अपराध
केरल के तिरुवल्ला में 2 महिलाओं की दे दी गई बलि

केरल के पथानामथिट्टा जिले के तिरुवल्ला में मानव बलि के एक संदिग्ध मामले में दो महिलाओं की हत्या कर उन्हें दफना दिया गया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पहले उनके लापता होने की सूचना मिली थी। भागवल सिंह और उनकी पत्नी लैला अपने घर पर पठानमथिट्टा जिले के अरनमुला के पास एक मसाज सेंटर चलाते हैं। कोच्चि पुलिस आयुक्त सी.एच. नागराजू ने पुष्टि की कि दंपति ने दोनों महिलाओं को मार डाला और दफना दिया।
यह एक खौफनाक कदम अनुष्ठानिक मानव बलि (अंधविश्वास) के चलते उठाया गया। आरोपी जोड़े को शिहाब के बयान पर हिरासत में लिया गया और तीनों को अब आरोपियों के घर ले जाया जा रहा है। वह ‘वडियार’ (पारंपरिक चिकित्सक) है और यह एक बहुत ही जटिल मामला है और इस मामले में कई परतें हैं।
नागाराजू ने कहा, पिछले महीने गायब हुई महिला के शव को निकाला जाएगा और फोरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। अपराध का मकसद मानव बलि के रूप में स्वीकार किया गया है और हमने दंपति द्वारा दिए गए बयान से इसकी पुष्टि की है जो वित्तीय बेहतरी (घर में पैसा आए) के लिए किया गया था। सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक शिहाब उर्फ मोहम्मद शफी की पहचान दो महिलाओं की हत्या के मास्टरमाइंड के तौर पर हुई है। उसने पहले श्रीदेवी के नाम से एक फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाया और भागवल और लैला से दोस्ती कर ली।
उन्होंने दंपति को आश्वस्त किया कि राशिद नाम का एक व्यक्ति है, जिसके पास महाशक्तियां हैं और अगर वह उसे खुश करते हैं, तो वह आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। बाद में, शिहाब पहली बार जोड़े से मिलता है और खुद को राशिद के रूप में पेश करता है और वह मिलनसार हो जाते हैं। एक मानव बलि के विचार पर चर्चा की जाती है जिसके लिए उसे और लैला को सिंह के सामने सेक्स करने पर भी बात हुई।
शिहाब का कहना है कि वह मानव बलि के लिए एक महिला के साथ वापस आएंगे और अगस्त में एक महिला के साथ पहुंचे, जिसकी पहचान अब रोजलिन के रूप में की गई है। वह रोजलिन के साथ इस बहाने दंपति के घर आया कि अगर वह एक सॉफ्ट पोर्न फिल्म में काम करती है तो उसे 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
इसके बाद रोजलिन को बिस्तर पर लेटने के लिए कहा गया और फिल्म की शूटिंग के नाम पर आरोपी तिकड़ी ने उसे बिस्तर पर बांध दिया। जल्द ही, सिंह हथौड़े के साथ आया और उसका सिर फोड़ दिया। सिंह की पत्नी लैला ने तलवार से रोजलिन की गर्दन काट दी और चाकू से उसके गुप्तांगों पर वार किया और उस खून को घर के चारों ओर छिड़क दिया। बाद में रोजलिन के शव को दंपति के घर में दफना दिया गया।
दंपति ने पाया कि मानव बलि के बावजूद, उनकी वित्तीय या आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ और शिहाब को फोन किया। शिहाब ने कहा कि दंपति पर कुछ अपशकुन है। इसलिए इससे बाहर आने के लिए एक और मानव बलि देनी होगी और जल्द ही वह दूसरी महिला को लाएगा। योजना के अनुसार, शिहाब एक अन्य महिला को लाया, जिसकी पहचान तमिलनाडु से पद्मम के रूप में हुई, उसकी भी बलि दी गई।
इससे पहले कोच्चि पुलिस आयुक्त ने कहा था कि यह मामला सामान्य नहीं है। नागराजू ने कहा, यह एक सनसनीखेज मामला है और हमें और समय चाहिए और मैं आपको बता सकूंगा..क्योंकि जांच दल अभी काम पर है। इससे पहले, एनार्कुलम पुलिस ने 27 सितंबर को एक 50 वर्षीय महिला के लापता होने के बाद जांच शुरू की थी। तिरुवल्ला में मोबाइल कॉल टावर का पता लगाने के बाद, पुलिस ने पाया कि लापता महिला एक एजेंट शिहाब के संपर्क में थी।
27 सितंबर से पहले, एनार्कुलम के इसी इलाके से एक और महिला भी लापता हो गई थी, जिसकी उम्र 50 वर्ष है। इस मामले में भी मोबाइल कॉल टावर लोकेशन और लापता महिला द्वारा किए गए कॉलों का पता शिहाब से लगाया गया। पुलिस ने पहले शिहाब को हिरासत में लिया और फिर कथित आरोपी दंपति से भी पूछताछ की। जांच दल अब लापता महिलाओं के शवों को बरामद करने का प्रयास कर रहा है और फिलहाल दंपत्ति के घर पर खुदाई की प्रक्रिया जारी है। इस खबर के सामने आते ही स्थानीय लोग और दंपति के पड़ोसी सहम गए।
एक स्थानीय ने कहा- मैं उन्हें (सिंह को) पिछले 50 वर्षों से जानता हूं और उनके काम के बारे में किसी को संदेह नहीं था क्योंकि बहुत सारे लोग उनके घर मसाज के लिए आते थे। इस आदमी के बारे में किसी को कोई संदेह नहीं था। कल की बात है मैंने देखा पुलिस वाहन उनके घर के सामने। कुछ समय बाद, दंपति को पुलिस वाहन में ले जाया गया।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, जो इस समय लंदन की यात्रा पर हैं, उन्होंने कहा यह घटना चौंकाने वाली है और ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए था। विजयन ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा- केवल वास्तव में बीमार मानसिकता और विवेकहीन लोग ही ऐसी चीजों में शामिल हो सकते हैं और आधुनिक समाज के लिए एक चुनौती है। इस तरह की भ्रांतियों और अंधविश्वासों को दूर किया जाना चाहिए और बड़े पैमाने पर समाज को इन सभी से सावधान रहना चाहिए और इस बुराई से लड़ने के लिए हर एक को आगे आना चाहिए।
हिरासत में लिए गए तीनों आरोपियों को उस जगह ले जाया गया है, जहां यह जघन्य अपराध हुआ था।
अपराध
मुंबई : नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

