राजनीति
पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर हमला बोला
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए पूछा है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार के किस नेता ने अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को जानबूझकर खतरे में डाला जाए और तमाम सूचना और अलर्ट के बावजूद उन्हें सुरक्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाए।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक निजी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग का हवाला देते हुए दावा किया कि पंजाब पुलिस के अधिकारी प्रधानमंत्री की सुरक्षा भंग होने की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों, पंजाब के प्रशासन और सरकार को देते रहे, लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया , कोई कदम नहीं उठाया गया।
भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने पंजाब के तत्कालीन डीजीपी के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरी व्यवस्था और रूट सुरक्षित है, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को डीजीपी ने क्यों दिया?
कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए स्मृति ईरानी ने पूछा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार के वो आलाधिकारी कौन है जो सारी सूचनाएं और अलर्ट की जानकारी मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रहे थे। उन्होंने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार के किस नेता ने अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को पंजाब में खंडित किया जाए?
उन्होंने 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर प्रधानमंत्री को असुरक्षित माहौल में रखा और यह न सिर्फ निंदनीय है बल्कि दंडनीय भी है।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल और इसके टूटने के बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा प्रियंका गांधी को ब्रीफ करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो सूचना सिर्फ सुरक्षा या जांच एजेंसियों तक ही सीमित होनी चाहिए उसके बारे में एक प्राइवेट नागरिक , जो कि गांधी परिवार का हिस्सा है, को सारी जानकारी क्यों दी गई।
जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किए पैनल के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्देश पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। उनके द्वारा गठित किए गए पैनल के तथ्य जब सामने आएंगे तब वो पार्टी के निर्देश पर ही इस पर कोई टिप्पणी करेंगी।
राजनीति
नीतीश कुमार 14 नवंबर के बाद एनडीए में सार्वजनिक रूप से नहीं दिखेंगे: सांसद संजय यादव

पटना, 3 नवंबर: राजद सांसद संजय यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि वे 14 नवंबर के बाद एनडीए में सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देंगे। उन्होंने पटना में हुई रोड शो को लेकर कहा कि संदेश साफ है कि 14 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए नेताओं के बीच सार्वजनिक रूप से दिखाई भी नहीं देंगे।
राजद सांसद संजय यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एनडीए की सरकार बनेगी और उसमें कहीं भी मुख्यमंत्री का नाम नहीं है। यहां गठबंधन की राजनीति पढ़ने की जरूरत नहीं है, यह स्पष्ट है कि 14 नवंबर के बाद नीतीश कुमार एनडीए में सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि वैसे नीतीश कुमार 14 नवंबर के बाद दिखाई देंगे या नहीं, हमें इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है। बस बिहार में अगली सरकार एनडीए नहीं बना रही है। प्रदेश की जनता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनाने जा रही है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के तालाब में मछली पकड़ने को लेकर भाजपा नेताओं के बयान पर राजद सांसद संजय यादव ने कहा कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिहार में हैं। मीडिया को भाजपा के नेताओं से सवाल करना चाहिए कि देश में बहुत काम है और वे बिहार में हैं। मुख्यमंत्रियों से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक बिहार में डेरा डाले हुए हैं।
राहुल गांधी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अच्छे स्विमर हैं। उन्होंने गांव में एक पोखर में मछली पकड़कर दिखाया कि वह आम आदमी तक पहुंचने का दम रखते हैं। क्या भाजपा के नेता तालाब में उतर सकते हैं?
राहुल गांधी ने मल्लाह समाज के साथ तालाब में मछली पकड़ी और दिखाया कि उन्हें कोई भी काम करने से परेशानी नहीं है। भाजपा के लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी के पास कोई काम नहीं है। हर चीज में भाजपा के लोगों को नकारात्मक बातें ही ढूंढनी हैं। कुछ जगहों पर उन्हें सकारात्मक बातें भी खोजनी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में राशन दुकानदारों की बैठक, लंबित कई समस्याओं का किया गया निपटारा

