के चांगच्याकांग बंदरगाह से रवाना हुआ और इस साल 23 जनवरी को अपना सर्वेक्षण मिशन पूरा किया, जो 65 दिनों तक चला और लगभग 11,000 समुद्री मील की दूरी तय की। उधर, ‘श्वेलोंग 2’ जहाज इस समय रॉस सागर की संयुक्त यात्रा पर है और जून में इसके शांगहाई लौटने की उम्मीद है।
बताया गया है कि अभियान दल ने महाद्वीपीय सीमांत बर्फ के पिघलने और मोटी परत वाली बर्फ जैसी कठिनाइयों को पार करते हुए चोंगशान स्टेशन, ग्रेट वॉल स्टेशन और छिनलिंग स्टेशन पर सामग्री और कर्मियों को उतारने का काम पूरा किया, अंटार्कटिका प्रायद्वीप, एस्ट्रोनॉट सागर, प्राइड्ज खाड़ी, अमुंडसेन सागर, रॉस सागर और अन्य जलक्षेत्रों में व्यापक सर्वेक्षण, निगरानी और वैज्ञानिक एवं तकनीकी परियोजनाएं पूरी कीं।
इनके अलावा, अभियान दल ने चोंगशान स्टेशन, ग्रेट वॉल स्टेशन, छिनलिंग स्टेशन, खुनलुन स्टेशन, थाईशान स्टेशन और ग्रोव माउंटेन में इंजीनियरिंग और समर्थन क्षमता निर्माण, थलीय और समुद्र तटीय पारिस्थितिक पर्यावरण सर्वेक्षण, अंतर्देशीय और हवाई सर्वेक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे कार्यों को पूरा किया।
इस वर्ष चीन के ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण की 40वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर आयोजित मौजूदा वैज्ञानिक निरीक्षण ने तकनीकी नवाचार, ध्रुवीय उपकरणों के स्वतंत्र अनुसंधान एवं विकास के बड़े पैमाने पर अनुप्रयोग तथा अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान एवं सहयोग में नई सफलताएं प्राप्त कीं, इसके साथ ही, काम करने का समय और क्षेत्रीय विस्तार जैसे पहलुओं में एक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।
इसने भविष्य के बड़े पैमाने पर, उच्च तीव्रता वाले, अंतर्राष्ट्रीय और अंतःविषयक व्यापक ध्रुवीय वैज्ञानिक निरीक्षण के लिए बहुमूल्य अनुभव संचित किया है तथा अंटार्कटिका में तेजी से हो रहे परिवर्तनों पर गहन शोध और वैश्विक जलवायु परिवर्तन का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए मजबूत समर्थन प्रदान किया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
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