अपराध
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से अधिकारियों को विध्वंस रोकने का आदेश देने को कहा

वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बुधवार को फिर से जहांगीरपुरी विध्वंस मामले का मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद, नगर निगम ने विध्वंस अभियान को नहीं रोका है। हालांकि अब इसे रोक दिया गया है।
दवे ने कहा कि सुबह शीर्ष अदालत के आदेश ने विध्वंस पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, फिर भी नगर निगम ने जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान को नहीं रोका। उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह महासचिव को उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), मेयर एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस आयुक्त को अदालत के आदेश के बारे में बताने के लिए कहें। दवे ने कहा, “एक बार जब यह मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट किया जाता है, तो यह उचित नहीं है।”
मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्री से कहा कि वह विध्वंस अभियान पर अदालत के यथास्थिति के आदेश से मामले में प्रतिवादियों, एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस आयुक्त को दवे द्वारा उल्लिखित किया जाए।
दवे ने कहा कि दुनिया यह समझ रही है कि शीर्ष अदालत ने विध्वंस को रोक दिया है, लेकिन कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा, “यह गलत संदेश भेजता है।”
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान पथराव और झड़पें हुई थीं।
इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी इलाके में कथित अतिक्रमणकारियों के खिलाफ नगर निगम द्वारा किए जा रहे विध्वंस अभियान पर यथास्थिति का आदेश दिया।
दवे ने मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। दवे ने कहा कि यह गंभीर मामला है जिसके लिए शीर्ष अदालत के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। दवे ने कहा, “जहांगीरपुरी इलाके में पूरी तरह से अनधिकृत और असंवैधानिक विध्वंस का आदेश दिया गया है, किसी को कोई नोटिस नहीं दिया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों को लोगों को कम से कम पांच-छह दिन का नोटिस देना चाहिए था। दवे ने कहा कि इसे दोपहर 2 बजे शुरू होना था। लेकिन उन्होंने सुबह 9 बजे विध्वंस शुरू कर दिया, यह जानते हुए कि मामले को अदालत के सामने रखा जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने विध्वंस अभियान पर यथास्थिति का निर्देश दिया और मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर एक याचिका का भी उल्लेख किया, जिसमें मध्य प्रदेश के खरगोन सहित कई भाजपा शासित राज्यों में दंगों के बाद शुरू किए गए विध्वंस की वैधता पर सवाल उठाया गया था। पीठ गुरुवार को इसे जहांगीरपुरी मामले के साथ सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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