राष्ट्रीय
ट्रेन में घुसा लोहे का रॉड, व्यक्ति की हुई दर्दनाक मौत, रेलवे कर रहा जांच

नीलांचल एक्सप्रेस के अंदर एक ऐसा हादसा हुआ है जिसे देखकर किसी के भी होश उड़ जाएं। इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई है। बाहर से आए एक धारदार लोहे के रॉड ने जनरल कोच के अंदर बैठे व्यक्ति की जान ले ली। इस हादसे को देखकर कोच में बैठे और लोग दहशत में आ गए। रॉड सीधा कोच के अंदर बैठे युवक की गर्दन को आर पार कर गया। रेलवे के मुताबिक आरपीएफ और जीआरपी दोनों ही इस मामले की जांच कर रहे हैं।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया है कि शुक्रवार सुबह लगभग 8:45 बजे नीलांचल एक्सप्रेस जब प्रयागराज मंडल के डावर सोमना से पास कर रही थी, उसी दौरान बाहर से एक लोहे का रॉड जनरल कोच की तरफ आया और यात्रा कर रहे यात्री हरकेश कुमार दुबे की गर्दन को चीरता हुआ निकल गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रेलवे अधिकारी ने बताया है कि इस मामले की जांच आरपीएफ और जीआरपी दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है कि आखिर यह लोहे का रॉड अंदर कैसे पहुंचा।
इस हादसे के बाद ट्रेन करीब 9:23 पर अलीगढ़ स्टेशन पर रुकी जहां पर मृतक की बॉडी को अलीगढ़ जीआरपी के सुपुर्द किया गया और जांच के आदेश दिए गए।
राजनीति
मराठी लोगों के दबाव के कारण ही सरकार ने फैसला वापस लिया : राज ठाकरे

मुंबई, 30 जून। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संस्थापक राज ठाकरे ने रविवार को कहा कि सरकार ने पहली कक्षा से तीन भाषाएं पढ़ाने के बहाने हिंदी भाषा थोपने के अपने फैसले को मराठी लोगों के विरोध के कारण वापस लिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राज्य में त्रिभाषी नीति पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए पूर्व योजना आयोग के सदस्य नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की घोषणा की है। समिति की रिपोर्ट आने तक तीसरी भाषा के रूप में प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को लागू करने का आदेश वापस ले लिया गया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज ठाकरे ने कहा, “सरकार ने इससे संबंधित दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को रद्द कर दिया है। इसे देर से लिया गया ज्ञान नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह अधिरोपण केवल मराठी लोगों के दबाव के कारण वापस लिया गया था। सरकार हिंदी भाषा को लेकर इतनी अड़ियल क्यों थी और वास्तव में इसके लिए सरकार पर कौन दबाव बना रहा था, यह रहस्य बना हुआ है।”
राज ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में चेतावनी देते हुए लिखा, “सरकार ने एक बार फिर एक नई समिति नियुक्त की है। मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं, समिति की रिपोर्ट आने दें या न आने दें, लेकिन इस तरह की हरकतें दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, और यह अंतिम है! सरकार को यह बात हमेशा के लिए अपने दिमाग में अंकित कर लेनी चाहिए! हम मानते हैं कि यह निर्णय स्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है, और महाराष्ट्र के लोगों ने भी यही मान लिया है। इसलिए, समिति की रिपोर्ट को लेकर फिर से भ्रम पैदा न करें; अन्यथा, सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि इस समिति को महाराष्ट्र में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
राज ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र में छात्रों को हिंदी सीखने के लिए तीन भाषाएं थोपने का प्रयास आखिरकार रद्द कर दिया गया है, और इसके लिए सभी महाराष्ट्र वासियों को बधाई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अप्रैल 2025 से इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रही थी, और तब से यह मुद्दा तूल पकड़ने लगा। उसके बाद एक-एक करके राजनीतिक दल बोलने लगे। जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एक गैर-पक्षपाती मार्च निकालने का फैसला किया, तो कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने इसमें भाग लेने की इच्छा व्यक्त की।”
उन्होंने कहा, “अब मराठी लोगों को इससे सीख लेनी चाहिए। आपके अस्तित्व, आपकी भाषा को हमारे ही लोगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और उनके लिए जिस भाषा में वे पढ़े-लिखे हैं, जिसके साथ पले-बढ़े हैं, जो उनकी पहचान है, उसका कोई मतलब नहीं है… शायद वे किसी को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार मराठी दिलों का सामूहिक गुस्सा दिखाई दिया और इसे बार-बार दिखना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे ने हिंदी थोपे जाने के खिलाफ 5 जुलाई को मार्च निकालने की योजना बनाई थी और उन्हें अपने भाई उद्धव ठाकरे का समर्थन मिला, जिन्होंने विरोध-प्रदर्शन के लिए समर्थन की घोषणा की। हालांकि, सरकार के इस फैसले के बाद राज ठाकरे के 5 जुलाई को मार्च निकालने के फैसले पर आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं है।
राजनीति
चार धाम यात्रा पर लगा 24 घंटे का प्रतिबंध हटा, जिलाधिकारियों को विशेष निर्देश

देहरादून, 30 जून। चार धाम यात्रा पर रविवार को 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे अब हटा लिया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि चार धाम यात्रा पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है और यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि चार धाम यात्रा पर लगाया गया 24 घंटे का प्रतिबंध अब हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले जिलों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मौसम की स्थिति के अनुसार वाहनों को रोकने या आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए रविवार को चार धाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
यात्रा स्थगित करने की जानकारी देते हुए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने रविवार को बताया कि लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। लोगों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है। उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे जहां हैं, वहीं रहें और स्थिति में सुधार होने तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने से बचें। संबंधित जिलों के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और बचाव और राहत दल सक्रिय कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, “मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के बाद आगे की यात्रा के बारे में निर्णय लिया जाएगा। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों के लिए रवाना न हों।”
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण कई जगह मार्ग अवरुद्ध हैं। चार धाम यात्रा करने आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा शुरू करने और यात्रा के दौरान सतर्क रहने की अपील की गई है।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव ने भी लोगों को बारिश के दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।
राष्ट्रीय
राष्ट्रपति मुर्मू का यूपी दौरा, गोरखपुर एम्स के दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल

नई दिल्ली, 30 जून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को गोरखपुर के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगी। वह गोरखपुर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अनुसार, 1 जुलाई को वह पिपरी, भटहट में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगी, जो राज्य में पारंपरिक चिकित्सा और समग्र स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक प्रमुख पहल है।
पिछले सात सालों में राष्ट्रपति मुर्मू की गोरखपुर की यह चौथी यात्रा होगी। यह दूसरा मौका है जब हाल के वर्षों में कोई मौजूदा राष्ट्रपति गोरखपुर में एम्स और एक प्रमुख राज्य विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे, जो शहर के बढ़ते राष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति के आगमन से पहले शहर से पिपरी तक 31 किलोमीटर के रास्ते का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि सभी व्यवस्थाएं उच्च स्तर की हों।
उन्होंने निर्देश दिया है कि गोरखनाथ मंदिर, जहां राष्ट्रपति के दर्शन करने की उम्मीद है, वहां उनके सम्मान और गरिमा के अनुरूप विशेष रूप से तैयार भोजन उपलब्ध कराया जाए।
सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया है। एसपी (सिटी) अभिनव त्यागी ने पुष्टि की कि एम्स ऑडिटोरियम और परिसर पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में हैं। इसके साथ ही 30 जून को ओपीडी सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
सर्किट हाउस के चारों ओर 5 किलोमीटर के दायरे को नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है।
इससे पहले, अप्रैल में सीएम योगी ने एम्स गोरखपुर में 500 बेड वाले ‘पावरग्रिड विश्राम सदन’ की आधारशिला रखी थी। यह विश्राम सदन मरीजों और उनके परिवारों की मदद के लिए बनाया जा रहा है। इसे पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 44 करोड़ रुपये की लागत से अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) पहल के तहत विकसित कर रहा है।
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