राजनीति
यूपी का विकास और 24 करोड़ जनता को सुरक्षा देना भाजपा का लक्ष्य, अयोध्या, काशी और मथुरा का भी विकास जरूरी : केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का विकास और प्रदेश की 24 करोड़ जनता को सुरक्षा देना और उनके जीवन में खुशहाली लाना भाजपा का लक्ष्य है और खुशहाली के लिए विकास जरूरी है। विकास काशी का भी जरूरी है, अयोध्या का भी जरूरी है और मथुरा का भी जरूरी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव , अखिलेश यादव के दावों और प्रदेश के राजनीतिक हालात सहित अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आईएएनएस के वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष कुमार पाठक ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से खास बातचीत की।
सवाल – भाजपा भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही है और इसी तरह से समाजवादी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है लेकिन आप उनकी सूची का इतना विरोध क्यों कर रहे हैं ?
जवाब – भाजपा की सूची सामाजिक समीकरण यानि सबका साथ-सबका विकास का गुलदस्ता है लेकिन समाजवादी पार्टी की सूची अपराधियों, दंगाइयों, भ्रष्टाचारियों और पलायन के लिए मजबूर करने वाले लोगों का समीकरण है। अखिलेश यादव ने वोट मांगने की बजाय यूपी के मतदाताओं को धमकाने का काम किया है। वह यूपी की जनता को संदेश दे रहे हैं कि ऐसे वोट नहीं दोगे तो हम इन उम्मीदवारों के बल पर डरा-धमका कर वोट हासिल करेंगे। लेकिन उनको पता होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश की जनता इन सबसे बहुत आगे निकल गई हैं।
सवाल – इन्हीं उम्मीदवारों के बल पर सपा आपको उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर करने का दावा कर रही है।
जवाब – समाजवादी पार्टी अब समाप्त पार्टी बनने की ओर अग्रसर है । वो 2017 की तरह इस बार 47 सीटें भी फिर से हासिल कर लें, तो यही उनकी बड़ी कामयाबी होगी।
सवाल – भाजपा विकास को बड़ा मुद्दा बता रही है, कानून व्यवस्था को सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही है लेकिन चुनाव प्रचार की शुरूआत कैराना से करने की जरूरत क्यों पड़ रही है ? क्यों बार-बार आपको पलायन को, फिर से मुद्दा बनाने की जरूरत पड़ रही है ?
जवाब – उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता सबसे पहले सुरक्षा चाहती है, विकास चाहती है। मुजफ्फरनगर सहित उत्तर प्रदेश में हुए 700 से ज्यादा दंगे की वजह से सपा शासन में उत्तर प्रदेश में भय का माहौल था, कैराना से लोगों को पलायन करना पड़ रहा था। उस भय के वातावरण से हमारी सरकार ने लोगों को बाहर निकालने का काम किया, पलायन करने वाले लोगों को वापस लाने का काम किया। गृह मंत्री ने कैराना जाकर यह शानदार संदेश दिया है कि भाजपा ने लोगों को विकास, सुरक्षा और सुशासन दिया है। यह संदेश दिया है कि भाजपा की सरकार में किसी आम आदमी को पलायन नहीं करना पड़ेगा बल्कि पलायन कराने वालों और गुंडों-बदमाशों को ही प्रदेश छोड़ कर जाना पड़ेगा।
सवाल – अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की बारी, यह ट्वीट आपने किया था, क्या इसे अपने चुनावी संकल्प पत्र का एजेंडा भी आप बनाने जा रहे हैं ?
जवाब – अयोध्या , काशी और मथुरा विरोधियों के लिए राजनीतिक मुद्दा हो सकता है लेकिन हमारे लिए यह आस्था का केंद्र है। हमारा तो एक ही लक्ष्य है उत्तर प्रदेश का विकास करना और लोगों को सुरक्षा देना।
सवाल – क्या मथुरा में भव्य कृष्ण मंदिर बनाने का वादा आपके संकल्प पत्र का हिस्सा होगा ?
