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Monday,25-August-2025
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सरकार अलर्ट मोड में, स्कूलों में कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन

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दिल्ली सरकार के मुताबिक स्कूल बंद रहने के दौरान हैप्पीनेस करिकुलम ने बच्चों को तनावमुक्त करने और खुश रखने की वैक्सीन का काम किया है। माइंडफुलनेस ने छात्रों के साथ परिवार के सदस्यों को भी तनावमुक्त रखा है।

कोरोना के कम होते मामले और घटते संक्रमण दर को देखते हुए सोमवार को दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल दोबारा खोल दिए गए। हर स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। स्कूल के खुलने और लम्बे समय बाद अपने दोस्तों से मिलने पर बच्चे काफी उत्साहित थे। पेरेंट्स अपने बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने को लेकर काफी कॉन्फिडेंट दिख रहे थे। इस दौरान स्कूलों में बच्चों का स्वागत करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।

ऑफलाइन पढ़ाई दोबारा शुरू करने से पहले बच्चे सामान्य रूप से स्कूल से जुड़ सके इसके लिए स्कूलों में कई एक्टिविटीज का आयोजन किया जा रहा है।

दिल्ली में सोमवार से स्कूलों के खुलने के साथ ही रौनक लौट आई। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों को वापस स्कूलों में देखकर बहुत खुशी हो रही है। अब भगवान न करे कि दोबारा स्कूलों को बंद करने की जरूरत पड़े।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी पढ़ाई की भी चिंता है। स्कूलों के खुलने से बच्चों की लनिर्ंग में आया गैप कम होगा।? बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार अलर्ट मोड में है। सभी स्कूलों में कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा। अभिभावकों की सहमति से बच्चे स्कूल आयेंगे। ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया और बच्चों व उनके पेरेंट्स से बात की। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण स्कूलों के बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई का काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। हमें बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता है, लेकिन उनके पढ़ाई की भी चिंता है। यदि अब स्कूलों को नहीं खोला गया तो एक पूरी पीढ़ी नॉलेज गैप के साथ आगे बढ़ेगी। कोरोना के दौरान बेशक बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी थी लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई कभी भी ऑफलाइन पढ़ाई का रिप्लेसमेंट नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह अलर्ट मोड में है। सभी स्कूलों में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि लम्बे समय बाद आज दोबारा स्कूल खुले हैं। स्कूलों के न खुलने से बच्चों की पढ़ाई का काफी ज्यादा नुकसान हुआ था लेकिन उम्मीद है कि स्कूलों के खुलने के बाद हमारे टीचर्स, पेरेंट्स साथ मिलकर बच्चों के इस लनिर्ंग गैप को खत्म करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के पहले दिन ही स्कूलों में काफी अच्छा रेस्पॉन्स देखने को मिला। यह दिखाता है कि पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर कॉन्फिडेंट हैं और बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि पिछली बार स्कूल खुलने के बाद का एक्सपीरियंस बेहद शानदार था। स्कूलों में बच्चे और टीचर्स बहुत अच्छे से कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे। मुझे विश्वास है कि अब भी स्कूलों में कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का अच्छे से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोल दिए जाएंगे। इस बीच 1 सप्ताह में स्कूल जूनियर क्लासों को खोलने के लिए तैयारी कर पाएंगे। साथ ही अभी हाइब्रिड मोड में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों क्लासेज चलती रहेंगी।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार के लगभग सभी टीचर्स को वैक्सीन लग चुकी है। साथ ही 15 से 18 साल आयुवर्ग के 95 फीसदी से अधिक बच्चों को भी वैक्सीन लग चुकी है। उन्होंने कहा कि स्कूलों के बंद होने के दौरान हैप्पीनेस करिकुलम ने भी बच्चों के लिए तनावमुक्त और खुश रहने के वैक्सीन के रूप में काम किया है। बच्चों ने खुद तो माइंडफुलनेस का अभ्यास रख कर खुद को तनावमुक्त रखा। साथ ही उन्होंने अपने घर-परिवार में अन्य लोगों को भी माइंडफुलनेस और मैडिटेशन सीखने का काम किया है।

महाराष्ट्र

मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है: पुलिस आयुक्त देवेन भारती

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मुंबई: मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के संदर्भ में कड़े सुरक्षा इंतजाम करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त, 36 डीसीपी, 51 एसीपी, 2336 अधिकारी, 14430 जवानों सहित अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस बलों में दंगा निरोधक दस्ता, आरपीएफ, एसआरपीएफ, त्वरित प्रतिक्रिया बल, डेल्टा कॉम्बैट, होमगार्ड और अन्य बल भी तैनात किए गए हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने गणपति मंडलों पर विशेष व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। इसलिए पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे भीड़ के दौरान धैर्य और संयम दिखाएं, संदिग्ध और संदिग्ध लोगों पर नजर रखें और भीड़ के दौरान पुलिस का सहयोग करें

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राजनीति

नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

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मुंबई, 25 अगस्त। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए।

उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी जेल गए। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है। इसी सोच के साथ सरकार यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है।

उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है। सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”

दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे।

लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।

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राष्ट्रीय समाचार

सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को ‘सुप्रीम’ राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

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SUPRIM COURT

नई दिल्ली, 25 अगस्त। ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है।

इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। ट्वीट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”

आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई। वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था।

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