अंतरराष्ट्रीय
आईसीसी ने की ‘प्लेयर ऑफ द मंथ’, पुरस्कार की घोषणा, शाकिब दूसरी बार मनोनीत

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार को आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ पुरस्कारों की घोषणा की है। यह पुरस्कार पुरुष और महिला क्रिकेटरों को सभी प्रारूपों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले को दिया जाता हैं। अक्टूबर के लिए पुरुष खिलाड़ियों के लिए नामांकित बांग्लादेशी ऑलराउंडर शाकिब अल हसन, पाकिस्तान के पावरफुल फिनिशर आसिफ अली और नामीबिया के शानदार बल्लेबाज डेविड विसे हैं।
शाकिब ने पिछले महीने से संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में चल रहे टी20 विश्व कप 2021 तक छह मैच खेले हैं। इस दौरान, उन्होंने 109.16 के स्ट्राइक रेट से कुल 131 रन बनाए और 5.59 के इकॉनमी रेट से कुल 11 विकेट लिए।
पिछले महीने टूर्नामेंट में ऑलराउंड ने दो शानदार मैच खेले, जहां पहले मैच में 42 रन बनाए और ओमान के खिलाफ तीन विकेट लिए और 46 रन बनाए और पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ चार विकेट लिए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कहा कि साल में अल हसन का यह दूसरा नामांकन है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान के मध्यक्रम के बल्लेबाज आसिफ अली ने पिछले महीने चल रहे टी20 वल्र्ड 2021 में तीन मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 273.68 के स्ट्राइक रेट के साथ कुल 52 रन बनाए। उनका सफल प्रदर्शन तब था जब उन्होंने न्यूजीलैंड को हराने में 12 गेंदों में 27 रन बनाए थे।
उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ अगले गेम में उन्नीसवें ओवर में चार छक्के भी लगाए और जिससे टीम ने जीत दर्ज की।
इस बीच, नामीबिया के दिग्गज ऑलराउंडर डेविड विसे का अब तक शानदार विश्व कप रहा है। उन्होंने आठ टी20 मैच खेले जहां उन्होंने 132.78 की स्ट्राइक रेट के साथ कुल 162 रन बनाए और 7.23 की इकॉनमी रेट से सात विकेट लिए।
डेविड के मैच-विजेता प्रदर्शन ने नामीबिया को टूर्नामेंट के सुपर 12 के लिए क्वालीफाई करने में मदद की, जहां उन्होंने नीदरलैंड के खिलाफ नाबाद 66 और आयरलैंड के खिलाफ 28 नाबाद रन बनाए। इस दौरान गेंद के साथ भी अच्छा योगदान दिया।
महिला खिलाड़ियों में आयरलैंड की ऑल राउंडर लौरा डेलानी और दाएं हाथ के बल्लेबाज गैबी लुईस के साथ जिम्बाब्वे की कप्तान और हरफनमौला मैरी-ऐनी इस लिस्ट में शामिल है।
आयरलैंड की ऑल राउंडर डेलानी ने पिछले महीने जिम्बाब्वे के खिलाफ चार वनडे खेले और 108.62 के स्ट्राइक रेट से कुल 189 रन बनाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 3.85 की इकॉनमी रेट से चार विकेट लिए। डेलानी ने जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज की जीत में अपनी तीन पारियों में 86, 35 और 68 रन बनाए।
आयरलैंड के एक अन्य क्रिकेटर गेबी ने भी जिम्बाब्वे के खिलाफ चार एकदिवसीय मैच खेले और 77.35 के स्ट्राइक रेट से कुल 263 रन बनाए। लुईस जिम्बाब्वे के खिलाफ टीम को एकदिवसीय सीरीज जीत में सबसे बड़ी स्कोरर रही थी, जिन्होंने पिछले तीन मैचों में 65, 96 नाबाद और 78 रन बनाए। जिसके कारण आयरलैंड ने जिम्बाब्वे पर 3-1 सीरीज अपने नाम की थी।
इस बीच, मुसोंडा ने आयरलैंड के खिलाफ चार एकदिवसीय मैचों में जिम्बाब्वे की कप्तानी की और 90.86 के स्ट्राइक रेट से कुल 169 रन बनाए। इसमें उन्होंने एक ऐतिहासिक जीत भी हासिल की। उन्होंने अपना पहला वनडे मैच खेला था। इस दौरान मैरी-ऐनी मुसोंडा के नाबाद शतक ने उन्हें आयरलैंड के खिलाफ चार विकेट से जीत दिलाई थी।
अब इसके लिए आईसीसी वोटिंग अकादमी और दुनियाभर के फैंस विजेताओं के लिए मतदान करेंगे, जिसकी घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी।
विशेष रूप से, आईसीसी वोटिंग अकादमी में बड़े पत्रकार, पूर्व खिलाड़ी, प्रसारक और आईसीसी हॉल ऑफ फेम के सदस्यों सहित क्रिकेट के कई प्रमुख सदस्य शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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