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Monday,12-May-2025
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सस्ती पढ़ाई, वैश्विक मान्यता और यूक्रेन का इन्फ्रास्ट्रक्चर भारतीय छात्रों को करता है आकर्षित

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भारत के हर हजारों छात्र हर साल मेडिकल की पढ़ाई के लिए युक्रेन जाते हैं। इसका एक बड़ा कारण छात्रों को यूक्रेन में मिलने वाली सुविधाएं और सस्ती मेडिकल पढ़ाई और विश्व भर में यूक्रेन के विश्वविद्यालयों को दी जाने वाली मान्यता है। भारत के मुकाबले यूक्रेन के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के अति महत्वपूर्ण पढ़ाई का खर्च आधा है। इसके साथ ही यूक्रेन में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया भी भारत के मुकाबले काफी सरल है। इन्हीं सब सुविधाओं को देखते हुए भारत के हजारों छात्र हर साल एमबीबीएस और बीडीएस जैसे मेडिकल कोर्स करने के लिए यूक्रेन का रुख करते हैं।

यूक्रेन में फिलहाल 14 बड़े मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें 18000 से अधिक भारतीय छात्र एमबीबीएस और बीडीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से करीब 1000 छात्र स्वदेश भारत लौट चुके हैं जबकि अन्य छात्रों को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। देश की प्रसिद्ध मेडिकल कोचिंग करवाने वाली संस्थाओं में से एक के निदेशक संदीप धमीजा के बताते हैं कि यूक्रेन में मेडिकल के लिए जितनी सीटें आरक्षित हैं, उपलब्ध हैं उसके मुकाबले वहां स्थानीय स्तर पर काफी कम उम्मीदवार आवेदन करते हैं। यही कारण है कि मेडिकल सीट विदेशी छात्रों के लिए काफी सरलता से उपलब्ध हो जाती है तो इसका लाभ भारतीय छात्रों को भी मिलता है।

यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके शिरीष मेहता का कहना है कि यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में जहां इन्फ्राट्रक्च र भारत के मुकाबले कहीं बेहतर है। वही यहां मेडिकल पढ़ाई का खर्च भारत के निजी कॉलेजों की तुलना में आधा भी नहीं है।

यदि भारत के सरकारी कॉलेजों में मेडिकल कॉलेजों की बात की जाए तो यहां एमबीबीएस जैसे पाठ्यक्रम हो का सालाना खर्च प्रत्येक छात्र के लिए करीब 3 लाख रुपये के आसपास रहता है। वहीं भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में यह खर्च 20 लाख रुपए के आसपास है। भारत के ही कई मेडिकल कॉलेजों में तो एमबीबीएस का खर्च

30 लाख सालाना तक भी पहुंच जाता है।

भारत के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जहां एमबीबीएस के 5 वर्ष की पढ़ाई का खर्च 15 से 20 लाख रुपए पर आता है। वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक छात्र को एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के लिए 80 लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ती है। कई भारतीय प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में यह खर्च 1 करोड़ से भी अधिक है।

दूसरी ओर यदि यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों की बात करें तो यहां एमबीबीएस कर रहे छात्र को प्रति वर्ष लगभग 5 लाख का खर्च वहन करना पड़ता है और 5 वर्षों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में भारतीय छात्रों को 25 लाख रुपए की राशि खर्च करनी पड़ती है, जो कि भारतीय मेडिकल कॉलेजों खासतौर प्राइवेट कॉलेजों के मुकाबले काफी कम है।

भारतीय शिक्षाविद सीएस कांडपाल का कहना है कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई लोकप्रिय होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि यहां छात्रों को इन पाठ्यक्रमों में शामिल होने के लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी पड़ती, जबकि भारत में नीट परीक्षाएं आयोजित की जाती है।

इनमें हर साल करीब लाखों छात्र नीट परीक्षा में शामिल होते हैं जिनमें से लगभग 40 हजार छात्रों को ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है। ऐसे में बड़ी संख्या में नीट क्वालीफाई कर चुके भारतीय छात्र यूक्रेन का रुख करते हैं।

यूक्रेन में भारत से नीट क्वालीफाई कर चुके छात्रों को दाखिला मिल जाता है और यहां नीट की रैंकिंग कोई महत्व नहीं रखती है। यहां साल में दो बार सितंबर और जनवरी में दाखिला प्रक्रिया आयोजित की जाती है। यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को यहां पढ़ाई पूरी करने के उपरांत एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है, जिसके तहत प्रैक्टिस करने के लिए एफएमसीजी परीक्षा पास करनी होती है।