मुंबई, 11 अक्टूबर: मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से कुल 2.88 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।
आरोपी की पहचान सोलापुर जिले के बार्शी निवासी 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है। वह खुद को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले।
सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत केस दर्ज किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब नवी मुंबई निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपए की मांग की गई थी।
नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक रचा और हर उम्मीदवार से करीब 10 लाख रुपए वसूल लिए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के जाली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया असली लगे।
कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उन्होंने खुद आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल ही नहीं रही है।
जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने शुरुआत में पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।
जांच में यह भी सामने आया है कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है।
मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।
अपराध
मुंबई अपराध: कुर्ला में एचडीआईएल कंपाउंड स्थित एसआरए बिल्डिंग में 32 वर्षीय बीएमसी कर्मचारी मृत मिला; पुलिस ने जांच शुरू की

मुंबई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक 32 वर्षीय कर्मचारी गुरुवार दोपहर कुर्ला (पश्चिम) स्थित एचडीआईएल कंपाउंड स्थित स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) परियोजना की बिल्डिंग नंबर 9 में मृत पाया गया। घटना की सूचना वीबी नगर पुलिस स्टेशन को शाम करीब 4:30 बजे मिली।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान घाटकोपर क्षेत्र निवासी राजेश परमार के रूप में हुई है, जो बीएमसी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) विभाग, एफ नॉर्थ वार्ड में काम करता था।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजावाड़ी अस्पताल भेज दिया गया है। मौत का सही कारण अभी अज्ञात है और आगे की जाँच जारी है।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच ने हाई-प्रोफाइल अपहरण और जबरन वसूली मामले में 1,900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक हाई-प्रोफाइल अपहरण और जबरन वसूली मामले में 14 गिरफ्तार और 5 वांछित आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत 1,900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है। विशेष मकोका अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में 45 गवाहों के बयान शामिल हैं।
जाँच के अनुसार, शिकायतकर्ता शब्बीर हुसैन मुबारक सिद्दीकी (45) ने आरोप लगाया कि उसके दोस्त साजिद इलेक्ट्रिकवाला ने 31 मार्च, 2025 को सरवर खान से एक अवैध एमडी (मेफेड्रोन) दवा निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए ₹50 लाख लिए थे। जब साजिद ने दवाइयाँ नहीं दीं और पैसे वापस नहीं किए, तो सरवर खान ने यूनुस थाईचारपिल और अन्य साथियों के साथ मिलकर 12 जून, 2025 को अंधेरी (पश्चिम) स्थित होटल अलीबाबा से सिद्दीकी और साजिद का अपहरण कर लिया। दोनों को नेरल के एक कमरे में ले जाया गया, जहाँ उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें बंधक बना लिया गया।
14 जून, 2025 को सुबह लगभग 2:30 बजे, सिद्दीकी पीछे की खिड़की से भागने में कामयाब रहा, लेकिन साजिद बंदी बना रहा। अपने दोस्त की जान को खतरा होने पर, सिद्दीकी ने ओशिवारा पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 111, 115(2), 127, 140(1), 140(2), 189(2) और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया।
बाद में, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, मामला अपराध शाखा के जबरन वसूली निरोधक प्रकोष्ठ (यूनिट 3) को स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ इसे पुनः पंजीकृत किया गया। जाँच के दौरान, पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया और गिरोह के सरगना के रूप में मोहम्मद तौसीफ उर्फ तौसीफ मचांडी की पहचान की। साक्ष्यों से पता चला कि आरोपियों ने जबरन वसूली और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल एक संगठित अपराध गिरोह बनाया था।
आरोपियों के खिलाफ मकोका अधिनियम, 1999 की धारा 3(1)(ii), 3(2) और 3(4) के तहत आरोप लगाए गए। 9 अक्टूबर को दायर आरोपपत्र में बीएनएस 2023 की धारा 111, 115(2), 127, 140(1), 140(2), 189(2), 189(4), 190, 305(5), 61(2) के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 3(25), मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 37(1)(ए), 135, मकोका अधिनियम की धारा 3(1)(ii), 3(2), 3(4) और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए के तहत आरोप शामिल हैं।
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