राजनीति
कैबिनेट ने सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ योजना को मंजूरी दी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए एक भर्ती योजना को मंजूरी दे दी है। योजना को ‘अग्निपथ’ का नाम दिया गया है कहा जाता है और इस योजना के तहत चयनित युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। इनमें से करीब 46,000 की भर्ती इस साल की जाएगी।
सिंह ने कहा कि यह योजना एक परिवर्तनकारी पहल है और इसके तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर मिलेगा। सिंह ने कहा, “इस योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल बनाना है।”
सिंह ने कहा, “‘अग्निवीर’ को चार साल की सेवा के बाद एक अच्छा वेतन पैकेज और एक निकास सेवानिवृत्ति पैकेज दिया जाएगा।”
यह योजना सशस्त्र बलों में युवा और अनुभवी कर्मियों के बीच एक अच्छा संतुलन सुनिश्चित करके एक अधिक युवा और तकनीकी रूप से युद्ध लड़ने वाले बल को जन्म देगी।
साथ ही, यह सशस्त्र बलों की भर्ती नीति में परिवर्तनकारी सुधार लाएगा और युवाओं को देश की सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
यह परिकल्पना की गई है कि इस योजना के कार्यान्वयन से भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु प्रोफाइल लगभग चार-पांच वर्ष कम हो जाएगी और आत्म-अनुशासन, परिश्रम और ध्यान की गहरी समझ के साथ अत्यधिक प्रेरित युवाओं के प्रेरणा से राष्ट्र को अत्यधिक लाभ होगा।
राष्ट्र, समाज और राष्ट्र के युवाओं के लिए एक छोटी सैन्य सेवा के लाभ बहुत अधिक हैं। इसमें देशभक्ति की भावना, टीम वर्क, शारीरिक फिटनेस में वृद्धि, देश के प्रति निष्ठा और बाहरी खतरों, आंतरिक खतरों और प्राकृतिक आपदाओं के समय राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की उपलब्धता शामिल है।
यह तीनों सेवाओं की मानव संसाधन नीति में एक नए युग की शुरूआत करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख रक्षा नीति सुधार है। नीति, जो तत्काल प्रभाव से लागू होती है, इसके बाद तीनों सेवाओं के लिए नामांकन को नियंत्रित करेगी।
‘अग्निवीर’ को पहले वर्ष 4.76 लाख रुपये का वेतन पैकेज दिया जाएगा जो चौथे और अंतिम वर्ष में 6.92 लाख रुपये तक हो जाएगा।
‘सेवा निधि’ को आयकर से छूट दी जाएगी। ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी लाभों का कोई हकदार नहीं होगा। ‘अग्निवीर’ को भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा के दौरान 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
राष्ट्र की सेवा के इस चार साल की अवधि के दौरान, ‘अग्निवीर’ को विभिन्न सैन्य कौशल और अनुभव, अनुशासन, शारीरिक फिटनेस, नेतृत्व गुण, साहस और देशभक्ति के साथ प्रदान किया जाएगा।
चार साल के इस कार्यकाल के बाद, उन्हें सिविल सोसायटी में शामिल किया जाएगा जहां वे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अत्यधिक योगदान दे सकते हैं। इसके अलावा, लगभग 11.71 लाख रुपये की ‘सेवा निधि’ अग्निवीर को वित्तीय दबाव के बिना अपने भविष्य के सपनों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय समाचार
कफ सिरप से बच्चों की मौत: सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल, सीबीआई जांच की मांग

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कम से कम 14 बच्चों की मौत के मामले ने देश को झकझोर दिया है। अब वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर इसकी निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
याचिका में सिरप में मिले जहरीले रसायनों डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) की बिक्री पर सख्त नियंत्रण की भी मांग उठाई गई है।
याचिका के अनुसार, कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डीईजी की मात्रा 48.6 फीसद तक पाई गई, जो मानक सीमा से करीब 500 गुना है। यह रसायन औद्योगिक उपयोग के लिए होता है, लेकिन दवाओं में मिलाने से किडनी फेलियर हो जाता है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9, राजस्थान में 2 और अन्य राज्यों में भी मौतें हुईं। केंद्र सरकार ने सिरप पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन जांच में लापरवाही बरती जा रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
विशाल तिवारी ने कोर्ट से मांग की है कि मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के तहत विशेषज्ञ समिति करे। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इसकी निगरानी करें। सभी राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक स्थान पर स्थानांतरित कर एकीकृत जांच हो।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस तुरंत रद्द कर उन्हें बंद किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए। बाजार से सभी प्रभावित उत्पाद वापस मंगवाए जाएं और ड्रग्स रिकॉल पॉलिसी बनाई जाए। इसके अलावा याचिका में पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की गई है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान के स्वास्थ्य विभागों के प्रमुख सचिवों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस दोनों राज्यों में कफ सिरप पीने के बाद 12 बच्चों की मौत के मामले में जारी किया गया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दल भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया है।
राजनीति
नेतृत्व के 25वें साल में प्रवेश : पीएम मोदी ने याद किया गुजरात के सीएम से लेकर देश के पीएम बनने तक का सफर

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि शेयर की। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन अक्टूबर 2001 को उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता के आशीर्वाद और विश्वास से वे अब सरकार के प्रमुख के रूप में 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक श्रृंखला में अपने अब तक के सफर, संघर्षों और उपलब्धियों को याद किया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए बताया कि जब उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, तब राज्य भीषण भूकंप, चक्रवात, सूखा और राजनीतिक अस्थिरता जैसे संकटों से जूझ रहा था। उन्होंने लिखा, “मेरी पार्टी ने बेहद चुनौतीपूर्ण समय में मुझ पर भरोसा जताया। इन आपदाओं ने मेरी लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।”
पीएम मोदी ने अपनी मां की बात को याद किया। उन्होंने लिखा, “जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तब मेरी मां ने मुझसे दो बातें कही थीं। गरीबों के लिए काम करना और कभी रिश्वत न लेना। मैंने भी जनता से वादा किया कि मैं जो भी करूंगा, वह सद्भावना और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा की भावना से प्रेरित होगा।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2001 में जब उन्होंने सीएम पद संभाला था, तब गुजरात को लेकर आम धारणा थी कि राज्य अब उभर नहीं पाएगा। किसान बिजली और पानी की कमी से जूझ रहे थे, उद्योग ठप थे और कृषि संकट में थी। लेकिन सबके सामूहिक प्रयासों से गुजरात आज सुशासन का प्रतीक बन चुका है।
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “सूखा प्रभावित राज्य होने के बावजूद गुजरात को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी बनाया। व्यापारिक संस्कृति को औद्योगिक और विनिर्माण शक्ति में बदला गया। सामाजिक और भौतिक अवसंरचना को मजबूती दी गई।”
पीएम मोदी ने बताया कि वर्ष 2013 में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। उस समय देश में भ्रष्टाचार, नीतिगत जड़ता और भरोसे के संकट का माहौल था। उन्होंने लिखा, “यूपीए सरकार उस दौर में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की मिसाल बन चुकी थी। भारत को वैश्विक मंच पर कमजोर कड़ी माना जा रहा था। लेकिन देश की जनता ने हमारे गठबंधन को पूर्ण बहुमत दिया और तीन दशक बाद किसी पार्टी को स्पष्ट जनादेश मिला।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 11 वर्षों में देश ने कई ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। उन्होंने विशेष रूप से नारी शक्ति, युवा शक्ति और अन्नदाता किसानों की भूमिका को सराहा। उन्होंने लिखा, “25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में चमकता सितारा है। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं।” उन्होंने ‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है’ के नारे के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी दोहराया।
अपने संदेश के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “देश की सेवा करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। यह जिम्मेदारी मुझे कृतज्ञता और उद्देश्य की भावना से भर देती है। संविधान के मूल्यों को मार्गदर्शक मानते हुए मैं ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए और अधिक मेहनत करूंगा।”
अपराध
मुंबई: चेंबूर के प्रमिला बार में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, मैनेजर-मालिक समेत 3 गिरफ्तार

मुंबई, 7 अक्टूबर: मुंबई पुलिस ने चेंबूर के आरसी मार्ग स्थित प्रमिला बार एंड रेस्टोरेंट में छापेमारी कर एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया। बार और रेस्टोरेंट की आड़ में वेश्यावृत्ति का धंधा फलफूल रहा था। पुलिस ने बार मैनेजर, मालिक और एक ग्राहक को गिरफ्तार किया, जबकि 8 महिलाओं को वहां से सुरक्षित निकाला।
यह कार्रवाई आरसीएफ पुलिस स्टेशन को मिली एक गुप्त सूचना पर की गई। पुलिस को जानकारी मिली थी कि प्रमिला बार में बार की आड़ में यौन सेवाएं दी जा रही हैं। दोनों थानों की संयुक्त टीम ने जाल बिछाया। एक फर्जी ग्राहक को बार भेजा गया।
मैनेजर निशिकांत सदानंद साहू ने फर्जी ग्राहक को 1,000 रुपए में यौन सेवा देने का ऑफर दिया। इसके बाद फर्जी ग्राहक सहमत हो गया और उसे बार की पहली मंजिल पर ले जाया गया। वहां उसने एक ड्रिंक ऑर्डर किया। इसके बाद महिला बारटेंडर पहुंची और उसने अनुचित व्यवहार शुरू कर दिया। इस बीच पुलिस ने वहां रेड मार दी।
छापेमारी के दौरान अंबेडकर नगर, मानखुर्द की रहने वाली 41 वर्षीय महिला को फर्जी ग्राहक से पैसे लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। बार में कुल 8 वयस्क महिलाएं काम करती मिलीं, जो वेश्यावृत्ति में लिप्त थीं।
ये महिलाएं मुंबई के चेंबूर, तिलक नगर, मानखुर्द और उल्हासनगर जैसे इलाकों की रहने वाली हैं। महिलाओं को तुरंत सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया और उन्हें काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
पूछताछ में महिलाओं ने बताया कि उनके इलाकों में वेश्यावृत्ति करने वाले परिचितों ने उन्हें इस धंधे में धकेला। उन्होंने खुलासा किया कि मैनेजर निशिकांत साहू ने उन्हें बार मालिक वसंत चंद्रशेखर शेट्टी से मिलवाया, जो रैकेट चला रहे थे। मैनेजर और मालिक ने रैकेट चलाने की बात कबूल की। गिरफ्तार ग्राहक भी पूछताछ का सामना कर रहा है।
आरसीएफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 370 (मानव तस्करी) और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कार्रवाई अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। पुलिस इस धंधे में शामिल अन्य रैकेट का पता लगा रही है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा