राजनीति
मोदी का राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस भारतीय उद्यमियों के लिए एक नई शुरूआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। बीते कुछ वर्षो में भारतीय स्टार्टअप ने जबरदस्त वृद्धि हासिल की है। इनमें से कुछ कंपनियों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां भी बटोरी हैं।
ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में अकेले 2021 में 46 यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक वैल्यूएशन वाली कंपनियां) कंपनियां सामने आई हैं, जिसने 2021 में 42 अरब डॉलर जुटाए हैं।
ओरियोस वेंचर पार्टनर्स की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब 90 यूनिकॉर्न हैं – शेयरचैट से क्रेड तक और मीशो से अपग्रेड तक – सभी स्पेक्ट्रम में नए लोग पहले से कहीं ज्यादा तेजी से प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो रहे हैं।
हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, भारत 2021 में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है।
भारत के यूनिकॉर्न वर्तमान में 170 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के हैं, और यह बढ़ रहे हैं।
मोदी ने कहा कि छोटे व्यवसायों की तरह, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, स्टार्टअप गेम चेंजर बन रहे हैं।
ऑटोमेशन और रोबोटिक्स फर्म एडवर्ब के सह-संस्थापक सतीश शुक्ला के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम तंत्र बहुत लंबा सफर तय कर चुका है और बहुत परिपक्व हो गया है।
शुक्ल ने आईएएनएस को बताया, “हम भारतीय स्टार्टअप के लिए सुलभ वीसी/पीई फंडों के बीच स्टार्टअप्स को भारतीय बाजारों में सूचीबद्ध होते हुए देख सकते हैं। कई प्रतिभाशाली लोग अपने दम पर शुरू करने या स्टार्टअप्स के साथ काम करने के लिए भारत वापस आ रहे हैं, जिससे ब्रेन-ड्रेन प्रक्रिया को उलट दिया है।”
2016 में ‘स्टार्टअप इंडिया’ की शुरूआत से ही सरकार ने कई कदम उठाए हैं जैसे भुगतान के डिजिटल तरीके पर जोर देना, पात्र स्टार्टअप के लिए 3 साल की अवधि के लिए लाभ पर 100 प्रतिशत कर छूट, मानदंडों की छूट पीएसयू के लिए स्टार्टअप्स द्वारा खरीद को बढ़ावा देना और पीएसयू को प्रासंगिक स्टार्टअप्स को फंड और पोषण करने के लिए प्रोत्साहित करना।
शुक्ला ने जोर देकर कहा, “इसने लोगों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा की हैं और बहुत से युवा लोगों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है और हमें निकट भविष्य में न केवल यूनिकॉर्न बल्कि डेकाकॉर्न की आवश्यकता है जो 21वीं सदी के भारत की समस्याएं हल करेंगे।”
भारत ने अब तक चार ‘डेकाकॉर्न’ ( 10 अरब और उससे अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनियां) देखी हैं, जिसमें फ्लिपकार्ट, पेटीएम, बायजू और ओयो शामिल हैं।
केआर के सेकर, पार्टनर, डेलॉइट इंडिया के अनुसार, भारत के लिए मांग और ग्राहक आधार बहुत बड़ा है और एक बेहतर नेटवर्क और बेहतर दूरसंचार नीति स्टार्टअप्स के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।
जोरदार चर्चा के बीच, बहुत कम भारतीय यूनिकॉर्न ने राजस्व में 100 मिलियन राजस्व को छुआ है और इन कंपनियों पर प्रदर्शन करने के लिए अत्यधिक दबाव होगा।
डॉक्टर से उद्यमी बने रितेश मलिक, निवेशक, कहानीकार रितेश मलिक ने कहा, “मेरी राय में, 2030 तक, निफ्टी 50 में से 40 प्रतिशत युवा गतिशील प्रौद्योगिकी स्टार्टअप होंगे, जो पारंपरिक कंपनियों को विस्थापित करेंगे।”
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “भारत को दुनिया के सबसे गतिशील और समावेशी स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में बनाने पर मोदी का ध्यान प्रशंसनीय है। नौकरी देने वाले बनाम नौकरी तलाशने वालों पर उनका लगातार ध्यान हमारे देश के लिए समय की जरूरत है।”
फिनटेक स्टार्टअप खाताबुक के सीईओ और सह-संस्थापक रवीश नरेश ने कहा कि सरकार की नई पहल भारत के पहले उत्पादों के साथ वैश्विक बाजारों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के योगदान की एक उत्कृष्ट स्वीकृति है।
नरेश ने आईएएनएस को बताया, “भारत के स्टार्टअप बड़े निवेश को आकर्षित कर रहे हैं क्योंकि वे नए जमाने के नवाचारों के ब्रीडिंग ग्राउंड हैं, जो उभरते बाजारों में लोगों को सही डिजिटल समाधानों के साथ सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होता है।”
वर्तमान में, भारत में लगभग 60,000 स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
अपग्रेड के सह-संस्थापक और एमडी मयंक कुमार ने आईएएनएस को बताया, “हालांकि भारत पहले से ही एक प्रतिभा शक्ति केंद्र है, लेकिन यह कदम लाखों लोगों को व्यापार और सामाजिक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे देश ग्लोबल लीडर बन जाएगा।”
राजनीति
जनता ने किया खारिज, राहुल गांधी की बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं: राहुल नार्वेकर

मुंबई, 18 सितंबर। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को हताशा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर कुछ शरारती तत्व केंद्र सरकार के फैसले को लेकर आम जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे इन लोगों को कुछ मिलने वाला नहीं है। मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को इग्नोर करना चाहिए।
राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को आईसीसी वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 के आयोजन को देश की आर्थिक प्रगति के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन देश को एक ऐसा मंच दिलाता है, जहां दुनिया के सभी निवेशक एक-दूसरे से मुखातिब होते हैं और विकास का खाका तैयार कर उसे धरातल पर उतारते हैं।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स’ का भारत की औद्योगिक विकास में अहम भूमिका रही है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मैं समझता हूं कि देश में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए। इससे देश के विकास की गति तीव्र होती है, जिसका फायदा हमारे साथ-साथ हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी होगा।
बिहार कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री मोदी की मां के एआई वीडियो को राहुल नार्वेकर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि आज देश की राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है कि लोग इस तरह की हरकतें करने पर आमादा हो चुके हैं। निश्चित तौर पर मैं कहूंगा कि भारतीय राजनीति की सभ्यता को बरकरार रखा जाना चाहिए और इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। यह स्थिति देश की राजनीति के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इसकी वकालत बिल्कुल भी नहीं की जानी चाहिए।
वहीं, मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर पेंट फेंकने के प्रकरण को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि निसंदेह भारतीय राजनीति में इस तरह की स्थिति को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे हादसे समाज के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। मैं समझता हूं कि महाराष्ट्र की संस्कृति ऐसी स्थिति को बिल्कुल भी स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है।
वक्फ संशोधन कानून को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जाने के ऐलान पर राहुल नार्वेकर ने कहा कि इससे कुछ भी होने वाला नहीं है। देश की जनता इस बात को भलीभांति जानती है कि केंद्र सरकार की तरफ से लिया जाने वाला हर फैसला बिल्कुल ठीक है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का सिर्फ एक ही मकसद है कि आम जनता के हित पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात न हो और इस दिशा में हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हां, बिल्कुल इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि समय-समय पर कुछ शरारती तत्व केंद्र सरकार के फैसले को लेकर आम जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे इन लोगों को कुछ मिलने वाला नहीं है। मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को इग्नोर करना चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को हताशा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इन लोगों की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है। मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि मौजूदा समय में देश की जनता इन लोगों को बिल्कुल खारिज कर चुकी है। इन लोगों के पक्ष में जनादेश नहीं है। इसी बात का गुस्सा इनके मन में है। इसी को देखते हुए ये लोग इस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।
वहीं, तमिलनाडु कांग्रेस के नेता की ओर से अभिनेत्री कंगना रनौत पर की गई विवादित टिप्पणी को उन्होंने गलत बताया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। ऐसे ही लोग इस तरह की टिप्पणी करते हैं।
अपराध
मुंबई: अंधेरी में ₹12 करोड़ की संपत्ति धोखाधड़ी का पर्दाफाश, एफआईआर दर्ज कर मामला EOW को स्थानांतरित

मुंबई: अंधेरी में ₹12 करोड़ की एक बड़ी संपत्ति धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति ने कथित तौर पर जाली दस्तावेज़ों और हस्ताक्षरों के ज़रिए एक कार्यालय की संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा कर लिया। एमआईडीसी पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है और आगे की जाँच के लिए मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया है।
शिकायत के अनुसार, वसई (पश्चिम) निवासी, विस्तारा आईटीसीएल इंडिया लिमिटेड के सहायक प्रबंधक, दीप कमलेश जोशी (31) ने कार्यालय परिसर पर धोखाधड़ी से कब्ज़ा करने का मामला दर्ज कराया है। यह घटना बाबा हाउस बिल्डिंग, अंधेरी-कुर्ला रोड, अंधेरी (पूर्व) स्थित जवाहरलाल गंगारमानी और उषा गंगारमानी के कार्यालय से संबंधित है।
आरोपी की पहचान अंधेरी (पश्चिम) के शास्त्री नगर निवासी पवन खेमनानी के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि खेमनानी ने कथित तौर पर 2013 से बिना किराया दिए बाबा हाउस कार्यालय पर कब्जा कर रखा था।
अपनी धोखाधड़ी को और आगे बढ़ाते हुए, उन पर गंगारामनी दंपत्ति की तस्वीरों का इस्तेमाल करके फ़र्ज़ी समझौते तैयार करने और संपत्ति पर मालिकाना हक़ जताने के लिए उनके जाली हस्ताक्षर करने का आरोप है। इस धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप, अनुमानित ₹12 करोड़ की संपत्ति पर गलत कब्ज़ा कर लिया गया।
गंगारामानी परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने पुष्टि की है कि ज़ोन 10 के पुलिस उपायुक्त की पूर्व अनुमति से मामले की जाँच शुरू की गई है। इस बहुमूल्य संपत्ति धोखाधड़ी की आगे की जाँच अभी जारी है।
राजनीति
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव: मतदान शुरू, शुक्रवार को आएंगे नतीजे

नई दिल्ली, 18 सितंबर। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए मतदान प्रारंभ हो गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 50 से अधिक कॉलेजों के छात्र गुरुवार को मतदान कर रहे हैं। पहली पाली का मतदान सुबह साढ़े आठ बजे प्रारंभ हुआ है। वहीं, इन कॉलेजों के छात्र दोपहर में दूसरी पाली में अपना मतदान कर सकेंगे। यह मतदान शाम 7.30 बजे तक जारी रहेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई और भाजपा समर्थित एबीवीपी के बीच है। हालांकि, इन चुनावों में आम आदमी पार्टी समर्थक छात्र संगठन और लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों की भी मौजूदगी है। छात्र संघ चुनाव के लिए करीब 52 कॉलेजों में अलग-अलग मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सभी कॉलेजों और विभागों के छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव दिल्ली की छात्र राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस साल चुनाव में लगभग 2.75 लाख छात्र मतदाता हैं, जो अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे शुक्रवार को आएंगे। वोटों की मतगणना 19 सितंबर को सुबह 9 बजे से शुरू की जाएगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, मतगणना 19 सितंबर की देर शाम तक पूरी होने की संभावना है, जिसके बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। मतगणना की यह पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (डूसू) चुनाव के लिए केंद्रीय पैनल की चारों प्रमुख सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर आर्यन मान को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर गोविंद तंवर, सचिव पद पर कुणाल चौधरी और सह सचिव पद पर दीपिका झा एबीवीपी के उम्मीदवार हैं।
दूसरी तरफ, एनएसयूआई की ओर से जोश्लिन नंदिता चौधरी अध्यक्ष पद की उम्मीदवार है। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर राहुल झांसला, सचिव पद पर कबीर और सह सचिव पद के लिए लव कुश बधाना मैदान में हैं।
विश्वविद्यालय छात्र संघ में सभी छात्र संगठन अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। छात्र संगठनों का कहना है कि वे केवल छात्रों के मुद्दों पर फोकस करते हैं और यह चुनाव छात्रों से जुड़े विषयों पर लड़ा जा रहा है।
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