राजनीति
दिल्ली में मास्क नहीं पहनने पर लगेगा 500 रुपए का जुर्माना

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर फिर से मास्क को अनिवार्य कर दिया है। प्राधिकरण के अधिकारी ने यह भी कहा कि जो मास्क पहनता नजर नहीं आएगा उसपर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। सूत्र के मुताबिक, सार्वजनिक जगहों पर मास्क नहीं पहनने पर डीडीएमए 500 रुपए का जुर्माना लगाएगा।
इससे पहले दिन में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक हुई।
डीडीएमए ने दिल्ली के स्कूलों में रिपोर्ट किए जा रहे कोविड मामलों का भी संज्ञान लिया है। सूत्र के अनुसार, बढ़ते कोविड मामलों के बीच फिलहाल अभी स्कूल खुले रहेंगे। दिल्ली में स्कूलों के लिए विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर एक एसओपी बनाया जाएगा।
बैठक में पात्र आयु वर्ग के टीकाकरण पर अधिक जोर दिया गया और शहर में सामाजिक समारोहों पर करीब से नजर बनाए रखने को कहा है।
मंगलवार शाम को स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 632 नए कोविड मामले मिले।
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के नकारात्मक प्रभाव की खबरों का किया खंडन

नई दिल्ली, 5 अगस्त। केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण (ई20) के संभावित नकारात्मक प्रभाव, खासकर पुराने वाहनों और ग्राहक अनुभव के बारे में चिंता जताई गई थी।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हालांकि, ये चिंताएं काफी हद तक निराधार हैं और इसे लेकर वैज्ञानिक प्रमाण या विशेषज्ञ विश्लेषण का भी अभाव है।”
उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण से वाहनों को नुकसान पहुंचने या उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानी होने की बात ‘वास्तविक तथ्यों’ पर आधारित नहीं है और इसमें तकनीकी आधार का भी अभाव है।
कार्ब्युरेटेड और फ्यूल-इंजेक्टेड व्हीकल के पहले 1,00,000 किलोमीटर के दौरान हर 10,000 किलोमीटर पर टेस्टिंग के माध्यम से वाहनों के मैकेनिकल, एनर्जी और पर्यावरणीय प्रदर्शन पर इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण के उपयोग के प्रभाव पर इंटरनेशनल स्टडी से सांख्यिकीय रूप से पावर और टॉर्क जनरेटर तथा ईंधन की खपत में कोई अंतर नहीं दिखा।
मंत्रालय ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आरएंडडी) द्वारा सामग्री अनुकूलता और चलाने योग्यता परीक्षणों ने पुष्टि की है कि पुराने वाहनों में भी ई20 से चलने पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव, प्रदर्शन संबंधी परेशानी या असामान्य टूट-फूट नहीं देखी गई। इसके अलावा, ई20 ईंधन ने इंजन को बिना किसी नुकसान के गर्म और ठंडे स्टार्टेबिलिटी टेस्ट को पास कर लिया।”
ईंधन दक्षता को लेकर मंत्रालय ने कहा कि इथेनॉल, पेट्रोल की तुलना में ऊर्जा घनत्व में कम होने के कारण, माइलेज में मामूली कमी लाता है।
मंत्रालय ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, “बेहतर इंजन ट्यूनिंग और ई20-संगत सामग्रियों के इस्तेमाल से दक्षता में इस मामूली गिरावट को और कम किया जा सकता है, जिन्हें प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता पहले ही अपना चुके हैं। दरअसल, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने पुष्टि की है कि अपग्रेडेड कंपोनेंट्स वाले ई20-संगत वाहन अप्रैल 2023 से बाजार में आने शुरू हो गए हैं। इस प्रकार, यह आरोप कि ई20 ईंधन दक्षता में भारी गिरावट लाता है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है।”
ई20 के लिए सुरक्षा मानक (संक्षारण अवरोधक और संगत ईंधन प्रणाली सामग्री) बीआईएस विनिर्देशों और ऑटोमोटिव उद्योग मानकों के माध्यम से अच्छी तरह से स्थापित हैं।
कुछ पुराने वाहनों में 20,000 से 30,000 किलोमीटर के लंबे इस्तेमाल के बाद कुछ रबर के पुर्जों/गैस्केट को बदलने की सलाह दी जा सकती है।
मंत्रालय ने कहा कि यह बदलाव सस्ता है और वाहन की नियमित सर्विसिंग के दौरान आसानी से किया जा सकता है।
इथेनॉल की ऑक्टेन संख्या 108.5 होती है, जो कि पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या 84.4 से ज्यादा है, जिसका अर्थ है कि इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण की ऑक्टेन संख्या पारंपरिक पेट्रोल से ज्यादा होती है।
इसलिए, मंत्रालय ने आगे कहा कि आधुनिक हाई-कंप्रेशन रेश्यो इंजन के लिए आवश्यक हाई-ऑक्टेन फ्यूल (95) प्रदान करने के लिए इथेनॉल का उपयोग एक आंशिक विकल्प बन गया है, जो बेहतर राइड क्वालिटी प्रदान करते हैं।
मंत्रालय ने आगे कहा, “ई20 मिश्रण कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करता है। वास्तव में, 2014-15 से पेट्रोल के विकल्प के माध्यम से भारत 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा बचा चुका है। इथेनॉल मिश्रण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, जिससे किसानों को 1.20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का त्वरित भुगतान होता है, जिससे कृषि और जैव ईंधन क्षेत्रों में आय और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।”
राजनीति
शिबू सोरेन की अंतिम विदाई : नेताओं ने कहा- हम उन्हें कभी नहीं भूल पाएंगे, हमेशा खलेगी कमी