जवाब – भाजपा का संकल्प उत्तर प्रदेश का विकास करना, प्रदेश की 24 करोड़ जनता को सुरक्षा देना और उनके जीवन में खुशहाली लाना है और खुशहाली के लिए विकास जरूरी है। विकास काशी का भी जरूरी है, अयोध्या का भी जरूरी है और मथुरा का भी जरूरी है।
सवाल – चुनाव उत्तर प्रदेश का है और अब जिन्ना के बाद इसमें पाकिस्तान की एंट्री भी हो गई है। अखिलेश यादव ने कहा है कि भारत का असली दुश्मन चीन है लेकिन आप वोटों की खातिर पाकिस्तान को निशाना बनाते रहते हैं।
जवाब – अखिलेश यादव जी की तबियत ठीक नहीं है। अपनी हार को सामने देख कर वो बौखला गए हैं। उनको यह लग गया है कि सब कुछ करने के बाद भी सपा 2022 में भी 2017 की हालत में ही है। मैं तो उनको यही सलाह दूंगा कि वो अपना प्रयास बंद कर दें। 2022 में उनके लिए कोई संभावना नहीं है और 2027 में भी उनको मौका मिलने वाला नहीं है।
सवाल – आप दावा कर रहे हैं कि उनके लिए कोई मौका नहीं है, लेकिन अखिलेश यादव तो कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता इस बार आपके बहकावे में नहीं आने वाली है।
जवाब – उनका दावा फर्जी है। भाजपा 300 से ज्यादा सीटें जीतकर फिर से प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। अगर सपा-बसपा और कांग्रेस , ये तीनों एक साथ भी आ जाए तब भी प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी।
राजनीति
दिल्ली : जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक संपन्न, संगठन सशक्तिकरण और चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। दिल्ली कांग्रेस ने जिला स्तर पर अपने संगठन को सशक्त करने के लिए जिला कांग्रेस समिति अध्यक्षों की बैठक का तीसरा और अंतिम चरण शुक्रवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में संपन्न किया।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्षों के सुझावों पर मंथन किया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना, मतदाता सूची सत्यापन को बेहतर करना और कार्यप्रणाली में सुधार लाना रहा।
अपने संबोधन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जिला अध्यक्षों को संगठन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि पार्टी के विचारों और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में उनकी भूमिका अहम है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूरे दमखम के साथ तैयारी करने और भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। कांग्रेस को भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी और संविधान विरोधी सोच के खिलाफ लगातार लड़ना होगा। जनता के मुद्दों को उठाना होगा। इस दौरान उन्होंने बेलगावी के अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा 2024-25 को संगठन सशक्तिकरण वर्ष मनाने के फैसले की भी याद दिलाई।
खड़गे ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनकल्याण नहीं, बल्कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण है। उन्होंने संसद के देर रात तक संचालन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बहस की बजाय सरकार चुपके से वैधानिक कार्य निपटाती है। सरकार संसद को रात के चार बजे तक महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक विफलता, अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ बहस करने के लिए नहीं चलाती है। रात के अंधेरे में मणिपुर पर बहस कराती है, ताकि चुपके से वैधानिक कार्य हो सके। उन्होंने जिला अध्यक्षों से यह भी कहा कि सभी को चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखने, वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे।
बैठक के बाद के.सी. वेणुगोपाल और पवन खेड़ा ने बताया कि तीन चरणों में कुल 862 जिला अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। बूथ प्रबंधन, मतदाता सूची सत्यापन, विचारधारा प्रशिक्षण और सोशल मीडिया रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। उनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, महासचिवों और विभिन्न राज्य प्रभारियों ने भी भागीदारी की।
वेणुगोपाल ने 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन साबरमती नदी के तट पर होगा और इसकी टैगलाइन ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ होगी। यह अधिवेशन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ और सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात में आयोजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल को विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक स्थल पर होगी। 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन होगा।
