अपराध
मैसूर गैंगरेप मामले का सातवां आरोपी पकड़ा गया

पुलिस सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि मैसूर सामूहिक बलात्कार की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस ने मामले के सातवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और आगे की जांच के लिए उसकी हिरासत मांगी जाएगी।
आरोपी को मंगलवार देर रात तमिलनाडु से गिरफ्तार कि गया था। पुलिस विभाग ने अन्य सह-आरोपियों के सुराग के आधार पर उसे पकड़ने के लिए एक विशेष टीम नियुक्त की थी। 7वें आरोपी ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था और 24 अगस्त को हुए अपराध के बाद चामुंडी पहाड़ियों की तलहटी के पास एक सुनसान जगह पर छुप गया था।
तमिलनाडु में तैनात पुलिस अधिकारियों ने उसके रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों और दोस्तों पर कड़ी नजर रखी और आखिरकार उसे पकड़ने में कामयाब रहे।
अन्य छह आरोपियों को मंगलवार को तीसरी जेएमएफसी अदालत में पेश किया जा चुका है क्योंकि उनकी 10 दिन की पुलिस हिरासत समाप्त हो गई है।
अदालत ने पांच आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों को मैसूर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है, जबकि एक नाबालिग आरोपी को किशोर गृह भेज दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि खराब सिथति के कारण पीड़िता ने अभी तक घटना के संबंध में अपना बयान दर्ज नहीं कराया है।
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की अपनी समानांतर जांच पूरी करने और 19 सिफारिशों के साथ आने के बाद आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया है।
पूर्व सांसद वी.एस. उग्रप्पा ने मांग की है कि पुलिस विभाग पीड़िता का बयान तुरंत दर्ज करे और अस्वीकृति के मामले में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 202 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए। त्वरित जांच की जाए और आरोपी को पीड़िता के सामने पेश किया जाए। आरोप पत्र समय पर न्यायालय में दाखिल किया जाए और आरोपी को 5 महीने की अवधि के भीतर सजा दी जानी चाहिए।
सरकार को ऐसे मामलों में अधिकार क्षेत्र के जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराने के लिए एक कानून लाना चाहिए। पार्टी ने अपराध को रोकने में विफल रहने के लिए गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की भी मांग की।
घटना 24 अगस्त की शाम की है, जब पीड़िता अपने पुरुष मित्र के साथ चामुंडी पहाड़ियों की तलहटी के पास सुनसान जगह पर गई थी। दंपति को इलाके में बार-बार आते देख आरोपी ने उन्हें बंधक बना लिया और तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी।
पैसे नहीं देने पर आरोपियों ने बारी-बारी से पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने पुरुष मित्र के साथ भी मारपीट की। आरोपी ने युवक को पैसे के लिए अपने परिवार को बुलाने के लिए मजबूर किया था। परिजन मौके पर पहुंचे और पीड़िता व उसके दोस्त को अस्पताल में भर्ती कराया।
मामले ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं, जिसके बाद राज्य पुलिस विभाग भारी दबाव में आ गया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए। पुलिस घटना के 84 घंटे के भीतर 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाब रही और अब अन्य 2 आरोपियों को भी हिरासत में ले लिया है।
पीड़िता, जो सदमे में है, ने अभी तक अपना बयान दर्ज नहीं किया है। सरकार ने कहा है कि जब तक वह बोलने की स्थिति में नहीं होती है, तब तक पुलिस उसे बयान के लिए मजबूर नहीं करेगी। पुलिस विभाग ने दावा किया कि जांच आगे बढ़ने पर पीड़िता सहयोग करेगी। वह पहले ही तस्वीरों से अपने हमलावरों की पहचान कर चुकी है।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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