अंतरराष्ट्रीय
टी20 वर्ल्ड कप के पहले सेमीफाइलन में न्यूजीलैंड से भिड़ेंगी इंग्लैंड टीम

आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में बुधवार को पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड न्यूजीलैंड से भिड़ने को तैयार है। कप्तान इयोन मोर्गन की टीम को जेसन रॉय के टीम में ना होने से थोड़ी कमी खलेगी, जो चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो चुके है। इस पर न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने कहा, “इंग्लैंड टीम पिछले कुछ साल से सफेद गेंद वाली क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। दूसरी तरफ, मॉर्गन ने कहा कि हम जानते हैं कि वे पिछले विश्व कप से बेहतर प्रदर्शन करते हुए आ रहे हैं। “
दोनों टीमों के कप्तानों के बयानों से जाहिर हो रहा है कि दोनों टीमें सम्मान के बराबर के भागीदार हैं।
पिछले कुछ सालों में कई बार तमाम टूर्नामेंट में खेलने के बाद, दोनों कप्तान अपने कामों को बेहतर जानते हैं, इसलिए अपनी टीमों को फाइनल में पहुंचाने के लिए यहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। जहां तक मैच का सवाल है तो यह 2019 विश्व कप क्रिकेट फाइनल या 2016 टी20 विश्व कप सेमीफाइनल से भी ज्यादा टक्कर वाला मैच हो सकता है।
वेस्टइंडीज से खिताबी मैच हारने से पहले इंग्लैंड ने 2016 टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया था, जब कार्लोस ब्रैथवेट ने शानदार पारी खेली थी। इसके बाद, 2019 में 50 ओवर के विश्व कप क्रिकेट फाइनल में दोनों टीमों ने 241 रन बनाए थे। जिसके बाद सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने बराबर रन जोड़े, लेकिन बाउंड्री काउंट-बैक नियम से इंग्लैंड ने अपना पहला खिताब जीता था।
इस मैच पर न्यूजीलैंड ने कहा, “इस नियम के कारण उनका विश्व विजेता बनने का सपना टूट गया। लेकिन सभी कमियों को दूर कर वे आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप ट्रॉफी को जीतने में कामयाब रहे। साल 2019 में लॉड्स के मैदान पर जो हुआ उसकी चिंता किए बिना बुधवार को होने वाले मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन करने पर ध्यान देंगे क्योंकि उनके पास टी20 विश्व विजेता बनने का पूरा मौका है।”
टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड ने साबित किया है कि उनके पास सर्वश्रेष्ठ संतुलित गेंदबाजों में से एक बेहतर हैं। टीम में बाएं हाथ के ट्रेंट बोल्ट गेंदबाज है जो गेंद को स्विंग कराने में माहिर हैं। टिम साउदी जो दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, वह अपनी गति से धमाल मचा सकते हैं। साथ ही एडम मिल्ने भी घातक साबित हो सकते हैं। टीम में दो स्पिन गेंदबाज ईश सोढ़ी और मिशेल सेंटनर भी इंग्लैंड के लिए परेशानी पहुंचा सकते हैं। वहीं जिमी नीशम के रूप में एक ऑलराउंडर भी टीम में मौजूद हैं, जो अपनी गति से विरोधी टीम पर प्रभाव डाल सकते हैं।
न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी चुनौती अबू धाबी की धीमी पिच से तालमेल बिठाना होगा, क्योंकि उन्होंने यहां आखिरी तीन मैच दोपहर के समय खेले है। इसलिए शाम को होने वाले इस मैच में उनको ओस की संभावना को देखते हुए सही योजनाओं के साथ उतरना होगा।
इस बीच, इंग्लैंड का टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन रहा है। पिछली बार के उपविजेता और दुनिया की नंबर 1 टीम अपने बड़े हिटर्स बल्लेबाजों और उनके ²ष्टिकोण के कारण सफल होते आए है।
हालांकि, जेसन रॉय के बाहर होने से उनको थोड़ा झटका लगा है, अंतिम सुपर 12 मैच में रन लेते समय उनको चोट गई थी। अब उनकी जगह टीम में जेम्स विंस को शामिल किया गया है। वहीं, टीम के स्टार खिलाड़ी बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर चोट की वजह से पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे, लेकिन रॉय की चोट इंग्लैंड के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
कप्तान इयोन मोर्गन ने रॉय की चोट के बाद कहा था, “वह एक ऐसे खिलाड़ी है जो चेंजिंग रूम में अच्छा वातावरण बनाते है, जिससे हमें मैदान पर भी फायदा मिलता है। इस महत्वपूर्ण नॉकआउट मैच में मोर्गन के लिए अब बड़ी चुनौती फिर से टीम को संतुलित करना होगा।”
दोनों टीमें अब तक इस प्रारूप में 21 बार भिड़ीं हैं, जिसमें इंग्लैंड को 12 और न्यूजीलैंड को 7 बार जीत हासिल हुई है। पिछली बार जब टीमें द्विपक्षीय सीरीज में सामने-आमने आई थी तो वे 2-2 के बराबरी पर खत्म हो हुई थी।
इन टीमों के इतिहास को देखते हुए, यह बात ध्यान में रखना होगा है कि टूर्नामेंट में अगर सुपर ओवर होता है तो जब तक कोई विजेता न बन जाए, तब तक सुपर ओवर होते रहेंगे।
संभावित इंग्लैंड इलेवन: जॉनी बेयरस्टो, जोस बटलर (विकेटकीपर), डेविड मालन, लियाम लिविंगस्टोन, सैम बिलिंग्स, इयोन मोर्गन (कप्तान), मोइन अली, क्रिस वोक्स, क्रिस जॉर्डन, आदिल राशिद और मार्क वुड।
संभावित न्यूजीलैंड इलेवन: मार्टिन गुप्टिल, डेरिल मिशेल, केन विलियमसन (कप्तान), डेवोन कॉनवे (विकेटकीपर), ग्लेन फिलिप्स, जेम्स नीशम, मिशेल सेंटनर, एडम मिल्ने, टिम साउथी, ईश सोढ़ी और ट्रेंट बोल्ट।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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