राजनीति
प्रधानमंत्री ने 35 जलवायु-अनुरूप फसल किस्मों का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 35 जलवायु-अनुरूप फसल किस्मों का शुभारंभ करते हुए राज्यों और गैर सरकारी संगठनों को विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करने और बाजरा को बढ़ावा देने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का सुझाव दिया। मोदी ने 35 फसल किस्मों को लॉन्च करने वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत में पारंपरिक खेती के हिस्से के रूप में किसान अलग-अलग जलवायु परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग फसलें उगाते थे। शुष्क जलवायु, बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में, यहां तक कि बर्फ में भी विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती थीं, जिनमें अधिक पोषण मूल्य भी था, विशेष रूप से मोटा अनाज बाजरा। बाजरा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। इसलिए, आज की जीवनशैली की बीमारियों को देखते हुए बाजरे की बहुत मांग है।”
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान का नवनिर्मित परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया और कृषि विश्वविद्यालयों को ‘ग्रीन कैंपस पुरस्कार’ वितरित किए। उन्होंने फसल की किस्मों को लॉन्च करने से पहले, उन चुनिंदा किसानों के साथ बातचीत की, जो खेती में नवीन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
यह बताते हुए कि भारत के प्रयासों के कारण संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया है, मोदी ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बाजरा की खेती की हमारी परंपरा को प्रदर्शित करने का यह एक अच्छा अवसर है। हमें इसकी शुरुआत करनी होगी। मैं सभी गैर सरकारी संगठनों से अपील करता हूं कि वे बाजरा की थीम पर फूड फेस्टिवल का आयोजन करें और बाजरा रेसिपी पर प्रतियोगिताएं आयोजित करें। अगर हम 2023 में इसे वैश्विक मंच पर ले जाना चाहते हैं तो हमें इनोवेशन की जरूरत होगी।”
बाजरा के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि बाजरा के लिए वेबसाइटें विकसित की जा सकती हैं, जिसमें लोग योगदान कर सकते हैं कि बाजरा से कैसे और क्या-क्या बनाया जा सकता है और इसके स्वास्थ्य लाभों को भी सूचीबद्ध किया जा सकता है।
मोदी ने कहा, “मैं सभी राज्यों से यह भी कहूंगा कि कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों को शामिल करते हुए एक टास्क फोर्स का गठन करें और सोचें कि भारत 2023 में अपने किसानों को कैसे लाभ पहुंचा सकता है। आप इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि विज्ञान और अनुसंधान समाधानों की मदद से अब बाजरा और अन्य समान मोटे अनाज विकसित करना अनिवार्य है। भारत के विभिन्न हिस्सों में आवश्यकता के अनुसार बाजरा उगाना उद्देश्य है। लॉन्च की गई फसल किस्मों में इस प्रयास की एक झलक है। उन्होंने कृषि में ‘बैक टू बेसिक’ और ‘मार्च फॉर फ्यूचर’ के संतुलन पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन को न केवल कृषि, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा, “पशुधन और कृषि क्षेत्र इसका खामियाजा भुगत रहे हैं और आज शुरू की गई 35 किस्में उस चुनौती को पूरा करने के उद्देश्य से हमारे प्रयासों का हिस्सा हैं।”
जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल किस्मों को विकसित किया गया है। इस वर्ष ऐसी पैंतीस फसल किस्मों को विकसित किया गया है, जिनमें जलवायु के अनुरू और उच्च पोषक तत्व जैसे विशेष लक्षण हैं। इनमें शामिल हैं छोले की सूखा सहिष्णु किस्म, मुरझान और बांझपन मोजेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में और गेहूं की बायोफोर्टिफाइड किस्में, बाजरा, मक्का और चना, क्विनोआ (एक प्रकार का अनाज), पंखों वाली बीन और फैबा बीन।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने पूरे भारत के चुनिंदा पांच किसानों से बात की और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की और पूछा कि क्या उन्हें सरकारी प्रयासों से लाभ हुआ है?
ये पांच किसान हैं- जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले की जैतून बेगम, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से कुलवंत सिंह, गोवा के बर्देज से दर्शन पेडनेकर, मणिपुर से थोइबा सिंह और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से सुरेश राणा।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बात की।
महाराष्ट्र
मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन कर पाएंगे मनोज जरांगे, पुलिस ने शर्तों के साथ दी मंजूरी

मुंबई, 27 अगस्त : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है। यह आंदोलन 29 अगस्त को सुबह 9 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे समाप्त होगा।
इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें (मनोज जरांगे) खारघर या नवी मुंबई में कहीं और प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल को कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि इस आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी गई है, जो 29 अगस्त को होगा। इसमें अधिकतम 5,000 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने यह भी निर्देश दिया है कि आंदोलन के लिए केवल 7,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र उपलब्ध होगा, जो 5,000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता रखता है। यह आंदोलन सुबह 9 बजे शुरू होगा और इसका समापन शाम 6 बजे करना होगा।
पुलिस ने मनोज जरांगे के आंदोलन के लिए निर्देश भी जारी किए हैं।
मुंबई पुलिस के अनुसार, आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी जाएगी। शनिवार, रविवार या सार्वजनिक/शासकीय अवकाश के दिन कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ निश्चित वाहनों को अनुमति होगी। वाहनों के पार्किंग के लिए यातायात पुलिस से समन्वय करना होगा। आपके वाहन ईस्टर्न फ्री वे से वाडीबंदर जंक्शन तक आएंगे। वहां से केवल 5 वाहन आजाद मैदान तक जा सकेंगे, बाकी वाहनों को शिवडी, ए शेड, या कॉटनग्रीन में पुलिस द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर पार्क करना होगा।
इसके अलावा, आंदोलन में अधिकतम 5,000 प्रदर्शनकारी हो सकते हैं। आजाद मैदान का 7,000 वर्ग मीटर क्षेत्र आंदोलन के लिए आरक्षित है, जो केवल 5,000 लोगों को समायोजित कर सकता है। अन्य आंदोलनकारियों ने भी 29 अगस्त के लिए अनुमति मांगी है, इसलिए मैदान की जगह शेयर करनी होगी।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र : 20 साल बाद राज ठाकरे के घर पहुंचे उद्धव ठाकरे, ‘शिवतीर्थ’ में किए गणपति बप्पा के दर्शन

मुंबई, 27 अगस्त : महाराष्ट्र में गणेश उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ‘ठाकरे ब्रदर्स’ एक बार फिर इकट्ठा हुए। लगभग 20 साल के बाद यह मौका आया है, जब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने साथ मिलकर गणेश उत्सव मनाया।
राज ठाकरे के घर पर डेढ़ दिन का गणपति उत्सव होता है। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था और उन्हें गणपति के लिए अपने घर आने का निमंत्रण दिया था। इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए, उद्धव ठाकरे बुधवार को राज ठाकरे के आवास पर गए।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे व विधायक आदित्य ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ राज ठाकरे के घर ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे। उद्धव ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के घर पर गणपति बप्पा के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। गणेश उत्सव पर ठाकरे परिवार के एक साथ आने से ‘शिवतीर्थ’ का माहौल बदल गया। पूजा अर्चना के बाद दोनों भाइयों (राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे) ने साथ में फोटो खिंचवाई। बाद में एक फैमिली फोटो भी खिंचाई गई।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में ठाकरे बंधुओं की यह तीसरी मुलाकात है। हाल के कुछ महीनों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। पिछले कुछ सालों से ठाकरे बंधुओं के बीच रिश्ते तनावपूर्ण थे।
मनमुटाव को दूर करते हुए 5 जुलाई को दोनों भाई एक विजय रैली के लिए एक साथ आए। हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के विरोध में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ दिखे। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ एक संयुक्त मार्च निकालने वाले थे, लेकिन फैसला रद्द होने के बाद, मार्च की जगह विजय रैली निकाली गई।
उसके बाद, 27 जुलाई को राज ठाकरे उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर उनके आवास ‘मातोश्री’ गए थे। करीब 20 साल के बाद मौका आया था, जब राज ठाकरे ‘मातोश्री’ गए थे।
राजनीति
पीएम मोदी वैष्णो देवी मार्ग में भूस्खलन पर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं: जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 27 अगस्त : जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को स्थिति पर अपडेट साझा किया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू संभाग आयुक्त रमेश कुमार उनके लगातार संपर्क में हैं और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू संभाग के मौजूदा हालात पर अपडेट देते हुए बताया कि पुंछ और राजौरी जिलों को छोड़कर पूरे जम्मू संभाग में बारिश जारी है, लेकिन इसकी तीव्रता कम हो गई है।
तवी नदी का जलस्तर कम हुआ है, जो राहत की बात है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है। तत्काल प्राथमिकता बिजली, पानी की आपूर्ति और मोबाइल सेवाओं की बहाली है, जिसके लिए अधिकारी रात भर लगातार काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायु सेना के अधिकारी नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है, और आम जनता को उनकी सुरक्षा के लिए अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी गई है।
आगे कहा कि क्षतिग्रस्त संरचनाओं में ऐतिहासिक माधोपुर पुल भी शामिल है, जो 11 मई 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इसी पुल के बीचों-बीच गिरफ्तारी के बाद इतिहास का हिस्सा बन गया था। आज सुबह लगभग 3 बजे से इस पुल पर यातायात रोक दिया गया है।
जनता से अपील है कि बिना घबराए, हम सभी आपस में और अधिकारियों के साथ सहयोग करें। हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं।
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