राष्ट्रीय समाचार

भारत-पाकिस्तान तत्काल और पूर्ण युद्धविराम पर सहमत : अमेरिका

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नई दिल्ली, 10 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष पर तत्काल पूर्ण युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं। यह सहमति अमेरिका की मध्यस्थता से पूरी हुई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ पर एक पोस्ट में लिखा, “अमेरिका की मध्यस्थता में रात में चली लंबी वार्ता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।”

ट्रंप ने समझदारी दिखाने के लिए दोनों देशों को धन्यवाद दिया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी एक्स पर बताया कि वह स्वयं और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले 48 घंटे से भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख असीम मुनीर और पाक एनएसएस असीम मलिक शामिल थे।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी तत्काल युद्धविराम की पुष्टि की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए हमेशा से प्रयासरत रहा है।

पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 7 मई को तड़के पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

इसके बाद पाकिस्तान ने लगातार भारतीय सैन्य ठिकानों और आबादी वाले इलाके में ड्रोन तथा मिसाइलों से हमले किए, जिनमें ज्यादातर को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका को मध्यस्ता के लिए बीच में आना पड़ा।

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राजनीति

अमेरिका पर भी पड़ा है आतंकवादी हमलों का असर, उसे देना चाहिए भारत का साथ : केसी त्यागी

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नई दिल्ली, 10 मई। पहलगाम में आतंकी हमला और फिर भारतीय सेना की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को सफलता से अंजाम देने के बाद पाकिस्तान लगातार भारतीय नागरिकों को टारगेट कर रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है और पूरी दुनिया की नजर भारत-पाकिस्तान पर टिकी हुई है कि अगला कदम क्या होगा। इस बीच, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि इस वक्त अमेरिका को भारत के साथ खड़ा होना चाहिए।

जेडीयू नेता ने मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिका भी आतंकवाद के हमलों से प्रभावित रहा है। ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मारा गया। अमेरिका को अपने देश में हुए आतंकवादी हमले को याद रखना चाहिए। उन्हें तटस्थ नहीं रहना चाहिए। अमेरिका को इस वक्त भारत का साथ देना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।

पाकिस्तान की ओर से भारत के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने पर त्यागी ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर हमलों से बचना चाहिए। ये आस्था का मामला है, और पाकिस्तान पहले से ही ऐसे घृणित कृत्यों के लिए मशहूर है।

दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर जेडीयू नेता ने आगे कहा कि पाकिस्तान भारत की आबादी वाले इलाकों को निशाना बना रहा है, जबकि भारत ऐसा करने से बच रहा है। भारत केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहा है। दोनों के बीच यही मुख्य अंतर है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान को कर्ज मिलने पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ऐसे वक्त में जिस तरह से पाकिस्तान की मदद की गई है कहीं, इसका दुरुपयोग न हो, इसका ध्यान भी रखा जाना चाहिए।

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पीओके और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि उसका मकसद आतंकियों को नष्ट करना था। आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। लेकिन, अगर पाकिस्तान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बदले में जवाबी हमला करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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पाकिस्तान के 50 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों को भारतीय सेना ने तबाह किया: दिलीप जायसवाल

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पटना, 10 मई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान लगातार भारतीय नागरिकों को टारगेट कर रहा है। दुश्मन देश की ओर से मिसाइल और ड्रोन दागे जा रहे हैं। लेकिन, भारतीय सेना पाकिस्तान के सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही तबाह कर रही है। भारतीय सेना की कार्रवाई पर बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान ने अब तक 50 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइल भारत पर दागे हैं। लेकिन, हमारी सेना सभी ड्रोन को तबाह कर चुकी है।

मिडिया से बातचीत के दौरान बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान लगातार नापाक हरकतें कर रहा है, मिसाइलों और ड्रोन से भारत को तबाह करने की कोशिश कर रहा है, मैं अपनी सेना को सलाम करता हूं। जिस बहादुरी के साथ हमारे सशस्त्र बलों ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया है, वह सराहनीय है। सेना का समर्थन और उत्साहवर्धन करना होगा।

उन्होंने कहा कि पूरे देश के नागरिक सेना का हौसला बढ़ाने के लिए तिरंगा लेकर सड़कों पर निकलेंगे। पूरा देश सेना के साथ है। 140 करोड़ लोग हाथ में तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे। यह किसी पार्टी के बैनर तले नहीं होगा। इस यात्रा में सभी शामिल होंगे और भारतीय सेना के शौर्य का सलाम करेंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमने लगातार पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है और हमने दुनिया को साफ कर दिया है कि हम आम पाकिस्तानी नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतें जारी रखे हुए है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और इसके बावजूद उसने भारत में तबाही मचाने के लिए 50 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन लॉन्च करने की कोशिश की। लेकिन हमारा रडार सिस्टम इतना मजबूत है कि अब तक लॉन्च की गई हर मिसाइल और ड्रोन को आसमान में ही सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया है।

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