राष्ट्रीय
जीडीपी के 3 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच सकता है चालू खाता घाटा

जैसा कि अर्थशास्त्रियों ने भविष्यवाणी की है कि भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचने की संभावना है और निकट भविष्य में इसके नीचे आने की संभावना नहीं है, सरकार इसे सहनीय मानकों के भीतर बनाए रखने के बारे में सतर्क रूप से आशावादी प्रतीत होती है।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक कठिन काम होगा क्योंकि चालू वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से अधिक हो सकता है।
सरकार, अपनी ओर से, महसूस कर रही है कि कच्चे तेल, उर्वरक और सोने जैसी वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के साथ, चालू खाता घाटा धीरे-धीरे शांत हो जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उपर्युक्त वस्तुएं विदेशी मुद्रा के एक महत्वपूर्ण हिस्से का उपभोग करती हैं और चूंकि उनकी कीमतों में गिरावट का रुझान दिख रहा है, इसका चालू खाता घाटे पर सकारात्मक प्रभाव निकट भविष्य में दिखाई देगा।
हालांकि, विशेषज्ञ इस अनुमान से पूरी तरह अलग हैं, क्योंकि वर्चुओसो इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री और अनुसंधान निदेशक शेर मेहता का मानना है कि आने वाले दिनों में चालू खाता घाटा और खराब होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, “मेरे अनुमान में, चालू खाता घाटा शायद जीडीपी के 3.4-3.5 प्रतिशत तक गिर जाएगा और 2023 की दूसरी छमाही से ही इसके उलट होने की संभावना है। तेजी से कमजोर हो रहे वैश्विक आर्थिक माहौल की संभावनाओं को देखते हुए, आने वाले 9-12 महीनों में निर्यात और खराब होने की संभावना है और अधिकांश चालू खाता घाटे के बिगड़ने की संभावना है, जो बढ़ते व्यापार घाटे के कारण होगा।”
माल के लिए देश का मासिक व्यापार घाटा बढ़ रहा है और जुलाई में यह 31 अरब डॉलर से अधिक हो गया था। एक उद्योग और व्यापार पर नजर रखने वाले ने कहा कि आयात में वृद्धि जारी है और निर्यात एक पठार पर पहुंच रहा है, चालू खाता घाटा बढ़ने की उम्मीद है।
सरकार अपनी ओर से बढ़ते चालू खाते के घाटे को लेकर सतर्क है, जैसा कि हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक प्रश्न के उत्तर से देखा जा सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण चालू खाता घाटा बढ़ेगा, उन्होंने कहा कि सरकार इस पर सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है।
साथ ही उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा निर्यात और आयात जैसे विभिन्न कारकों के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करता है।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में इसके उलट होने की संभावना बहुत कम है।
एक स्वतंत्र अर्थशास्त्री ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर निर्यात बढ़ता है, तो चालू खाता घाटा सहनीय सीमा तक आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि, वैश्विक मंदी के रुझान और सरकार द्वारा गेहूं और चावल जैसे खाद्य पदार्थो के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण, निर्यात में वृद्धि अभी मुश्किल लग रही है।
दूसरी ओर, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग एक साल पहले तक 640 अरब डॉलर के शिखर से तेजी से घटकर 560 अरब डॉलर हो गया है। अर्थशास्त्री ने कहा कि यह मूल रूप से रुपये के मूल्यह्रास के कारण हुआ है।
इसलिए जैसे-जैसे देश कच्चे तेल, दवाओं, अर्धचालक और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी महंगी वस्तुओं का आयात कर रहा है, उससे राजकोष पर बोझ बढ़ रहा है और यह चालू खाते के घाटे को और अधिक बढ़ा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए, मौजूदा परिदृश्य में, चालू खाता घाटा बढ़ने की संभावना है और इसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति बढ़ेगी और विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय
भारत की नई उड़ान : स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, फ्लोरिडा से एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च

नई दिल्ली, 25 जून। भारत ने अंतरिक्ष की ओर नई उड़ान भरी है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं। फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में कॉम्प्लेक्स 39ए से एक्सिओम-4 मिशन को लॉन्च किया गया। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम स्पेस के एक मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर निकले हैं।
सफल लॉन्चिंग के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोशल मीडिया के जरिए अपडेट दिया। नासा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “हमने एक्सिओम मिशन 4 की उड़ान भरी है। एक्स-4 मिशन 25 जून को सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार, दोपहर 12:01 बजे) पर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर गया, जिसमें चार निजी अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक के मिशन के लिए स्पेस स्टेशन पर गए।”
एक्सिओम स्पेस ने भी पोस्ट किया है, जिसने लिखा, “एएक्स-4 के लिए उड़ान। एएक्स-4 का चालक दल स्पेस स्टेशन की ओर बढ़ रहा है।”
इस मिशन में शामिल स्पेसएक्स ने जानकारी दी कि ड्रैगन फाल्कन 9 के दूसरे चरण से अलग हो गया है। नासा ने अंतरिक्ष यान के अलग होने की पुष्टि की। नासा ने लिखा, “अपने स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में स्वतंत्र रूप से उड़ान भरते हुए एएक्स-4 के चालक दल स्पेस स्टेशन की अपनी यात्रा के एक कदम और करीब आ गए हैं।”
फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद क्रू नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर ऑर्बिटिंग प्रयोगशाला की यात्रा करेगा। ये 14 दिन का मिशन है। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे।
बेटे को अंतरिक्ष में उड़ान भरते हुए देखकर शुभांशु शुक्ला का परिवार काफी भावुक हो गया। शुभांशु की मां की आंखों में आंसू भर आए। लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के माता-पिता ने एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग की लाइव तस्वीरें देखीं। मिशन के उड़ान भरने पर वे जश्न मनाते हुए नजर आए।
राजनीति
गुजरात में भारी बारिश का कहर, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

