राजनीति
भारत में कोरोना के 1,007 नए मामले, 1 की मौत
भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 1,007 नए मामलों सामने आए हैं। बुधवार के मुकाबले मामले में थोड़ी कमी दर्ज की गई है। देश में एक दिन पहले 1,088 नए मामले सामने आए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार सुबह कहा कि बीते 24 घंटे में कोरोना से केवल एक मौत हुई है, जिससे इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,21,737 हो गई है।
भारत में अब सक्रिय कोविड मामले 11,058 है जो देश के कुल पॉजिटिव मामलों का 0.03 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटों में कुल 818 मरीज ठीक हुए हैं और महामारी की शुरूआत के बाद से अब तक ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 4,25,06,228 है, नतीजतन, भारत की रिकवरी दर 98.76 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में देशभर में कुल 4,34,877 टेस्ट किए गए। भारत ने अब तक 83.08 करोड़ से अधिक कुल टेस्ट किए हैं।
देश में वर्तमान में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.25 प्रतिशत है, हालांकि दैनिक पॉजिटिविटी दर भी 0.23 प्रतिशत हो गई है।
टीकाकरण के मोर्चे पर, भारत का कोविड -19 टीकाकरण कवरेज रिपोटरें के अनुसार, गुरुवार सुबह 7 बजे तक 186.22 करोड़ से अधिक हो गया है। यह 2,26,31,632 सत्रों के माध्यम से हासिल किया गया है।
इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान की शुरूआत के बाद से 2.36 करोड़ से अधिक किशोरों को पहली खुराक का टीका दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार सुबह तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास 20.55 करोड़ से अधिक शेष और अप्रयुक्त कोविड वैक्सीन खुराक अभी भी उपलब्ध हैं।
अपराध
दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद असम में बड़ा एक्शन, 15 लोग गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली/गुवाहाटी, 13 नवंबर: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण विस्फोट के बाद असम में बड़ा एक्शन हुआ है। पिछले कुछ घंटों में असम पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि दिल्ली विस्फोटों के बाद आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में अब तक पूरे राज्य में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को 6 गिरफ्तारियां की गई थीं। इसके बाद रातभर चलाए गए अभियान के दौरान 9 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
रात में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बोंगाईगांव के रहने वाले रफीजुल अली, हैलाकांडी निवासी फोरिद उद्दीन लस्कर, लखीमपुर के इनामुल इस्लाम और फिरुज अहमद उर्फ पोपन, बारपेटा निवासी शाहिल शोमन सिकदर और रकीबुल सुल्तान, होजाई के नसीम अकरम, कामरूप के तस्लीम अहमद और दक्षिण सलमारा के अब्दुर रोहिम उर्फ बप्पी हुसैन के रूप में हुई।
इससे पहले, असम पुलिस ने दरांग के मतिउर रहमान, गोलपाड़ा के हसम अली, चिरांग के अब्दुल लतीफ, कामरूप के वझुल कमाल और बोंगाईगांव के नूर अमीन अहमद को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने दिल्ली धमाके के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट किए।
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ कहा कि असम पुलिस हिंसा का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि असम पुलिस सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके नफरत फैलाने या आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी और सख्ती से कार्रवाई जारी रखेगी।
मंगलवार को एक बयान में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि दिल्ली बम विस्फोट की खबर जब सोशल मीडिया पर आई, तो एक विशेष समुदाय के कुछ लोग इस पर मजाक बनाने लगे और ‘हा, हा’ इमोजी डालने लगे। ये लोग आतंकी समर्थक हैं और हमारी पुलिस इन्हें हर हाल में पकड़ने में जुटी है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में कार ब्लास्ट करने वाले आतंकी की पहचान हुई, धमाके से पहले मस्जिद गया था उमर उन नबी

नई दिल्ली, 13 नवंबर: दिल्ली ब्लास्ट केस में कार चलाने वाले आतंकवादी की पहचान हो गई है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि लाल किला विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के डीएनए विश्लेषण से यह पुष्टि हुई है कि उमर उन नबी उस कार को चला रहा था, जिसमें विस्फोट हुआ था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर नबी की मां और भाई के डीएनए नमूने एकत्र करके एम्स की फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजे गए, जहां उनका मिलान दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में रखे शवों के अवशेषों से किया गया। धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था। बाद में, जांच अधिकारियों ने उसका मिलान उमर के डीएनए से किया। डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति उमर उन नबी ही था।
इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर अदील और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपए इकट्ठा किए, जो उमर को सौंप दिए गए। उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर भी कुछ विवाद हुआ था।
बाद में उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग 3 लाख रुपए मूल्य का कई क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदा, जिसका इस्तेमाल आईईडी बनाने के लिए किया गया। सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस ग्रुप में 2 से 4 सदस्यों के लिए उमर ने सिग्नल ऐप भी बनाया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाल किला के नजदीक धमाका करने से पहले आतंकी उमर एक मस्जिद में भी गया था। वह वहां करीब 10 मिनट से ज्यादा वक्त तक रुका था, जिसके बाद लाल किले की तरफ चला गया। 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे उमर ने अपने समेत पूरी गाड़ी को उड़ा दिया।
ब्लास्ट उस समय हुआ, जब भारी ट्रैफिक था। इस कारण उमर की गाड़ी में हुए धमाके ने आसपास के कई वाहनों को चपेट में ले लिया। इस आतंकी हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर अब तक 12 हो गई है।
अपराध
महाराष्ट्र : मुंबई रेलवे पुलिस ने अवैध धरना को लेकर सीएसएमटी के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया

मुंबई, 13 नवंबर: मुंबई रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर 6 नवंबर को हुए अवैध विरोध प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की है। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमएस) के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
रेलवे पुलिस ने एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के खिलाफ सीएसएमटी रेलवे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। यह प्रदर्शन मुंब्रा स्टेशन पर हुई दुर्घटना में मारे गए पांच लोगों के मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की मांग को लेकर किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “बिना पूर्व अनुमति के सीएसएमटी परिसर में धरना देना गैरकानूनी है। इससे रेलवे परिचालन बाधित हुआ और यात्री परेशान हुए। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189(2), 190, 127(2), 221, 223 तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37(1), 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का भी उल्लंघन हुआ।”
घटना की शुरुआत शाम 4 बजे हुई, जब सीआरएमएस अध्यक्ष प्रवीण वाजपेयी के नेतृत्व में 100-200 रेल कर्मचारी मिलन हॉल में एकत्र हुए। इसके बाद वे शांतिपूर्वक डीआरएम कार्यालय की ओर मार्च करने लगे। आधिकारिक प्रदर्शन समाप्त होने के बाद शाम 5:30 बजे अचानक एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के नेतृत्व में 30-40 कर्मचारी मोटरमैन लॉबी में घुस गए। उन्होंने लोहे की बेंचों से मोटरमैन, गार्ड और स्टेशन मैनेजर कार्यालय का प्रवेश द्वार अवरुद्ध कर दिया। इससे कर्मचारी अंदर फंस गए और शाम 5:41 बजे से लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं।
इसके बाद प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई और अफरा-तफरी मच गई। करीब एक घंटे तक परिचालन बाधित रहा। डीआरएम के आश्वासन के बाद शाम 6:38 बजे धरना समाप्त हुआ और सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हुईं।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली गई थी, जो रेलवे पुलिस आयुक्तालय के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि आंदोलन को उकसाने और समर्थन देने वाले अन्य लोग कौन हैं। दोनों आरोपियों को जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
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