अहमदाबाद, 3 नवंबर: अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में सोमवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की प्रमुख सचिव मोना खंधार की अध्यक्षता में सरकारी उचित मूल्य दुकानदारों (राशन दुकानदारों) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इसमें दुकानदारों की लंबित मांगों और समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई तथा सरकार की ओर से सकारात्मक पहल की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव मोना खंधार ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और संबंधित मंत्री ने दुकानदारों की एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पूर्णतः सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “कुल 20 मुद्दों में से 11 मुद्दों को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है। शेष 9 नीतिगत मुद्दों पर भी प्रक्रिया तेज गति से चल रही है और जल्द ही इन्हें हल किया जाएगा।”
खंधार ने दुकानदारों से अपील की कि वे गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा में सक्रिय भागीदार बनें। उन्होंने कहा, “उचित मूल्य की दुकानें समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक सरकारी सहायता पहुंचाने का माध्यम हैं। आप सभी का दायित्व है कि पारदर्शिता और नियमितता के साथ राशन वितरण सुनिश्चित करें।”
जिला कलेक्टर सुजीत कुमार ने भी दुकानदारों से कहा कि चालान समय पर भरें और राशन का नियमित वितरण करें। दुकानदारों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निदेशक मयूर मेहता, खाद्य नियंत्रक विमल पटेल, जिला आपूर्ति अधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गुजरात राज्य उचित मूल्य दुकानदार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
दुकानदारों ने सरकार के इस सकारात्मक कदम का स्वागत किया और कहा कि लंबे समय से लंबित कई मुद्दों का समाधान होने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार का यह रुख दुकानदारों के मनोबल को बढ़ाने वाला है। हम पूरी ईमानदारी से जनसेवा करते रहेंगे।”
राष्ट्रीय समाचार
ईडी ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप की 3,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया

मुंबई, 3 नवंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पब्लिक फंड की कथित हेराफेरी और लॉन्ड्रिंग को लेकर रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़ी लगभग 3,084 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
इन संपत्तियों में मुंबई के पाली हिल में मौजूद घर, नई दिल्ली में रिलायंस सेंटर और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई (कांचीपुरम सहित) और पूर्वी गोदावरी में कई संपत्तियां शामिल हैं।
इन संपत्तियों में ऑफिस एवं रेजिडेंशियल यूनिट्स और लैंड पार्सल शामिल हैं।
इन संपत्तियों को जब्त करने का आदेश धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 5(1) के तहत 31 अक्टूबर, 2025 को जारी किया गया था।
यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) द्वारा जुटाए गए बैंकिंग लोन के हेरफेर और लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।
2017-19 के दौरान, यस बैंक ने आरएचएफएल इंस्ट्रूमेंट्स में 2,965 करोड़ रुपए और आरसीएफएल इंस्ट्रूमेंट्स में 2,045 करोड़ रुपए का निवेश किया।
दिसंबर 2019 तक ये इन्वेस्टमेंट नॉन-परफॉर्मिंग (एनपीए) बन गए थे, जिसमें आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ रुपए और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपए बकाया थे।
ईडी की जांच में पता चला कि सेबी के म्यूचुअल फंड कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट फ्रेमवर्क के कारण पहले के रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड द्वारा अनिल अंबानी ग्रुप की फाइनेंशियल कंपनियों में सीधा इन्वेस्टमेंट कानूनी तौर पर संभव नहीं था।
इन गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए, आम जनता द्वारा म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट किया गया पैसा यस बैंक के एक्सपोजर के जरिए इनडायरेक्टली रूट किया गया, जो आखिरकार अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों के पास पहुंचा।
जांच में यह भी पता चला कि फंड यस बैंक के आरएचएफएल और आरसीएफएल के एक्सपोजर के जरिए इनडायरेक्टली रूट किए गए थे, जबकि आरएचएफएल औरआरसीएफएल ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी संस्थाओं को लोन दिए थे।
इस बीच, ईडी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और संबंधित कंपनियों के लोन फ्रॉड स्कैम में भी जांच तेज कर दी है।
पिछले हफ्ते, इन्वेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट कोबरापोस्ट ने आरोप लगाया था कि रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने एक बड़ा बैंकिंग फ्रॉड किया है और इसमें 2006 से अब कर 28,874 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का हेरफेर किया गया है।
रिलायंस ग्रुप ने कोबरापोस्ट की रिपोर्ट को “एक दुर्भावनापूर्ण, आधारहीन और मकसद से चलाया गया अभियान” बताकर खारिज कर दिया था।
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