रांची, 5 अगस्त। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक और विधानसभा स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने बताया कि शिबू सोरेन को मंगलवार को पूरा झारखंड नम आंखों से विदाई देगा। किसी व्यक्ति का पूरा जीवन कैसा रहा, उसे लेकर लोग क्या सोचते हैं, लोगों के बीच उसकी छवि कैसी रही, यह उसकी जिंदगी की अंतिम यात्रा के दौरान साफ जाहिर हो जाता है। आज पूरा झारखंड इस बात को लेकर दुखी है कि गुरु जी हमारे बीच नहीं रहे।
उन्होंने मिडिया से बातचीत में कहा कि गुरु जी के नहीं रहने से न केवल झारखंड, बल्कि पूरे विश्व में गम का माहौल है। वे हमारे अभिभावक थे। उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ कमाया। आज उनके चाहने वाले गमजदा हैं। आज बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं। गुरु जी का व्यक्तित्व अतुलनीय था।
रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि गुरुजी जी को महामानव कहना ज्यादा उचित रहेगा। वे अपने जीवन काल में झारखंड के लोगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे। उनकी भूमिका को कभी भी कम करके नहीं आंका जा सकता है। वहीं, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि जो कोई भी इस संसार में आया है, वह एक दिन हमें छोड़कर चला ही जाता है, और यह हमारे लिए दुख की बात है कि आज गुरुजी जी हमारे बीच नहीं रहे। उनका हमारे बीच नहीं रहना एक अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए झारखंड के लोगों के लिए कई ऐसे फैसले लिए जो आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने हमारे बीच एक ऐसा आदर्श छोड़ा है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
भाजपा नेता लोबिन हेम्ब्रोम ने शिबू सोरेन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज मैंने अपनी जिंदगी में अगर राजनीति में यह मुकाम हासिल किया है, तो उसकी मूल वजह गुरूजी हैं। उन्होंने ही हमें राजनीति का ककहरा सिखाया है। हम उनके साथ कई तरह के आंदोलन में शामिल रहे। वे हमारे मार्गदर्शक रहे। उन्होंने आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कई काम किए। उन्होंने जल, जीवन और जंगल को बचाने के लिए कई उल्लेखनीय कदम उठाए। झारखंड की जनता उन्हें कभी नहीं भूल सकती है। वे मेरे राजनीतिक गुरू रहे।
अपराध
मैसूर ड्रग फैक्ट्री मामला : ‘शर्ट की फोटो’ के जरिए होती थी तस्करी, जांच में बड़ा खुलासा

DRUG
मुंबई, 5 अगस्त। कर्नाटक के मैसूर में पकड़ी गई 434 करोड़ रुपए की ड्रग्स फैक्ट्री के मामले में मुंबई की साकीनाका पुलिस ने जांच के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में महाराष्ट्र तक ड्रग्स की तस्करी के लिए एक अनोखा और बेहद गुप्त तरीका अपनाया गया था। पुलिस के मुताबिक, इस नेटवर्क में ‘शर्ट की फोटो’ को कोडवर्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।
जांच में सामने आया कि ड्रग्स की सप्लाई और निर्माण की प्रक्रिया दो अलग-अलग गिरोहों द्वारा अंजाम दी जा रही थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इन दोनों गैंग के सदस्य एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे। यही इस पूरे ऑपरेशन की सबसे खतरनाक और शातिर ‘मॉडस ओपेरेंडी’ थी। इस तरह की व्यवस्था से नेटवर्क की परतें खोलना बेहद मुश्किल हो जाता है।
साकीनाका पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मैसूर में तैयार की गई एमडी ड्रग्स की खेप को एक गैंग सबसे पहले बेंगलुरु पहुंचाता था। वहां मुंबई गैंग का एक सदस्य पहले से मौजूद होता था। इसके बाद खेप लाने वाले व्यक्ति को एक शर्ट की फोटो व्हाट्सएप पर भेजी जाती थी, ताकि वह व्यक्ति उसी शर्ट को देखकर सही व्यक्ति को माल सौंप सके। इस तरह खेप को बेंगलुरु से मुंबई तक लाया जाता था। यहां इसे मुंबई के विभिन्न इलाकों में स्थानीय सप्लायर्स के जरिए वितरित किया जाता था। ड्रग्स का पूरा ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम सड़क मार्ग पर आधारित था, ताकि हवाई या ट्रेन मार्गों में होने वाली जांच से बचा जा सके।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क ड्रग्स को बसों और निजी वाहनों के माध्यम से ट्रांसपोर्ट करता था। मैसूर से बेंगलुरु और फिर मुंबई तक का सफर तय कर ड्रग्स को छिपाकर पहुंचाया जाता था। इस तरह की रणनीति से सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने में काफी हद तक सफलता भी मिली।
इस मामले में अब इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की भी एंट्री हो चुकी है। सोमवार को आईबी अधिकारियों ने गिरफ्तार आरोपियों से लंबी पूछताछ की। जांच एजेंसियों को शक है कि यह ड्रग्स फैक्ट्री सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है। साथ ही यह भी आशंका है कि इसका लिंक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से भी हो सकता है।
साकीनाका पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अब इस ऑपरेशन के पीछे की पूरी चेन, फंडिंग सोर्स, मास्टरमाइंड और सप्लायर्स नेटवर्क को खंगालने में जुट गई हैं।
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