अहमदाबाद, 23 जून। गुजरात में मानसून ने पिछले 24 घंटों में जमकर कहर बरपाया है। राज्य के 159 तालुकों में हल्की से भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति देखने को मिली।
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर के अनुसार, जामनगर के जोडिया में सबसे ज्यादा 7.17 इंच बारिश हुई, इसके बाद मेन्दरदा (5.7 इंच), अमीरगढ़ (5.0 इंच), केशोद (4.9 इंच), कलावड (4.6 इंच) और पालसाना (5.6 इंच) में भारी बारिश हुई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है।
अमरेली, भावनगर, नवसारी, वलसाड, बोटाड, अरावली, महिसागर, दाहोद, वडोदरा, आनंद, भरूच और पंचमहल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, बनासकांठा, साबरकांठा, तापी, सूरत, डांग, मेहसाणा, गांधीनगर, अहमदाबाद, सुरेंद्रनगर, खेड़ा, राजकोट, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, छोटा उदेपुर और नर्मदा में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
24 जून को सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 16 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। अमरेली, भावनगर, नवसारी और वलसाड के लिए ऑरेंज अलर्ट, जबकि राजकोट, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, भरूच, नर्मदा, सूरत, तापी, डांग, वडोदरा, छोटा उदेपुर, पंचमहल और दाहोद के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
25 जून को अरावली, महिसागर, दाहोद, पंचमहल, छोटा उदेपुर, नवसारी, वलसाड, भावनगर और अमरेली के लिए ऑरेंज अलर्ट है। पोरबंदर, जूनागढ़, बोटाड, आनंद, अहमदाबाद, गांधीनगर और साबरकांठा में भी अच्छी बारिश हो सकती है। 26 से 28 जून तक पूरे गुजरात में बारिश, गरज और बिजली के साथ मानसून का असर बना रहेगा।
राज्य सरकार ने स्थिति पर नजर रखने और आपातकालीन तैयारियों को तेज कर दिया है। जिला प्रशासन को जलभराव, अचानक बाढ़ और परिवहन व बुनियादी ढांचे में व्यवधान की आशंका के लिए अलर्ट रहने को कहा गया है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं, खासकर ऑरेंज और रेड अलर्ट वाले इलाकों में। कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय हैं और स्थानीय प्रशासन को जल निकासी, बांधों के स्तर की निगरानी और जरूरत पड़ने पर निकासी का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य, बिजली और जल आपूर्ति विभाग भी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है।
आपदा
कौशांबी में आकाशीय बिजली का कहर: चार बच्चों की मौत, पांच झुलसे

कौशांबी, 20 जून। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आसमानी आफत ने कहर बरपाया है। अलग-अलग स्थानों में आकाशीय बिजली गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि 5 बच्चे झुलस गए। कौशांबी के एएसपी राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशांबी जिले के अलग-अलग दो थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, जिसमें 4 बच्चों की मौत हो गई और 5 बच्चे झुलस गए।
जानकारी के मुताबिक, दोनों घटनाएं मंझनपुर तहसील क्षेत्र की हैं। पहली घटना सराय थाना क्षेत्र के जुगराजपुर गांव की है, जहां 4 बच्चे खेतों में पशु चरा रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश शुरू हो गई। सभी बच्चे घर की ओर लौटने लगे, लेकिन इसी दौरान तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी। इसकी चपेट में आकर 13 वर्षीय सतीश कुमार और 13 वर्षीय मनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 वर्षीय दिपांजलि और 10 वर्षीय पवन झुलस गए। दोनों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।
दूसरी घटना कौशांबी थाना क्षेत्र के तारा का पुरवा गांव में हुई, जहां पांच बच्चे खेत में पशु चरा रहे थे। बारिश शुरू होते ही वो सभी एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी तेज चमक और धमाके के साथ बिजली पेड़ पर गिर गई। हादसे में 16 वर्षीय गोविंद निषाद और 15 वर्षीय रूपा देवी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 घायलों में से 2 ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 3 का इलाज चल रहा है।
इसके पहले 15 जून को प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। जिले के बारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी के अलावा दो बच्चियां शामिल थीं।
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