अंतरराष्ट्रीय
भारत और दक्षिण कोरिया का द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है

कोविड-19 की क्रूर दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद अब भारत में जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। इस बीच भारत और दक्षिण कोरिया के बीच आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार केवल 2018 में 21.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया था – व्यापार समझौते के बावजूद पहली बार 20 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया था – व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईपीए) जिस पर 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे।
भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने इंडिया नैरेटिव को बताया, 2030 तक 50 अरब डॉलर तक (द्विपक्षीय व्यापार) पहुंचने का लक्ष्य है। भारत में 10 दिवसीय कोरिया मेले से इतर उन्होंने कहा, दक्षिण कोरिया और भारत के बीच एक विशेष संबंध है और हम व्यापार को और कैसे बढ़ावा दें, इस बारे में बातचीत करेंगे।
दोनों देशों के राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
चांग ने कहा कि कई कोरियाई कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, हमें कोरिया जाने और वहां निवेश करने के लिए भारतीय कंपनियों की भी जरूरत है।
भारत में करीब 750 कोरियाई कंपनियां काम कर रही हैं। लेकिन वियतनाम जैसे अन्य एशियाई देशों की तुलना में यह संख्या काफी कम है, जहां पर उनकी संख्या लगभग 7000 है।
दक्षिण कोरियाई संस्कृति, संगीत, भोजन और यहां तक कि भाषा भी भारत में इतनी लोकप्रिय हो रही है, जितनी पहले कभी नहीं थी।
जुलाई में कार्यभार संभालने वाले चांग ने कहा, कोरियाई भाषा को पिछले साल से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, हमें उम्मीद है कि अधिक से अधिक स्कूल कोरियाई पढ़ाना शुरू करेंगे।
भारत छोड़ने से ठीक पहले, भारत में दक्षिण कोरिया के पूर्व राजदूत शिन बोंगकिल ने कहा था कि कोविड-19 महामारी ने भारत को अगले निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शित किया है।
हालांकि, शिन ने यह भी कहा कि जहां दुनिया भर की कई वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करना चाह रही हैं, वहीं देश को आवश्यक बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना चाहिए और भविष्य में किसी भी संकट के कारण होने वाले किसी भी व्यवधान से बचने के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहना चाहिए।
सितंबर 2020 तक दक्षिण कोरिया से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 6.94 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।
दक्षिण कोरियाई प्रमुख सियोल सेमीकंडक्टर ने जून में हरियाणा में एक अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) सुविधा स्थापित करने की अपनी इच्छा की घोषणा की थी, जो कि व्यापारिक रिश्तों के बढ़ने का प्रमाण है।
कंपनी भारतीय बाजार और ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा परिचालन का विस्तार करेगी। बाद में इसके राज्य में एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने की उम्मीद है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, हुंडई, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, डूसन हेवी इंडस्ट्रीज सहित उन दक्षिण कोरियाई बड़ी कंपनियों में शामिल हैं, जो पहले से ही भारत में काम कर रही हैं।
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार की मदद के लिए चीन की आपात सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 5 अप्रैल। म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय भूकंप राहत सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची। सामग्री की इस खेप में 1,048 जल शोधन उपकरण, 10,000 मच्छरदानियां, 15,000 प्राथमिक चिकित्सा किट और 400 टेंट आदि विभिन्न तत्काल आवश्यक सामग्री शामिल हैं।
म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय सामग्री की पहली खेप और दूसरी खेप 31 मार्च को और 3 अप्रैल को क्रमशः म्यांमार पहुंची थी और आपदा पीड़ितों में वितरित की गई थी।
स्थानीय समयानुसार 28 मार्च को म्यांमार में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया और चीन के युन्नान प्रांत के कई हिस्सों में इसके जोरदार झटके महसूस किए गए। यह भूकंप इस साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में 6 या इससे अधिक तीव्रता वाला 17वां भूकंप है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक यह सबसे बड़ा भूकंप है और पिछले दशक में महाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है।
स्थानीय समय पर 4 अप्रैल की रात 8 बजे तक, 28 मार्च को म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण पूरे देश में 3,354 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 220 लोग लापता हैं।
व्यापार
सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक फिसला, आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 1 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है। आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट के चलते सुबह 11:26 पर सेंसेक्स 1,122.60 अंक या 1.45 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 76,292.32 और निफ्टी 285.80 अंक या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,233 पर था।
बाजार में गिरावट की वजह 2 अप्रैल से अमेरिकी द्वारा अपने ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर लगाए जाने वाले जवाबी टैरिफ को माना जा रहा है।
सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक, जोमैटो, नेस्ले, आईटीसी और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, टीसीएस और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 359.10 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,313.35 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 99.35 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,997.15 पर था।
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला के अनुसार, वैश्विक चुनौतियों के बीच निवेशक सतर्क बने हुए हैं। बाजार के लिए संभावित टैरिफ घोषणाएं और उनके आर्थिक नतीजों से सेंटीमेंट प्रभावित होना प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं।”
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई।
इसके अलावा निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियलिटी और ऑटो समेत करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में थे।
एशिया के करीब सभी बाजार हरे निशान में बने हुए हैं। शंघाई, टोक्यो, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजारों में तेजी है। अमेरिकी बाजार सोमवार को सात महीनों के निचले स्तर से रिकवर करके एक प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए थे।
लगातार छह सत्रों तक खरीदारी करने के बाद शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने इक्विटी में 4,352 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,646 करोड़ रुपये का इक्विटी में निवेश किया।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय8 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार2 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें