राजनीति
एससीईआरटी से हुई है दिल्ली के शिक्षा मॉडल के हर सफल प्रयास की शुरूआत

दिल्ली सरकार अपने एजुकेशन मॉडल की चर्चा देशभर में हर स्तर पर कर रही है। सरकार का मानना है कि इस मॉडल का आधार राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्-दिल्ली (एससीईआरटी) दिल्ली है। दिल्ली सरकार के मुताबिक जब भी हम अपने स्कूलों में कोई नया करिकुलम शुरू करने, अपने टीचर्स को शानदार ट्रेनिंग देने, या किसी इनोवेटिव प्रैक्टिस के लिए आधार स्थापित करने के बारे में सोचते हैं, तो हम एससीईआरटी की ओर देखते हैं। उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में जो शिक्षा क्रांति है उसका फ्रंट फेस अरविंद केजरीवाल है, हमारे शानदार स्कूल हैं, नया बोर्ड है हमारी टीचर्स यूनिवर्सिटी है तो वहीं एससीईआरटी इस शिक्षा क्रांति व शिक्षा मॉडल का आधार है। दिल्ली के शिक्षा मॉडल के हर सफल प्रयोग की शुरूआत हुई है। एससीईआरटी दिल्ली ने एजुकेशन में टीचर ट्रेनिंग व रिसर्च को जीवंत करने का काम किया है। एससीईआरटी ने गुरुवार को त्यागराज स्टेडियम में 35वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। वहीं सिसोदिया ने ये बातें गुरुवार कहीं।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल में पिछले 6-7 सालों में जो कुछ हुआ है आज उसकी चर्चा पूरे विश्व में है और दुनियाभर से लोग उसे देखने आ रहे हैं। जब बात आती है कि दिल्ली के दिल्ली के एजुकेशन मॉडल में क्या हुआ- तो यहां हैप्पीनेस, एंत्रप्रेन्योरशिप और देशभक्ति जैसे नए करिकुलम शामिल किए गए, हमारे स्कूल शानदार हो गए, बच्चों के रिजल्ट शानदार हो गए, टीचर्स को बेहतरीन ट्रेनिंग मिली, लेकिन जब बात आती है कि ये सब किसने और कैसे किया तो एससीईआरटी का नाम आता है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के सभी एजुकेशन डिपार्टमेंट में वहां की रिसर्च व ट्रेनिंग विंग का योगदान सबसे अहम होता है। आज हम फिनलैंड के एजुकेशन को विश्व में शीर्ष मानते हैं क्योंकि वहां का रिसर्च व ट्रेनिंग विंग शानदार काम कर रहा है। कोई भी शिक्षा विभाग अपने एजुकेशन की क्वालिटी को केवल उसी स्तर तक ले जा सकता है जहां तक उसका रिसर्च व ट्रेनिंग विंग अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि आज हम जब कुछ भी नया करना चाहते है तो उसकी शुरूआत शिक्षा से करते हैं और यदि शिक्षा में कुछ भी नया करते हैं तो उसकी शुरूआत एससीईआरटी से करते हैं।
इस मौके पर दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन ने कहा कि एससीईआरटी ने शुरू से ही दिल्ली शिक्षा क्रांति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में काम किया है। लोग दिल्ली भर में हमारे स्कूलों को देखते हैं लेकिन उन्हें इसके पीछे की कहानी भी देखने की जरूरत है। सात साल पहले देश में कोई अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं भेजना चाहता था। लेकिन पिछले 7 वर्षों में दिल्ली सरकार ने न केवल अपने सभी स्कूलों को बदला है बल्कि एससीईआरटी दिल्ली के प्रयासों से उनके शैक्षिक मानकों में भी सुधार हुआ है।
एससीईआरटी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने कहा कि एससीईआरटी ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले 35 सालों से टीचर्स ट्रेनिंग व रिसर्च के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किए हैं। दिल्ली शिक्षा क्रांति को दूसरे स्तर तक ले जाने के लिए हम नए इनोवेटिव प्रैक्टिसेज व रिसर्च के लिए हरदम तैयार है। इस दिशा में एससीईआरटी ने टीचर ट्रेनिंग मोनिटरिंग सिस्टम की शुरूआत की है।
महाराष्ट्र
पूर्व विधायक और एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने वक्फ एक्ट के खिलाफ किया प्रदर्शन

मुंबई: मुंबई की मस्जिदों में मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और किसी को भी विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मुसलमानों ने शुक्रवार की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व विधायक वारिस पठान ने अपने समर्थकों के साथ हिंदुस्तानी मस्जिद पर वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने वारिस पठान और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया।
वारिस पठान ने वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग की है और कहा है कि विरोध प्रदर्शन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हमें विरोध प्रदर्शन करने से रोकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम अस्वीकार्य है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है। मुंबई समेत उपनगरीय इलाकों में वक्फ एक्ट के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, वहीं पुलिस ने इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, जिसके चलते शुक्रवार का दिन शांतिपूर्ण रहा। विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही संवेदनशील इलाकों और महत्वपूर्ण मस्जिदों में रैपिड एक्शन फोर्स और दंगा निरोधक दस्ते को भी तैनात किया गया था।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर ने वक्फ अधिनियम के संबंध में सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने वक्फ एक्ट के खिलाफ वक्फ बचाओ सप्ताह मनाने का ऐलान किया था। इस अवसर पर तौहीद के बच्चों ने विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर मुंबई में जुमे की नमाज भी अदा की, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। मुंबई में वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की अपील का भी असर हुआ और मुसलमानों ने हर जगह इसका विरोध किया। इसके साथ ही मस्जिदों में वक्फ एक्ट के नुकसान भी बताए गए और वक्फ एक्ट को मुसलमानों की संपत्ति छीनने का हथकंडा बताया गया और मुसलमानों ने भी वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग शुरू कर दी है।
राजनीति
देश के लिए महात्मा फुले का अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर कर महात्मा फुले को याद किया और उनके अमूल्य योगदान को हर पीढ़ी के लिए प्रेरित करने वाला बताया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट पर लिखा, “मानवता के सच्चे सेवक महात्मा फुले को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने समाज के शोषित और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ‘एक्स’ पर ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देते हुए एक पोस्ट में लिखा, “महान समाज सुधारक, शिक्षाविद और विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देश के वंचितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन कटिबद्ध महात्मा ज्योतिबा फुले, आधुनिक भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत बने। ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना के माध्यम से समाज को कुरीतियों से मुक्त बनाने की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। शिक्षा, समानता और न्याय के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने वाले महात्मा का जीवन अनुकरणीय है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई नेताओं ने महात्मा फुले को नमन किया।
सीएम योगी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “प्रतिबद्ध समाज सुधारक, वंचितों-उपेक्षितों के प्रखर स्वर महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! जाति प्रथा, असमानता, अशिक्षा जैसी समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के उन्मूलन हेतु उनका संघर्ष प्रेरणादायक और समूची मानवता के लिए मार्गदर्शक है।”
सीएम भजनलाल ने एक्स पर लिखा, “वंचितों, शोषितों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना जीवन समर्पित करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। आपके अमूल्य विचार एवं समाज सुधार के कार्य हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।”
ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी, जाति-विरोधी समाज सुधारक और लेखक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्ग के उत्थान में लगा दिया।
राजनीति
पीएम मोदी देंगे वाराणसी को 3,880 करोड़ रुपये की सौगात

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे, जहां वह 3,880 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें शहरी और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने वाली कई परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाना, कनेक्टिविटी में सुधार करना और क्षेत्र में प्रमुख सेवाओं को आधुनिक बनाना है।
इन मुख्य उद्घाटनों में पुलिस लाइन में एक नया निर्मित ट्रांजिट हॉस्टल और रामनगर में नई पुलिस बैरक शामिल हैं। इसके अलावा, स्थानीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए चार ग्रामीण सड़कों का भी आधिकारिक उद्घाटन किया जाएगा। दिन के एजेंडे का एक प्रमुख हिस्सा शहरी विकास है।
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे पर प्रतिष्ठित शास्त्री घाट और सामने घाट पर किए गए सौंदर्यीकरण कार्यों का उद्घाटन कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, रेलवे और वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की तरफ से शुरू की गई कई संवर्द्धन परियोजनाओं का भी अनावरण किया जाएगा, जिसका उद्देश्य शहर के सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्य और आकर्षण को बढ़ाना है।
कुल 44 परियोजनाओं में से 25 परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, जिनकी लागत लगभग 2,250 करोड़ रुपये है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा शहर के बिजली ढांचे को मजबूत करने के लिए है, जिसमें 15 नए पावर सबस्टेशन बनाने, कई ट्रांसफार्मर लगाने और 1,500 किलोमीटर नई बिजली लाइनों को बिछाने की योजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा और वीआईपी रास्तों पर भी तलाशी चौकियां होंगी।
प्रधानमंत्री के यात्रा मार्ग पर छतों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों के जरिए रियल-टाइम निगरानी की व्यवस्था की गई है।
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