अपराध
2020 में हर रोज औसतन 31 नाबालिगों की मौत आत्महत्या से हुई: लोकसभा में बोले मंत्री

सरकार द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में आत्महत्या से 11,396 बच्चों (18 वर्ष से कम) की मौत हुई हैं। गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही कि “उपलब्ध जानकारी के अनुसार (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा), पिछले तीन वर्षों के दौरान बच्चों (18 वर्ष से कम) द्वारा की गई आत्महत्याओं की कुल संख्या 2018 में 9431, 2019 में 9613 और 2020 में 11396 थी।”
सरकार ने चालू वर्ष में नाबालिगों द्वारा आत्महत्या के आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए।
मंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने ‘मनोदर्पण’ नाम से एक सक्रिय पहल की है, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण के लिए कोविड के प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत सीरीज शामिल है।
तमिलनाडु से द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसद टी. आर. परिवेंद्र ने अपने सवाल में सरकार से पूछा था कि क्या पिछले तीन वर्षों में बाल आत्महत्या के मामलों में कोई वृद्धि हुई है।
मंत्री मिश्रा ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर ‘मनोदर्पण’ के लिए एक वेबपेज बनाया गया है, जिसमें मनोसामाजिक समर्थन के लिए परामर्श, व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और क्या न करें, एफएक्यू और ऑनलाइन क्वेरी सिस्टम शामिल हैं।
इसके अलावा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने देश भर के स्कूली छात्रों को उनकी चिंताओं को साझा करने में मदद करने के लिए अप्रैल, 2020 में ‘स्कूली बच्चों के लिए एनसीईआरटी परामर्श सेवाएं’ शुरू की हैं। सरकार ने कहा कि यह सेवा देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 270 परामर्शदाताओं द्वारा नि:शुल्क प्रदान की जाती है।
मंत्री ने आगे कहा कि आयुष्मान भारत-एचडब्ल्यूसी योजना के तहत व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के तहत सेवाओं के पैकेज में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को भी जोड़ा गया है। आयुष्मान भारत के दायरे में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में मानसिक, न्यूरोलॉजिकल और पदार्थ उपयोग विकारों पर परिचालन दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
मिश्रा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने निमहंस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत निमहंस, बैंगलोर में बाल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक देखभाल के लिए एक राष्ट्रीय पहल और एकीकृत संसाधन केंद्र ्न’संवाद’ की स्थापना की गई है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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