अंतरराष्ट्रीय
पॉल वान मीकरेन ने प्रमुख टीमों से कहा, “इंग्लैंड की यात्रा से पहले 10 दिनों के लिए हॉलैंड आए”

नीदरलैंड्स के तेज गेंदबाज पॉल वान मीकरेन ने प्रमुख क्रिकेट देशों से अपने इंग्लैंड दौरों पर जाने से पहले नीदरलैंड्स आकर कुछ मैच खेलने का आह्वान किया है। इसी बहाने नीदरलैंड्स को अधिक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने को मिलेगा।
वनडे सुपर लीग के बंद होने के बाद आने वाले वर्षों में नीदरलैंड्स के प्रमुख टीमों के विरुद्ध खेले जाने वाले मैचों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। मौजूदा चक्र में उन्हें 24 मैच खेलने की गारंटी थी। इस टीम ने 2022 में 15 मैच खेले हैं, जो एक कैलेंडर वर्ष के लिए उनके सर्वाधिक है। इसमें वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज शामिल हैं।
भले ही उन्होंने इस साल खेले अपने सभी मैच हारे हैं, वे पाकिस्तान को हराने के करीब पहुंचे और कप्तान स्कॉट एडवर्डस ने पहले नीदरलैंड्स क्रिकेट में गहराई विकसित करने के लिए सुपर लीग के महत्व के बारे में बात की थी। वान मीकरेन का मानना है कि मैदान पर उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता और उपलब्ध सुविधाएं उन्हें इंग्लैंड सीरीज की तैयारी के लिए किसी काउंटी टीम की तुलना में एक आदर्श विपक्ष बनाती हैं।
सिडनी में भारत के विरुद्ध मैच के बाद मीकरेन ने कहा, “टेस्ट टीमें काउंटी के खिलाफ खेलने की बजाय हॉलैंड आ सकतीं हैं। हमारे पास सुविधाएं हैं। इस साल हमने दिखाया है कि हॉलैंड की पिचें कितनी अच्छी है। मुझे लगता है कि घर पर अभ्यास के लिए मिली पिच उत्कृष्ट थी और हमने बढ़िया क्रिकेट खेला।”
उन्होंने आगे कहा, “अन्य काउंटी टीमों के विरुद्ध खेले जाने वाले वॉर्म-अप मैचों की तरह हम भी प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं। क्यों ना (आप) इंग्लैंड की यात्रा से पहले 10 दिनों के लिए हॉलैंड आए?”
सिडनी में परिणाम अपेक्षित रहा जहां भारत ने 56 रनों से जीत दर्ज की। कुल मिलाकर यह इन दोनों टीमों के बीच तीसरी ही भिड़ंत थी लेकिन नीदरलैंड्स ने भारत से कड़ी मेहनत करवाई।
उन्होंने पावरप्ले में भारत को एक विकेट पर केवल 32 रन बनाने दिए और रोहित शर्मा को आउट करने का मौका भी बनाया। टिम प्रिंगल ने कैच छोड़ा लेकिन 10 ओवरों के बाद भारत का स्कोर केवल 67 रन था। इसके बाद भारत ने तेज गति से रन बनाए।
मीकरेन गेंद के साथ इस प्रदर्शन से प्रसन्न नहीं थे। उन्होंने कहा, “सच कहूं तो, पहले 10 ओवरों के बाद हम थोड़ा और कम स्कोर (पसंद करते)। हमने विकेट नहीं निकाले जिससे उन्हें अंत में स्वतंत्रता के साथ खेलने का मौका मिला।”
इस तेज गेंदबाज ने आगे कहा, “हम खुद पर कठोर हो रहे हैं लेकिन आप इस खेल में एक सेंटीमीटर से भी नहीं चूक सकते। विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ छोटी गलती भी महंगी पड़ती है।”
हालांकि वह अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन की सराहना करते हैं। उनका मानना है कि आधी पारी की समाप्ति पर केवल एक विकेट गंवाने के बाद भारत का स्कोर और अधिक हो सकता था।
36,000 दर्शकों के सामने खेलने का अनुभव नीदरलैंड्स को रोज नहीं मिलता है और वान मीकरेन की माने तो इस पर विश्वास करने में समय लगेगा। उन्होंने कहा, “मैंने कहा कि यह एक ऐसा दिन होगा जिसके बारे में मैं अपने पोते-पोतियों को बताऊंगा लेकिन दिन के अंत में आप 11 अन्य पुरुषों के खिलाफ खेल रहे हैं, वे भगवान नहीं हैं। आप सिर्फ़ प्रतिस्पर्धा करते हैं और हमने आज यही करने की कोशिश की।”
मीकरेन ने आगे कहा, “आप शोर को रोकने की कोशिश करते हैं। आप ऐसे (पलों को) लगभग 100 बार टीवी पर देखते हैं और बस वहां होना बहुत खास था। मुझे लगता है कि उस पल में मुझे शायद उतना एहसास नहीं हुआ और शायद यह समझने में 24 घंटे लगेंगे।”
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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