राजनीति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ताशकंद में 150वीं आईपीयू बैठक में होंगे शामिल

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 5 से 9 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित हो रहे अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 150वीं सभा में भाग लेंगे। बिरला भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला “सामाजिक विकास और न्याय हेतु संसदीय कार्रवाई” विषय पर सभा को संबोधित करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष इस सभा में भाग लेने के साथ ही अन्य सांसदों के पीठासीन अधिकारियों से भी भेंट करेंगे।
ताशकंद यात्रा के दौरान, ओम बिरला उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों से भी बातचीत करेंगे।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की गई कि बिरला सांसदों के एक प्रतिष्ठित समूह के साथ सदन में होने वाली चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
भारतीय संसदीय शिष्टमंडल में राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश, भर्तृहरि महताब, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, अपराजिता सारंगी,डॉ. सस्मित पात्रा, अशोक कुमार मित्तल, किरण चौधरी, लता वानखेड़े, बिजुली कलिता मेधी तथा लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव पीसी.मोदी शामिल हैं।
आईपीयू सभा में भारतीय प्रतिनिधि विभिन्न आईपीयू निकायों की महत्वपूर्ण चर्चाओं और बैठकों में भाग लेंगे, जिनमें गवर्निंग काउंसिल, कार्यकारी समिति और कई विषयगत पैनल चर्चाएं शामिल होंगी।
सभा को संबोधित करने के अलावा, अध्यक्ष बिरला अन्य संसदों के अपने समकक्षों के साथ अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे तथा प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत की वर्तमान स्थिति को बढ़ावा देंगे।
महाराष्ट्र
वक्फ संपत्तियों पर भूमि माफिया के खिलाफ संघर्ष : नया संशोधित बिल चुनौतियां बढ़ा रहा है

नई दिल्ली : वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने और उनके लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने की लड़ाई पहले से ही भूमि माफिया, अतिक्रमणकारियों और अवैध समूहों के कारण कठिन थी। अब सरकार द्वारा पेश किया गया नया संशोधित बिल इस संघर्ष में एक और बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। एडवोकेट डॉ. सैयद एजाज अब्बास नक़वी ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है और तुरंत सुधारों की मांग की है। उन्होंने कहा कि वक्फ का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना था, लेकिन दुर्भाग्यवश यह उद्देश्य पूरी तरह असफल हो गया है। दूसरी ओर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), जो सिख समुदाय की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था है, दशकों से अपने समुदाय के कल्याण में सक्रिय रूप से लगी हुई है। इसके परिणामस्वरूप, सिख समाज में भिखारियों और मानव रिक्शा चालकों की संख्या लगभग समाप्त हो गई है।
वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे और दुरुपयोग उजागर :
डॉ. नक़वी के अनुसार, वक्फ संपत्तियों को सबसे अधिक नुकसान स्वार्थी समूहों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमणों से हुआ है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि कई वक्फ संपत्तियां मूल रूप से सैयद परिवारों की दरगाहों के लिए दान की गई थीं, लेकिन उनका भारी दुरुपयोग किया गया। उन्होंने खुलासा किया कि एक प्रसिद्ध व्यक्ति ने मुंबई के ऑल्टामाउंट रोड पर स्थित एक एकड़ प्रमुख वक्फ भूमि को मात्र 16 लाख रुपये में बेच दिया, जो वक्फ के सिद्धांतों और कानूनों का खुला उल्लंघन है।
धारा 52 में सख्त संशोधन की मांग :
डॉ. नक़वी ने सरकार से वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने वक्फ अधिनियम की धारा 52 में तत्काल संशोधन कर मृत्युदंड या आजीवन कारावास जैसी कड़ी सजा का प्रावधान करने की मांग की है। यह मुद्दा उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका है जो वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए पहले से ही भ्रष्ट तत्वों और अवैध कब्जाधारियों से लड़ रहे हैं। यह देखना बाकी है कि क्या सरकार इन चिंताओं को गंभीरता से लेती है और वक्फ भूमि की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू करती है।
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